RE: बहू की चूत ससुर का लौडा
अब राज ख़ुशी से खड़ा हुआ और अमित भी खड़े होकर उसके गले मिला। और उन्होंने एक दूसरे को बधाइयाँ दी। रश्मि ने भी राज को बधाई दी। फिर जय और डॉली ने सबके पैर छुएँ। अमित ने सबको मिठाई खिलाई।
अब राज भी कार से मिठाई और एक अँगूठी निकाल लाया। रश्मि भी एक अँगूठी लायी। अब जय और डॉली ने एक दूसरे को अँगूठी पहनायी। सबने उनको बधाइयाँ दी।बहुत से फ़ोटो खिंचे गए। फिर सबने नाश्ता किया और बाद में जय और राज वापस अपने घर आ गए।
रास्ते में राज बोला: बेटा पहली बार में ही लड़की पसंद आ गई ?
जय: जी पापा वो बहुत ही समझदार लड़की है और अपनी ज़िम्मेदारी भी समझती है।
राज हँसते हुए बोला :और सुंदर भी है । है ना?
जय: जी पापा सुंदर तो है ही ।
राज: तुम दोनों की जोड़ी ख़ूब जँचेगी। मुझे ख़ुशी है कि पहली बार में ही इतना बढ़िया रिश्ता मिल गया।
रात को सोते हुए राज रश्मि के बारे में सोच कर गरम होने लगा। क्या दूध हैं उसके। फिर अचानक उसको डॉली के भी साड़ी से उभरे हुए दूध याद आ गए और उसका लौड़ा खड़ा हो गया। फिर उसे शर्म आइ और वह अपने आप को कोसा और सोने की कोशिश करने लगा।
सुबह उसने शशी के लिए दरवाज़ा खोला और आकर सोफ़े पर बैठ गया। शशी भी आकर उसकी गोद में बैठ गयी और बोली: तो क्या हुआ कल ? बहू पसंद आयी या नहीं?
राज: बहुत पसंद आयी और हमने तो रोका भी कर दिया। अब सगाई की तारीख़ निकालेंगे।
शशी: कैसी है दिखने में?
राज: बहुत प्यारी और सुंदर। तुमको फ़ोटो दिखाता हूँ। यह कहकर उसने शशी को मोबाइल पर कल की फ़ोटो दिखाई।
शशी: हाँ बहुत सुंदर है। भैया बहुत लकी है। वैसे भरी हुई है जैसी आपको अच्छी लगती हैं वैसे ही है।
राज: बिलकुल खाते पीते घर की है, तुम्हारे जैसी सूखी और सुक़ड़ी सी नहीं है। यह कहते हुए वह हँसा और उसको चूम लिया। फिर उसकी छाती पर हाथ फेरने लगा।
शशी हँसते हुए बोली: आपकी बहू की छाती तो इतनी बड़ी है कि मेरी दोनों छातियाँ उसकी एक के बराबर होंगी।
राज: अरे नहीं इतनी भी बड़ी नहीं हैं पर हाँ तुम्हारी छाती से काफ़ी बड़ी हैं।
शशी हँसते हुए: काफ़ी ध्यान से देखा है बहू की छातियों को? इरादा नेक है ना?
राज: अरे तुम भी क्या फ़ालतू बात कर रही हो। ऐसी कोई बात नहीं है। वैसे इसकी माँ की चूचियाँ तुम्हारी से दुगुनी होंगी, ये देखो । ये कहकर उसने रश्मि की फ़ोटो में उसकी छाती को ज़ूम करके दिखाया।
शशी: हाँ सच में इनकी बहुत बड़ी हैं। ये आपकी होने वाली समधन हैं क्या?
राज: हाँ ये रश्मि है मस्त माल है। और चालू भी है। ये कहते हुए उसका लौड़ा अकड़ने लगा और शशी को गाँड़ में चुभने लगा।
शशी गाँड़ को उचका कर बोली: आह इसे क्यों खड़ा कर लिए? समधन का जादू है क्या? आपने उसे चालू क्यों बोला?
राज ने उसे अमित और रश्मि की मस्ती के बारे में बताया कि कैसे वो एक दूसरे से लिपट कर मज़ा कर रहे थे और डॉली की शादी का इंतज़ार कर रहे थे ताकि खुल कर मज़े ले सकें।
राज: मुझे लगता है कि डॉली के कारण वो ज़्यादा मज़ा नहीं ले पाते होंगे। वैसे भी अमित की बीवी तो बहुत बीमार दिख रही थी। वो क्या इनके मज़े में ख़लल डाल पाएगी?
शशी: तब तो डॉली को भी इसका अंदाज़ा तो होगा ही कि उसकी माँ उसके ताया जी के साथ फँसी हुई है। और वो चुदाई के बारे में सब जानती होगी। वैसे भी उसका भरा हुआ बदन देखकर लगता है कि वो शायद चुदवा चुकी होगी।
राज: क्या फ़ालतू बात कर रही हो? वो एक बच्ची की तरह मासूम है। बहुत नादान है वो बिलकुल एक नगीना यानी कि हीरा है।
शशी हँसते हुए बोली: उस बिचारि नगीना को क्या पता कि उसका ससुर कितना कमीना है?
राज झूठा ग़ुस्सा दिखाकर बोला: मैंने क्या कमीनी हरकत की है?
शशी हँसते हुए बोली: अपनी बहू के दूध देखना और उसको मेरे दूध से तुलना करना क्या कमीनापन नहीं है? अच्छा ये बताइए उसकी गाँड़ कैसी है? आपको तो बड़े चूतड़ अच्छे लगते हैं ना? बहू के कैसे हैं? वैसे इस फ़ोटो में तो बड़े मस्त गोल गोल दिख रहे हैं। !
राज का लौड़ा अब पूरा खड़ा हो कर उसकी गाँड़ में ठोकर मार रहा था। वह बोला: साली कमिनी , ख़ुद मेरी बहू के बारे में गंदी बात कर रही है और मुझे कमीना बोल रही है। चल अभी तेरी गाँड़ मारता हूँ मादरचोद।
ये कहकर वह उसको अपनी गोद में उठाकर बेडरूम में ले जाकर बिस्तर पर पटका और उसकी साड़ी ऊपर करके उसकी बुर में दो ऊँगली डाल दिया। इस अचानक हमले से शशी हाय्य्यय कर उठी पर वह उसकी बुर में उँगलियाँ अंदर बाहर करने लगा । जल्दी ही बुर गीली हो गई और उसने अपना लोअर और चड्डी उतारा और फनफना रहे लौड़े को उसकी बुर में एक झटके में पेल दिया। फिर उसके ऊपर आकर उसके ब्लाउस और ब्रा को ऊपर किया और चूचियाँ मसलते हुए उसकी बेरहमी से चुदाई करने लगा।
शशी भी आऽऽऽहहह हाय्य्य्य्य कहकर मस्ती से कमर उछालने लगी और बोली: सच में बोलो ना बहू भी अपनी माँ की तरह माल है ना?
राज: आऽऽहहह मादरचोओओओओओओओद फिर वही। कहा ना माँ साली रँडीइइइइइइइ है। बहू तो अभी बच्चीइइइइइइइइ है।
शशी: फिर भी उसके चूतड़ और चूची तो मस्त है ना? वैसी है जैसे आपको अच्छी लगती है । है नाआऽऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽह बोओओओओओओलो ना।
राज ज़ोर ज़ोर से धक्का मारते हुए बोला: आऽऽऽहहह ह्म्म्म्म्म्म हाँआऽऽऽऽ सालीइइइइइइ बहू भी मस्त माआऽऽऽऽऽऽऽल है। डॉली की भी मस्त गोओओओओओओओल गाँड़ है आऽऽऽह्ह्ह्ह्ह मैं गयाआऽऽऽऽऽऽ । साली क़ुतियाआऽऽऽऽऽऽ लेeeee मेराआऽऽऽऽ माआऽऽऽऽलल्ल अपनी बुर में। ह्म्म्म्म्म्न कहते हुए वह झड़ गया।
फिर जब वो सफ़ाई करके लेटे हुए थे, तब राज बोला: सच में डॉली बहुत मासूम सी बच्ची है। मुझे उसके बारे में ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए।
शशी: पर मुझे तो लगता है कि आप उसकी भी ले लोगे।
राज ग़ुस्से से : क्या बकवास कर रही हो? वो मेरे बेटे की बीवी होगी। उसके बारे में ऐसा कैसे कर सकता हूँ। हाँ उसकी माँ की बुर ज़रूर रगड़ूँगा। साली सिर्फ़ अमित को क्यों मज़ा दे ? हम साले मर गए हैं क्या?
शशी उठती हुई बोली: एक बात बताइए कि हमारा मिलन कैसे होगा बहु के आने के बाद?
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