Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-08-2017, 10:55 AM,
RE: चूतो का समुंदर
स्मिता हमारी बातें सुनते हुए चुप चाप बैठी थी...उसे तो शायद सिर्फ़ सोनी के हाँ बोलने का इंतज़ार था...
मैं- देख सोनी...मैं किसी भी लड़की के जिस्म को जबरन हासिल नही करता...तू खुद सोच ले...तेरी बीवी से बात कर ले...फिर बताना...ओके...जो तू चाहेगा...वही रास्ता मैं तेरे लिए खोल दूँगा....अब तू अपनी बीवी से बात कर ले...
मैं तुझे कल तक का टाइम देता हूँ...कल इसी वक़्त मैं फिर आउगा...और इस बार मुझे फाइनल आन्सर चाहिए...वरना तेरे साथ इतना बुरा होगा जो तूने सपने मे भी ना सोचा होगा.....
सोनम के घर.....
सोनम और काजल एक रूम मे बैठी हुई थी...काजल ड्रिंक कर रही थी...
काजल(पेग ख़त्म कर के)- एक पेग और बना...और एक सिगरेट...ला दे तो...
सोनम- इतना क्यो पी रही है ...और जल्दी मे भी...रिलॅक्स...
काजल(सिगरेट जला कर)- फफफफूऊ.....आअहह..क्या करूँ...साला कुछ मन का नही होता तो दिमाग़ गरम हो जाता है...
सोनम- रिलॅक्स...सब ठीक होगा...ऐसे टेन्षन लेने से क्या होगा...
काजल- ह्म...पर कब...साला 2 दिन से टाल रहा है...यहाँ लड़की के बुलाने पर लोग उल्टे पैर भागते है और ये अंकित...साला बहुत नखरे है इसके...
सोनम- अरे नखरे कैसे...बीमार है वो...
काजल- तू उसकी वकालत बंद कर...झूठा है साला..कोई बीमार नही...
सोनम- वो क्यो झूठ बोलेगा...हाँ..
काजल- क्यो..हो सकता है उसे कुछ शक हो कि काजल ये सब नाटक कर रही है...ला पेग ला...
और काजल ने पेग गठलाना शुरू कर दिया...
सोनम- काजल...अरे वो सोनम से मिलने आएगा...काजल से नही...याद है ना...
काजल(पेग गटक कर)- अरे हाँ...बुलाया तो तूने ही है..मैं तो भूल ही गई थी...
सोनम- ह्म्म्मु...पर मिलेगी काजल...
और सोनम की आँखो मे फिर से उन्माद चहा गया ..पर उसने अपने आप को संभाले रखा...
काजल- एक बार बस आ जाए...फिर देख...क्या हाल करती हूँ मैं इसका...साला ..ना जी पायगा और ना मर पायगा...(और काजल ने सिगरेट का काश खीच कर हवा मे छल्ला बना डाला)
सोनम(मन मे)- सॉरी काजल...अब ये ग़मे तुम्हारा नही...मेरा है...अब तुम नचोगी और मैं बाज़ार बंद करूगी....
वही दूसरे कमरे मे सोनू भी अपने ही ख़यालो मे खोया हुआ था...
सोनू(मन मे)- ऐसा क्यो होता है कि अच्छे लोग ही हमेशा मुस्किल मे पड़ते है...
बचपन से यही सीखा कि अच्छे कर्म करो तो फल अच्छा मिलेगा...तो मैने किसका बुरा किया ..जो आज इस परेशानी मे फस गया...
आज मेरे सामने दो ही रास्ते है..या तो कुआँ या फिर खाई....
एक तरफ अंकित को मारने का काम और दूसरी तरफ अपने डॅड को बचाने का काम...
अंकित को छोड़ता हूँ तो डॅड नही बचेगे...और डॅड को बचाता हूँ तो ...बेचारा अंकित...
अंकित ने मेरा कुछ भी बुरा नही किया...फिर मेरे हाथो ही उसका बुरा क्रो करवाना चाहते हो...
ये कैसा न्याय है भगवान...कमीने लोग आगे बढ़ते जा रहे है ...और परेशानिया सिर्फ़ और सिर्फ़ अच्छे लोगो पर...
क्या करूँ भगवान कोई तो रास्ता दिखाओ...कोई चमत्कार करो कि मैं अंकित और दाद , दोनो को बचा लूँ...
सोनू मन ही मन भगवान से प्रथमा कर रहा था कि तभी उसके गेट पर नॉक हुई...
गेट खोलने पर सोनम सामने खड़ी हुई थी...
सोनू- अरे सोनम....क्या हुआ...और काजल कहाँ है...
सोनम- काजल तो टल्ली हो कर पड़ी है...मुझे आपसे ज़रूरी बात करनी है...
सोनू- अच्छा...आ अंदर आ...
सोनम- भाई...मैं अंकित को धोखा नही दे सकती...
सोनू- जानता हूँ.....पर करेगी क्या...काजल को ना बोलेगी क्या...
सोनम- नही...काजल जो चाहती है...वही होगा...पर मेरे हिसाब से...
सोनू- अच्छा...वो कैसे...तेरा फ़ोन तो काजल की निगरानी मे है और तू खुद अंकित से मिल नही पायगी...काजल बड़ी शातिर है...बताया था ना कि तुझ पर नज़र रखे हुए है...
सोनम- जानती हूँ...इसलिए एक प्लान है..ये काम करेगा...
सोनू- बता फिर...
फिर सोनम ने एक प्लान बताया और उसे सुन कर सोनू के चेहरे पर भी खुशी आ गई...उसे भी अपनी प्राब्लम का सल्यूशन दिखने लगा था...
सोनम- कैसा लगा...
सोनू- शानदार...एक काम कर ...तू जा...मैं तैयारी करता हूँ...आज रात को ही फिनिश करते है...
सोनम रूम से बाहर निकल गई...
सोनू(अपने आप से)- थॅंक यू गॉड...अब देखना...कल से मैं दूसरों के इशारे पर नही नाचुगा...और ना ही सोनम...
अब हमे नचाने वाले...खुद ही नाचेगे...दूसरे की उंगलियो पर...हाहहाहा......
अगले दिन सुबह मेरी आँख खुली तो मेरे गेट पर कोई हाथ ठोके जा रहा था....
मैने बंद आँखो के साथ ही गेट की तरफ चेहरा घुमाया कि तभी आवाज़ आई...
मेघा- अंकित...अब उठ भी जाओ...जिम का टाइम हो गया...
अचानक से मेघा की आवाज़ सुन कर मैं चौंक गया...पर जिम वाली बात से मुझे याद आ गया कि मेघा क्यो आई है...
मैं(आँखे बंद किए हुए)- ह्म्म...आया आंटी...आप जिम मे चलो...मैं फ्रेश हो कर आता हूँ...
फिर थोड़ी देर बाद मैं जिम मे पहुचा तो सामने देख कर खुश हो गया...
मैं(मन मे)- आज तो दिन की शुरुआत अच्छी हो गई...ह्म्म...देखता हूँ थोड़ा और...
सामने मेघा अपना ट्रॅक पेंट पहन रही थी...शायद कुछ ज़्यादा ही टाइट था...
पर ऐसे खुले मे क्यो...क्या बेवकूफ़ औरत है...कोई और आ जाता तो.....
फिर मैं गेट के साइड मे छिप कर देखने लगा कि आगे क्या होता है...
पर मुझे और कुछ खास देखने नही मिला...मेघा ने ट्रॅक पेंट पहना और वॉर्म-अप करने लगी...
मैं भी चुप चाप मेघा के पीछे आ कर खड़ा हो गया...असल मे मैं तो उसकी मस्त गान्ड देख रहा था....
मेघा को मेरे आने का अहसास तब हुआ जब वो आगे झुकी और उसकी गान्ड मेरे लंड को टच कर गई....
मेघा- एयेए...त्त..तुम..ओह..डरा ही दिया....
मैं- अरे...डरना कैसा...यहाँ मेरे अलावा कौन आएगा...खास कर कोई बाहर वाला तो आ नही सकता...
मेघा- जानती हूँ...पर अचानक आए ना...और बोले भी नही..
मैं- मैने तो बस देख रहा था कि आप कैसा कर रही है...
मेघा- ह्म..तो कैसा किया..अच्छा या बुरा...
मैं- ह्म..अच्छा तो है..पर आप नीचे तक नही झुक रही ...और आपके पैर भी नही खुल रहे...
मेघा- मतलब..कैसे....तुम बताओ ना...
मैं- ओके...पर मुझे आपको टच करना पड़ सकता है...आइ होप यू डोंट माइंड..हाँ...
मेघा- अरे...इसमे क्या...तुम मुझे सिखाने के लिए टच करोगे ना...मैं माइंड नही कारूगी...जैसे चाहो टच करो...
मैं(मन मे)- ह्म....खुल के बोल दे ना कि अभी चोद दो...मैं सब जानता हू....अब बताता हूँ....
मेघा- हाँ तो...क्या कह रहे थे...कैसे करूँ...
मैं- ह्म..हाँ..बताता हूँ...
और मैने मेघा को अपने सामने घुमा दिया...उसकी गान्ड मेरे लंड के करीब थी...
फिर मैने उसके हाथो को अपने हाथो मे ले कर उपेर उठा दिया...
मैं- ये हाथ बिल्कुल सीधे रखना...और फिर नीचे तक ले जाना है...पैर के अंगूठे तक...ओके...
मेघा- ह्म..
और मेघा हाथ आगे तक ले गई...और उसकी गान्ड पीछे उभर कर मेरे लंड से टकरा गई...
मेघा- आहह...ये अंगूठे तक...उउउंम्म
मुझे समझ नही आ रहा था कि मेघा सिसक क्यो रही है...मेरे लंड के अहसास से या फिर हाथ नीचे ले जाने से...शायद झुक नही पा रही...
मैं- ह्म..क्या हुआ...
मेघा- वो...वो हाथ अंगूठे तक नही जा रहे...
मैं- रूको..मैं पहुचाता हूँ..
और मैने मेघा के उपेर झुक गया और उसके हाथो को अंगूठे से टच करने लगा...
अब मेरा लंड पूरा मेघा की गान्ड मे दबा हुआ था...और इस वजह से मेघा की सिसकी निकल गई...
मेघा- उउंम्म....नही..आअहह...
मैं- अरे..जायगा...थोड़ा रूको...पूरा जायगा...चलो झुको...हाँ..ऐसे ही...
मेघा- आअहह..नही गया...इतने मे ही ..आअहह...दर्द हो रहा है...
मैं- ह्म..अभी इसे रहने देते है...जल्दी ही आदत पड़ जाएगी...एक-दो दिन मे...चलो आगे करते है...
फिर थोड़ा वॉर्म-अप करवा कर मैने मेघा को एक्सरसाइज़ करने को कहा...
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