Chuto ka Samundar - चूतो का समुंदर
06-06-2017, 10:29 AM,
RE: चूतो का समुंदर
होटेल के रूम मे....मैं, आंटी और आंटी के प्यारे देवेर मौजूद थे...आंटी तो जब से पकड़ी गई तबसे ही रो रही थी...संजू के चाचा अपना मुँह मुझसे छिपाने के लिए दूसरी तरफ देखते हुए लेटे थे...और मैं दोनो की ऐसी हालत देख कर स्माइल कर रहा था....

लेकिन अभी भी संजू के चाचा का लंड आंटी की चूत मे पड़ा था..हलकी अब वो मुरझा गया था...और आंटी भी अपनी गान्ड पसार कर लंड चूत मे लिए हुए बैठी थी....

रूम मे सन्नाटा छा गया था....एक बार फिर मैने सन्नाटा तोड़ा....

मैं- आंटी...अब लंड खा चुकी हो तो बक्श दो उसे...पूउक्चह...

मेरे पुचकार्ते ही आंटी को अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ और वो जल्दी से उठ कर साइड हुई और अपनी बॉडी को बेडशीट से ढक लिया....

आंटी के उठ ते ही संजू के चाचा ने अपने हाथो से अपना लंड छिपा लिया...

मैं- ओह हो...अब शर्म आ रही है...और जब उछल-उछल के लंड खा रही थी..तब ये शर्म कहाँ गई थी...क्यो आंटी....??

आंटी(अपनी आँखो से शर्म के आँसू बहाने लगी)

मैं- और अंकल आप...उठो और कपड़े पहनो...मुझे आपसे बात करनी है.....

जैसे ही मैने अंकल से इज़्ज़त से बात की तो वो हैरान हो कर मुझे देखने लगे....मैने उन्हे इशारे से जल्दी करने को कहा तो वो उठ कर जल्दी से अपने कपड़े पहनने लगे.....

मैं- आंटी...आप रेस्ट कर लो...चुदाई से थक गई होगी ना...??

आंटी-(चुप-चाप नीचे नज़रे किए हुए बेडशीट को जाकड़ कर बैठी रही)

संजू के चाचा कपड़े पहन कर खड़े हो गये पर उनकी आँखो मे अभी भी डर था...शायद ये सोचकर कि पता नही मैं क्या करने वाला हूँ....

( आप संजू के चाचा के बारे मे ये तो जान ही चुके है कि यही वो एल1 थे...चलिए इनका नाम भी बता दूं...इनका नाम है विनोद..)

मैं- हाँ अंकल तो आप बोलना शुरू कीजिए...

विनोद- मैं...क्या...बेटा..???

मैं- वही जो मैं जानना चाहता हूँ...

मेरी बात सुनकर अंकल खामोश रहे और सवालिया नज़रों से मुझे और आंटी को देखने लगे....जैसे कि पूछ रहे हो कि मैं क्या बोलूं....

मैं- अब बोलो भी...

विनोद- मैं क्या बोलू बेटा....???

मैं- अबे इज़्ज़त से बात करो तो समझ नही आता क्या...ये बता साले कि यहाँ अपने भाई की बीवी को क्यो चोद रहा था भडवे...अब कुछ बात कानो मे गई कि नही...बोल अब....

मुझे गुस्से मे देख कर अंकल भी डर गये और आंटी की तो बिना लंड डाले ही गान्ड फट गई....

विनोद- वो..बेटा...वो हुआ यूँ कि...वो..

मैं- अबे भडवे..क्या वो- वो लगा रखा है...जल्दी बोल साले...

विनोद- बेटा मेरी ग़लती नही है..ये सब इसका किया धरा है...यही है सारे फ़साद की जड़...(आंटी की तरफ उंगली करके बोला)

मैं(आँखे नचाते हुए)- अच्छा...तो तू बेचारा इसके कहने मे आ गया...ऐसा क्यो....???

विनोद- हाँ बेटा..मैं सच बोल रहा हूँ..इसने ही मुझे फसाया...ये है ही साली रंडी....

मैने अंकल के रंडी बोलते ही उनके गाल पर थप्पड़ मार दिया...

मैं- चुप कर....अब ये रंडी हो गई...तो तू क्या हुआ...साले भडवे...

अंकल को थप्पड़ मारने से अंकल जहाँ शॉक्ड हो गये...वही आंटी मेरी तरफ आँखे फाड़ के देखने लगी...शायद उन्हे इस थप्पड़ की उम्मीद नही थी....

विनोद- मुझे मारने से क्या होगा...मारना है तो इसे मार...मैं तो इसी के कहने से सब कर रहा हूँ...

अंकल की बात सुनकर आंटी सकपका गई और उनके चेहरे का रंग उड़ गया...और आंटी का ये हाल देख कर मैं मन ही मन खुश हो गया...

अगले ही पल मैने अंकल को एक और थप्पड़ रसीद दिया....

मैं- चुप कर...एक शब्द नही...साले अपनी ग़लती छिपाने के लिए आंटी को बदनाम करता है...अब बिल्कुल चुप रहना....

मेरी बात सुनकर और दूसरा थप्पड़ खाने के बाद अंकल तो जैसे मूरत बन गये और गाल पर हाथ रख कर मुझे देखने लगे....यहाँ आंटी का भी यही हाल था और वो मुझे आँखे फाडे देख रही थी...मैने फिर से बोलना शुरू किया...

मैं- खबरदार जो अब मेरी आंटी के बारे मे ग़लत बोला तो...मैं उनके खिलाफ एक शब्द नही सुनना चाहता...

मेरी बात का असर आंटी पर क्या हुआ ये तो बताना मुस्किल था पर अंकल तो मुझे ऐसे देख रहे थे कि कह रहे हो की....साला पागल हो गया है...जो तेरी मारने के लिए प्लान कर रही है...उसी की तरफ़दारी कर रहा है....


मैं भी समझ रहा था कि अंकल की हालत क्या हो रही है...पर ये मेरे प्लान का एक हिस्सा था....

मैं- अंकल अब तू यहाँ से जा और रूम *** मे मेरा वेट कर...तुझे वही देखुगा...

विनोद- पर मेरी...

मैं(बात काट कर )- बोला ना जा..जा यहाँ से..दफ़ा हो...

और मैने अंकल को गेट खोलकर बाहर कर दिया और उन्हे दूसरे रूम मे रुकने का बोल कर गेट वापिस लॉक कर लिया....

जैसे ही मैं गेट लगा कर पलटा तो मुझे देखते ही आंटी फुट-फुट कर रोने लगी....उन्हे रोते हुए देख कर मैं मन ही मन हँसने लगा...

मैं(मन में)- कितनी बड़ी ड्रामेबाज़ है ये...अभी रंडी की तरह लंड खा रही थी और अब...और तो और मेरे पीठ पीछे मुझे ही बर्बाद करने का प्लान कर रही है और मुझ पर प्यार लुटाती रही....साली ड्रामेबाज़ रंडी....हाहाहा....

आंटी बराबर रोए जा रही थी और मुझे देखते हुए सोच रही थी कि अब मैं उनसे क्या कहूँगा...पर मैने भी तय कर लिया था कि आंटी को प्यार से हॅंडल करना होगा...इन्हे भनक भी नही लगनी चाहिए कि मैं इनके प्लान के बारे मे कुछ भी जानता हूँ....

मैं फिर आंटी के पास गया और जल्दी से बेड पर चढ़ गया...और मैने प्यार से आंटी के आँसू पोछते हुए कहा....

मैं- बस करो आंटी...अब नही...बिल्कुल मत रोना...

आंटी(सुबक्ते हुए)- बेटा ....मुझे ...म्माफ़फ्फ़....हुहुहू.....

और आंटी मेरे सीने से लग गई...

मैं- आंटी आपको संजू की कसम...चुप हो जाओ...फिर बात करेंगे...

संजू की कसम देते ही आंटी चुप हो गई और बोली...

आंटी- ओके..अब नही रोउंगी...पर प्लीज़ कह दे कि तूने मुझे माफ़ कर दिया...

मैं- ह्म्म..कर दूँगा पर एक शर्त है...

आंटी- हाँ बेटा बोल...मुझे सब मंजूर है...

मैं- तो मुझे ये बताइए कि ये सब क्यों हुआ और शुरुआत कहाँ से हुई...

आंटी- बेटा ये बात तब शुरू हुई थी जब मैं सेक्स के लिए तड़पति थी...उस टाइम संजू के पापा तो मुझे खुश नही कर पाते थे तो मैने अपनी फ्रेंड के कहने पर बाहर वालो से सेक्स किया....तभी एक दिन मुझे सेक्स करते हुए संजू के चाचा ने देख लिया...वो पता नही कहाँ से उस होट्ल मे आ गये थे ...और बस फिर क्या....उस दिन से मुझे उनको भी खुश करना पड़ा....
और हाँ...जबसे तू मुझे मिला तो मैने किसी को अपने पास भटकने नही दिया...लेकिन विनोद को मैं मना नही कर पाई...नही तो ये घर मे मुझे बदनाम कर देता....

आंटी ने बहुत ही बेबाकी से एक झूठी कहानी मुझे सुना दी..ताकि मुझे उनसे सहनभूति हो...पर मैं तो सब जान गया था...फिर भी मैं उनके सामने चुप ही रहा....

मैं- ओह्ह ..तो ये बात थी....इसमे आपकी ग़लती नही...आप अपने आपको ग़लत मत समझो और प्लीज़ रोना मत...

आंटी- बेटा तूने मुझे माफ़ कर दिया ना...

मैं- हाँ आंटी...मुझे आपसे कोई शिकायत नही...

आंटी(मन मे)- ओह...थॅंक गॉड...ये मेरी बात मान गया.....बच गई आज तो...अब बस विनोद अपना मुँह बंद रखे तो अच्छा होगा....


मैं(मन मे)- तू खुश हो रही होगी ना...कोई बात नही...अभी खुश हो जा...बाद मे तो तू खून के आँसू रोएगी....

आंटी- पर बेटा तुम यहाँ...कैसे...???

मैं- वो क्या हुआ आंटी कि मैं अपने फ्रेंड से मिलने होटल मे आया था...तभी मुझे आप दिख गई...और जब आप काफ़ी देर तक नही आई तो मैने पता किया कि आप किस रूम मे है...और मुझे कुछ शक हुआ जब मैने देखा कि रूम किसी मर्द के नाम है तो मैं आ गया...बस...

आंटी- पर बेटा ये बात किसी को पता ना चले...तेरे अंकल को शक भी हो गया तो वो मर जायगे....

मैं(मन मे) - साली ..जब कल रात को अपने पति के सामने अपने देवेर से चुद रही थी तब तो वो मरा नही...अब मर जाएगा...रंडी साली..
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RE: चूतो का समुंदर - by sexstories - 06-06-2017, 10:29 AM

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