औरत की प्यास
06-03-2017, 04:20 PM,
#1
औरत की प्यास
मैं एक २५ साल की खुबसूरत एंड सेक्सी औरत हूँ. मेरा हसबंड मुझ से पॉँच साल बड़ा है और वो एक उद्योगपति है वो एक कम पागल आदमी है और हम एक दूसरे के साथ बहुत कम मिल पाते हैं. हमारा अभी तक कोई भी बच्चा नहीं हुआ है. शुरू के दो तीन साल में हम लोगों की सेक्स लाइफ बहुत ही अच्छी थी. उसके बाद वो काम के चक्कर में बहुत फँस गया और हम ने किट्टी पार्टी और लेडीज पार्टी जों कर ली. इन किट्टी पार्टी और लेडीज पार्टी में सिर्फ़ शराब, ब्लू फ़िल्म चलती और औरतों में चूत चूमना और चूत चाटना होती थी. मैं इसमे बहुत खुश थी.

एक बार होली पर मेरा पति अपने काम से बाहर गया हुआ था. मैं लेडीज ' किट्टी पार्टी में चली गई. उस दिन किट्टी पार्टी में बहुत शराब पी गई और हम लोग ताश भी खेले. फिर हम औरतों ने एक हिन्दी पोर्नो फ़िल्म भी देखी, जो की बहुत ही गरम थी. उस के बाद हम औरतों ने चुम्मा और चूत चाटी भी की, और यह सब रात के तीन बजे तक चलता रहा. हम ने बहुत शराब पी ली थी और हमें घर तक हमारी एक सहेली अपनी कार में छोड़ गयी.

घर पर मेरा भाई, रमेश ने सहारा दे कर मुझे मेरे बेडरूम तक पहुचाया. मैंने इतनी शराब पी रखी थी कि मैं ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही थी. आज मैं किट्टी पार्टी में गरम सिनेमा देख कर बहुत ही गरम हो गई थी. मेरी चुन्ची बहुत फड़क रही थी और मेरी चूत से पानी निकल रहा था जिस से कि मेरी पैंटी तक भीग गयी थी. जैसे ही मेरे भाई ने मुझ को सहारा देकर मेरे बेडरूम तक ले आया मेरा मन उसी से चूत चुदवाने का हो उठा. मेरी चूत फड़क उठी.

मेरा भाई, रमेश एक २० साल का हट्टा कट्टा नौजवान है. मैं अपने बेडरूम में आ कर एक कुर्सी पर बैठ गयी और जान बूझ कर अपना पल्लू गिरा दिया, जिसे कि रमेश मेरी चूचियां को देख सके. मैंने उस दिन एक बहुत ही छोटा ब्लाउज पहन रखा था और उसका गला बहुत ही लो कट था.

रमेश का लंड मेरी चुन्ची देख कर धीरे धीरे खड़ा होने लगा और उसको देख कर मैं और पागल हो गयी. मुझे लगा कि मेरा प्लान काम कर रहा है. उसका पैंट तम्बू के तरह तनने लगा मैं धीरे से मुस्कुराई. मैं ने हाथ से अपने बाल पीछे किए. मैं जान बूझ कर उसको अपनी चुन्ची की झलक दिखाना चाहती थी. मैंने अपने कन्धों को और पीछे ले गई जिस से से की मेरी चुन्ची और बाहर की तरफ़ निकल गई. उसकी पैंट और उठने लगी और मै मन ही मन मुस्करा रही थी और सोच रही थी कि मेरा काम बन जाएगा. उसके लंड की उठान को देख कर लग रहा था कि थोडी ही देर में मैं उसकी बाँहों में घुस जाउंगी और उसका लंड मेरी चूत अच्छी तरह से कस कर चोदेगा.

मैंने अपने भाई से बोला कि जाओ "दो ग्लास और सकोच की बोतल हमारे कमरे से ले आओ". मैंने रमेश से बोला इसको ले लो और पी जाओ. उसने हमारी तरफ़ पहले देखा और एक ही झटके में सारी शराब पी गया. मै ने भी अपना ग्लास खाली कर दिया. मैंने उसकी आँखों में झांकते हुए धीरे से अपने ब्लाउज को उतार दिया. मैंने उसकी आँखों में वासना के डोरे देखे और रमेश मुझे घूर रहा था.

मै उसकी पैंट की तरफ़ देख रही थी, जो अब तक बहुत ही फूल चुकी थी. मै समझ गयी की उसका लंड अब बिल्कुल ही खड़ा हो गया है और चोदने के लिए अब तैयार है. वो मेरे आधे नंगे जिस्म को बहुत अच्छी तरह से देख रहा था. मै उस से पूछा, "क्यों रमेश, "क्या सोच रहे हो .तुम्हारे साथ क्या होने वाला है ?" वो कुछ ना बोल सका और बहुत ही घबरा गया. मैंने धीरे से उस से पूछा, "तुम्हारा लंड खड़ा हो गया है, है न ?" "मुझे पता है तुम भी मेरी चूत में अपना लंड घुसना चाहते हो ".

मेरे जबान से इतनी गन्दी बात निकलते ही मेरी चूत और गरमा गयी और ढेर सारा पानी निकला. मेरी चूत उसके लंड खाने के लिए फड़फड़ाने लगी. मेरे दिमाग में बस एक ही बात घूम रही थी, की कब रमेश का लंड मेरी चूत में घुसेगा और मुझे जोर जोर से चोदेगा. मै अपने कपडों को धीरे धीरे से खोलने लगी और यह देख कर रमेश की आँखें बाहर निकलने लगी. मैंने धीरे से अपनी साडी को उतारी. मैंने अपना पेटीकोट भी धीरे से उतार फेंका और फिर पैंटी भी उतार फेंकी. अब मै अपने भाई, रमेश के सामने बिल्कुल नंगी हो कर खड़ी हो गयी. रमेश मुझको फ़टी आँखों से देख रहा था. मेरी बाल सफा, भीगी चूत उसकी आँखों के सामने थी और वो उसके लंड को लीलने के लिए बेताब हो रही थी.

मैंने रमेश से धीरे से पूछा, "ओह रमेश ? कब तक देखते रहोगे ? आओ मेरे पास आओ, और मुझे चोदो. देख नही रहे हो मै कब से अपनी चूत खोले चुदासी खड़ी हूँ. आओ पास आओ और अपने मोटे लंड से मेरी चूत को खूब अच्छी तरह से रगड़ कर चोदो ." मेरी इस बात को सुन कर वो हरकत में आ गया. वो मेरे सामने अपने कपड़े उतारने लगा. उसने पहले अपना शर्ट उतरा. फिर उसने अपनी चड्डी भी धीरे से उतार फेंकी. चड्डी उतारते ही उसका लंड मेरी आंखों के सामने आ गया. उसका लंड इस समय बिल्कुल खड़ा था और चोदने को बेताब हो कर झूम रहा था. मैं उसके लंड को बड़ी बड़ी अआँखों से घूर रही थी. उसका लंड मेरे पति के लंड से ज्यादा बड़ा और मोटा था. मैं उसका लंड देख कर घबरा गयी, लेकिन मेरी चूत उसके लंड को खाने के लिए फड़फड़ाने लगी. मैं अपनी कुर्सी से उठ कर उसके पास जाने लगी, लेकिन मेरे पैर लड़खड़ा गए. मैं गिरने लगी और रमेश ने आकर मुझको चिपटा कर संभाल लिया .
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