RE: कमसिन कन्या
..पहली बार किसी लड़की के नितम्ब खुले देख रहा था, वो भी इतनी नजदीक से और उनको प्यार करने और चूमने का अवसर भी, मैंने कभी स्वप्न में भी सोचा नहीं था, कोमल जवान कली थी, अभी जवानी का रंग चढ़ ही रहा था, बिलकुल नादान सी, लेकिन शरीर ऐसा भरा हुआ और नशीला बनाया था भगवान ने, मैं देखता रह गया, सुडौल विकसित नितम्ब, गोरे और इतने चिकने, भूरी लालिमा के साथ नितम्बो के बीच की दरार जो उसकी योनी तक जा रही थी, मुझसे रहा नहीं गया, मैं जीभ और होठों से नितम्बो की पहाड़ियों को चूम चाट रहा था, वासना ने मुझे निष्फिक्र बना दिया था, शायद कोमल को कुछ आभास हुआ और उसने मेरी ओर करवट ली, अब उसका जोबन ऊपर की तरफ उठा हुआ, सलवार नाभी से नीचे, नाड़ा खुला, नीन्द में श्वास लेती , वक्ष ऊपर नीचे श्वास के साथ, मैं उसके चहरे को देख रहा था, कमर कटाव के साथ, वक्ष विकसित और कुर्ती के ऊपरी हिस्से से वक्ष का मांसल भाग बाहर निकल पड़ने को तैयार, अब सलवार को नीचे खींच पाना आसान था, बहुत धीर से नितम्ब के किनारे सलवार को पकड़ कर खींचा और सलवार जैसे कोई निकलना ही चाहती हो ऐसे निकल पडी, घुटनों तक सलवार को नीचे किया, सामने कोई अप्सरा नींद में बेफिक्र सो रही थी, मैं उसकी योनी देखा कर जैसे होश खो बैठा, आज पहली बार लड़की की योनी देखी वो भी एक कली की, बहुत हलके मुलायम बाल योनी पर, सुनहरे, अभी आने ही शुरू हुए थे ऐसा लगा, योनी के दोनों भाग फूले हुए, मीठे मालपुए की तरह, .....
............एक खूबसूरत कमसिन कन्या जिसपर नई नई जवानी का खुमार चढ़ ही रहा था, इस प्रकार बेसुध सोई हुई अर्धनग्न, अपने बहुमूल्य खजाने को अनजाने में दिखाती हुई, उसे पता भी नहीं था वो क्या कर रही है, स्तनों का उन्नत उभार, कटीली कमर, योनी के दोनों ओर के फूले हुए पट, योनीद्वार के किनारे के सुनहरे बाल, मोटी गोरी झांघों का योनीद्वार के पास मिलकर बनता हुआ त्रिकोण और उसपर मासूमियत भरा उसका चेहरा गहरी नींद में बेखबर. यह दृश्य मुझे पागल बना रहा था. पाठकों, क्या कभी आपने जवान होती हरे भरे शरीर वाली कमसिन कली को अर्धनग्न देखा है और वो भी बेसुध बेखबर ? दोस्तों आपने भी जाना होगा की चोरी चोरी छुप के होनेवाली मस्ती का आनंद कुछ और ही होता है, कोई देख लेगा ऐसा एक रोमांच, शरीर में एक झुरझुरी, भय और आनंद का मिश्रण.खुले सेक्स में वो मजा कभी नहीं. मैंने कोमल की योनी के पास मुँह ले गया और स्वास ली, एक नशीली सुगंध, कोमल के शरीर की मोहक सुगंध उसके योनी के पसीने और रात को की गयी मूत्र परत से निकलती सुंगंध मिलकर एक अजीब समाँ बन रहा था,रहा नहीं गया, मैं धीरे से योनी पट को चूम रहा था, मन हो रहा था के योनी को हाथों से फैलाकर योनी छिद्र में अपनी जीभ डाल कर चूम लूं चाट लूं और उसे बाँहों में भर कर प्यार करूँ..........
............एक खूबसूरत कमसिन कन्या जिसपर नई नई जवानी का खुमार चढ़ ही रहा था, इस प्रकार बेसुध सोई हुई अर्धनग्न, अपने बहुमूल्य खजाने को अनजाने में दिखाती हुई, उसे पता भी नहीं था वो क्या कर रही है, स्तनों का उन्नत उभार, कटीली कमर, योनी के दोनों ओर के फूले हुए पट, योनीद्वार के किनारे के सुनहरे बाल, मोटी गोरी झांघों का योनीद्वार के पास मिलकर बनता हुआ त्रिकोण और उसपर मासूमियत भरा उसका चेहरा गहरी नींद में बेखबर. यह दृश्य मुझे पागल बना रहा था. पाठकों, क्या कभी आपने जवान होती हरे भरे शरीर वाली कमसिन कली को अर्धनग्न देखा है और वो भी बेसुध बेखबर ? दोस्तों आपने भी जाना होगा की चोरी चोरी छुप के होनेवाली मस्ती का आनंद कुछ और ही होता है, कोई देख लेगा ऐसा एक रोमांच, शरीर में एक झुरझुरी, भय और आनंद का मिश्रण.खुले सेक्स में वो मजा कभी नहीं. मैंने कोमल की योनी के पास मुँह ले गया और स्वास ली, एक नशीली सुगंध, कोमल के शरीर की मोहक सुगंध उसके योनी के पसीने और रात को की गयी मूत्र परत से निकलती सुंगंध मिलकर एक अजीब समाँ बन रहा था,रहा नहीं गया, मैं धीरे से योनी पट को चूम रहा था, मन हो रहा था के योनी को हाथों से फैलाकर योनी छिद्र में अपनी जीभ डाल कर चूम लूं चाट लूं और उसे बाँहों में भर कर प्यार करूँ..........
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