मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 06:47 PM,
#16
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
[b]आवाज का असर तुरंत हुआ......वो अजनबी जल्दी से सामने वाले फ्लैट की ओर लपका और साथ ही...

श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ही कर रहा था जैसे उस महिला को चुप करा रहा हो.....

और जूली पूरी तरह खिड़की से चिपकी थी] उसको उस आदमी के बारे में जानने की कुछ ज्यादा ही उत्सुकता थी]

उसको इस बात का भी ख्याल नहीं था की हम रोशनी में हैं और बाहर वाले को अंदर का सब दिख रहा होगा..

जूली किस अवस्था में थी ये तो आप सभी को पता ही है.....

तभी जूली के मुख से आवाज निकली.....

जूली: अरे ये तो तिवारी आंटी थीं.......

मैं: क्याआआआआ 

जूली: जरूर ये तिवारी अंकल ही होंगे.....मैंने पहले भी उनको कई बार इस जगह घूमते और स्मोक करते देखा है....

वो पूरी तरह स्योर थी.....

तिवारी अंकल एक रिटायर्ड अफसर थे] वो ३ साल पहले सेल्स इंस्पेक्टर से रिटायर हुए थे] अंकल और आंटी दोनों ही यहाँ रहते थे]

अंकल तो ६५ साल के थे पर आंटी जिनको मैं और जूली भाभी ही कहकर बुलाते थे...शायद ४० की ही थीं..

तिवारी अंकल की वो दूसरी बीवी थीं ... पहली बीवी शायद बीमारी के कारण स्वर्ग सिधार गई थी....

उनकी दूसरी बीवी जिनका नाम शीला भाभी है, बहुत खूबसूरत थी, उन्होंने खुद को बहुत मेन्टेन कर रखा था..... 

by chance मैंने और जूली दोनों है एक बार उनको बिना कपड़ो के भी देख लिया था....लेकिन वो किस्सा बाद में अगर आप लोगों ने कहा तो......

तिवारी अंकल के दो ही बेटियां थीं एक की शादी तो उन्होंने कनाडा की है और दूसरी अभी MBA कर रही है....

दोनों ही उनकी पहली पत्नी से हैं... और बहुत ही मॉडर्न एवं खूबसूरत.....

ये उनका थोड़ा सा परिचय था....चलिए यथार्थ में लौटते हैं..............

मैं जूली को गोद में उठाकर नीचे उतरता हूँ...वो मेरे सीने से चिपकी हंस रही थी.....

मैं: हँसते हुए.....चलो यार आज तुम्हारी वजह से तिवारी अंकल कुछ तो गर्म हुए होंगे.....
और शीला भाभी की सुलगती जवानी पर कुछ तो आराम मिलेगा...हाहाहा 

जूली: तुम भी ना ...मैं तो ये सोच रही हूँ ...कि कल मैं उनका सामना कैसे करुँगी.....

मैं: क्या जान तुम क्यों शरमा रही हो ...तुम तो पहले कि तरह ही बिंदास रहना....उनको पता ही नहीं होने देना कि हमने उनको देखा....

जूली: हाँ हाँ आप तो रहने ही दीजिये....आपको क्या पता ...पहले ही उनको नजर मेरे को चुभती रहती थी ...हमेशा मेरे कपड़ो में ही देखते रहते थे...

और आज तो उन्होंने सब कुछ देख लिया.... अब तो जब भी दिखेंगे ऐसा लगेगा जैसे कपड़ो के अंदर ही देख रहे हों....

मैं:हम्म्म जान, 
मुझे तो डर है कि कहीं इधर उधर कुछ गलत न कर दें ...ऐसे आदमियों का क्या भरोसा अब जरा ध्यान रखना....

जूली: अरे नहीं, वो तो आप रहने दो .... उतनी हिम्मत तो किसी की नहीं.....बस मुझे जरा सी शरम ही आएगी जब भी उनके सामने जाउंगी....

मैं: छोडो भी यार, अब किस बात की शर्म सब कुछ तो उन्होंने देख ही लिया ही... अब तो उनको टीस करना यार....

जूली: हाँ ये भी ठीक है...मैं तो उनकी शर्मिंदी का ही मजा लुंगी....जूली ने कास कर मुझे चूम लिया...
अच्छा आप फ्रेश हो लो मैं दूध और ड्राई फ्रूट्स लाती हूँ ..

मैं उसके चूची को मसलता हुआ ...

मैं : ये तो पहले से गरम हैं जान यही पिला दो...

जूली: मेरे बालों को नोचते हुए... ये सब तो आपका ही है जानू .... जितना चाहे पी लेना ...पर अब आप फ्रेश तो हो....

मैं उसकी चूत में ऊँगली करते हुए ...क्यों तुमको नहीं फ्रेश होना...

जूली: हाँ हाँ बस आप चलो, मैं ये निपटाकर आती हूँ...

मैं: जरा ध्यान से कहीं तिवारी अंकल न आ जाएँ...
हाहाहा 

जूली: हाँ बहुत दम है ना उनमें...उनको तो शीला भाभी ने ही निपटा दिया होगा...और क्या पता वहां भी ढेर हो गए हों ....मैं तो बेचारी उनके बारे में ही सोच रही हूँ.....

अच्छा अब आप जाओ न बहुत रात हो गई है...

और मैं अपनी अंगी बीवी को किचिन में छोड़ अपने बैडरूम में आ बाथरूम में घुस जाता हूँ...

वाकई बहुत मजेदार रात थी ...मेरे दिमाग में अब आगे के विचार चल रहे थे......
[/b]

[b][b]इस जबरदस्त चुदाई के बाद रात भर जूली मेरे से चिपकी रही, और बिस्तर पर नंगे चिपककर सोने का मजा ही अलग है]

सुबह जूली जल्दी उठ जाती है, वो सभी घरेलु कार्य बहुत दिल से करती है......

वो जब उठी तो आज पहली बार मेरी आँख भी जल्दी खुल गई...या यूँ कहिये कि मैं बहुत सोच रहा था कि कैसे अब सब कुछ किया जाये....

जूली ने धीरे से उठकर मेरे चेरे की ओर देखा फिर मेरे होंठों को चुम लिया....

उसने बहुत प्यार से मेरे लण्ड को सहलाया और झुककर उसपर भी एक गरम गरम चुम्बन दिया...

उसके झुकने के कारण पीछे से उसके मस्त नंगे चूतड़ और चूतड़ के बीच झलक रही गुलाबी, चिकनी चूत देख मेरा दिल भी वहां चूमने का किया....
पर मैंने अपनेआप पर कंट्रोल किया और सोने का बहाना किये लेटा रहा.....

मैं बंद अधखुली आँखों से जूली को देखते हुए अपनी रणनीति के बारे में सोच रहा था....कि मस्ती भी रहे और इज्जत भी बनी रहे....

जूली मेरे से खुल भी जाए....वो मेरे सामने मस्ती भी करे परन्तु उसको ये भी ना लगे कि मैं खुद चाहता हूँ कि बो दूसरे मर्दों से चुदवाये.....

पता नहीं मेरे ये कैसे विचार थे कि दिल मेरी प्यारी बीवी को दूसरे मर्दों की बाँहों में देखना भी चाहता था...
उसको सब कुछ करते देखना चाहता था...

पर ना जाने क्यों एक गहराई में एक जलन भी हो रही थी .... कि नहीं मेरी बीवी की नाजुक चूत और गांड पर सिर्फ मेरा हक़ है...इस पर मैं कोई और लण्ड सहन नहीं कर सकता....

लेकिन इंसान की इच्छा का कोई अंत नहीं होता और वो उसको पूरी करने के लिए हर हद से गुजर जाता है...

जूली को भी दूसरी डिशेस अच्छी लगनी लगी थीं..उसने भी दूसरे लण्डों का स्वाद ले लिया था...

वो तो अब सुधर ही नहीं सकती थी...अब तो बस इस सबसे एक सामजस्य बनाना था....

ट्रिनन्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न्न ट्रीन्न्न्न्न्न्न्न्न 
तभी घंटी बजने की आवाज आई...

जूली बाथरूम में थी वो फ्रेश होने गई थी ,,, मैं उठने ही जा रहा था कि फ्लशह्ह्ह्ह्ह्ह्ह की आवाज आई ...

मतलब जूली ने भी घंटी की आवाज सुन ली थी...

मैंने सोचा ना जाने कौन होगा? .....

जूली वैसे ही नंगी बाथरूम से बाहर आई ....मैं फिर से सोने का बहाना कर लेट गया ....और सोचने लगा..

क्या जूली ऐसे ही या कैसे दरवाजा खोलेगी...और इस समय कौन होगा.....

इतने समय में मैंने कभी घर के किसी कार्य से कोई मतलब नहीं रखा था....जूली ने सबकुछ बहुत अच्छी तरह से व्यवस्थित किया हुआ था.....

जूली नंगी ही बाहर की तरफ बड़ी .....

मैं आश्चर्यचकित था कि ये क्या ऐसे ही दरवाजा खोलेगी .....और सुबह सुबह आने वाला है कौन ..

कोई पुरुष या महिला ......मैं सब कुछ से अनजान था ...

मैं चुपके से उठकर बैडरूम से दरवाजे के पीछे से देखता हूँ....

जूली अपना रात वाला गाउन उठा कर पहन रही थी ...अरे भाई वो रात किचिन में ही रह गया था...

मगर गाउन तो उसका पूरा पारदर्शी ही था.....और उसने नीचे ब्रा या कच्छी नहीं पहनी थी....

उसके सभी कोमल अंग बड़े सेक्सी अंदाज में अपनी उपस्थिति बता रहे थे....

मैं उसकी हर अदा और हर हरकत पर नजर रखे था...

उसने दरवाजा खोला .....सामने एक लड़का था ...
ओह वो कॉलोनी कि दूकान में ही काम करता है...
अंडे और ब्रेड लेकर आया था....
[/b]
[/b]

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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 06:47 PM

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