मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
08-01-2016, 01:11 AM,
#11
RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति
.......................
..............

जूली: हे हे सही से चल न, इसको अंदर क्यों नहीं करता, कितना मस्ती में हिलाता हुआ चल रहा है...

विजय: किसको अंदर करूँ भाभी.....

जूली: अरे अपने इस तनतनाते हुए पप्पू को जीन्स में कर न.... कितना अजीब लग रहा है....

विजय: नहीं जानेमन, ये अब जीन्स में कहाँ जा पायेगा ...ये अंदर ही जायेगा मगर अब तो आपकी इस गोलमटोल चिकनी गांड में......यहाँ....

जूली: ऊऊईईईईईईईईईई क्या करता है .......

विजय: अरे ऊँगली ही तो की है जान... लण्ड तो अभी तक बहार ही है ...ये देखो....

जूली: तुझे हो क्या गया है आज....कितना बेशरम हो रहा है.... एक ये छोटी से स्कर्ट ही मेरी लाज बचाये है. और इसको भी बार बार हटा देता है....

विजय: रुको भाभी..... ये जगह सही है... यहाँ आप आराम से मूत सकती हैं.... ये वहाँ उस पेड़ के पीछे कर लो.....

जूली: हम्म्म्म ठीक है... तू क्या करेगा....

विजय: हे हे मैं देखूंगा कि आप ने कितनी की ....

जूली: पागल है क्या..... चल तू उधर देख .... कि कोई आ न जाए....पहले मैं कर लेती हूँ फिर तू भी कर लेना..
...............................

..............

विजय: वाओ भाभी मूतते हुए पीछे से आपकी गांड कितनी प्यारी लग रही है.....

जूली: तू अब इसे ही देखता रहेगा या इधर-उधर का भी ध्यान रखेगा.....

विजय: आप तो फालतू में नाराज हो रही हो.... केवल अकेला मैं ही कौन सा देख रहा हूँ....

जूली: उउउफ्फ्फ्फ्फ़ तो और कौन देख रहा है....

विजय: हाहा वो देखो बेंच पर.....वो जो अंकल बैठे हैं इधर ही देख रहे हैं.....

जूली:देख कितना बेशरम है...लगातार घूर रहा है...

विजय: वाह भाभी....आपको करने में शर्म नहीं... मैं और वो देख रहे हैं तो बेशरम....

जूली: अब आज तो तू पक्का पिटने वाला है....
अब जल्दी से चल यहाँ से....

विजय: एक मिनट न भाभी जी....जरा मुझे भी तो फ्रेश होने दो........

जूली: हाँ हाँ जल्दी कर.....

......................

जूली: देख अब कैसे चला गया...जब मैंने उसको घूरा ... शर्म नहीं आती इन बुड्ढों को.... राख में भी चिंगारी ढूँढ़ते रहते हैं......

विजय: हा हा भाभी क्या बात की है... वैसे आज तो उसको मजा आ गया होगा..इतनी चिकनी गांड देखकर.....पता नहीं घर जाकर दादी का क्या हाल करेंगे.... हा हा 

जूली: हाहा तू भी ना.... 

विजय: भाभी...प्लीज जरा इसको सही तो कर दो ...देखो जीन्स में जा ही नहीं रहा....

जूली: यहाँ......हाए क्या कर रहा है.... कितना गरम हो रहा है ये.....

विजय: भाभी खुले में चुदाई करने का मजा ही अलग है....

जूली: नहीं यहाँ तो बिलकुल नहीं...... मैं ये रिस्क नहीं लेने वाली......तू इसको अंदर कर जल्दी....

विजय: अरे वही तो कर रहा हु भाभी... कोई नहीं है यहाँ बस इस पेड़ को पकड़ कर थोडा झुको ... केवल ५ मिनट लगेंगे....

जूली: आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआ क्या करता है .... मुझे दर्द हो रहा है ..... ओह मान जा ना प्लीज .... नहीईईईई आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मान जा नहीं न यहाँ कोई भी आ सकता है ........ 

विजय: श्ह्ह्ह्ह्ह्ह कोई नहीं आएगा ......... बस्स्स्स जरा सा ............. आज तो नहीं मानूंगा .....

जूली: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहीं ना क्या करता है .... हट ना ...........ओह 

जूली: ओहूऊऊऊऊऊ 

विजय: ज्यादा आवाज मत करो ना .....वरना .....सबको पता चल जायेगा......

जूली: आआअह्हह्हह्हह्हह अह्ह्ह्हह्ह उउउउउ ओह्ह्ह्ह आह्हआ नहीईईईई तू पागल है ....आअह्ह्ह कितना ....... अंदर ......तक्क्क नहीईईईइ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआ 

कमीने दर्द हो रहा है ...................

अह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआअ 

विजय: बास्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स 


[b]...........
...................

जूली: ऊऊ औ ओ ओ ओ तू तो बहुत कमीना है.... आज के बाद मुझसे बात नहीं करना ......

विजय: क्यों क्या हुआ भाभी...... प्लीज ऐसा न बोलो... आई लव यू ....सो मच .....

जूली: लव होता तो इतना दुःख नहीं देता....न समय देखता है और न जगह .....

विजय: क्या भाभी आप भी, अब आपकी ये मस्त गांड देख पेरा पप्पू नहीं मन तो इसमें मेरी क्या गलती...

जूली: उन उउउउम जा भाग यहाँ से....

विजय: प्लीज मान जाओ न भाभी.....

जूली: चल अब जल्दी से घर चल देर हो रही है]

....................

.......................
विजय: भाभी प्लीज माफ़ कर दो न..... अच्छा अब कभी ऐसी गलती नहीं करूँगा.....प्रोमिस...

जूली: अच्छा ठीक है ...पर कुछ समय दूर रह ...मेरा मूड बहुत ख़राब है....

विजय: ओके मेरी प्यारी भाभी ...पुचच च च च 

...........

विजय: भाभी में अभी आता हूँ............जरा कुछ सामान लेना है....बाजार से भूल गया था ....
....................
...........
....

काफी देर बाद ...........

टेलीफोन कि रिंग ........ट्रिन ट्रिन .......ट्रिन ट्रिन 

जूली: हेल्लो .......

मेरी किस्मत कि जूली ने फ़ोन स्पीकर पे कर लिया था ..

उसकी दोस्त नफीसा: हेलो मेरी जान,कहाँ हो आजकल 

जूली: यहीं हूँ यार तू सुना..कहाँ मस्ती मार रही है...

नफीसा: वाह, मस्ती खुद कर रही है और मेरे को बोल रही है....

जूली:ओह लगता है अहमद भाई नहीं हैं आजकल जो मुझसे लड़ने लगी...

नफीसा: उनको छोड़ तू ये बता आज बाजार में किसके साथ मटक रही थी, बिलकुल छम्मक छल्लो की तरह ..

जूली: अरे बो तो रवि का छोटा भाई है ..मैं तेरी तरह नहीं हूँ जो किसी के भी साथ यूँ ही घूमने लागूं...

नफीसा: हाँ हाँ मैं तो ऐसी वैसी हूँ.... और तू कैसे घूम रही थी वो सब देखा मैंने.....मेरी आवाज भी नहीं सुनी..और अपने चूतड़ मटकती हुई निकल गई...

जूली: अरे यार मैंने सही में नहीं देखा, कहाँ थी तू...

नफीसा: उसी बाजार में जहाँ तू बिना कच्छी के अपने नंगे चूतड़ सबको दिखा रही थी...

जूली: अरे यार वो जरा वैसे ही हे हे ...जरा मस्ती का मूड था तो .... और तू क्या कर रही थी वहाँ ....

नफीसा: मैं तो अहमद के साथ शॉपिंग करने गई थी ...

जूली: हाय तो क्या अहमद भाई ने भी कुछ देखा ..

नफीसा: कुछ ...अरे सब कुछ देखा ...उन्होंने ही तो मुझे बताया ....कि ये आज जूली को क्या हो गया है ... उन्होंने तो तेरे उस भाई को तेरे नंगे चूतड़ों पर हाथ से सहलाते भी देखा....तभी तो मैं तुजसे ख रही थी ...

जूली: ओ माय गॉड, क्या कह रही है तू ...

नफीसा: बिलकुल वही जो हुआ....अब सच सच बता क्या बात है]

जूली: यार अहमद भाई कहीं इनसे तो कुछ नहीं कहेंगे]

नफीसा: अरे नहीं यार वो ऐसे नहीं हैं ...लेकिन तू मुझे बता ये सब क्या है ....और क्या क्या हुआ ...

जूली: अरे कुछ नहीं यार, बस थोड़ी मस्ती का मन था. इसलिए बस और कुछ नहीं यार ....

नफीसा: हम्म्म वो तो दिख ही रहा था.. तू बताती है या मैं रोबिन भाई जी से पूछूं ....

जूली: जा उन्ही से पूछ लेना... साली ब्लॅकमेल करती है ...

नफीसा: प्लीज बता ना यार क्या क्या हुआ ... और वो हैंडसम कौन था ...

जूली: बताया तो यार मेरा देवर है और बस थोडा मस्ती का मूड था तो ऐसे ही बाहर निकल लिए बस और कुछ नहीं हुआ....और तुझे मस्ती लेनी है तो तू भी बिना चड्डी के जाना, देखना बहुत मजा आएगा..

.नफीसा: अरे वो तो सही है.. तू बता न क्या हुआ मेरी जान.. कितनो ने ऊँगली की तेरी में... बता न यार..

जूली: नहीं यार ऐसा कुछ नहीं हुआ.... बस जैसे तूने देखा ऐसे ही किसी न किसी देखा होगा बस और तो कुछ नहीं हुआ.... 

नफीसा: अच्छा और तुम्हारे देवर, वो कहाँ तक पहुंचे..

जूली: कहीं तक नहीं यार... बस ऐसे ही थोड़ी बहुत मस्ती बस... और क्या मैं .........

......
.....
..

सॉरी दोस्तों टेप ने धोखा दे दिया..... लगता है यहीं तक बेटरी थी .....मगर इतना कुछ सुनकर मुझे ये तो लग गया था कि जूली को अब रोकना मुस्किल है ..

मैं कुछ देर तक बस सोच ही रहा था कि अब आगे क्या और कैसे करना चाहिए... 

दोस्तों आप भी अपना मशवरा दें कि आप ऐसी परिस्थिति में क्या करते...

आपके सुझाव के इन्तजार में ...

आपका दोस्त ...

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RE: मेरी बेकरार वीवी और मैं वेचारा पति - by desiaks - 08-01-2016, 01:11 AM

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