Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
10-05-2019, 01:54 PM,
RE: Desi Porn Kahani ज़िंदगी भी अजीब होती है
मैं आधे रास्ते गया ही था कि देखा की सामने से प्रीतम का

भाई बोरिया बिस्तर लिए चला आ रहा है उसने मुझे देखा और गले लगा लिया और

पूछा कि तुम कब छुट्टी आए तो मैने कहा भाई अब तो जाने का टाइम हो गया ट्रेन

है 4 दिन बाद की वो बोला क्या यार मैं आज आया और तूने जाने की तैयारी कर दी

मैने कहा कोई बात नही भाई तू तो समझता है ना फोर्स के रूल को तो वो बोला हाँ

भाई तो मैने उसका आधा सामान उठा लिया और उसके घर की तरफ चल पड़े

अच्छा लगा उसको देख कर थोड़ी देर मे उसके घर पहुचे तो उसने घंटी बजाई

जैसे ही दरवाजा खुला सामने के बेहद ही मस्त औरत दिखाई दी मैं उसको जानता

नही था तो मैने कहा भाई ये कॉन है तो उसने कहा पहले अंदर तो आने दे फिर

बता ता हू प्रीतम की माँ भी बाहर आ गयी और अपने बेटे को देखकर खुश हो

गयी मैं सोफे पर बैठ गया मिलने मिलाने के बाद उसने कहा कि ये तेरी भाभी

है तो मैने कहा कि अब तूने शादी कब करली हमे पता ही नही चला तो उसने कहा

कि भाई एक साल होने को है अब तेरा फोन नंबर तो था नही तो तुझे न्योता ना

दे पाया उसके लिए माफ़ कर्दे मैने कहा कोई नही भाई फिर उनके घर ही चाइ

नाश्ता किया मुझे वो पल याद आ गये जब मैं इसी घर मे प्रीतम को चोदा करता

था मैने पूछ ही लिया कि प्रीतम नही आई गर्मियो मे तो उसकी माँ बोली बेटा

उसको दूसरा बच्चा होने वाला है कभी भी हो सकता है तो अब तो बच्चा होने के

बाद ही आएगी मैने कहा ये तो खुशी की बात है तो प्रीतम की माँ बोली कि बेटा

अब तू भी शादी करले नौकरी भी मिल गयी तो मैने कहा एक बार पोस्टिंग मिले

तभी तो कुछ होगा मुझे उनके घर गये काफ़ी टाइम हो गया था तो मैने कहा

की चल भाई अभी मैं चलता हू बाद मे मिलेंगे और मैं घर आ गया


घर पे गरमा गरम खाना मेरा इंतजार कर रहा था तो आते ही पेट पूजा की मैने चाची और बुआ को बता दिया था कि आज मैं किसी से भी सेक्स नही करूँगा क्योंकि कई दिन हो गये थे मैं अच्छे से सो नही पाया था और फिर जैसे जैसे छुट्टी ख़तम होती जा रही थी मैं थोड़ा सा परेशान होने लगा था तो उन्होने भी मुझे फोर्स नही किया मैं डिन्नर करके अपने कमरे मे चला गया मेरी आँख लगी ही थी कि तभी मिथ्लेश का फोन आ गया आँखो को मलते हुए मैने फोन उठाया और हेलो कहा
मिटा: आज तुमने फोन क्यो नही किया
मैं: यार आज बहुत ही बिज़ी था ट्रेन मे रिज़र्वेशन टाइम से नही करवाया तो अभी थोड़ी दिक्कत हो गयी है
मिता: अरे यार तुम कभी कोई काम टाइम पर करते ही नही हो
मैं: अरे यार ध्यान ही नही रहा अभी देखते है
मिता: यार मैं सोच रही हू कि तुम्हारे साथ देहरादून चलूं फिर वही से शिमला निकल जाउन्गि
मैं: पर डार्लिंग तुम तो बाद मे जाने वाली थी
मिटा: अब मैं तुम्हारे साथ आ रही हू तो कोई प्राब्लम है क्या
मैं: अरे नही यार ऐसी बात नही है तुम साथ आओगी तो सफ़र भी अच्छा कट जाएगा और हम थोड़ा टाइम और साथ बिता सकेंगे
मिता: तो ठीक है मैं रीना को भी बता दूँगी आख़िर वो भी तो मेरे साथ ही जाएगी ना
मे: हाँ ठीक है
मिता: क्या बात है आज कुछ उखड़े उखड़े लग रहे हो
मे: नही यार ऐसी कोई बात नही है पता नही आज कल अजीब सा लगता है
मिता: शायद वापिस जाने का टाइम आगया इसलिए
मे: अब मैं क्या कहूँ पर जाना तो पड़ेगा ही ना अब अपनी ज़िंदगी ही ऐसी है आज यहाँ कल कही ऑर पर तुम आदत डाल लो मेरे बिना रहने की वरना कल को कहोगी कि फोजी से ब्याह करके मैं तो पछतायी
मिता: वह तुम तो ऐसे कह रहे हो कि जैसे मैं हमेशा से ही तुम्हारे साथ रही हू
मे: यार तू तो हर पल मेरे साथ है जब से तुझे पहली बार देखा था तब से आज तक हर पल मैने अपने पास महसूस किया है हर पल हर लम्हा बस तुझे ही महसूस करता हू जब तुम दूर होती हो तो मैं ही जानता हू कि कैसे एक एक लम्हा काटा है तेरे बिन
मिता: अब मैं मेरा हाल किसको बताऊ
मे: मैं हू ना
मिता: यार मैं सीरीयस हू और तुम्हे मस्ती सूझ रही है जाओ मैं नही करती बात
मे; अच्छा बाबा
मिता: यार आज माँ कह रही थी कि अब मिता के लिए भी कोई लड़का देख ही लेना चाहिए
मे: तो उनको मेरे बारे मे बताना था ना
मिता: ना बाबा ना
मईटा: मेरी हिम्मत नही होती है मेरे घर वालो को तो तुम जानते ही हो अगर पता चलेगा कि चोरी प्रेम करे से तो मेरी जान ही ले लेंगे
मे: पर तेरी जान तो मैं हू
मिता: बी सीरीयस
मे:ओके ओके
मिता: यार क्या हमारी शादी हो पाएगी
मे: क्यो नही होगी अगर हमारा प्यार सच्चा है तो हम ज़रूर एक होंगे
मिता: पर ये सब होगा कैसे
मे: एक बार मुझे पोस्टिंग मिलने दे फिर आउन्गा तेरे घर तेरा हाथ माँगने बस तू मेरा साथ देना बाकी मैं संभाल लूँगा
मिता: अगर घर वालो ने मना कर दिया तो
मे: वो भी देखेंगे
ऐसे ही हम दोनो काफ़ी देर बात करते रहे जब फोन कटा तो रात का एक बज रहा था मैं उठा और पानी पीने के लिए नीचे आ गया मैं पानी पीकर जा ही रहा था कि मेरी नज़र बुआ के कमरे मे पड़ी तो मैने देखा कि उनकी नाइटी उनकी कमर तक उठी पड़ी है और लाल रंग की पैंटी क्या खूब फॅब रही थी उनके गोरे चुतड़ों पर मेरा हाथ अपने लंड पर चला गया और मैं उसको सहलाने लगा मैने अपना कच्छा नीचे सरकाया और बुआ के पास जाकर लेट गया और उनको अपनी बाहों मे लेके जगाने लगा

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