RE: Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की
रमा के जोर के आगे अब रवि भी झुक गया और, उसने अपने को बिस्तर पर गिरने दिया अब रमा उसके ऊपर थी और वो नीचे पर उसका काम चालू था अब उसकी पकड़ रमा की चुचियों पर थे और अपनी हथेलियो को कसकर उनके चारो ओर पकड़े हुए था उसके हाथों के सहारे ही रमा ऊपर की ओर उठी हुई थी और वो नीचे लेटे हुए रमा की सुंदरता को देख रहा था और उसे जम कर भोग रहा था उसके शरीर की आख़िरी शक्ति को भी वो लगाकर उस सुंदरता को उछाल रहा था और नीचे पड़े हुए रमा को आनंद के सागर में गोते लगाते हुए देखा रहा था और रमा भी अब अपने को उचका कर रवि के हर धक्कों को अपने अंदर तक ले जाती थी और फिर उसके कानों में रवि की आवाज टकराई
रवि- क्यों रमा मजा आया ना उूुुुुुुुुुुुुउउम्म्म्मममममममममममम ...तेरे जैसी चुड़कड नहीं देखी ....ले और ले ...
रमा- हाँ… हाँ… आआआआआह्ह और तेज और
रवि- हाँ… और हाँ…
और एक तूफान सा उठ रहा था उस कमरे में बहुत तेज तूफान जिसकी गति का अंदाज़ा उस कमरे में रखी हर चीज को महसूस हो रह था एक दूसरे की सिसकारी से कमरा भर उठा था और जिस तेजी से वो बह रही थी उसे देखकर लगता था कि वो उथल-पुथल के संकेत है पर कोई भी झुकने को तैयार नहीं था रवि की हर चोट अब रमा के लिए एक वरदान था और उसके शरीर की गरिमा थी वो अपने तुमको उस इंसान का शुक्रगुज़ार मान रही थी , कि उसने उसे इस चरम सीमा तक पहुँचने में उसकी मदद की अचानक ही उसके अंदर का उफ्फान अपनी गति से अपने शिखर पर पहुँचने लगा था और उसके अंदर एक तुफ्फान सा उठने लगा था जो कि वो नीचे पड़े हुए रवि की ओर एक कामुक दृष्टि के साथ ही उनके ऊपर झुक गई और रवि रवि के होंठों पर टूट पड़ी और कस कर अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़कर उनके होंठों से गुथ गई वो अपने जीभ को उनके मुख के अंदर तक घुसाकर उनसे गुजारिश करने लगी थी
रमा- और जोर से रवि और जोर से
रवि- हाँ… हाँ… हाँ… और और
रमा- हाँ… हाँ… और और उूुुउउम्म्म्मम सस्स्स्स्स्स्स्स्शह ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई और वो झड़ने लगी बहुत तेज जैसे एक समुंदर सा उसकी योनि से बाहर निकल गई हो पर वो रुकी नहीं उस समुंदर को वो अपने शरीर से बाहर निकालना चाहती थी बाहर और बाहर उसने अब भी रवि के ऊपर उचक कर अपना समर्थन जारी रखा और रवि को और तेजी से करने का आग्रह करने लगी थी
रमा- और रवि और तेज मार डालो मुझे ईईईईईईईई
और बस धम्म से वो रवि के ऊपर गिर पड़ी अब वो उस स्वर्ग लोक में थी जहां कि वो रवि के साथ निकली थी और अब वो वहां पहुँच गई थी और रवि के होंठ अब उसके चेहरे के हर कोने में वो महसूस कर रही थी और उनकी पकड़ भी अब उसे सांस लेने को रोक रही थी पर रमा कुछ नहीं कर सकती थी वो लगभग मर चुकी थी उसके शरीर में अब इतनी जान भी नहीं बची थी कि वो अपने को छुड़ा सके और लंबी सांसें भी ले सके वो वैसे ही निढाल सी रवि के ऊपर गिरी पड़ी ।
लेकिन रवि तो अभी दूसरी बार चरम पर पहुंचने के लिए त्यार भर हुआ हुआ था , उसका मोटा लौड़ा अभी भी रमा की चूत के अन्दर ही था ।रमा ने इतना रस छोड़ा था कि उसका पूरा लन्ड भीग गया अब उसे ऐसा लग रहा था मानों उसके लन्ड पर चींटियां रेंग रही हों ।
पर वो निढाल हो चुकी रमा को तंग नहीं करना चाहता था वो चाहता था कि रमा चुदाई के हर एक पल को एन्जॉय करे ।
वो हाथ बिस्तर पर रखते हुए उठ गया । अब एक बार फिर उसकी गोद में थी ,उससे लिपटी हुई और थकी हुई । रवि ने अपनी एक बाजू रमा की नाज़ुक कमर के चारों तरफ डालकर उसे अच्छे से थाम लिया और दूसरे हाथ का सहारा लेकर खिसकते हुए बिस्तर के नीचे उतर गया और खड़ा हो गया । उसका लन्ड अभी भी रमा की योनि के भीतर ही था और वो उसकी गोद में ।
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