RE: Desi Sex Kahani दिल दोस्ती और दारू
"फिर तो इसने ब्रा भी वाइट कलर का पहना होगा..."उसकी वाइट कलर की पैंटी पर नज़र गड़ाए हुए मेरे ठर्की दिमाग़ ने सोचा....
"इतना क्या सोच रहे हो,.."
दीपिका मॅम की आवाज़ ने उसकी वाइट पैंटी से मेरा कॉन्सेंट्रेशन हटाया...और मैं ऐसे हड़बड़ाया जैसे कि.....पता नही कैसे
मैने तुरंत अपनी नज़र दीपिका मॅम की टाँगो के बीच से हटाकर उसके फेस पर अटकाया...
"तुम शायद कुछ सोच रहे थे...टेल मी "
"टेल यू...व्हाट ?"
"यू नो बेटर दॅन मी..."मुस्कुराते हुए वो बोली...
"वो मैं ये सोच रहा था कि, तुमने मेरे सवाल का जवाब क्यूँ नही दिया..."
"कैसा सवाल और ज़रा इज़्ज़त से बात करो, टीचर हूँ तेरी आप करके बात किया कर..."
"हां म्सी चुदते वक़्त ध्यान नही रहता कि तू टीचर है और मैं स्टूडेंट..."उसकी आँखो मे देखते हुए मैने दिल ही दिल मे गालियाँ बरसाई....
"अरमान ,मेरी तबीयत कुछ दिनो से ठीक नही है, और आज फेरवेल पार्टी के शोर से मेरा सर दुखने लगा था...इसलिए मैने वापस आने का सोचा...दुख तो बहुत हुआ था उस वक़्त जब मैं वापस आ रही थी,क्यूंकी मेरी नयी ड्रेस, घंटो मेकप,महँगी लिपस्टिक बेकार जाने वाला था...लेकिन जब तुम्हे लड़को के बीच मे देखा तो एक प्लान मेरे दिमाग़ मे आया...."
"और वो प्लान ये था कि ,तुम मेरे साथ रात भर..कूची-कूची...राइट ! "
"हां...! ऐसा ही कुछ सोचा था उस वक़्त मैने और तुमने फिर मुझे तुम कहकर बुलाया...अगली बार से यदि तुम बोला तो हालत खराब कर दूँगी..."
"और हालत खराब कैसे करोगी..."
"हट..लॅब मे तो बड़ा सारीफ़ बनता है...मैं आती हूँ फ्रेश होकर..."
"क्या फ़ायदा फ्रेश होने का ,वैसे भी कुछ देर बाद तो मैं फ्रेश ही कर दूँगा...."
दीपिका मॅम एक बार पीछे पलटी और मुस्कुरा कर चल दी, उसकी मटकती हुई गान्ड को चोदने का सोचकर ही मेरा लंड पैंट फाड़ने लगता...मैं अंदर ही अंदर बहुत खुश हो रहा था कि आज मैं दीपिका मॅम को चोदुन्गा और मेरा प्लान था कि उसे ऐसा चोदुन्गा की साली आज के बाद मेरे लंड की दीवानी हो जाएगी...सोते-जागते..पढ़ते-पढ़ते,इसे सिर्फ़ मैं और मेरे लंड द्वारा की गयी जोरदार चुदाई ही याद आएगी....
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कितनी अजीब बात है कि इस वक़्त मैं एक अंजान से फ्लॅट पर एक ऐसी लड़की के साथ हूँ जो हवस की पुजारीन है...कही वो अपनी हवस मिटाने के लिए मुझे कोई नुकसान ना पहुचा दे...मैने कयि न्यूज़ मे सुना और देखा था कि कुछ लोग सेक्स करते वक़्त इतने एग्ज़ाइटेड हो जाते है कि सामने वाले की जान तक ले लेते है...दीपिका मॅम ने मेरे लंड से भी बड़े-बड़े लंड को लिया होगा..इसलिए मैं उसे कोई नुकसान पहुचाता...ये तो नामुमकिन ही था..लेकिन अब मेरे अंदर एक डर अपनी जगह बना रहा था...
"अबे तेरा फर्स्ट टाइम है..इसीलिए इतना घबरा है...डर मत और चोद-चोद के गान्ड फाड़ डालना साली का..."मैने खुद से कहा...तब तक दीपिका मॅम अपने हाथ मे अपनी सफेद पैंटी को घूमाथे हुए मेरे पास आई और अपनी वो सफेद पैंटी को मेरे उपर फेक कर बोली..
"स्मेल इट..."
"उससे क्या होगा..."दीपिका मॅम की पैंटी को अपने हाथ मे लेते हुए मैं बोला और उनकी पैंटी के दोनो सिरो को दोनो हाथो से पकड़ कर खींचने लगा....
"इसका साइज़ क्या है..."
"और उससे क्या होगा..."अबकी बार वो बोली...
"होगा तो कुछ नही,साइज़ पूछ कर बस अपना जनरल नालेज बढ़ा रहा हूँ..क्या पता आइएएस के एग्ज़ॅम मे आ जाए "
"लो,वापस पहना दो..."बोलते हुए वो मेरे और करीब आई...
मेरी दिल की धड़कने अब थोड़ी तेज़ हो गयी थी...क्यूंकी पहली बार मैं दीपिका मॅम की चूत देखने वाला था,
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यूँ तो मैने काई मर्तबा लड़कियो की चूत के दर्शन किए थे ,लेकिन इतने इतमीनान से पहली बार ही चूत दर्शन कर रहा था...और मुझे खुशी इस बात की भी थी कि ,जिस चूत को मैं आज बिना कपड़ो के देखूँगा...उसे मैं आज छुने के साथ-साथ चोद भी सकूँगा...बोले तो अपुन इस वक़्त टू हॅपी था
दीपिका मॅम की पैंटी अब भी मेरे हाथो मे थी,उसने मेरी आँखो मे देखकर अपना सलवार नीचे खिसका दिया और मेरी तरफ देखकर मुस्कुराइ...सलवार नीचे आ जाने के कारण दीपिका मॅम की गोरी-गोरी जाँघो का कुछ हिस्सा उनके सूट से झलक रहा था...
"ये टुकूर-टुकूर क्या देख रहा है बेटा अरमान...साली की दोनो जाँघो को मसल दे और ऐसा मसल कि हफ्ते भर इयोडीक्स से मलने के बाद भी इसका दर्द कम ना हो...."दीपिका मॅम के सेक्सी लेग कट को देखते हुए मैने सोचा
मैं ये सोच ही रहा था की दीपिका मॅम मेरे और करीब आ गयी और अपने दोनो पैर को हल्का सा फैलाते हुए आँख मारकर मुझे इशारा किया कि मैं उनकी सफेद पैंटी उनकी सफेद चूत से वापस जोड़ दूं...मैने वैसा ही किया, जैसे-जैसे मैं दीपिका मॅम की पैंटी उपर चढ़ा रहा था,मेरे हाथ तेज़ी से काँपने लगे थे...
दीपिका मॅम को उनकी पैंटी पहनाने के बाद मैने अपना एक हाथ उनकी पैंटी के अंदर ही घुसा दिया,मेरा दिल जोरदार झटके मारते हुए धड़क रहा था...आख़िर कार वो पल भी आया जब मैने दीपिका मॅम की नंगी चूत को अपनी उंगलियो से महसूस किया और फिर उंगलियो से ही रास्ता ढूँढ कर एक उंगली उसके चूत के अंदर डाल दी...इसके बाद मैं जिस सोफे पर बैठा था ,दीपिका मॅम उसी सोफे पर मेरे उपर मेरी तरफ मुँह करके बैठ गयी और अपने दोनो हाथो से मेरे सर को सहलाने लगी...मेरी उंगली अब भी दीपिका मॅम की चूत के अंदर ही थी, मेरा दिल ही नही कर रहा था कि मैं अपनी उंगली निकालु...इसलिए मैने अपनी उंगली को थोड़ा अंदर की तरफ दबाया....
"ये किसने सिखाया..."मेरे गाल को सहलाते हुए दीपिका मॅम पुछि...
"किसी ने नही..."
"एक दिन मे कितनी बार मूठ मारते हो..."मेरे शर्ट के बटन्स को खोलते हुए उसने एक और सवाल पुछा...
दीपिका मॅम का इस तरह से सवाल पुछ्ना मुझे अच्छा लग रहा था, उसकी बाते सुनकर मेरा जोश और भी बढ़ जाता...
"जब टाइम मिलता है...तभी शुरू हो जाता हूँ..."मैने जवाब दिया..
"किसको सोचकर..."
"कभी कटरीना को सोचकर तो कभी प्रियंका को सोचकर तो कभी हॉलीवुड की आक्ट्रेसस को सोचकर...तो कभी टी.वी. सीरियल्स की लड़कियों को सोचकर...लेकिन पिछले सेमेस्टर मे अपनी कंप्यूटर वाली मॅम को सोचकर ही हिलाया है...."अपनी उंगली उसकी चूत के और अंदर करते हुए मैने कहा...
"मुझे किस पोज़िशन मे चोदते हो,मूठ मारते वक़्त..."
"हर दिन न्यू पोज़िशन...कभी लिटा कर तो कभी सीधा करके...कभी आगे से तो कभी पीछे से.."
मेरा जवाब सुनकर वो मुस्कुराइ और अपने सूट को मेरे पलक झपकते ही उतार कर नीचे फेंक दिया...और फाइनली दीपिका मॅम को ब्रा और पैंटी मे देखने का मेरा पहला अरमान पूरा हुआ...अब सिर्फ़ बाकी था तो,दीपिका मॅम को एक दम नंगी देखने का और फिर उसे उसी के बिस्तर पर लिटाकर जोर्डन चुदाई करने का अरमान...जो कि जल्द ही पूरा होने वाला था....
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मैने भी अपनी शर्ट और पैंट उतार कर दीपिका मॅम के सलवार-सूट के उपर फेंका और बोला"जैसे मैं तुझे चोदुन्गा...वैसे ही मेरे कपड़े भी तेरे कपड़े को चोदेन्गे..."
"तुमने फिर से मुझे तुम कहा..भूल गये मैं तुम्हारी मॅम हूँ..."बोलते हुए दीपिका मॅम ने मेरा एक हाथ अपने सीने पर रखा और मेरे सर के बाल को खींचते हुए बोली....
दीपिका मॅम के द्वारा सर के बाल खींचने के कारण हल्का सा दर्द मुझे महसूस हुआ और साथ ही थोड़ा गुस्सा भी आया,मैने तुरंत दीपिका मॅम की चूत से उंगली निकाली और ताव मे आकर दीपिका मॅम की फ्रिक्षनलेस चिकनी कमर को दोनो हाथो से पकड़ कर सोफे से उठ खड़ा हुआ और वही फर्श पर पटक कर उसके उपर चढ़ गया...
"स्टूडेंट्स से चूत मरवा सकती है लेकिन इज़्ज़त तुझे बराबर ही चाहिए तुझे..."
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"ये क्या...उठो मेरे उपर से..."
दीपिका मॅम ने अपने दोनो हाथो से मुझे उपर से हटाने की कोशिश की लेकिन वो नाकामयाब रही...अब मेरा लंड इतने जोश मे आ चुका था कि मुझे अब सिर्फ़ और सिर्फ़ चुदाई दिख रही थी....होंठो पर एक स्माइल लाते हुए मैने अपना एक हाथ दीपिका मॅम के सीने पर रखा और फिर उसके जिस्म को सहलाते हुए सीधे उसकी वाइट पैंटी के अंदर एक बार फिर दस्तक दी....
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मैं दीपिका मॅम को इस तरह ज़मीन मे पटक कर उसकी चूत मे उंगली करूँगा,ऐसा उसने शायद कभी सोचा भी नही होगा..मैने खुद ने भी कभी नही सोचा था...बस दिल किया और मैने कर दिया,....
"अरमान...दिमाग़ खराब है तुम्हारा...इस तरह से ज़मीन पर..."
दीपिका मॅम अपने दाँत चबाते हुए मुझसे बोली और मेरे हाथ को,जो कि उनकी सफेद पैंटी के अंदर उनकी सफेद चूत को मसल रहा था, उसको बाहर निकालने की एक और नाकामयाब कोशिश की....और जब वो उधर कुछ नही कर पाई तो एक बार फिर से मुझे धक्का देकर खुद के उपर से हटाने की कोशिश की.....
"आक्टिंग काफ़ी सॉलिड करती हो....मेरी रंडी मॅम..."उसके दोनो हाथो को मैने उसके सर के अगल-बगल अपने हाथो से जाकड़ लिया और फिर पूरा उस पर समाता हुआ अपने होंठ उसके होंठ के करीब लाया...
"मैं जानता हूँ कि तुम आक्टिंग कर रही हो...तुम्हारी आँखो मे मैं देख सकता हूँ...."
"मैं समझी नही कुछ...व्हाट डू यू वान्ट टू से...."
"दुनिया मे हर कोई अपने अंदाज़ से सेक्स करना चाहता है...सबका अपना-अपना स्टाइल है,किसी को 69 पोज़ीशन सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है तो किसी को डॉगी...तो किसी को कोई और.."
"दट डज़न्ट' मॅटर फॉर मी...आइ एंजाय एवेरी पोज़िशन..."
"लेकिन तुम खुद का रेप करवा कर चुदना पसंद करती हो....राइट..."
"क्या दिमाग़ तो सही है तुम्हारा..."वो ऐसे रिएक्ट करके बोली जैसे की उसकी चोरी पकड़ी गयी हो...."हटो मेरे उपर से..."
"इतनी जल्दी भी क्या है जानेमन...एक बार लीप लॉक तो करने तो दे..."
उसके बाद मैने उसे चोदने के बजाय उसके उपर और दबाव बनाया और अपनी उंगलियो को उसके होंठो पर फिरते हुए बोला"मस्त है..."
"क्य्ाआंनह..."
"कुछ नही..."
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