RE: Biwi ki Chudai बीवी के गुलाम आशिक
मेरा फोन घनघना उठा था ,नंबर विक्रम का था ..
“हल्लो ..”
“बे गांडू तेरी बीवी उस अब्दुल के साथ रेस्टारेंट में बैठी है ..”
“तमीज से बात कर मुझसे ..”मैं भड़का ,लेकिन वो हंसा
“तुझसे तमीज से बात ...किस बात की तमीज और किस बात की इज्जत जो अपनी बीवी को नही सम्हाल पाए उसे मैं चुतिया कहता हु ,और जिसे पता हो की उसकी बीवी अपने आशिक के साथ है फिर भी चुप रहे उसे गांडू..”
अभी भी उसके आवाज में वही गुस्सा था ..
“भोसडीके मैं तेरा अधिकारी हु ..”
“अरे माँ चुदाये साला,अधिकारी बनता है कर ले जो करना है नॉकरी से निकाल देगा ना और क्या करेगा ,भाड़ में जाए ऐसी नॉकरी ..”
मैं उसे जानता था और इसलिए चुप रहना भी बेहतर समझा
“क्या हुआ बे गांडू ..”
“वँहा क्या कर रहा है तू..”
“अब ये मत कहना की यंहा भी मोना तुझसे पूछ कर आयी है ,मादरचोद कही वो अब्दुल से चुदती तो नही ना ..”
“मादरचोद ..’मैं चिल्लाया
“हद में रह तू अपने ..”वो भी थोड़ा सहम गया शायद वो ज्यादा भी बोल गया था ..
“सॉरी यार वो गलती से ..”
“तेरी हर गलती इसीलिए माफ कर देता हु क्योकि तू मेरा दोस्त है ..”
“नही तो क्या उखाड़ लेता ..”
वो हंसा ,मैं हँस तो नही पाया लेकिन साले पर गुस्सा भी नही आया
“क्या कर रही है मोना वँहा ..’
“अब तू मुझसे अपनी बीवी की जासूसी करवाएगा ..”
“नही बे मैं तो तेरी मदद कर रहा हु ,अब दूसरे से चुदे उससे अच्छा है की मेरे दोस्त से ही चुदे …”
मेरी बात से वो गंभीर हो गया था ..
“अभी ..यार तू कुछ छुपा तो नही रहा है ना मुझसे ,तू ऐसा कैसे कर सकता है बे ,कौन सी बात तू अपने दिल में दबा के रखा हुआ है जो तू ये सब कर रहा है,मैं तुझे जितना जानता हु तो अपने प्यार पर किसी दूसरे का साया भी बर्दास्त नही कर सकता था आज क्या हो गया है तुझे भाई ..”
उसकी आवाज में एक दर्द था ..
“बोला ना तेरा भाई अब बदल चुका है उसे मजा आता है की कोई उसकी बीवी के साथ ..अब तक कई लोग उसके आशिक बन कर घूम रहे थे अब तू भी उनमे शामिल होजा …तसल्ली रहेगी की मेरी बीवी के ऊपर चढ़ने वाला मेरा ही दोस्त है …”
वो ऐसे चुप हो गया जैसे सांप सूंघ गया हो ..
“अब बता क्या कर रहे है दोनो ..”
विक्रम की नजर अब भी उस रेस्टारेंट में थी ..
“पता नही साले किस बात पर इतना हँस रहे है ,मोना बार बार बेवजह ही शर्मा रही है ,ऐसा लग रहा है कोई प्रेमी जोड़ा हो ..”
मैं हंसा ..
“तो तू क्या कर रहा है ..भूल जा की वो मेरी बीवी है बस ये सोच की वो एक चूद है जो तेरा टारगेट है मुझे पता है की तूने आज तक कभी अपना टारगेट मिस नही किया है …”
वो थोड़ी देर तक कुछ नही बोला लेकिन फिर एक गहरी सांस ली जैसे कोई बड़ा फैसला कर लिया हो …
“अगर तुझे यही चाहिए तो ठीक है आज से मोना मेरे लिए मेरी भाभी नही एक टारगेट है …”
उसने फोन रख दिया……..
………..
15 दिन बीत चुके थे ,ना ही विक्रम ने मुझे कुछ कहा था ना ही मोना ने ,बस मोना के तेवर थोड़े बदले से थे,वो सज धज कर घर से निकलती थी ,पहले भी वो सज धज कर ही जाती थी लेकिन अब वो मुझे बोलकर जाती थी की वो अपने आशिकों के लिए तैयार हो रही है ...शायद मुझे जलाने के लिए लेकिन मैं उसे बस इतना ही कहता था की तेरी जैसी इक्छा …
मुझे मेरे खबरी का फ़ोन आया की कलकत्ता से माल आना शुरू हो चुका है ,मेरे कान खड़े हो चुके थे …
मैंने तुरंत ही डॉ चुतिया को काल लगाया ..
“खबर पता चली आपको…”
“पता तो चल गई लेकिन ...क्या तुम सच में पुलिस को इसमें शामिल नही करना चाहते…??”
“नही ...ना जाने कौन उनसे मिला हो …”
“वो तो ठीक है ऐसे भी मुझे माल दुबई जाने से रोकना है ,और उसे उनके सही जगह पर पहुचना,लेकिन जो नया इंस्पेक्टर आया है उसका क्या ,तुम्ही ने तो उसे यंहा बुलवाया है ना ..”
“उसकी फिक्र मत कीजिये उसे जो चाहिए मैंने उसे उसके पीछे लगा दिया है ,अब वो कुछ और नही सोच पायेगा ..”
“अभी तुम्हे पूरा भरोसा है की तुम ये कर पाओगे ,कही किसी को तुम्हारे प्लान का पता चल गया तो ..”
“फिक्र मत करो नही चलेगा,जिसे पता होना चाहिए उसे मैं खुद ही बता दूंगा ,लेकिन अपने तरीके से …”
“तुम पर इतना तो भरोसा है की तुम कुछ दूर की सोच कर ही काम कर रहे होंगे ….”
“थैंक्स डॉ आप भी अपनी आंखे और कान खुली रखना ,जैसे ही दुबई से माल आ जाए हमे अटैक करना होगा ..”
“लेकिन किससे अटैक करेंगे,पुलिस की मदद तो तुम ले नही रहे हो ,और मेरे पास इतने आदमी भी नही है …”
“जंग लोगो से नही दिमाग से जीती जाती है डॉ ,सालो को ऐसा फ़साउंगा की बस सोचते ही रह जाएंगे की हुआ क्या था …”
मेरी आवाज में एक अजीब सी बात थी जिसने डॉ को संतुष्ट कर दिया था …….
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
|