RE: non veg kahani व्यभिचारी नारियाँ
शाजिया सोचने लगी कि क्या वो एक बार फिर इस तरह झड़ सकती है। ख्याल तो सुखद था और उसे विश्वास था कि गधा भी एक बार फिर उसकी चूत का स्वाद लेना पसंद करेगा। उसे ये भी विश्वास था कि नजीबा अब तक तो सो चुकी होगी और उसके वहाँ आकर शाजिया को गधे की जीभ से अपनी चूत चटवाते हुए देख लेने की कोई संभावना नहीं थी। शाजिया अपनी चूत और गधे के थुथन को बारी-बारी देखने लगी।
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लेकिन तभी गधे ने अपना सिर उछाला और फिर घूम कर तिरछा खड़ा हो गया। शाजिया की आँखों के सामने गधे का लौड़ा लहराने लगा। जब वो उत्साह से शाजिया की चूत चाट रहा था तो उसका लंड और भी विशाल हो गया था। उसका लौड़ा इतना विशाल दिख रहा था जैसे कि कल्पित प्रतिमा हो, काले पत्थर से गढ़ा हआ खंबा।
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ओहह! बेचारा जानवर'', शाजिया ने सोचा। “मैं भी कितनी स्वार्थी हैं जो अपने मजे के लिए इस बे-जुबान जानवर को इतना उत्तेजित कर दिया और अपनी चूत की शान्ति के बाद इसे तड़पता हुआ छोड़ रही हैं।
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शाजिया ने ज़िंदगी में कभी भी किसी जानवर के प्रति क्रूरता नहीं की थी और ना ही वो अब ऐसा कर सकती थी...
घर के अंदर गेस्ट-बेडरूम में नजीबा की चूत में फिर से मीठी लहरें उठ रही थीं और उसकी अंगुलियाँ एक बार फिर चूत में अंदर-बाहर हो रही थीं। नजीबा को दूर से गधे के रेंकने की आवाज़ आ रही थी जो उसकी चूत की दहकती ज्वाला में घी का काम कर रही ।
नजीबा के होंठों पे मुस्कुराहट आ गयी। वो सोच रही थी की दो-तीन दिन में वो अपने घर चली जायेगी। काश उसे उस गधे के लंड और टट्टों से खेलने का और सहलाने का मौका मिले। परंतु उसे सावधान रहना होगा। अगर शाजिया ने या किसी और ने उसे गधे का लंड सहलाते हुए देख लिया तो बहुत शर्मिन्दगी होगी और उसकी इज्जत खाक में मिल जायेगी। नजीबा क्या पता था कि बाहर शाजिया पहले से इस समय गधे के साथ ये सब कर। रही थी।
नजीबा कल्पना कर रही थी कि उसके हाथों में फड़कता हुआ वो विशाल लंड कैसा महसूस होगा। उसे खुद पे आश्चर्य हुआ जब वो यहाँ तक सोचने लगी कि उस लंड का स्वाद कैसा होगा। “राँड नजीबा?” उसने सोच, “ये तो हद ही हो जायेगी?' नजीबा की चूत से चिपचिपा रस फिर बाहर बहने लगा था और वो जोर-जोर से अपनी चूत को | अंगुलियों से चोद रही थी।
अंगुलियों से चोद रही थी।
और तभी उसे कुत्तों के भौंकने की आवाज़ सुनायी दी।
औरंगजेब और टीपू, शाजिया के बेडरूम में सुस्ता रहे थे। नजीबा की चूत की गंध हवा में। फैली तो दोनों सिर उठा कर खुशबूदार हवा को सँघने लगे और फिर उत्तेजना से भौंकने लगे। उन दोनों के लंड अपने खोल में से निकल आये थे और आँड भी सुजने लगे थे। भौंकते हुए दोनों कुत्ते चूत की मीठी सुगन्ध के पीछे उछलते हुए भागे।
जब नजीबा ने कुत्तों को भौंकते और गुर्राते हुए सुना तो उसने अपनी चूत को हाथ से ढक कर ऊपर देखा। गुस्से से नजीबा की भौंहें चढ़ गयीं। उसका ख्याल था कि शाजिया ने उन्हें अपने बेडरूम में बंद कर रखा था पर शायद जब शाजिया फोन सुनने अंदर आयी थी।
तो दरवाजा बंद करना भूल गयी होगी।
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