RE: Hindi Porn Story जवान रात की मदहोशियाँ
''अच्छा ठीक है अब अपने लण्ड की गर्मी पहले शांत करो ।। फिर तो मेरे लण्ड और गुलाबी की बर का मुकाबला होगा। '' राजु ने कहा हंसते हुए ।
मुकेश दनादन गुलाबी की बुर में अपना लण्ड पेले जा रहा था । बड़ा ही दिलचस्प मुकाबला था बुर और लण्ड का जिसे चुपचाप बैठकर देख रहे थे
अजय और संजय ।।
'' आह ! हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईई मेरे राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्जाअ क्या चुदाई करते हो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ''औरत बोली ।
'' मजा आ रहा है आपकी बुर । को ? '' मुकेश ने एक जोरदार शॉट लगाते हुए गुलाबी से पूछा
'' हाइईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई बाबूऊऊऊऊऊऊऊऊऊओ बहुत मजा आ रहा है । '' गुलाबी पूरी तरह मस्ताती हुई बोली
'' और रफ्तार बढाउ अपने लण्ड का ? '' मुकेश ने गुलाबी की चुचि के निपल को छेड़ते हुए पूछा
'' रफ्तार जितनी बढ़ाओगे मजा उतना ही आयेगा मेरे राजा ।''
'' बहुत रसीला है। आपका बुर । ''
'' आपका लण्ड भी कम मस्त नहीं ।''
'' ऐसी बुर को ऐसा ही लण्ड चाहिए ?..''
'' हां तभी मजा भी आता है चुदाई में ।''
'' आपकी चुचियों भी शानदार है । ''
'' उपर वाले की मेहरवानी है। ''
'' या मरद ने मसल-मसल कर बड़ा कर दिया है ''
'' ऊपर वाला अगर मेरी चुचियों को बनाने में उदार न होता तो मरद के मसलने से होता ही क्या ? दोनों के सहयोग से ही मेरी चुचियां मस्त-मस्त हैं । |''
'' आपका मिजाज भी रंगीला है । ''
''और दुनिया में है ही क्या ? चार दिनों की तो जिन्दगानी है फिर तो इस दुनिया से चल ही देना है। इसलिए जितनी मौज मस्ती से दिन गुजार ले उतना ही अच्छा है । *
चोदते-चोदते मुकेश गुलाबी की चुचियों को बुरी तरह मसलने लगा लेकिन वह सब गुलाबी को अच्छा लग रहा था । मुकेश औरत की चुची के निप्पल को मसलने लगा । चूसते चुसते वह कभी दांत भी काट लेता निप्पल को ।
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