Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
04-07-2019, 12:20 PM,
#20
RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
दोस्तो, आगे क्या हुआ वो तो आप जानते ही हो कि ललिता का हाल जानने ये रचना और अमर आए हैं तो चलो अब अमर और रचना के पास चलते हैं। वो वापस अपने रूम की ओर जा रहे हैं और रास्ते में उनकी बातचीत हो रही है।
अमर- रचना यार मुझे ललिता के लिए बहुत चिंता हो रही है कितना खून निकला उसका.. उफ्फ मेरी तो हालत खराब हो गई देख कर…!
रचना- अरे भाई ललिता को कुछ नहीं होगा.. आप रूम में चलो मैं सब समझाती हूँ आपको…!


अमर और रचना वापस अपने रूम की ओर जा रहे हैं और रास्ते में उनकी बातचीत हो रही है।
अमर- रचना यार मुझे ललिता के लिए बहुत चिंता हो रही है कितना खून निकला उसका उफ्फ मेरी तो हालत खराब हो गई देख कर।
रचना- अरे भाई कुछ नहीं होगा ललिता को.. आप रूम में चलो मैं सब समझाती हूँ आपको…!
रूम में जाकर अमर बेड पर लेट गया और रचना उसके पास बैठ कर उसके बालों को सहलाने लगी।
अमर- रचना अब बताओ क्या बताने वाली थी?
रचना- भाई यही कि जो खून देख कर आप घबरा रहे हो वो सील टूटने पर आता है, मुझे भी बहुत आया था, जब शरद ने मेरी सील तोड़ी थी।
अमर- क क क्या तुम्हारी सील शरद ने तोड़ी थी.. ओ माई गॉड..!
दोस्तो, लो खुल गई पोल शरद की.. अब देखो मज़ा…!
रचना सकपका जाती है कि उसने ये क्या बोल दिया.. वो बात को संभालती हुई।
रचना- ओह सॉरी ग़लती से बोल दिया शरद ने नहीं मेरे बॉय-फ्रेंड ने जब पहली बार चुदाई की थी उस टाइम बहुत दर्द हुआ था और खून भी आया था।
अमर- लेकिन अभी तुमने शरद क्यों कहा..! सच बताओ माजरा क्या है…!
रचना- ओह्ह कहा है तो हम कल से शरद शरद कर रहे हैं इसलिए गलती से उनका नाम ज़बान पर आ गया यार ! और शरद कैसे सील तोड़ेगा हा मेरे बॉय-फ्रेंड के बाद आपने मुझे चोदा और आपके कहने पर मैंने शरद के लिए ‘हाँ’ की उसका नम्बर तो बहुत बाद में आया था, लेकिन मज़ा बहुत दिया शरद ने, यह मैं जरूर बोलूँगी…!
अमर- हाँ ये तो है.. मैंने देखा था और दो बार मूठ भी मारी थी.. तुम्हारी चुदाई देख कर…!
रचना- क्या भाई, आप अपनी बहन की चुदाई देख रहे थे.. आपको शर्म नहीं आई क्या…!
अमर- अरे बहना शर्म कैसी.. जब मैं खुद तुम्हें शरद से चुदाई करने का बोल सकता हूँ, तुमको चोद सकता हूँ तो देखने में क्या हर्ज है.. अब देखो इन बातों से लौड़ा कैसे तन गया है…!
रचना- तो आ जाओ, अभी उसका तनाव कम कर देती हूँ…!
दोनों एक-दूसरे से लिपट गए और चुम्बन करने लगे। चुम्बन के दौरान वो दोनों एक-दूसरे के कपड़े निकालने लगे। पाँच मिनट के अन्दर दोनों नंगे बेड पर लिपटे हुए पड़े थे, जैसे कोई साँप चंदन के पेड़ से लिपटा हुआ हो।
दोनों के हाथ और होंठ बराबर चल रहे थे। कभी रचना गर्दन को चूमती, तो कभी होंठों को और शरद तो निप्पल का रस पीने में मस्त था, उसके हाथ चूत को सहला रहे थे। दोनों चुसाई में लगे हुए थे।
दोस्तो, एक बात बता दूँ इन दोनों ने बीयर कम पी थी इसलिए इन पर ज़्यादा नशा नहीं चढ़ा था। इनको चूमा-चाटी करने दो.. आओ ललिता का हाल देख आते हैं।
क्योंकि आप सब के जेहन में कई सवाल चल रहे हैं.. जिनका जवाब उसी कमरे में मिलेगा !
तो आइए वहाँ भी देख लेते हैं कि वहाँ क्या हो रहा है।
अमर और रचना के जाने के बाद शरद ने कमरा लॉक कर लिया।
शरद- ओह माय डार्लिंग यू आर सो स्वीट… अच्छा किया जो उनको जल्दी भगा दिया…!
ललिता- आ..हह.. अब मुझे उठाओ भी.. उफ्फ जान निकल रही है.. अई.. मैं हिल भी नहीं पा रही हूँ…!
शरद उसे गोद में उठा कर बाथरूम तक लेकर गया, बाथटब के पास बैठा कर गर्म पानी से उसकी चूत का खून साफ करने लगा।
ललिता- आआईइ ससस्स बहुत दु:खता है.. आ आराम से रब करो ना उफ्फ…!
शरद ने उसकी बातों की परवाह किए वगैर उसको अच्छे से साफ कर दिया और टब में गर्म पानी डालकर उसको अन्दर बैठा दिया।
शरद- जान, इस गर्म पानी में आराम से बैठो और हाथ से चूत को धीरे-धीरे सहलाती रहो सारा दर्द निकल जाएगा, मैं अभी आता हूँ।
!
शरद अपना लौड़ा धोकर बाहर निकला और चादर उतार कर कोने में डाली, नीचे प्लास्टिक शीट पर भी खून लगा था, उसको भी उतार कर कोने में डाल दिया, अलमारी से नई चादर बेड पर डाल कर उसने अपने कपड़े पहने और कैमरा चैक किया जिसके साइड में छोटी स्क्रीन थी.. उसे ऑन करके देखा- ..अमर और रचना लिपटे हुए चुम्मा-चाटी कर रहे थे।
वो मुस्कुराता हुआ स्क्रीन बन्द करके कमरे के बाहर चला गया।
शरद सीढ़ियों पर चढ़ कर ऊपर कोने के एक कमरे के पास गया और दरवाजा खटखटाया।
अन्दर से सचिन ने दरवाजा खोला और शरद अन्दर चला गया।
वहाँ सचिन के अलावा एक और आदमी था जो बैठा हुआ शराब पी रहा था।
शरद- अबे साले, कितनी पिएगा अब बस भी कर…
सचिन- यार यह अशोक ज़्यादा उतावला हो रहा है। तुम लोगों की लाइव चुदाई देख कर इसका दिमाग़ खराब हो गया है।
अशोक- अबे चुप साले.. मुझे रोक लिया नहीं तो आज मैं उन दोनों बहनों का गेम बजा देता… साली क्या गजब की आइटम गर्ल है वो.. अगर शरद तू मेरा दोस्त नहीं होता न.. तो मैं कब का जाकर उन दोनों को चोद देता.. प्लीज़ यार अब तो दिलवा दे ना मुझे उनकी चूत…!
शरद- यार सब्र करो दिलवा दूँगा.. बस आज की रात रुक जा.. कल रात को पक्का वो तेरी बाँहों में होगी.. अब तो दोनों को यहीं रखेंगे.. अब कहाँ जाएंगी साली…!
अशोक- हा हा हा साली दोनों बहनों को अपनी रखैल बना कर रखेंगे.. मगर उस बहनचोद का क्या करोगे यार?
शरद- कल सुबह मैं रचना के मुँह से उन दो हरामियों का नाम पूछूँगा और उसके बाद उन दोनों के साथ इस हरामी को भी खत्म कर दूँगा…
अशोक- शरद मैं मारूँगा उन कुत्तों को.. मेरी सिमी का बदला मैं लूँगा उनसे.. और रचना से जब मेरा मन भर जाएगा तो इसे इतनी भयंकर मौत दूँगा कि इसकी रूह भी कांप जाएगी…!
शरद- क्यों अशोक सिमी सिर्फ़ तुम्हारी थी मेरी कुछ नहीं थी क्या..? हम दोनों मिलकर उसका बदला लेंगे…!
सचिन- यार शरद, इस अशोक ने आधी-अधूरी बात बताई है.. आख़िर सिमी के साथ ऐसा क्या हुआ था और यह रचना तो सिमी की बेस्ट फ्रेण्ड थी ना फिर इसने ऐसा क्यों किया बताओ ना यार?
शरद- तुम सिमी को कब से जानते हो?
सचिन- यही कोई 8 महीने पहले जब वो इंडिया आई थी अशोक के साथ तब से जानता हूँ। अशोक को तो बहुत पहले से जानता हूँ पर सिमी को उस वक्त पहली बार देखा था। बहुत स्वीट-गर्ल थी वो, उसकी मौत का सुनकर मुझे बहुत दु:ख हुआ था, पर उस समय कारण पता नहीं था…!
शरद- रचना को कैसे जानते हो?
सचिन- सिमी ने ही बताया था इसके बारे में.. वो मुझे अपना भाई मानती थी और अक्सर रचना के बारे में बात करती थी। उसने कई बार मुझे और अशोक को उससे मिलाना चाहा, पर मौका ही नहीं मिला, उससे मिलने का.. उसकी मौत के बाद अशोक भी एकदम टूट गया था। जब तुम आए और तुमने कहा कि सिमी के साथ कुछ गलत हुआ तो तब हम दोनों का दिमाग़ घूम गया, पर यार अभी भी तुमने बताया नहीं कि तुमको पता कैसे चला और ऐसा क्या हुआ जो तुम ये सब कर रहे हो?
शरद- बता दूँगा.. कल सारी बात बता दूँगा अभी बस वीडियो बनाओ, मैं जाता हूँ ललिता कहीं बाहर ना आ जाए…!
अशोक- उसकी हिम्मत नहीं है यार.. तुमने साली का हाल बिगाड़ दिया है.. जाओ जाकर बाथरूम से उठाओ उसे.. यह देखो साली कैसे चूत को सेंक रही है…!
अशोक ने एलईडी को ऑन करके ललिता को लाइव देख कर बोला।
शरद- ओके… मैं जाता हूँ तुम ध्यान रखना कोई गड़बड़ ना होने पाए…!
इतना कहकर शरद बाहर निकल कर नीचे चला गया।
कमरे में आकर शरद बीयर की बोतल खोल कर पीने लगा।
शरद- जान क्या कर रही हो.. अब आ भी जाओ बाहर…!
ललिता- शरद अन्दर आकर ले जाओ.. मुझसे चला नहीं जाएगा…!
शरद ने अन्दर जाकर ललिता को टब से निकाला, तौलिये से अच्छे से सुखा कर अपनी गोद में लेकर बाहर ले आया।
बेड पर बैठा कर उसके पास बैठ कर बोला- लो जान थोड़ी बीयर पीलो.. दर्द कम हो जाएगा…!
ललिता- ना बाबा नहीं पीनी.. मेरा तो सर घूम जाता है…!
शरद- अरे जान पियो.. लो मेरे हाथों से पियो…
ललिता- अच्छा पीती हूँ, पहले आप ये बताओ आपने चुदाई के वक्त मास्क क्यों लगाया था और वो आदमी कौन था…!
शरद- अरे यार मैंने वीडियो बनाया है हमारी चुदाई का.. इसलिए स्टाइल के लिए मास्क लगाया और किस आदमी की बात कर रही हो तुम…!
ललिता- मैंने देखा था.. वो यहीं खड़ा था.. उसके पास कैमरा भी था…!
शरद- जान तुम नशे में थी, इसलिए तुमको वहम हो गया होगा.. यहाँ पर हमारे सिवा कोई नहीं था।
ललिता- अच्छा यह भी हो सकता है… शायद नशे की वजह से ऐसा लगा हो, मगर अभी फ़ोन किसका आया था और आपको कैसे पता चला कि वो आ रहे हैं…बताओ…!
शरद- जान तुम तो पुलिस की तरह छान-बीन कर रही हो.. लो बीयर पियो.. सब बताता हूँ…!
शरद सोच में पड़ गया कि उसने तो ललिता को नशे में समझ कर ये सब किया.. मगर इसको तो सब याद है, कहीं कोई पंगा ना हो जाए वो सोचने लगा कि इसको क्या जवाब दूँ।
ललिता- शरद बताओ ना.. कोई तो बात है जो आप मुझसे छुपा रहे हो…!
शरद बीयर की बोतल मुँह से लगा कर गट-गट पीने लगता है।
दोस्तो, शरद तो फँस गया कि अब क्या जवाब देगा यह !
चलो इसको बीयर पीने दो, उसके बाद शायद ये ललिता को सच बताए !
हम रचना के पास चलते हैं, उन दोनों की चूमा-चाटी बन्द हुई या नहीं अब तक…!
अमर बेड पर लेटा हुआ था और रचना उसके लंड को चूस रही थी।
अमर- आ आ..हह.. बहना उफ्फ मज़ा आ रहा है उफ्फ तुम बहुत अच्छा चूसती हो.. उफ्फ ऐसा ललिता को भी सिखा देना.. उसको भी लौड़ा चुसवाऊँगा.. पर अफ़सोस बस इस बात का रहेगा कि मेरी दो बहनें है और दोनों ही क़यामत ढाने वाली हैं, पर मैं किसी एक की भी सील ना तोड़ पाया। तुमने बॉय-फ्रेंड से तुड़वा ली और ललिता की शरद ने तोड़ दी.. काश मेरे नसीब में एक तो होती…!
रचना- ओह भाई.. आप इतने मायूस क्यों होते हो.. अगर आप चाहो तो एक नहीं दो सील आपको तोड़ने को मिल सकती हैं !
अमर- वाउ.. क्या बात करती हो.. दो सील.. मज़ा आ जाएगा बताओ न कहाँ.. और किसकी..!
रचना- बताती हूँ बाबा पर वादा करो हमेशा मेरा साथ देते रहोगे और मॉम-डैड को कभी इन बातों का पता नहीं चलना चाहिए…!
अमर- ओके बहना… वादा रहा। अब जल्दी बताओ ना यार प्लीज़…!
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