Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 12:19 PM,
#11
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
थोड़ी देर की तकलीफ़ के बाद मोनिका खुद ही उछल

उछल कर विजय से अपनी गान्ड मरवाती है और करीब 15 मिनिट की चुदाई के बाद विजय का पानी मोनिका की गंद में निकल जाता है. और साथ साथ मोनिका भी झाड़ जाती है.और इसी बीच जब विजय का पानी निकलता है तो विजय भी ज़ोर ज़ोर से चीखने लगता है और उसके मूह से अचानक निकल पड़ता है ओह ...........राधिका..............................??????

मोनिका भी हैरत से विजय को देखने लगती है और फिर ना चाहते हुए भी उसका शक बढ़ता जाता है.

उधेर विजय भी चुप चाप अपने कपड़े पहन लेता है और मोनिका से नज़रें नही मिला पाता.

मोनिका- ये राधिका कौन है विजय. मोनिका ये

सवाल उससे पूछेगी विजय ने कभी सोचा भी नही था और वो एक दम से हड़बड़ा जाता है .

मोनिका भी उसकी ओर हैरत से देखती है लगता है

जैसे विजय उससे कुछ छुपा रहा है या क्या कोई राज़ है . अगर इसमें कोई राज़ है तो क्या है वो राज़................

मोनिका को शक भारी नज़रो से देख कर एक बार

तो विजय भी मन में घबरा जाता है .तभी जल्दी से आपने आप को संभालते हुए कहता है

विजय- कौन राधिका ???? मैं किसी राधिका को नही

जानता.

मोनिका- तुम मुझे बुद्धू समझते हो क्या . क्या

मतलब है नही जानते . अगर नही जानते तो फिर राधिका शब्द तुम्हारी ज़ुबान पर कैसे आया. मोनिका थोड़ी गुस्से से विजय को देखकर बोली.

विजय- कसम से जान मैं किसी राधिका को नही

जानता. अगर ऐसी कोई बात होती तो मैं तुमसे आख़िर

क्यों छुपाता. विजय ने भी अपनी बात को ज़ोर देते हुए

कहा.

मोनिका- तुम मुझसे कुछ छुपा रहे हो सच सच बता दो वरना अच्छा नही होगा.

विजय- नही मोनिका सच कह रहा हूँ मैं किसी

राधिका को नही जानता. वो तो बस मैं आज सुबह

राहुल के पास गया था तो मुझे राहुल के साथ

राधिका नाम की लड़की मिली थी बस तभी से ..........

मोनिका- अगर ये बात सच है तो फिर ठीक है . अगर

ये बात झूठी निकली तो समझ लेना मैं सीधा

राहुल के पास जाकर तुम्हारी पूरी करतूत उसको बक

दूँगी. उसके बाद तुम समझ लेना राहुल तुम्हारे

साथ क्या करेगा.

विजय- हे जान आर यू सीरीयस. जैसे तुम समझ

रही हो ऐसा कुछ भी नही है. इतना कहकर विजय झट से अपने रूम से बाहर निकल जाता है और मोनिका को हज़ारों सवाल सोचने पर मज़बूर कर देता है.

मोनिका - हो ना हो दाल में कुछ काला ज़रूर है.

मैं जानती हूँ विजय किस हद तक कमीना है. वो

कुछ भी कर सकता है उसका कोई भरोसा नही है

पर इसके पीछे वजह क्या हो सकती है . मोनिका

बहुत देर तक सोचती है पर उसे कुछ नही समझ आता है और वो भी रूम से बाहर अपने घर की ओर चली जाती है.

++++++++++++++........................+++++++++++++

दूसरे दिन

राधिका अपने घर से तैयार होकर बाहर निकलती

है कॉलेज के लिए तभी निशा का फोन आता है.

वो फोन रिसेव करती है

निशा- अरे मेडम कहाँ पर हो तुम मैं कब से

फोन लगा रही हूँ और तुम रिसेव क्यों नही

कर रही हो.

राधिका- यार तेरा कब कॉल आया था.

निशा- अरे 1/2 घंटा पहले ही तो ट्राइ कर रही थी.

तूने एक भी बार फोन रिसेव नही किया.

तभी उसको याद आता है कि वो उस वक़्त बाथरूम

में थी.

राधिका- ओह सॉरी जान मैं नहा रही थी. बता

कैसे फोन किया.

निशा- तू इस वक़्त कहाँ पर है. मुझे तुझसे एक

ज़रूरी बात करनी है.

राधिका- मैं अभी घर से ही निकली हूँ एक

काम कर मेरे चॉक पर आ जा.

निशा- ठीक है मैं थोड़ी देर में आती हूँ.

राधिका भी जल्दी से उसी जगह जाने के लिए मुड़ती है

तभी वो कुछ ऐसा देखती है की उसके बदते कदम वही पर रुक जाते हैं.

सामने एक अँधा भिकारी बड़े गौर से राधिका को देख रहा था. जब राधिका की नज़र उस पर पड़ती है तो वो अँधा भिकारी इधेर उधेर देखने लगता है. बस फिर क्या था राधिका उसके पास पहुँचती है .

भिकारी- अंधे को कुछ पैसे दे दे बेटी.

राधिका- बेटी!!!! राधिका मन में सोचती है इसको कैसे पता कि मैं लड़की हूँ अभी तो मैने इससे कुछ भी बात तक नही की. इसका मतलब साला आँधा बनने का नाटक कर रहा है. अभी मज़ा चखाती हूँ.

भिकारी- बेटी कुछ पैसे दे दे दो दिन से भूका

हूँ.

राधिका- बाबा तुम्हें कैसे पता चला कि मैं

लड़की हूँ और मैने तो तुमसे कोई बात भी नही की

है फिर कैसे................

भिकारी- इतना सुनते ही एक वो एकदम से घबरा जाता है और अपने आप को सम्हालते हुए कहता है वो बेटी बस मन की आँखों से देख लिया...

राधिका- ऐसा !!! तो आपका मन की आँखे तो

बहुत स्ट्रॉंग है. तो आप सब कुछ देख सकते हैं

तो फिर भीक क्यों माँगते हो.

बाबा- नही बेटा हर चीज़ मैं मन की आँखों

से नही देख सकता. बस एहसास कर लेता हूँ.

राधिका- कमीना कहीं का अभी देखती हूँ तेरी

मन की आँखें कितनी तेज़ है. राधिका मॅन में

सोचते हुए बोली.

राधिका थोड़े उसके करीब आती है और अपना

दुपट्टा अपने सीने से हटा देती है और अपने हाथ में रख लेती है. फिर उसके सामने अपनी कुरती का एक बटन धीरे से खोल देती है. और राधिका के बूब्स का क्लीवेज सॉफ दिखाई देने लगता है.

राधिका गौर से भिकारी के चेहरे के एक्सप्रेशन

को पढ़ने की कोशिश करती है. अक्टोबर का महीने

में कोई ख़ास ना सर्दी पड़ती ना ज़्यादा गर्मी फिर भी उस भिकारी के चेहरे पर पसीने की कुछ बूंदे दिखाई देती हैं. अब उसको पूरी बात क्लियर हो जाती है कि वो अँधा नही है. राधिका तो अभी पूरे कपड़ों में कितनो पर बिजली गिरा सकती है . और उपर से उसने अपने हल्के बूब्स के दर्शन करा दिए तो उस भिकारी पर क्या गुज़रे गी भला.

राधिका- बाबा आप कब से अंधे हैं.

भिकारी- एक दम से घबरा जाता है और तोतला कर

बेटा है वो..........मैं.. मैं.... बच.....पा...न से......

राधिका को इस तरह से उस भिकारी के पास बैठा

देख कर आस पास के लोग भी अब राधिका को गौर से देखने लगते हैं और कुछ आदमी तो वही पर

खड़े होकर दूर से तमाशा देखते हैं.

तभी राधिका आसमान की ओर देखकर ज़ोर से बोलती

है -- अरे ये क्या है आसमान में लगता है कोई

बाहरी ग्रह के एलीयेन्स हमारी धरती पर उतर रहे

हैं.

भिकारी तो कुछ पल के लिए ये भी भूल जाता है वो

अँधा है और वो भी आसमान की तरफ देखने लगता है. पर उसको तो कुछ दिखाई नही देता. हो गा तब तो कुछ दिखेगा ना.

वो ग़लती करने के बाद भिकारी के मूह से अचानक निकल पड़ता है- कहाँ है वो एलीयेन्स वाला जहाज़. बस फिर क्या आस पास के लोग भी समझ जाते हैं और जो पिटाई उस भिकारी की होती है बेचारा उल्टे पाँव भाग खड़ा होता है.

राधिका- छी..... ना जाने कैसे कैसे लोग है इस

धरती पर. और राधिका गुस्से से मूड कर अपने

रास्ते चल देती है.

निशा- अरे महारानी अब क्या हुआ क्यों तुम्हारा

मूड अपसेट है. और यहाँ पर इतनी भीड़ क्यों जमा है. कोई आक्सिडेंट तो नही हो गया ना किसी का ...

राधिका उसे पूरा बात बता देती है

निशा- हा..हा. हहा ..हहा .हः... ओह माइ गॉड ......हा

हा प्लीज़ राधिका मेरी तो हँसी नही रुक रही. हा

हाहाहा ....

राधिका- तुझे हँसी आ रही है और मेरा खून

खोल रहा है. साला मेरे हाथों से बच गया. अगर हाथ आया होता तो साले की सचमुच आँखें निकाल लेती.

निशा- यार तू हर वक़्त पंगा क्यों लेती रहती है .क्या तूने समाज सुधारने का ठेका ले रखा है

क्या .इतना कहकर निशा फिर से हँसने लगती है.

राधिका- चल ना यार सब लोग हमे ही देख रहे हैं.

निशा- अरे ऐसे ऐसे काम करेगी तो सब लोग

तुझे ही तो देखेंगे ना. इतना कहकर निशा राधिका

को लेकर चली जाती है.
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