Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 02:02 PM,
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
थोड़ी देर बाद वो स्टॉप आ गया….जहा पर हमें उतरना था….मैं और रानी बस से नीचे उतरे तो, रोड एक दम सुनसान था….रानी ने चारो तरफ देखा और बोली… “ अब तुम मेरे पीछे आना….थोड़ा फाँसला रख कर…..” मेने हां में सर हिला दिया और थोड़ा फाँसला बना कर रानी के पीछे-2 चलने लगा…में रोड से गाओं 1 किमी दूर था… और 5 मिनिट चलने के बाद हम गाओं के बाहर पहुच गये थे…रानी ने मूड कर पीछे मेरी तरफ देखा और गाओं के शुरुआत में ही बने हुए एक छोटे से घर की तरफ इशारा किया…..उस घर में सिर्फ़ एक ही रूम और किचन नज़र आ रहा था…. साइड्स की बाउंड्री 6-7 फीट उँची थी….रानी उस घर की तरफ जाने लगी….और मुझे इशारा कर दिया कि, यही वो घर है…

मैं वही से वापिस लौट आया….और में रोड पर आकर बस का इंतजार करने लगा…आधा घंटे तक इंतजार करने के बाद मुझे बस मिल गयी…में बस में चढ़ा और सिटी की टिकेट ले ली….जहा में कॉलेज जाता था…अब कल रात के बनाए हुए प्लान पर काम करने का वक़्त आ गया था….आधे घंटे बाद में सिटी पहुच गया…बस से उतर कर में सीधा टेलिकॉम के दुकान पर गया…और वहाँ से एक नया नंबर पर्चेस कर लिया….मेने नये नंबर को उसी वक़्त मोबाइल में डाल लिया….ड्युयल सिम फोन होने का यही तो फ़ायदा है…दुकान दार ने बताया कि, कल सुबह तक मेरा नया नंबर शुरू हो जाएगा…मेने दुकान वाले को पैसे दिए…और बस पकड़ कर घर आ गया…उस दिन शाम तक और कोई ख़ास बात नही हुई…में पूरा दिन नाज़िया और नजीबा के बारे में सोचता रहा….और आने वाले दिनो के लिए नये -2 प्लान बनाता रहा… शाम के 6 बजे मैं रानी की बेहन के गाओं जाने के लिए तैयार हो रहा था…और सोच ही रहा था कि, अबू आने वाले होंगे….उनसे क्या बहाना बना कर जाउ…

पता नही अबू रात भर बाहर जाने के लिए राज़ी होंगे भी कि नही…मैं यही सोच रहा था कि, मेरा मोबाइल बजने लगा….मेने कॉल पिक की तो, दूसरी तरफ से अबू की आवाज़ आए….”हेलो समीर….”

मैं: जी अबू कहिए….

अबू: बेटा हम आज रात नही आ सकेंगे…..

मैं: क्यों क्या हुआ….

अबू: वो नाज़िया के भाई साहब ज़िद्द कर रहे है….रुकने के लिए….तो हम लोग कल सुबह आएँगे…..

मैं: जी…

उसके बाद अबू ने मुझे घर पर रहने की हिदायत दी और कॉल कट कर दी….मैं जल्दी से तैयार हुआ….और घर को लॉक करके मेन रोड की तरफ चल पड़ा…शाम के 6:30 बज चुके थे…बाहर ठंड पूरे ज़ोर की पड़ रही थी….चारो तरफ धुन्द चाहने लगी थी….गाओं से मेन रोड तक जो सड़क जाती थी…अब उस पर इक्का दुक्का लोग ही नज़र आ रहे थे…10 मिनिट में मैं मेन रोड पर पहुच गया…. और वहाँ खड़ा होकर बस का इंतजार करने लगा….दिल में अजीब सा डर था… आज पहली बार में बिना अबू की जानकारी के घर से बाहर रहने वाला था…दिल में ये खोफ़ भी था कि, कही अबू को इस बात का पता नही चल जाए…

पर फुद्दि के चक्कर में मेने डर पर काबू कर दिया….थोड़ी देर बाद बस आ गयी… में बस में चढ़ा….बस में भीड़ ज़्यादा नही थी….इसलिए सीट मिल गयी… बस में बैठे हुए भी यही सब दिमाग़ में आ रहा था कि, कही कुछ गड़बड़ नही हो जाए….मेने बस की खिड़की से बाहर देखा तो, पूरी तरह अंधेरा हो चुका था… 20 मिनिट बाद वो स्टॉप आ गया….जहाँ पर मुझे उतरना था….मैं बस से नीचे उतरा और अपना मोबाइल निकाल कर टाइम देखा तो,7 बजने में 5 मिनिट बाकी थे…में दिल ही दिल में दुआ कर रहा था…कि रानी मुझे घर के मेन गेट पर ही मिल जाए…. मैं मेन रोड पर उतर कर गाओं की तरफ जाने वाले रोड की तरफ बढ़ने लगा….वो रास्ता तो एक दम सुनसान था…ना तो कोई शख्स नज़र आ रहा था….

और ना ही कोई जानवर जैसे-2 में गाओं के नज़दीक पहुच रहा था…वैसे -2 मुझे गाओं के घरो में जलती हुई बत्तियाँ नज़र आने लगी….आख़िर कार में वहाँ पहुच गया….जहा से मुझे रानी की बेहन के घर के लिए मुड़ना था…मेने गहरी साँस ली और उस तरफ बढ़ने लगा….मेने दूर से ही देख लिया था कि, उस घर का मेन गेट पूरा खुला हुआ था…उस तरफ ना तो कोई और घर था….और वो रास्ता उस घर के पास पहुच कर ख़तम हो जाता था….आगे सिर्फ़ खेत ही खेत थे….में दिल में यही दुआ कर रहा था कि, उस घर में रानी और उसके भतीजी के इलावा और कोई ना हो….

क्योंकि अगर वहाँ कोई और होता और मुझे वहाँ देख लेता तो, मुझे जवाब देना मुस्किल हो जाता कि, मैं इधर क्या लेने आया हूँ….खैर में धड़कते दिल के साथ आगे बढ़ता रहा था….अब मुझे गेट से अंदर रूम तक नज़ारा सॉफ दिखाई दे रहा था…अंदर सामने एक रूम था…रूम से आगे एक साइड में छोटा सा किचन था….और रूम और किचन के ऊपेर बरामदा था….और उस वक़्त मेरी जान में जान आई.,..जब मेने रानी को उस बरामदे में चारपाई पर बैठे देखा….उसका ध्यान भी बाहर की तरफ था… जब में उस घर के पास पहुचा तो, रानी उठ कर गेट पर आ गयी….क्योंकि अंदर तो, बल्ब जल रहा था….लेकिन बाहर अंधेरा था….इसलिए रानी को पूरा यकीन नही था कि, कॉन आ रहा है….जब तक कि में उसके घर के पास पहुच नही गया….

मुझे देखते ही रानी से स्माइल की और मुझे अंदर आने का इशारा किया…जैसे में अंदर गया…..रानी ने जल्दी से गेट की कुण्डी लगा दी….और मेरा बाज़ू पकड़ कर मुझे अंदर की तरफ लेजाने लगी….” अज़ारा….” रानी ने अंदर जाते हुए आवाज़ लगाई….तो एक लड़की किचन से निकल कर बाहर आई…ओह्ह तो ये है अज़ारा….

अज़ारा सच में वैसी थी….जैसा रानी ने मुझे बताया था….उसकी हाइट मुश्किल से 4 फीट 11 इंच थी….जिस्म रानी की तरह दुबला पतला था…मम्मे एक दम कसे हुए थे…उसने वाइट कलर का सलवार कमीज़ पहना हुआ था,…..उसकी कमीज़ में से उसकी ब्लॅक कलर की ब्रा सॉफ नज़र आ रही थी…उम्र भी कुछ ख़ास नही थी…नैन नक्श तीखे थे….पर उसका रंग रानी के मुक़ाबले कही सॉफ था…गोरा कहना भी ग़लत नही होगा….उसके जिस्म पर ब्रा में क़ैद मम्मे उसके जिस्म से अलग ही नज़र आ रहे थे…उसने मुझे देख कर स्माइल की और धीरे से बोली….”सलाम…” मेने भी जवाब दिया तो, रानी ने मेरा हाथ पकड़ कर मुझे चारपाई पर बैठा लिया….और खुद मेरे साथ बैठ गयी…थोड़ी देर बाद अज़ारा किचन से बाहर आई….उसके हाथ में पानी का ग्लास था….मेने पानी पिया….तो रानी बोली….

रानी: कोई तकलीफ़ तो नही हुई यहाँ आने में….

मैं: नही आराम से पहुच गया….

तभी अज़ारा ने रानी को किचन के अंदर बुलाया….”खाला ज़रा यहा आएँ….” रानी उठ कर किचन में चली गयी…..मेने देखा कि, किचन का डोर नही था….थोड़ी देर बाद रानी बाहर आई…और मेरा हाथ पकड़ कर बोली….”चलो अंदर जाकर बैठते है… बाहर बहुत सर्दी है…” मैं बिना कुछ बोले उठ कर रानी के साथ अंदर चला गया… अंदर एक तरफ एक डबल बेड था…पुराने ज़माने का…दूसरी तरफ पेटी थी.. जिसके ऊपेर कुछ रज़ाईयाँ और बिस्तर रखे हुए थे….”अब आराम से जूते उतार कर बैठ जाऊ.. में थोड़ी देर में आती हूँ….” रानी बाहर की तरफ जाने लगी…और जाते-2 उसने बरामदे की लाइट ऑफ कर दी…. मेने जूते खोले और बेड पर आराम से बैठ गया… मुझे थोड़ा अजीब सा लग रहा था….अंज़ान जगह भी थी….

फिर रानी करीब 10 मिनिट बाद अंदर आई….उसके हाथ में एक थाली थी…. उसने वो थाली मेरे आगे रख दी….”ये क्या है….में खाना खा कर आया हूँ…” मेने रानी की तरफ देखते हुए कहा….तो रानी मुस्कुराते हुए बोली….”अच्छा ठीक है…थोड़ा सा खा लो….” वैसे भी में जो दोपहर का बचा था…वही खा कर आया था…भूक भी लगी थी….इसलिए चुपचाप खाना खाने लगा..रानी बाहर चली गयी…..इस मर्तबा उसने कुछ ज़्यादा ही देर लगा दी थी….शायद वो और अज़ारा दोनो किचन में खाना खाने लगी थी….
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�... - by sexstories - 03-08-2019, 02:02 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,683,042 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 566,365 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,310,321 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 994,358 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,758,766 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,167,520 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,102,114 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,568,890 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,196,171 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 302,447 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 15 Guest(s)