RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
दोस्तो अलका की ओर से दो अल्फ़ाज़ हाजिर है रवि के लिए-
"टूटे हुए दिल को हमने तारा बना डाला
तेरी आवारगी ने हमे भी आवारा बना डाला"
अलका- रवि अब छोड़ ना मुझे कितना प्यार करेगा क्या सारा प्यार आज ही ख़तम कर देगा,
रवि- दीदी मेरा प्यार तुम्हारे लिए कभी ख़तम हो ही नही सकता बल्कि मैं जितना तुम्हे प्यार करूँगा मेरा प्यार उतना ही
बढ़ता जाएगा,
अलका- रवि मुझे भूख लगी है चल कुछ खाने को बनाती हूँ
रवि- दीदी आज तुम्हारा बर्थ'डे है आज मैं तुम्हे बाहर खाना खिलाउन्गा चलो जल्दी से रेडी हो जाओ
अलका- खुश होती हुई ओके और जाकर टीशर्ट और स्कर्ट पहन लेती है जिसमे वह काफ़ी सेक्सी नज़र आती है उसे देखकर रवि देखता ही रह गया,
रवि- दीदी यू आर ब्यूटी
अलका- मुस्कुरा कर, रवि मैं तुझे बहुत अच्छी लगती हूँ ना
रवि- दुनिया मे सबसे ज़्यादा
अलका- मुस्कुराते हुए तो फिर आज तू मुझे क्या गिफ्ट देगा
रवि- अलका के दूध को मुस्कुरा कर देखते हुए, अलका को अपनी बाँहो मे भर कर उसके कान मे धीरे से, दीदी आज मैं
तुम्हे पूरी रात नंगी करके तुम्हारे जिस्म के हर अंग को इतना चुमूंगा कि तुम बस यही कहोगी, रवि आइ लव यू, रवि आइ लव यू, और अपने हाथो को अलका के मोटे-मोटे चुतड़ों पर फेरते हुए, दीदी एक बात कहूँ
अलका- रवि से चिपकी हुई, क्या
रवि- अलका के मोटे-मोटे चुतड़ों पर हाथ फेर कर उनको कस कर दबोचता हुआ, दीदी तुम्हारे ये मुझे बहुत अच्छे
लगते है क्या मैं इन्हे नंगे करके इन्हे चूम सकता हूँ
अलका- अपने मोटे चुतड़ों को मसलवाती हुई, मैं नही जानती, और रवि को कस कर अपने सीने से चिपका लेती है
रवि- दीदी तुम जानती हो तुम बहुत सेक्सी हो, मैने तुमसे ज़्यादा सेक्सी लड़की कभी नही देखा,
रवि अलका के मोटे गदराए चुतड़ों को उसकी स्कर्ट के पतले कपड़े के उपर से अपने हाथों मे भर -भर कर सहला रहा
था और उसका लंड खड़ा होकर अलका की चूत से टकरा रहा था, अलका रवि के लंड की चुभन अपनी चूत मे महसूस
करके रवि से अपनी कमर को और चिपका देती है और रवि उसकी घुटनो तक की स्कर्ट को उठाने लगता है तभी
अलका- रवि प्लीज़ मुझे बहुत जोरो की भूख लगी है, अभी तू चल हम कुछ चल कर खाते है,
रवि- ओके चलो और अलका का हाथ पकड़ कर उसको अपनी बाइक पर बैठा कर उड़ जाता है और होटेल कुछ खाने का आइटम पॅक करवा कर एक शॉप से केक लेकर अलका को लेकर घर आ जाता है और फिर अलका को दीदी केक काटो, जैसे ही अलका केक काटने के लिए नाइफ उठाती है,
रवि- दीदी ऐसे नही
अलका- उसको देख कर फिर कैसे
रवि- दीदी मेरी गोद मे बैठ कर
अलका मुस्कुरा कर रवि की गोद मे बैठ कर केक काटती है फिर रवि अलका को अपने हाथो से केक खिलाता है, अलका भी
रवि को अपने हाथों से केक खिलती है, उसके बाद दोनो मिल कर खाना खाते है, रवि अलका को अपनी गोद मे बिठाते
हुए उसको बड़े प्यार से अपने हाथो से खाना खिलाता है और अलका मुस्कुरा कर रवि का गाल खिचते हुए
अलका- रवि तू तो हद से ज़्यादा मुझसे प्यार करता है
रवि- दीदी मैं तुम्हारे लिए पागल हूँ मुझे तुम्हारे सिवा इस दुनिया मे कुछ दिखाई नही देता है
अलका- मुस्कुरकर रवि को चूमते हुए, मुझे नही पता था कि तू मुझे इस कदर चाहता है,
रवि- दीदी मैं भी जानता हूँ कि तुम भी मुझे बहुत चाहती हो,
अलका और रवि एक दूसरे को प्यार से सहलाते हुए और चूमते हुए काफ़ी उत्तेजित हो रहे थे, दिन भर अलका रवि की
बाँहो मे पड़ी रही और रवि उसको प्यार से कभी सहलाता कभी जी भर कर दबोचता रहा,
करीब 4 बजे अचानक रति का फोन रवि के मोबाइल पर आता है और रवि फोन रिसीव करता है रति रवि को अभी आने को कहती है तो रवि उससे पूछता है क्या बात है इतनी जल्दी क्यो बुला रही हो और रति कुछ काम है कह कर उसे आने को कहती है, रवि अलका को बता कर अपनी बाइक से उड़ जाता है,
अलका अपने रूम मे लेटी हुई काफ़ी खुस नज़र आ रही थी और मन ही मन अपने आप से बाते कर रही थी, क्या रवि आज मुझको रात मे पूरी नंगी कर देगा, क्या रवि मुझे चोदेगा, हाई मैं ये सब कैसे करूँगी मुझे तो बहुत शर्म
आएगी, क्या आज रवि भी नंगा होगा, एक बार मैने उसके तने हुए लंड को देखा है कितना बड़ा था, क्या रवि मेरे
सामने अपना लंड दिखाएगा और क्या रवि मेरी चूत मे अपना लंड डालेगा और यह सब सोचते -सोचते अलका की चूत से
पानी आ जाता है और अलका से रहा नही जाता है और वह अपनी फूली हुई कुवारि चूत को अपने हाथो से सहलाने लगती है और आज उसे रह-रह कर रवि का मोटा लंड उसकी आँखो के सामने झूलता दिखाई देने लगता है,
कहते है ना खाली दिमाग़ शैतान का घर होता है बस वही हाल अलका का भी था वह अचानक कुछ सोच कर रवि के रूम
मे जाती है और उसके बेड के नीचे रखी वह रंगीन बुक उठाती है जिसमे लंड और चूत के काफ़ी खुले और उत्तेजक
तस्वीरे थी, अलका उन तस्वीरो को काफ़ी गौर से देखने लगी उसकी नज़र उन तस्वीरो मे तने हुए मोटे-मोटे लंड पर थी
जिन्हे देख -देख कर अलका की फूली हुई चूत पानी छोड़ने लगी थी और अलका अपनी फूली हुई चूत को अपनी मुट्ठी मे भर कर सीसियाते हुए हाई रवि आज चोद दे भैया अपनी दीदी को, मैं आज पूरी नंगी होकर तुझसे चुदवाना चाहती हूँ, अब मुझसे
बिल्कुल बर्दास्त नही होता, और अपनी आँखे बंद करके रवि के मोटे लंड की कल्पना करने लगती है,
शाम को रवि घर पहुँच जात है.....आज शाम से ही मौसम एक दम से बदल जाता है.... बादल हो जा ते हैं और बारिश जैसा मौसम बनने लगता है.......
रवि अलका के रूम मे जाता है जहा अलका रवि का ही इंतजार कर रही थी,
रवि- क्या बात है दीदी अभी तक सोई नही
अलका- रवि को मुस्कुरा कर देखते हुए हाँ नींद ही नही आ रही है
रवि- क्यो
अलका- बस थोड़ी बेचैनी हो रही है
रवि- दीदी तुम्हारी बेचैनी मैं दूर कर दूं
अलका- मुस्कुरा कर तुझे लड़कियो की बेचैनी दूर करना आता है क्या
रवि- अलका के पास जाकर बैठ हुआ लड़कियो की तो पता नही पर अपनी दीदी की बेचैनी को अच्छी तरह समझता हूँ और उसे दूर भी कर सकता हूँ
अलका- कैसे
रवि- मेरी गोद मे बैठो तो बताऊ
अलका- मुस्कुरा कर मैं नही बैठूँगी
रवि- अलका की आँखो मे देखता हुआ पर दीदी तुम्हारी आँखे तो कुछ और ही कह रही है
अलका- मुस्कुराते हुए क्यो क्या कह रही है मेरी आँखे
रवि- दीदी तुम्हारी आँखे कह रही है कि रवि मुझे कस कर अपनी बाँहो मे भर ले और रवि अलका को अपनी ओर
खींच कर सीधे उसके कसे हुए दूध को अपने पंजो मे भर कर मसल्ने लगता है
अलका- उसे दूर करती हुई, रवि मुझे दर्द होता है
रवि- अलका के होंठो को चूम कर दीदी आज मैं तुम्हे एक गहरा दर्द देना चाहता हूँ,
अलका- मुस्कुरा कर अपनी आँखे झुकते हुए, मुझे नही चाहिए कोई दर्द
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