Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:37 PM,
#97
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--92

गतान्क से आगे.................

जैसी पैंटिंग मैने उसके घर में देखी वैसी पैंटिंग कोई सनकी साइको ही बना सकता है. एक जंगल के बीच एक घोड़ा खड़ा था और उसकी पीठ पर आदमी का कटा हुआ सर रखा था.”

“अगर ऐसा है तो अभी जाकर एनकाउंटर कर देते हैं साले का सर. ऐसे लोगो को जीने का कोई हक़ नही है.” राज शर्मा ने कहा.

“मारना तो उसे है ही राज शर्मा. उसे हवालात में नही ले जाएँगे हम.उसे हवालात ले गये तो वो क़ानूनी दाँव पेच का सहारा लेकर बच सकता है. लेकिन पहले पूरा यकीन कर लें हम कि साइको कौन है…फिर इतमीनान से गोली मारेंगे साले को.”

“नही सर इतनी आसान मौत नही देनी चाहिए उसे. उसके साथ भी गेम खेली जानी चाहिए और उसकी मौत की भी पैंटिंग बन-नी चाहिए.” मोहित ने कहा.

“हां गुरु सही कह रहे हो.”

“देखेंगे वो भी पहले ये पक्का कर लें कि ये साइको है कौन.”

“सर इस कर्नल पर कड़ी नज़र रखनी होगी हमें.” राज शर्मा ने कहा.

“मैने लगा रखे हैं कुछ लोग इस काम पर.”

“सर अगर आप बुरा ना मानें तो मुझे भी इन्वॉल्व कर लीजिए. मैं भी नज़र रखना चाहता हूँ इस कर्नल पर. सारी शक की शुई उसकी तरफ ही इशारा करती हैं.”

“बिल्कुल करो जो करना है. खुली छूट है तुम्हे. मगर एक सस्पेक्ट और है, उसका नाम संजय है.”

“कोई बात नही मैं उस पर भी नज़र रख लूँगा. उस पर शक का क्या कारण है.” मोहित ने कहा.

“वो भी ब्लॅक स्कॉर्पियो लेकर घूम रहा है. और 2-3 दिन से गायब है.” रोहित ने कहा.

“ह्म्म…ठीक है दोनो का अड्रेस दे दो मुझे. मैं आज से ही इस काम पर लग जाउन्गा.”

“राज शर्मा तुम फिलहाल पद्‍मिनी के घर ही रहो. मेडम को होश आ गया होगा तो उनसे तुम्हारी ड्यूटी चेंज करने के बारे में कहूँगा.” रोहित ने कहा.

“नही सर अब चेंज नही चाहिए. मैं वही रहना चाहता हूँ.”

“आर यू शुवर.” रोहित ने पूछा.

“हां सर शुवर.”

रोहित अपनी जीप में बैठ गया और राज शर्मा और मोहित एक साथ एक जीप में बैठ गये और चल दिए वापिस देहरादून की तरफ.

“क्यों भाई राज शर्मा कैसा चल रहा है तेरा लव अफेर.” मोहित ने पूछा.

“अच्छा चल रहा है गुरु. कल रात पद्‍मिनी जी ने इज़हार भी कर दिया अपने प्यार का.”

“क्या… ऐसा कैसे हो गया. पद्‍मिनी ने इज़हार कर दिया…इंपॉसिबल.”

“गुरु दिल में प्यार सच्चा हो तो कुछ भी हो सकता है.”

“तुमने तो मूत दिया था उसके सामने, वो तुमसे प्यार कैसे कर सकती है.”

“गुरु मैं तुम्हे यही गिरा दूँगा. वो मेरी मेडिकल प्राब्लम है तुम जानते हो…फिर भी…”

“हां जानता हूँ राज …मज़ाक कर रहा था. पद्‍मिनी जी कि पप्पी ली कि नही”

“गुरु कैसी बात करते हो. मुस्कलिल से तो इज़हार किया है उन्होने. इतनी जल्दी पप्पी कहाँ से हो जाएगी. अभी तो ठीक से बात भी नही होती है.”

“भाई…प्यार में पप्पी नही ली तो क्या किया. मैने तो बड़ी जल्दी ले ली थी. प्यार बढ़ता है इन बातों से.”

“ऐसा है क्या …”

“और नही तो क्या. एक किस कयि गुना गहराई देती है प्यार को.”

“पर पद्‍मिनी जी लगता नही कि पप्पी देंगी अभी. तुम कही ग़लत सलाह तो नही दे रहे गुरु.”

“नही बिल्कुल सही सलाह दे रहा हूँ. मैं क्या तुम्हारा दुश्मन हूँ. आज ही पकड़ कर एक पप्पी ले लेना पद्‍मिनी जी कि फिर देखना तुम दोनो का प्यार और भी महक उठेगा.”

“ह्म्म सोचूँगा इस बारे में.” राज शर्मा ने कहा. उसके चेहरे पर मध्यम सी मुस्कान थी. शायद होने वाले चुंबन को सोच कर मुस्कुरा रहा था.

राज शर्मा, पद्‍मिनी को चुंबन करने के ख्याल से मुस्कुरा तो रहा था मगर उसका दिल बेचैन भी था इस ख्याल से कि क्या ये मुमकिन है अभी.

"गुरु तुम्हे नही लगता कि ये जल्दबाज़ी हो जाएगी...मतलब इतनी जल्दी किस...कुछ अजीब लग रहा है मुझे." राज शर्मा ने कहा.

"राज शर्मा तुम तो ऐसे बात कर रहे हो जैसे कि किसी लड़की के नज़दीक गये ही नही कभी.इतना एक्सपीरियेन्स होने के बावजूद कितना घबरा रहे हो एक किस करने से" मोहित ने कहा.

"गुरु जिनके साथ मेरे संबंध रहे उनसे किसी से प्यार नही था. बस एक कामुक खेल,खेल कर अलग हो जाता था मैं. किस तो नाम मात्र को ही की एक-दो बार. इसलिए किस के बारे में ज़्यादा नही पता मुझे."

"एग्ज़ॅक्ट्ली उनके साथ किस नही हुई क्योंकि प्यार नही था. मगर प्यार में अपने दिल की गहराई को देखने का किस ही सबसे अच्छा अवसर प्रदान करती है. प्यार को मजबूती देती है किस. मेरी बात मान जल्दी से एक गरमा गरम पप्पी करके इस प्यार को मजबूत करले."

"तुम मरवा मत देना मुझे कही, बड़ी मुस्किल से इज़हार किया है पद्‍मिनी जी ने."

"अरे कुछ नही होगा. तुम तो जानते ही हो कि पूजा भी पद्‍मिनी से कम नही है. बहुत झिजक्ति थी प्यार भरी बाते करने से. जब से एक चुंबन लिया है उसका तब से सब ठीक चल रहा है.”

“बहुत बढ़िया गुरु तुम तो छा गये.मगर पता नही क्यों मुझे डर लगता है पद्‍मिनी जी से”

“तुझे ये डर भगाना होगा राज शर्मा. नही तो बस एक मूतने वाले लड़के की छवि बनी रहेगी पद्‍मिनी की नज़रो में तुम्हारी. किस प्यार की ज़रूरत है. प्यार को नया आयाम देती है और मजबूती परदान करती है.”

“अच्छा.”

“हां. और हां जब किस कर लेगा तो मुझे फोन करके बताना कि कैसा रहा सब” मोहित ने कहा.

"तुम्हे क्यों बताउन्गा मैं अपनी प्राइवेट बात. पद्‍मिनी जी के बारे में कुछ डिसकस नही करूँगा मैं, सुन लो कान खोल कर. शी इस वेरी प्रेशियस फॉर मी." राज शर्मा ने कहा.

"अरे मत करना डिसकस बाबा. बस अपनी पहली किस के बाद का अनुभव बता देना हिहीही."

"तुम हंस रहे हो...इसका मतलब मुझे फसाना चाहते हो."

"तेरा भला चाहता हूँ मैं और कुछ नही. बाकी तेरी मर्ज़ी अब और कुछ नही कहूँगा." मोहित ने कहा.

"गुरु बुरा मत मानो, मैं बस पद्‍मिनी जी के लिए बहुत सेन्सिटिव हूँ." राज शर्मा ने कहा.

"नही राज शर्मा बुरा क्यों मानूँगा. मुझे पता है कि तुम उसके लिए सेन्सिटिव हो." मोहित ने कहा.

"शायद गुरु ठीक कह रहा है. पर पद्‍मिनी जी से डर लगता है.वो पप्पी तो दूर की बात है, अभी हाथ भी नही पकड़ने देंगी." राज शर्मा ने मन ही मन सोचा.

देहरादून आकर वो सब गौरव मेहरा के मर्डर की जगह पर भी गये. मगर वहाँ भी उन्हे कोई शुराग नही मिला.

वाहा से रोहित हॉस्पिटल के लिए निकल गया. और राज शर्मा मोहित को उसके घर ड्रॉप करके पद्‍मिनी के घर की तरफ चल दिया.

..............................

............

रोहित सीधा हॉस्पिटल पहुँचा. जब उसे पता चला कि शालिनी को होश आ गया है तो वो तुरंत उस से मिलने पहुँचा. चौहान आइक्यू के बाहर ही खड़ा था. शालिनी के पेरेंट्स अंदर थे.

"कैसी हैं मेडम?" रोहित ने पूछा.

"मेडम ठीक हैं. पूछ रही थी तुम्हे.खैर नही तुम्हारी अब.अभी वो मेडिसिन और इंजेक्षन ले कर सोई हैं. उन्हे डिस्टर्ब मत करना. वैसे कहाँ गये थे सुबह-सुबह." चौहान ने पूछा.

"एक ज़रूरी काम था."

"ह्म्म...तुम्हारी तो टांगे टूट जानी चाहिए थी खाई में गिरकर...बच कैसे गये तुम." चौहान ने कहा.

"सर एक बार फिर रिक्वेस्ट करना चाहता हूँ आपसे. मुझे पता है आप मुझे पसंद नही करते पर मैं यकीन दिलाता हूँ आपको कि मैं रीमा को खुश रखूँगा. जब मैं उस से मिला था मुझे नही पता था कि वो आपकी बहन है वरना बात आगे बढ़ाता ही नही. आपसे रिक्वेस्ट है हाथ जोड़ कर की प्लीज़ रीमा का हाथ मेरे हाथ में दे दीजिए."

"देखो रोहित...जो बात नही हो सकती उसके लिए रिकवेस्ट मत करो. खुद को और कितना गिराओगे तुम. मुझे पता है मेरी बहन कहाँ खुश रहेगी. तुम उसका पीछा छोड़ दो. उसकी जींदगी में जहर मत घोलो तुम. सब कुछ शांति से निपट जाने दो. और दुबारा फोन से कॉंटॅक्ट मत करना रीमा को. तुम्हारी ग़लती की सज़ा उसे दे कर आया हूँ मैं. बहुत मारा मैने उसे कल रात. "

"ठीक है आपको जो करना है कीजिए. पर उसे मारिए मत. प्यार करती है वो, कोई गुनाह नही कर दिया उसने." रोहित ने कहा.

"शट अप...मैं तुमसे कोई बात नही करना चाहता."

चौहान गुस्से में वहाँ से चला गया.रोहित ए एस पी साहिबा के रूम के बाहर बैठ गया.

"बहुत बुरा लगा होगा मेडम को. पर मैं काम से ही गया था. अब डाँट पड़ेगी शायद. मैने ना जाने क्या-क्या बोल दिया था मेडम को. पता नही मुझे क्या हो गया था. पर मैने जो भी किया उनके लिए किया. उम्मीद है कि मेडम मुझे ग़लत नही समझेंगी." रोहित ने खुद से कहा.

रोहित ये सब सोच ही रहा था कि उसका फोन बज उठा. फोन साइको का था.

“मिस्टर पांडे…मेरी आर्ट का कोई हिस्सा जिंदा बच जाए तो मुझसे बिल्कुल बर्दास्त नही होता. तुम दोनो को अब तडपा-तडपा कर मारूँगा. इस बार एक खौफनाक पैंटिंग बनाउन्गा तुम दोनो की. अभी मैं किसी और की पैंटिंग बनाने के मूड में हूँ. जल्द मिलेंगे.”

“कर्नल साहिब अब आप अपनी चिंता कीजिए. क्योंकि पैंटिंग अब मैं बनाउन्गा आपकी.” रोहित ने कहा.

फोन तुरंत कट गया.साइको ने आगे कुछ नही कहा.

“अंधेरे में तीर छोड़ा था. लगता है निसाने पर लगा है. देवेंदर सिंग अब तुम्हारी खैर नही.” रोहित ने कहा.

रोहित ने तुरंत थाने में फोन लगाया. फोन भोलू ने उठाया.

“भोलू जल्दी से 10-12 लोगो की पार्टी तैयार करो हमें तुरंत एक ऑपरेशन पर निकलना है. मैं वही आ रहा हूँ. ” रोहित ने कहा

रोहित ने एक बार फिर से चेक किया शालिनी के बारे में. वो अभी भी सोई हुई थी.

“मेडम से बाद में मिलूँगा. आज ये साइको नही बचेगा.”

रोहित तुरंत थाने के लिए निकल पड़ा. वाहा से पोलीस फोर्स ले कर वो सीधा कर्नल के घर पर पहुँच गया.

जब वो घर पहुँचा तो नौकर ने ही दरवाजा खोला.

“कहा है तुम्हारे साहिब.” रोहित ने पूछा.

“वो तो अभी-अभी बाहर गये हैं.”

“कहाँ गये हैं?”

“बता कर नही गये.”

“पूरे घर की तलासी लो…” रोहित ने ऑर्डर दिया.

“तलासी क्यों ले रहे हैं, साहिब का वेट कर लीजिए.”

“चुप रहो ज़्यादा बकवास मत करो.”

“सर ये रूम लॉक है…” एक कॉन्स्टेबल ने कहा.

“चाबी दो उसकी” रोहित ने नौकर से कहा.

“चाबी साहिब ही रखते हैं. मेरे पास नही है.”

“ह्म्म तौड दो ताला.”

ताला तौडा गया और रोहित अंदर दाखिल हुआ. अंदर आते ही रोहित की आँखे फटी की फटी रह गयी.

क्रमशः..........................
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