Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:37 PM,
#96
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--91

गतान्क से आगे.................

“राज शर्मा अभी बस प्यार हुआ है. मुझे नही पता इस प्यार में क्या करना है मुझे. मुझे थोड़ा वक्त दो. मेरा दिल भारी हो रहा है.बहुत याद आ रही है मम्मी, पापा की. हम बाद में बात करें.”

“बिल्कुल पद्‍मिनी जी. आप आराम कीजिए. बाते करने के लिए सारी उमर पड़ी है.”

“तो तुमने ये प्यार सारी उमर के लिए सोच भी लिया.” पद्‍मिनी ने कहा.

“जी हां प्यार करते हैं हम आपसे कोई मज़ाक नही. सारी उमर ये प्यार नीभाएँगे हम.”

“बाते तो खूब कर लेते हो तुम. अच्छा मैं चलती हूँ. अभी और बात नही कर पाउन्गि.”

“आप किसी बात की चिंता ना करें. आराम कीजिए आप. गुड नाइट.”

पद्‍मिनी दरवाजा बंद करके सीढ़ियाँ चढ़ कर अपने बेड रूम में आ गयी. बेडरूम में आकर पद्‍मिनी ने खिड़की का परदा उठा कर देखा. राज शर्मा जीप से बाहर ही खड़ा था. उसे पता था कि पद्‍मिनी कमरे में जा कर खिड़की से ज़रूर देखेगी.

दोनो एक दूसरे की तरफ मुस्कुरा दिए और आँखो ही आँखो में फिर से प्यार का इज़हार हुआ. बस एक मिनिट ही रही पद्‍मिनी खिड़की में. परदा गिरा कर बिस्तर पर गिर गयी.

“कही मैं कुछ ग़लत तो नही कर रही हूँ. ये प्यार कैसे हो गया मुझे.” पद्‍मिनी ने खुद से पूछा. मगर उसके पास इसका कोई जवाब नही था.

……………………………………………………

हॉस्पिटल में रात के 12 बजे एसपी साहिब रोहित और शालिनी को देखने आए. शालिनी आइक्यू में थी इसलिए वो रोहित के कमरे में चले गये.

“हाउ आर नाउ रोहित. देखा, इसलिए कहता था कि कुछ करो इस साइको का. देखो पोलीस ऑफिसर्स को ही विक्टिम बना दिया कमिने ने.” एसपी ने कहा.

“सर जॉब ही हो सकता था कर रहे हैं हम. मगर ये साइको बहुत शातिर है.” रोहित ने कहा.

“हर मुजरिम कोई ना कोई शुराग छोड़ जाता है पीछे. उस शुराग को ढुंढ़ो. मुझे अच्छा लगा कि तुम दोनो बच गये.”

“मेडम को होश आना बाकी है सर. सुबह तक होश आने की उम्मीद है. और सर साइको ने गौरव मेहरा को मार दिया.”

“हां पता लगा मुझे. इस साइको ने तो हद कर दी है. मेरी नौकरी ख़तरे में है अब. कभी भी सस्पेंड हो सकता हूँ. या फिर हो सकता है कि ट्रान्स्फर हो जाए मेरा. तुम इस साइको को छोड़ना मत. हर हाल में उसे गिरफ्तार करना.”

“थॅंक यू सर. आपका सपोर्ट है तो हम कुछ भी कर जाएँगे.” रोहित ने कहा.

रोहित एसपी के जाने के बाद गहरे विचारों में खो गया.

“गौरव मेहरा पर शक था, पर अब वो भी मारा गया. अब सिर्फ़ दो ही सस्पेक्ट बचे हैं,कर्नल देवेंदर सिंग और संजय. दोनो का ही कही आता पता नही. हॉस्पिटल से निकलूं पहले फिर देखूँगा कि क्या करना है.डॉक्टर ने तो एक हफ्ते का रेस्ट लिख दिया है. मगर मैं एक-दो दिन से ज़्यादा अफोर्ड नही कर सकता.”

रोहित को कुछ सूझा और उसने राज शर्मा को फोन मिलाया, “हेलो राज शर्मा एक काम और करना होगा तुम्हे.”

“हां बोलिए सिर..क्या करना है.” राज शर्मा ने कहा.

“तुम सुबह हॉस्पिटल आ जाना हमें उस जगह जाना है जहा पर साइको ने हमारे साथ ये सब किया…हो सकता है कि कुछ शुराग मिल जाए वहाँ.फिर बाद में जहा पर गौरव मेहरा का मर्डर हुआ है वहाँ भी जाना है. अपने दोस्त मोहित को भी साथ ले आना क्योंकि वो चसम्दीद गवाह था गौरव की मौत का. मुझे उम्मीद है कि कुछ ना कुछ शुराग ज़रूर मिलेगा हमें.”

“ओके सर मैं पहुँच जाउन्गा सुबह…किस टाइम आउ सर.”

“7 बजे आ जाना.”

“राइट सर.”

जैसे ही रोहित ने फोन रखा, उसका फोन बज उठा.फोन रीमा का था.

“हेलो.” रोहित ने कहा

“रोहित…कैसे हो तुम?”

“पूछो मत साइको की आर्ट का हिस्सा बनते-बनते बचा हूँ आज मैं.अभी हॉस्पिटल में अड्मिट हूँ.”

“क्या… …तुम ठीक तो हो ना.”

“हां मैं ठीक हूँ. तुम सूनाओ.”

“रोहित कल मुझे देखने आ रहे हैं लड़के वाले. क्या करूँ मैं. बड़ी मुस्किल से मिला ये फोन. भैया ने छुपा कर रखा था.?”

“मैं तुम्हारे भैया से बात करूँगा…वो यही हैं हॉस्पिटल में.”

“क्या बात करोगे?”

“हमारी शादी की बात और क्या?”

“तुम मुझसे शादी करोगे…प्यार तो किया नही अभी तक …”

“कुछ तो है रीमा मेरे दिल में तुम्हारे लिए. वो प्यार है या कुछ और पता नही. तुम्हारे भैया मान गये तो क्या करोगी मुझसे शादी तुम.”

“करूँगी क्यों नही…ज़रूर करूँगी…तुम प्लीज़ भैया को मना लो.”

“यार उन्हे ही तो मनाना मुस्किल है…समझ में नही आता कि क्या करूँ…एक नंबर का कमीना है तुम्हारा….” रोहित पूरा सेंटेन्स नही बोल पाया क्योंकि कमरे के दरवाजे पर चौहान खड़ा था. रोहित ने तुरंत फोन काट दिया.

चौहान आँखो में आग लिए कमरे में घुसा और बोला, “मेरी बहन का पीछा छोड़ते हो कि नही. चुपचाप उसका पीछा छोड़ दो वरना तुम्हे गोली मार दूँगा मैं.”

“सर मैं शादी करना चाहता हूँ रीमा से. वो मुझे प्यार करती है…खुश रखूँगा उसे मैं.”

“रीमा की शादी और तुमसे. शीशे में चेहरा देख कर आओ. रीमा की शादी वही होगी जहाँ मैं चाहूँगा. लड़के वाले उसकी फोटो देख कर ही उसे पसंद कर चुके हैं. कल बस देखने आ रहे हैं. एक हफ्ते में ही सगाई और शादी दोनो निपटा दूँगा. तुम में ज़रा भी शरम बाकी हो तो दूर रहना मेरी बहन से. उसकी ख़ुसीयों में आग मत लगाना. और अगर तुमने दुबारा उस से बात भी की तो तुम्हे तो बाद में देखूँगा पहले उसे जान से मार दूँगा.”

रोहित कुछ नही बोल पाया. उसने चुप ही रहना ठीक समझा.

चौहान के जाने के बाद फिर से रोहित के फोन की घंटी बजी. फोन रीमा का ही था.

“क्या हुआ रोहित. फोन क्यों काट दिया था.”

“रीमा तुम्हे अगर मुझसे शादी करनी है तो अपने भैया के खीलाफ जा कर करनी होगी. वो हमारे रिस्ते के लिए तैयार नही है और ना ही होंगे.”

रीमा एक दम खामोश हो गयी.

“क्या हुआ…करोगी मुझसे शादी अपने भैया की मर्ज़ी के बिना. तुम बस हां बोलो बाकी मैं देख लूँगा.”

“नही रोहित. मैं ऐसा नही कर सकती. उनकी मर्ज़ी के खीलाफ नही जा सकती. उन्होने मम्मी पापा के गुजरने के बाद मुझे पाला है. उनकी मर्ज़ी से ही शादी करनी होगी.”

“फिर भूल जाओ ये शादी. तुम्हे वही शादी करनी होगी जहा तुम्हारे भैया चाहते हैं.”

“रोहित प्लीज़….”

“सोच लो रीमा. वो मान-ने वाले नही हैं. तुम मना सकती हो तो मना लो. वरना जो मैं कह रहा हूँ वो करो.”

“मैं भैया से बात नही कर सकती…”

“फिर तुम्हे मेरी बात मान-नी पड़ेगी. उनके खीलाफ जा कर ही शादी कर सकते हैं हम.”

“सॉरी रोहित नही कर पाउन्गि ये. तुम प्लीज़ भैया को मना लो ना.”

“अच्छा छोड़ो. बाद में बात करेंगे. मुझे सुबह जल्दी उठना है और एक इंपॉर्टेंट इन्वेस्टिगेशन के लिए जाना है.”

“ओके रोहित. सो जाओ. गुड नाइट.”

…………………………………………………..

शालिनी को सुबह होश आया. उसके पेरेंट्स सारी रात आइक्यू के बाहर बेचैनी से उसके होश में आने का वेट कर रहे थे.

डॉक्टर से मिलने की इज़ाज़त लेने के बाद शालिनी के पेरेंट्स उस से मिलने गये. चौहान भी उनके साथ ही अंदर आ गया.

“रोहित कहाँ है…वो ठीक तो है?” शालिनी ने सबसे पहले यही कहा.

“मेडम वो तो सुबह-सुबह ही निकल गया हॉस्पिटल से. वो तो ठीक ही था उसे क्या हुआ था. आपसे मिलने तक की फ़ुर्सत नही थी उसे, पता नही कहाँ जाना था उसे.” चौहान ने आग उगली.

ये सुनते ही शालिनी का चेहरा उतर गया. उसने अपनी आँखे बंद कर ली.

“बेटा हमें बहुत चिंता हो रही थी तुम्हारी. शूकर है तुम्हे होश आ गया. बेटा कैसे हुआ ये सब.” शालिनी के डेडी ने कहा.

शालिनी ने चौहान को बाहर जाने को कहा और अपने पेरेंट्स को पूरी बात बताई.

“बेटा तभी कहता था कि मत करो ये नौकरी. दुबारा एग्ज़ॅम देना चाहिए था तुम्हे. आइएएस या आइआरएस में जाना चाहिए था.”

“डेडी मुझे पसंद है ये नौकरी. हां ये नही पता था कि ये सब हो जाएगा. मैं तो हिम्मत हार चुकी थी. पता नही कैसे लाया मुझे रोहित यहा.”

“कौन है ये रोहित बेटा?”

“ही ईज़ माइ इनस्पेक्टर. साइको का केस उसे ही दे रखा है मैने.”

“अगर वो ढंग से काम करता तो ये नौबत ही ना आती. किसी और को लगाओ इस केस पर. उसके बस की बात नही लगती है ये.”

“ऐसी बात नही है डेडी, वो बहुत मेहनत कर रहा है…आअहह.”

“क्या हुआ?”

“डेडी पेट में बहुत दर्द हो रहा है…”

“मैं डॉक्टर को बुलाता हूँ…”

डॉक्टर ने आकर एक पेनकिलर का इंजेक्षन दिया तो कुछ आराम मिला शालिनी को.

“पेन रहेगा जब तक घाव नही भर जाते. लेकिन पेनकिलर से आराम रहेगा. घबराने की कोई बात नही है.” डॉक्टर ने कहा.

.......................

रोहित, राज शर्मा और मोहित के साथ उस जगह पहुँच गया जहाँ पर साइको ने शालिनी को पेड़ से लटका रखा था. साथ में 6 कॉन्स्टेबल्स भी थे.

“हर तरफ देखो….कुछ ना कुछ ज़रूर मिलेगा यहा.” रोहित ने कहा.

उस पेड़ के आस-पास बहुत बारीकी से देखा गया मगर ऐसा कुछ नही मिला जिस से की साइको का कुछ शुराग मिले.

“बहुत ही शातिर है ये साइको सर. यहा कुछ भी ऐसा नही छोड़ा उसने जिस से कि उस तक पहुँचा जा सके.”

“पैटिंग कर रहा था वो यहा खड़े हो कर. पैंटिंग का शौक रखता है वो.” रोहित ने कहा.

“हां सर मैने भी ये नोट किया. गौरव मेहरा को मारते वक्त वो किसी आर्ट की बात कर रहा था. बहुत ही ज़्यादा सनकी किल्लर है ये.”

“अगर सनकी ना होता तो ये सब काम क्यों करता. अजीब बात तो ये है कि यहाँ पर उसके जुतो के निसान तक नही हैं. सिर्फ़ मेरे जुतो के निसान नज़र आ रहे हैं यहा. हर निसान मिटा गया वो अपना यहाँ.” रोहित ने कहा.

“सर मगर फिर भी अपनी हर्कतो से एक सबूत तो वो छोड़ ही गया है.” राज शर्मा ने कहा.

“कौन सा सबूत जल्दी बताओ.” रोहित ने कहा.

“पैंटिंग का शौक रखता है वो. अगर हम साइको को पकड़ना चाहते हैं तो हमें तलाश करनी चाहिए एक ऐसे पेंटर की जो कि बहुत ही अजीबो ग़रीब मौत की पैंटिंग बनाता हो.” राज शर्मा ने कहा.

“एक आदमी पर शक है मुझे. वो है कर्नल देवेंदर सिंग.तीन बातें उसे शक के दायरे में लाती हैं.

फर्स्ट्ली, उसके पास ब्लॅक स्कॉर्पियो है.

सेकंड्ली, उसे पैंटिंग का शौक है.

थर्ड्ली, उसके घर में बहुत अजीब पैंटिंग है.

क्रमशः........................

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RE: Raj sharma stories बात एक रात की - by sexstories - 01-01-2019, 12:37 PM

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