non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्रेम कहानी )
12-27-2018, 01:49 AM,
#48
RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�...
अभी बिस्तर पर टिका, बैठ कर आराम से रीति को देखते हुए मुस्कुरा रहा था..... रीति फिर अपने दिल को शांत करती, अपने मॅन की आवाज़ सुनी, और अभी की ओर घुरती हुई पुच्छने लगी.... "अभी तो आप कह रहे थे, कि कभी अपनी शकल नही दिखाएँगे, फिर इस तरह से यहाँ आने का मतलब, और गर्ल्स हॉस्टिल मे आप को आने किसने दिया".


अभी एक लंबा सा निशान अपने पाँव पर दिखाते हुए, जिसमे से खून अब भी निकल रहा था, उसे दिखाते हुए.... 


"ईत्ति मेहनत कर के आया उपर, छिपते-छिपाते, फिर भी मेरी हालत पर तरस खाने के बदले, तुम गुस्सा दिखा दिखा रही हो. तुम कही कि "ज़रूरी नही कि जिस से बात करूँ उस से प्यार ही हो", तो मैने सोचा, चलो प्यार नही ना सही, पर हम बात तो कर ही सकते हैं, तुम नही जानती तुम्हारे साथ होना ही और बात करना ही मेरे लिए कितना सुकून देता है. प्लीज़ इस से मना मत करो. प्लीज़....


रीति... प्लीज़ मुझे एमोशनल ब्लॅकमेल करने की कोशिस नही कीजिए, और जैसे आए थे वैसे ही चलते बानिए... 


अभी फिर से अपना चेहरा मायूसी से लटकाते हुए... "पर मेरी बात तो सुनो"...


रीति.... नही सुन'नी मुझे कोई भी बात....


अभी.... ये तुम्हारा आखरी फ़ैसला है, तो मैं यहीं इस छत से कूद कर अपनी जान दे दूँगा...


रीति..... मुझे अगर फोर्स किए ना, तो मैं खुद अपनी जान ले लूँगी, इसलिए बेहतर इसी मे होगा कि आप मुझ से दूर रहिए.


अभी.... ठीक है मैं जाता हूँ, अब ना मिलूँगा दोबारा..... तुम खुश रहो


अभी, फिर से वही मायूसी के साथ बोला, पर इस बार वाकई ही काफ़ी मायूस था. रीति अपना मुँह दूसरी ओर फेर ली, ताकि जाते हुए अभी को नही देख सके. अभी टूटा हुआ सा निकला वहाँ से.


रीति जताने की कोशिस तो कर रही थी, कि वो काफ़ी स्ट्रॉंग है, पर अंदर ही अंदर घुट रही थी. काफ़ी सन्नाटा सा छाया हुआ था, और इन्ही सन्नाटो मे वो घुट कर रह गयी रीति.


इधर, इंदु ने अपना खेल जारी रखते हुए, आज भी सैली को नशा दे दिया, और धीरे-धीरे उसे नशे का गुलाम बना रही थी. इंदु एक तरह से सैली को अपने वश मे कर रही थी, हॉस्पिटल से लौटने के बाद जो गौरव से मुलाकात हुई, उसके बाद से सैली ने किसी से भी कोई संपर्क नही किया था.


इंदु अपनी मनसा को आगे बढ़ाती अपने काम को अंजाम देने मे लगी थी. रात के तकरीबन 12:30 बजे होंगे... विक्की का कॉल इंदु के मोबाइल पर आया.....


इंदु... हेलो विक्की....


विक्की.... इंदु, सर्प्राइज़ फॉर यू बेबी


इंदु... कैसा सर्प्राइज़ विक्की, जल्दी बताओ ना...


विक्की..... अभी नही, बस इतना जान लो, कि अपने सपने को सच करने का ये तुम्हारा पहला कदम होगा.


इंदु.... पर क्या होगा वो तो बता दो, नही तो मैं पूरी रात सो नही पाउन्गी.


विक्की.... कुच्छ बातें बतानी थी, पहले उस पर ध्यान दो.


इंदु... हां कहो..


विक्की... एक कांड हो गया है आज से 5 दिन पहले.


इंदु.... कौन सा कांड हो गया है.....


विक्की.... दो लड़के अपने क्लब आते थे, दोनो सेंट्रल मिनिस्टर के बेटे थे, और वो ड्रग डीलिंग मे फस गये ?


इंदु.... तो इसमे हम क्यों परेशान हो.


विक्की.... तुम इस काम के लायक नही जाहिल लड़की, तुम दो कौड़ी की एजेंट हे अच्छी हो, जो ड्रग को यहाँ से वहाँ पहुँचाओ, और कस्टमर के साथ सेक्स कर के रीलेशन बनाओ, इस से ज़्यादा तुम्हारा कोई फ्यूचर नही.


आह्ह्ह्ह ! क्या आग लगी दिल मे, बेचारी इंदु चाह कर भी नही कुच्छ बोल पाई. वैसे कीचड़ मे जब फेज़ हो, तो सॉफ सुथरे रहने की तो कोई उम्मीद ही नही करनी चाहिए. जहाँ गये, जिन लोगों के बीच रहे, उसनकी भाषा और तरीके को अपना लेना चाहिए. थोड़ा मुश्किल होता है, पर क्या करें इन ख्वाहिशों का, जो हर काम करवा देती है.


इंदु, थोड़ा भड़कती हुई.... कहने का क्या मतलब है विक्की...


विक्की.... गुस्सा आता है इंदु तुम्हारी बातों पर, कभी-कभी लगता है कि तुम्हे जितना बोल दिया जाय, तुम उतना ही करोगी, अपना भी तो दिमाग़ लगाओ.


इंदु, कुच्छ सोचती हुई.... ठीक है लगा लूँगी, अब बात क्या है वो भी तो बता दो....


विक्की.... सुनो, दोनो लड़के जैल नही जाते, पर कोई पागल ने इतना स्ट्रॉंग एविडेन्स दिया है, और इतना स्ट्रॉंग केस बना है, कि नारकॉटैक्स वाले इसे चाह कर भी नही छोड़ सकते.


इंदु... ह्म्म्मब !


विक्की... वो मिनिस्टर तो पागल बना हुआ है, चार दिन से उसने मेरी वॉट लगा रखी है. अब मुझे क्या मालूम वो कैसे फसा, कहाँ फसा, पर उसके बाप ने मेरे पिछवाडे मे डंडा डाल रखा है.


इंदु... समझ गयी, यदि उसका बेटा नही छूटा तो हम गये काम से.


विक्की.... हां इंदु, ऐसा ही कुच्छ है, पर छुते या ना छुते उस से मतलब नही है, उन्हे तो बस जान'ना है कि उस रात हुआ क्या था, और किसने और कैसे फसा दिया.


इंदु.... मतलब यदि हम कारण का पता लगा ले, तो हमारी जान छूट जाएगी. पर विक्की एक बात समझ मे नही आई, कि पता ही लगाना था तो, वो अपने बेटे से जैल मे मिल लेते.


विक्की.... इंदु, हालत बहुत खराब है, यहाँ धंधे की माँ-बहन हो गयी है. रोज कोई ना कोई ड्रग सप्लाइयर अंदर हो रहा है, जैसे किसी ने ठान ली हो हम सब को ख़तम करने की. उनके बेटे को अरेस्ट करते ही 15 दिन की रेमंड मिल गयी नारकॉटैक्स वालों को, कोई नही मिल सकता फिलहाल तो उन दोनो लड़कों से.


इंदु.... क्या, पोलीस भी हमारे पिछे पड़ी है.


विक्की... हां, सही सुनी... डिस्को भी आई थी पोलीस, दो दिन पहले, वो तो अच्छा हुआ कि पता चल गया मुझे पहले और यहाँ का मामला सॉफ कर दिया.


इंदु... मुझे बहुत डर लग रहा है विक्की, पोलीस के बारे मे सुनकर. क्या होगा अब, कहीं मैं भी तो नही पकड़ी जाउन्गी.


विक्की.... तुम्हारी वो दोस्त है ना, तुम्हे बचाने के लिए, फिर तुम क्यों डरती हो. छोड़ो ये सब, धंधे मे तो ये पोलीस का चक्कर लगा ही रहता है. फिलहाल हम उनकी नज़रों मे हैं, इसलिए अभी पूरा काम बंद है. तुम इन सब बातों पर ध्यान मत दो, बस यदि कोई केस इन दोनो लड़कों से रेलेटेड हो, तो ज़रूर बताना. 


इंदु... ह्म्म्मच ! ठीक है, यदि कुच्छ सुनती हूँ इनके बारे मे, यो ज़रूर बता दूँगी, पर ये तो बताओ कि सर्प्राइज़ क्या था.


विक्की.... वो तुम जान जाओगी, पहले कल तुम अच्छे से तैयार होकर आ जाना. कल तुम्हारे लिए एक नया दिन होगा.... और तुम्हारी दुनिया बदल जाएगी....


विक्की ने अपनी बात कह कर कॉल डिस-कनेक्ट कर दिया, इंदु तो पोलीस का नाम से बस उपरी डर दिखा रही थी, पर उसके मॅन के अंदर जो चल रहा था, वो बस विक्की के वो कटाक्ष भरे शब्द थे, जो किसी तीर की तरह दिल मे चुभ रहे थे.. और अंतर आत्मा से बस यही आवाज़ आ रही थी... बात कुच्छ भी हो विक्की, पर तुम्हे ऐसा नही कहना चाहिए था.


उधर विक्की फोन रख कर .. "एसस्स, एससस्स" .. करने लगा, क्योंकि उसे इंदु मे कहीं ना कहीं अपनी जीत नज़र आ रही थी, और वो उस जीत को हर कीमत मे पा कर रहना चाहता था.

अगली सुबह इंदु कॉलेज ना जाकर सीधा पहुँची ब्यूटी पार्लर. वॅक्सिंग, पेडिक्टीयर, मसाज, और जो भी बाहरी अन्द्रुनि सौंदर्य के लिए होता है, वो जाकर करवाई. वहाँ से स्कूटी सीधा विक्की के बंग्लॉ की ओर मोड़ दी.


इंदु, विक्की के बेडरूम मे दाखिल होती हुई, उसके पिछे से जाकर लिपट गयी...


विक्की... आ गयी तुम.....


इंदु... खुद ही देख लो.....


इतना कह कर वो विक्की से अलग हुई. विक्की जब उसे देखा तो देख कर दंग रह गया. क्या खूबसूरती निखरी थी आज, उपर से टाइट स्लीवलेशस कुरती डाली थी जिसका गला थोड़ा बड़ा था, जिस से क्लीवेज़ का लूका-छिपा नज़ारा मिल रहा था, उसे देख कर विक्की पागल हो गया...


विक्की... इंदु तैयार होकर बोला था आने के लिए..


इंदु... क्यों क्या हुआ सो, तैयार नही हूँ मैं क्या....


विक्की.... जानेमन इसे तैयार होना कहते हैं, या बिजली गिराना. कॉलेज मे लड़के तो हाथ फेरते रह जाते होंगे.


इंदु... हहे, विक्की .... छोड़ो ये सब और ये बताओ कि किस सर्प्राइज़ की बात कर रहे थे.


विक्की.... इंदु छोड़ने का ही तो दिल नही करता तुम्हे, अभी देखने के बाद लगता है आज गुड मॉर्निंग कर ही डालूं.


इंदु... रोका किसने है विक्की, कपड़े यहाँ उतार दूं, या कहीं और ये बताओ... सब करती हूँ, पहले सर्प्राइज़ क्या था वो तो बता दो, कल रात से सो नही पाई मैं.


विक्की.... हा हा हा.... यही अदा तो और दीवाना बनाती है, क्लीवर गर्ल. काम की बात से भटकती हही. सुनो, तो सर्प्राइज़ ये है कि, कनाट प्लेस के एक आलीशान शॉपिंग माल मे तुम्हारा एक आलीशान बूटिक़े सेंटर. जिसके इनोग्रेशन पर, बड़े-बड़े दिग्गज सिरकत करेंगे.


इंदु, उछल्कर विक्की के गले लग गयी, और उसका गाल चूम ली...... 


विक्की... ठहर जाओ, सर्प्राइज़ एट नोट ओवर इंदु, तुम्हारे लिए एक फ्लॅट, और एक कार भी है.


इंदु... वॉववव, विक्की, अब इस से ज़्यादा सर्प्राइज़ दिए तो हार्ट फैल हो जाएगा. वैसे एक बात बताओ, एक दिन मे इतनी मेहरबानी क्यों.


विक्की..... वो इसलिए जानेमन, क्योंकि तुम्हारा ब्युटीक सेंटर ऑफीस होगा, जहाँ से हम अपना बिज़्नेस रन कर सकेंगे. सब कुच्छ प्लान हो गया है, तुम्हे चिंता करने की कोई ज़रूरत नही, फिलहाल एंजाय करो.


इंदु... जैसा तुम कहो विक्की. तो चलो फ्लॅट तो दिखा दो, आज वहीं एंजाय करते हैं.


विक्की.... दिखा देंगे, एंजाय भी होगा, पर उस से पहले एक छोटा सा काम करना होगा.


इंदु... कैसा काम विक्की.


विक्की.... किसान परमार, नारकॉटिक डिपार्टमेंट का ऑफीसर, बहुत काम के आदमी हैं, उन्हे ज़रा हॅंडेल करना है. तुम समझ रही हो ना.


इंदु... ह्म्म्मर विक्की. कोई बात नही है, इट'स ऑल अबाउट बिज़्नेस .... मुझे पता नही था कि मुझे किसी और के पास जाना है, मैं आई आधे घंटे से.


विक्की... अब तुम कहाँ चली.


इंदु... आती हूँ, कुच्छ ज़रूरी काम तो कर लूँ.


विक्की.... देर हो जाएगी इंदु, तुम समझती क्यों नही, ज़्यादा इंतज़ार करवाया तो भड़क जाएगा.


इंदु.... और मैं ना गयी तो और ज़्यादा भड़क जाएगा.


विक्की... क्यों क्या हुआ सो....


इंदु... मैने वहाँ वॅक्स नही करवाया है, आती हूँ मैं.


विक्की... तुम भी पागल हो, रोज ब्यूटी-पार्लर जाया करो. ठीक है जल्दी आना, टाइम मत लगाना.


इंदु, विक्की को बाइ बोलती वहाँ से निकली. जल्दी से मोबाइल शॉप गयी, वहाँ से दो एचडी वीडियो शूटिंग वाला मोबाइल ख़रीदी, और कुच्छ देर टाइम बिताने के बाद, वहाँ से विक्की के पास वापस आ गयी.


विक्की पहले से ही रेडी था, इंदु अपना स्कूटी, विक्की के यहाँ खड़ी कर के उसके साथ निकल गयी. थोड़ी देर बाद दोनो पहुँचे एक फाइव स्टार होटेल, जिसके एक कमरे मे वो नारोकॉटिक ऑफीसर किसान था.


इंदु नॉक कर के दाखिल हुई कमरे मे.... किसान एक 45/46 साल का आदमी था, जो देखने से हॅस्ट पुष्ट, और गठीला बदन का मालिक था.


लेकिन इंदु के रूप के आगे किसान की सारी प्रेसोनालिटी फीकी थी, जैसे ही पहली झलक इंदु की मिली, वो तो दीवाना हो गया. बिस्तर मे चादर के अंदर पाँव डाले, अपने खुले सीने के बालों पर हाथ फेरता किशन कहने लगा.....


"आअह्ह्ह हाा, जे छोरी तो पूरी रसमलाई है, कपड़े उतार कर जल्दी से बिस्तर मे आ जा छोरी"


इंदु, अपने चेहरे पर बड़ा ही शॉकिंग सा एक्सप्रेशन लाती हुई.... क्य्ाआ ????


इंदु के एक्सप्रेशन को देखते हुए, किशन पूरा चक्कर खा गया. 


किशन.... तुझे यहाँ किसने क्या कह कर भेजा है, जो तू ये सवाल पुच्छ रही है.


इंदु... जी विक्रम सर ने भेजा है. मुझे पार्ट टाइम जॉब की ज़रूरत थी, इसलिए उन्होने कहा आप से मिल लूँ.


किसान.... फोन लगा कर बात करा मेरी.


इंदु ने विक्रम को कॉल लगा दी, बात शुरू होते ही पहले बता दी .... विक्रम सर आप ने मुझे यहाँ नौकरी के लिए ही भेजा है ना, ये सर आप से बात करना चाहते हैं.


किसान फोन लेते हुए.... ये क्या नाटक है विक्की, किसी को भी भेज दिए, क्या चाहते हो रेप केस मे फँस जाऊ.


विक्की.... सर, कोरा माल है, डील करो, नौकरी की ज़रूरत है बात समझा करो.


किसान, विक्की के "कोरे माल" की बात सुनकर पागल हो गया.... "ठीक है फोन रख, प्यार से मामला सेटल हो गया तो तुझे बहुत ही फ़ायदा होने वाला है, और नही हुआ तो, कल तक तू सूली पर चढ़ जाएगा.


विक्की... जैसे आप की इक्षा, अब एंजाय करो.


किसान .. इंदु से.... देखो पहले ये बताओ, तुम्हे नौकरी की कितनी ज़रूरत है...


इंदु... सर कॉलेज की फीस तक नही आ पा रही, मुझे तो एक पार्ट टाइम जॉब की ज़रूरत बहुत ही ज़रूरत है.

किसान...... फिर ठीक है, जैसा मैं चाहता हूँ, वैसा करती जाओ, तो तुम्हे जॉब मिल जाएगी.


इंदु अपनी आँखें नीची करती.... जी मैं समझ गयी....


किसान..... तो ठीक है आ जाओ मेरे पास....


इंदु अपना सिर उपर कर के देखी, और किसान से कहने लगी... "सर, आप थोड़ा नहा लेते तो... मुझे ऐसे थोड़ी घृणा आ रही है .... 


किसान ... हा हा हा... चल ठीक है, मान लेता हूँ तेरी बात...


किसान चला गया बाथरूम मे .. तबतक इंदु जो दो मोबाइल अपने साथ लाई थी, उसे दो अलग-अलग जगहों पर रख कर, वीडियो रेकॉर्डिंग ऑन कर दी, और जल्दी से वापस आ कर, बिस्तर पर बैठ गयी.


किसान नहा कर जल्दी से बाहर आया, और टवल मे बिस्तर के पास खड़ा हो गया..... "चल अब शुरू कर दे"

इंदु... मैं कैसे कुच्छ करूँ मुझे शरम आती है....


किसान... जैसा तुम दिखती हो और तुम्हारी बातें कुच्छ मॅच नही हो रही.


इंदु... सर, मैं तो महाराष्ट्र के एक गाँव से हूँ, यहाँ कॉलेज मे पढ़ती हूँ. मैने अपनी समस्या जब विक्रम सर को बताई, तो उन्होने कहा लोग इंटरव्यू टिप-टॉप बनकर जाते हैं, और मुझे ब्यूटी-पार्लर भेज दिया और वहाँ फिर ... ये रूप, ये निखार, और कपड़े का अंदाज़ सब उसी के बाद हुआ....


किसान .... ब्यूटी-पार्लर.. वहाँ ऐसा करते क्या हैं, जो ऐसा होता है... ज़रा बताना....


इंदु... अब बताना क्या है सर, ऐसा काम किया है, कि आप खुद जान जाओगे... देख लेना..


किसान... उफफफ्फ़ करता अपना टवल खोल लिया, और टीवी ऑन कर के एक पॉर्न लगा दिया.... "देख उधर, और वैसे ही करना है"


इंदु एक नज़र टीवी पर देखी, उठ कर बिस्तर से नीचे आई, और अपना हाथ, किसान के लिंग पर रख दी. किसान जब उसके गोरे हाथ को अपने लिंग पर देखा ... तो आहह करते हुए, अपना सिर उपर कर के आँख मूंद लिया, कुछ देर हाथ से ही इंदु उसके लिंग को आगे पिछे करती रही.

किसान... जानेमन, वैसा कर ना जैसा उस टीवी मे लड़की कर रही है..


इंदु, नीचे देखती..... जी मुझे शरम आती है...


किसान ने इंदु का सिर पकड़ा और अपने लिंग के पास ले आया, इंदु भी थोड़े नखरे के बाद अपने मुँह मे उसका लिंग ले ली..... किसान तो बिल्कुल पागल हो गया...


ओह ! ... और ज़ोर से चुस्स्स्स ईसीईए, कहते हुए उसका सिर पकड़ कर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा. इंदु को हालाँकि ऐसा करना पसंद नही रहा कभी, पर अधिकतर समय उसे ऐसे ही लोग मिले जो सकिंग के दीवाने थे.


किसान ज़ोर-ज़ोर से इंदु का सिर पकड़ कर हिलाने लगा. अचानक ही उसकी पकड़ ढीली पड़ गयी, बदन ने अकड़ना शुरू कर दिया, इंदु समझ गयी ये जाने वाला है, मुँह से लार टपकाती, इंदु ने अपना मुँह बाहर निकाल लिया, और ठीक उसी वक़्त, किसान का कम, इंदु के पूरे चेहरे पर पड़ा. 
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RE: non veg story अंजानी राहें ( एक गहरी प्र�... - by sexstories - 12-27-2018, 01:49 AM

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