RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
सोनिया की बात से कविता थोड़ी शरमा गयी और जल्दी से किचन मे चली गयी,,,
शायद मेरे लिए चाइ कॉफी लेने गयी होगी,,,,,
तुझे क्यूँ इतनी जलन होती है कविता को ऐसे मेरे साथ देख कर,,,,मैने सोनिया से पूछा
मुझे क्यूँ जलने होने लगी,,,,बस मुझसे ये सब बेशर्मी देखी नही जाती,,,अगर इतना ही दिल
कर रहा है बेशरम होने का तो जाओ बेडरूम मे चले जाओ,,,यहाँ बाहर बेशर्मी मत
दिखाओ अपनी,,,,सोनिया ने भी इतना बोला और कविता के पीछे पीछे किचन मे चली गयी
मैं वहीं बैठ कर टीवी देखता रहा,,,,आज मैं बहुत खुश था,,,,मेरा और ख़ान भाई का प्लान
काम कर रहा था,,,,हालाकी हमने सुमित की मौत के बारे मे नही सोचा था लेकिन उसकी मौत
का गम भी नही था हम लोगो को,,,,वो बेचारा बलि का बकरा बन गया,,
कुछ देर बाद कविता और सोनिया किचन से कॉफी लेके आ गयी,,,,हम लोग बैठकर कॉफी
पीट हुए टीवी देखने लगे,,,,तभी बाहर बेल बजी,,,,,
सोनिया ने जाके दरवाजा खोला तो सामने भुआ और शोभा थी,,,,सोनिया उनके गले लग्के मिली फिर
वो अंदर आ गयी,,,,मैं भी भुआ और शोभा को मिला फिर कविता भी मिली उन दोनो को,,
तभी सोनिया खुशी खुशी भुआ और शोभा को कॉलेज वाली बात बताने लगी,,,भुआ और खांसकार
शोभा बहुत खुश हुई सारी बात सुनके ,,,उसको भी बड़ी खुशी थी अमित के गिरफ्तार होने
से,,,,क्यूकी शोभा जानती थी उसी ने शिखा दीदी की वीडियो बनाई थी,,,,,
सब लोग ऐसे बातें करने लगे फिर भुआ बोली ,,,चलो सब तैयार हो जाओ,,,,,शॉपिंग करने
जाना है,,,,,,5 दिन बाद शोभा की शादी है,,,,,
भुआ मैं क्या करूँगा साथ जाके तुम सोनिया और कविता को ले जाओ मैं वैसे भी बहुत थका
हुआ हूँ,,,,
भुआ कुछ नही बोली ,,,सोनिया और कविता को साथ ले गयी,,,मैने नोट किया कि आज कल भुआ
शोभा मे से कोई भी मेरी तरफ ध्यान नही दे रहा था,,,,वैसे मेरा भी ध्यान नही जाता
था उनकी तरफ सोनिया और कविता की वजह से लेकिन भुआ और शोभा को क्या हो गया था,,,शोभा
शायद शादी की वजह से ऐसा कर रही थी लेकिन भुआ को क्या हुआ ,,,,,
भुआ ने बताया कि ख़ान भाई ने किसी दोस्त को बुलाया है जो कोर्ट मे शादी करवाता है,
शादी ख़ान भाई के घर पर होगी क्यूकी लड़के वालो का घर करीब है लेकिन रिसेप्षन की
पार्टी यहाँ हमारे घर मे होगी शादी के कुछ दिन बाद,,,,,
खैर,,,वो लोग चली गयी और मैं टीवी देखता रहा,,,,,
शाम करीब 7 बजे सोनिया और कविता आ गयी,,,,अंदर आके फ्रेश होके वो दोनो किचन मे रात
के खाने की तैयारी करने लगी और मैं टीवी ही देखता रहा,,,,,,जब खाना तैयार हो गया हम लोगो
ने मिकलर खाना खाया ,,,,सोनिया और कविता शॉपिंग की बातें करती रही लेकिन मैं चुप
करके खाना ख़ाता रहा,,,,फिर हम लोग उपर अपने रूम मे चले गये,,,मैं भुआ के रूम मे
जाने लगा तो कविता बोली,,,,,,,सन्नी तुम भी यहीं सो जाओ हम लोगो के साथ,,,,
तभी मैने कविता को इशारा किया सोनिया की तरफ जो मुझे गुस्से से देख रही थी,,नही
मैं यहाँ नही सो सकता वैसे भी 2 ही बेड है यहा,,,,,
तो क्या हुआ,,,मैं और सोनिया एक साथ सो जाती है तुम अपने बेड पर सो जाओ,,,,,लेकिन तभी
सोनिया बोल पड़ी,,,,,,नही नही यहाँ नही,,,,तुम मेरे साथ नही सो सकती,,,,,और ये सन्नी भी
यहाँ नही सो सकता,,,,
सोनिया समझ कर इसको यहाँ सोने दे,,,,हम एक साथ सो जाती है एक बेड पर,,पहले भी तो हम
सब ऐसे ही सोते थे,,,,
नही पहले बात कुछ और थी अब नही,,,,अब ये हम लोगो के साथ नही सो सकता इसको दूसरे
रूम मे जाने दो,,,,,
मैं सोनिया की बात समझ गया,,,,,वो डर रही थी मेरे यहाँ सोने से,,,,,,रहने दो कविता
किसी को मेरे यहाँ सोने से डर लगता है,,,मैं दूसरे रूम मे ही सो जाता हूँ,,इतना
बोलकर मैने हँसके सोनिया की तरफ देखा तो कविता भी हँसने लगी,,,,सोनिया ने हल्के से एक
थप्पड़ मारा उसके सरपे तो वो चुप हो गयी,,,,मैं वहाँ से हंसता हुआ भुआ के रूम मे आके
लेट गया,,,,
मैं बेड पर लेटा हुआ था तभी करीब 30-35 मिनिट बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और
कविता अंदर आ गयी,,,,
तुम यहाँ क्या कर रही हो कविता,,
सोनिया सो गयी है,,,,मेरा दिल कर रहा था तुम्हारे साथ सोने को इसलिए तो तुमको उसी रूम
मे सोने को बोल रही थी,,,,बट तुम नही माने तो मैं यहाँ आ गयी,,,,इतना बोलते ही वो
मेरे साथ मेरे बेड पर लेट गयी,,,,,,मेरे और सोनिया के रूम मे 2 बेड थे वहीं भुआ के
रूम मे एक ही बेड था,,,,कविता मेरे साथ आके मेरे करीब लेट गयी और अपना सर मेरे
शोल्डर पर रख दिया,,,
क्या बात है आज बड़ा प्यार आ रहा है मेरे पर,,,,सोनिया का डर भी नही ,,,,दिन मे भी
उसके सामने मुझे गालों पर किस कर दिया और अब मेरे साथ सोने भी आ गयी,,,,
तो क्या करूँ,,,प्यार करती हूँ तेरे से,,,,जब तू कॉलेज के सामने मुझे अपनी बाहूं मे
भर सकता है तो क्या मैं सोनिया के सामने तुझे किस नही कर सकती तेरे पास आके सो न्ही
सकती,,,
अच्छा अगर सोनिया के सामने किस कर सकती हो तो अकेले मे क्या क्या कर सकती हो,,,मैने इतना
बोला ही था कि कविता मुझे होंठों पर किस करने लगी,,,,मैने भी ज़्यादा देर नही की और
उसको किस का रेस्पॉन्स देते हुए उसको होंठों को चूसना शुरू कर दिया,,,,
उसने अभी वाइट कलर का नाइट सूट पहना हुआ था,,,,वाइट पयज़ामी साथ मे वाइट कुर्ता
वो खुद भी एक दम गौरी चिट्टी थी ,,,,किस करते हुए वो अपनी टाँगों को मेरे दोनो तरफ
करके मेरे उपर बैठ गयी और अपने घुटनो को बेड से लगा कर अपनी गान्ड उपर उठाकर मेरे
उपर चढ़ के मुझे किस करने लगी,,,,मैं अभी टी-शर्ट और निक्कर मे था,,,उसने किस करते
हुए मेरी टी-शर्ट को पकड़ा और उपर उठाने लगी,,मैने भी उसका साथ देते हुए अपनी टी-शर्ट
निकालने मे उसकी हेल्प की,,,मेरी टी-शर्ट उतर गयी और तभी उसने भी अपना कुर्ता निकाल दिया
उसने ब्रा नही पहनी हुई थी इसलिए उसका उपर का जिस्म कुर्ता निकल जाने से नंगा हो गया और
मैने भी टी-शर्ट के नीचे बनियान नही पहनी थी इसलिए मेरा भी उपर का जिस्म नंगा हो
गया था,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब मेरी मेहनत की वजह से थोड़ा आकार लेने लग गये
थे वो बूब्स मेरी छाती पर टच कर रहे थे,,और मुझे बड़ा सॉफ्ट सॉफ्ट एहसास मिल रहा
था उसके बूब्स का ,,,,उसके हाथ मेरे सर को प्यार से सहला रहे थे जबकि मेरे हाथ उसकी
नंगी पीठ पर थिरकने लगे थे,,उसकी मखमली पीठ पर मेरे हाथ खुद-ब-खुद फिसलते
जा रहे थे,,मैं बड़े प्यार से अपने दोनो हाथों से उसकी पीठ को सहला रहा था और वो भी
मेरे सर को सहला रही थी,,,हम दोनो करीब 10-15 मिनिट ऐसे ही किस करते रहे,,,
फिर मैने उसको अपने उपर से उठाकर बेड पर लिटा दिया और खुद उसके उपर आ गया,,उसके
उपर आते ही उसने फिर से मुझे किस करने की कोशिश की लेकिन मैने उसके बूब्स की तरफ
बढ़ गया और उसके बूब्स को किस करते हुए चूसने और काटने लगा,,साथ ही दूसरे बूब को
हाथ मे पकड़ कर दबाने लगा,,,,,बूब्स को चूस्ता और दबाता हुआ मैं उसके पेट पर किस
करने लगा,,जैसे जैसे मैं उसके पेट पर किस करता हुआ नीचे की तरफ बढ़ रहा था
वैसे वैसे उसका बदन तेज तेज झटके मारने लगा था,,उसकी पेट भी तेज़ी से उपर नीचे हो
रहा था वो समझ गयी थी मैं उसकी चूत की तरफ़ बढ़ रहा हूँ,,,मैने नीचे बढ़ते हुए
उसके पाजामे को पकड़ा और नीचे खिसकाने लगा उसने भी कोई ज़ोर नही लगाया और एक ही पल मे
अपनी रज़ामंदी दिखा कर अपनी गान्ड को बेड से उपर उठा दिया जिस से मुझे आसानी हो गयी
उसकी पयज़ामी उतारने मे,,,,,उसकी पजामि उतरती गयी और उसकी गुलाबी चूत मेरे सामने नंगी
होती गयी,,,आज वो शरमा नही रही थी,,घबरा नही रही थी बस मेरा साथ दे रही थी
इसलिए मुझे बहुत खुशी हो रही थी,,,
पयज़ामी उतरते ही वो पूरी नंगी हो गयी क्यूकी उसने पेंटी भी नही पहनी हुई थी,,वो गोरे
रंग की लड़की मेरे सामने बिल्कुल नंगी थी,,,,उसके छोटे छोटे बूब्स जो अब इतने छोटे भी
नही रह गये थे,,,,उसकी गुलाबी चूत जिसपे कोई बाल नही था,,,,पयज़ामी उतरते ही मुझे
लगा था ये अपनी चूत को मेरे से छुपा लेगी लेकिन मैं ग़लत था,,उसने तो अपनी दोनो
टाँगे खोल कर मुझे चूत के पूरे दर्शन करवा दिए थे,,,,शायद आज वो भी पूरी
मस्ती मे थी,,,,मैने भी अच्छा मौका देखा और उसकी चूत की तरफ बढ़ गया,,उसकी चूत को
मैने अपने दोनो हाथों से दोनो तरफ खोल दिया और उसकी चूत के अंदर के गहरे गुलाबी
हिस्से को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा,,,मैं कभी उसकी चूत को ज़ुबान से चाट-ता कभी
उसकी चूत के छोटे छोटे होंठों को अपने होंठों मे भरके चूसने लग जाता कभी हल्के से
काट देता,,,,कभी उंगली से उसकी चूत को चोदता और साथ ही अपनी ज़ुबान से चूत के उपरी
हिस्से को चाटने लग जाता वो बस लेटी हुई सिसकियाँ ले रही थी,,आअहीईन्न्न्न भर रही थी
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