RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
अलका आंटी मुझे रोकना चाहती थी और शिखा भी,,वैसे मैं भी रुकना चाहता था उन लोगो के साथ बुटीक पर
लेकिन सोनिया घर पर अकेली थी और मुझे उसकी टेन्षन थी,,ये बात अलका आंटी और शिखा को भी पता था कि सोनिया
घर पर अकेली है इसलिए उन लोगो ने मुझे नही रोका और अगर रोकती भी तो भी मैं नही रुकता,,,,
बुटीक पर लॉक लगा कर मैं चला अपने घर की तरफ और शिखा अलका आंटी को लेके चल पड़ी अपने घर की
तरफ,,,,
मैं घर पहुँचा तो काफ़ी लेट हो गया था,,,10 बजे से उपर हो गया था टाइम,,,सर्दिया शुरू हो गई थी इसलिए
रात जल्दी हो गई थी और 10 बजे का मतलब था आधी रात ,,,मैने गेट खोला और बाइक अंदर किया फिर मेन डोर
पर जाके बेल बजाई तो पहली बेल पर ही सोनिया ने आके दरवाजा खोल दिया,,
दरवाजा खोलकर सोनिया ने मेरी तरफ देखा ,,और मैने भी उसकी तरफ देखा,,,,कुछ टाइम हम लोगो की नज़रे मिली
और फिर उसने अपनी नज़रे झुका ली और दरवाजे से एक साइड की तरफ हो गई,,,,उसके साइड होते ही मैं घर के अंदर
चला गया,,,,
मैं मोम के रूम मे जाने लगा तभी सोनिया ने दरवाजा बंद करके मुझे आवाज़ लगा दी,,,,इतनी लेट क्यूँ हो
गये भाई,,,मैं कब्से तुम्हारा वेट कर रही थी,,,इतने फोन किए तुमने फोन भी नही उठाया मेरा,,
मैं उसको इग्नौर करना चाहता था लेकिन ये काम मेरे लिए मुश्किल था,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यूँ वेट कर रही थी
चुप चाप सो नही सकती थी क्या,,,
उसने मायूस होके बोला,,,,,भाई मैं डिन्नर के लिए तेरा वेट कर रही थी,,ताकि तुम आओ और हम भाई बेहन एक
साथ बैठकर डिन्नर करे,,,,मैने तेरी पसंद का सब कुछ बनाया है,,
किसने बोला था मेरी पसंद का बनाने को और किसने कहा था वेट करने को,,,खुद डिन्नर कर लेती,,,मैने थोड़ा
चिड़ते हुए बोला,,,
ऐसे क्यूँ बोल रहा है भाई गुस्से से,,,मैने तो सब कुछ तेरी वजह से किया,,,,इतना बोलकर वो डाइनिंग टेबल के पास
गई और वहाँ से एक कटौरी लेके मेरे पास आ गई,,
देख भाई मैने तेरी पसंद की खीर भी बनाई है,,,,पता है कितना टाइम लगा ये खीर बनाने मे ,,,और तू
है कि गुस्सा कर रहा है,,
मुझे नही खानी कोई खीर-वीर,,,और किसने बोला था ये सब ड्रामा करने को,,,मैने बोला था क्या,,,,,,मुझे
नही खाना कुछ भी ,,मैं बाहर से खाना खाकर आया हूँ और अब मुझे नींद आ रही है,,,,
तभी वो रोने लगी और उसकी आँख से एक आँसू निकला और खीर वाली कटौरी मे गिर गया,,,,उसने खीर वाली कटौरी को
वापिस रखा डाइनिंग टेबल पर और रोते हुए बोनले लगी,,,,
ठीक है मत खाओ सो जाओ जाके,,,,मैं ही पागल हूँ जो इतनी मेहनत से सब कुछ बनाया तेरे लिए और तू है की
गुस्सा कर रहा है,,,खुद ग़लती करता है ,,,खुद बुरे काम करता है और खुद ही गुस्सा भी करता है,,,जाओ सो
जाओ जाके ,,,तुमको नही खाना तो मुझे भी नही खाना,,,,इतना बोलकर वो रोती जा रही थी,,,
मेरा दिल किया उसको चुप करवाने को क्यूकी मुझसे कुछ भी बर्दाश्त होता था लेकिन उसकी आँखों मे आँसू
मेरे से बर्दाश्त नही होते थे,,,लेकिन उसका रोना ज़रूरी था और उसका गुस्से होना भी ज़रूरी था,,क्यूकी वो गुस्सा
रहेगी तभी मेरे से दूर रहेगी,,,,
नही खाना तो मत खा ,,जा दफ़ा हो जा यहाँ से और चली जा उपर अपने कमरे मे,,,,मैने थोड़ा गुस्से से चिड़ते
हुए बोला तो वो फूट-फूट कर रोने लगी और वहाँ से भाग कर उपर चली गई,,,,,
मैं भी आके मोम के रूम मे लेट गया,,,मेरा मूड भी काफ़ी खराब हो गया था मैं बस सो जाना चाहता
था,,इसलिए मैं उठा और डॅड की अलमारी से पयज़ामा निकाल कर पहन लिया और वापिस बेड पर लेट गया,,,लेकिन मुझे
नींद नही आ रही थी,,,,एक तो मैने सोनिया पर गुस्सा करके उसको रुला दिया था इस बात से मुझे खुद पर भी
गुस्सा था पर मेरा ऐसा करना भी ज़रूरी था उस से दूर रहने के लिए,,,और दूसरा मैं भूखा भी था और भूखे
पेट नींद नही आती,,,,इसलिए मैं बाहर डाइनिंग टेबल पर आया जहाँ खाना ऐसे ही पड़ा हुआ था,,और वहीं पड़ी
हुई थी वो खीर वाली कटौरी,,,,
मुझे खीर बहुत अच्छी लगती थी और अब मुझे भूख भी बहुत लगी हुई थी इसलिए मैने खीर वाली कटौरी उठाई
और खीर खाने लगा लेकिन तभी मेरा दिल पसीज गया,,,वो खीर एक दम नमकीन लग रही थी मुझको,,हालाकी
उसमे बहुत मीठा स्वाद होता है लेकिन इस खीर मे एक आँसू गिरा था सोनिया का जिस से खीर नमकीन लगने लगी
थी मुझे,,मुझे खीर ख़ाके खुद पर बहुत गुस्सा आ रहा था,,मैने उस मासूम को क्यूँ रुला दिया,,उसकी क्या
ग़लती थी, जो ग़लती थी सब मेरी थी,,,मैं हवस मे इतना अँधा हो गया था कि अपनी मासूम बेहन पर गुस्सा करने
लगा था उसको हर्ट करने लगा था ,,,,
अपने ज़ज़्बातों मे मैं इतना पागल हो गया था कि उन्ही ज़ज़्बातों की वजह से मेरी ज़ुबान का टेस्ट भी बदल
गया था,,,,मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा था,,,उस मासूम के एक आँसू मे इतना खारा-पन था कि खीर भी
नमकीन हो गई थी,,,,
फिर मुझे याद आया कि मुझे भूखे पेट नींद नही आ रही थी तो भला सोनिया को कैसे नींद आएगी,,,उसने
भी तो कुछ नही खाया,,,,इसलिए मैं प्लेट मे खाना लगा कर उपर उसके रूम मे चला गया,,मैं रूम
मे गया तो लाइट जल रही थी और वो पिल्लो को हग करके रो रही थी,,,उसकी पीठ थी दरवाजे की तरफ इसलिए उसने
मुझे रूम मे अंदर आते नही देखा,,,,,मैं रूम मे गया और खाने की प्लेट को हाथ मे लेके उसके बेड के
पास चला गया,,फिर एक हाथ से उसको हिलाने लगा लेकिन मैं उसको हाथ नही लगाना चाहता था इसलिए मैं उसके
हाथ मे पकड़े हुआ पिल्लो को पकड़ कर उसको खींचा तो सोनिया का ध्यान मेरी तरफ आया,,,,वो एक दम से
उठकर बैठ गई ,,,,
मैं भी उसके बेड पर बैठ गया और खाने की प्लेट को हम दोनो के बीच मे रख लिया,,फिर हाथ आगे बढ़ाकर
उसके आँसू पोन्छने लगा,,,,,उसने मेरा हाथ झटक दिया और गुस्सा करने लगी,,,,मेरे से रूठने लगी,,,
अब क्यूँ आया है तू यहाँ,,,जा चला जा यहाँ से मुझे बात नही करनी तेरे से,,तू बहुत बुरा है,,,वो रोते हुए
हल्के गुस्से से बोल रही थी,,,
मत बात कर ,,,लेकिन ये खाना तो खा ले,,,
मुझे नही खाना,,,मुझे भूख नही है,,,,
अच्छा बाबा सौरी,,,,ग़लती हो गई,,इतना बोलकर मैने रोटी का एक नीवाला तोड़ा और उसके मुँह की तरफ ले गया,,,,चल
अब माफ़ कर्दे मुझे और खाना खा ले,,,
उसने मेरा हाथ पीछे कर दिया,,,,मुझे नही खाना,,इतना बोलकर उसने अपने फेस को दूसरी तरफ टर्न कर लिया,,
देख तू नही खाएगी तो मैं भी नही खाउन्गा,,,,,मैने थोड़ा उदास होके बोला,,
लेकिन तू तो बोल रहा था तू बाहर से ख़ाके आया है भाई,,,,झूठ बोल रहा था क्या तू भाई,,,,
हां मैं झूठ बोल रहा था और अब सच बोल रहा हूँ ,,मुझे बहुत भूख लगी है गुस्सा थूक दे मेरी
छुटकी बहना और खाना खा ले वर्ना मुझे भी भूखा रहना पड़ेगा,,,,
उसने अपने हाथों से अपने आँसू पोन्छ दिए और तभी मैने अपने हाथ को आगे किया तो उसने मुँह खोलकर मेरे
हाथ से वो नीवाला खा लिया,,,और खाते हुए बोली,,,,,,तू सच मे बहुत बुरा है भाई,,,कभी कभी बहुत गुस्सा
आता है तुझपे,,,,
जानता हूँ,,,मैं बहुत बुरा हूँ,,,,और तुम बहुत अच्छी हो,,,,चलो अब अच्छी बच्ची बनके खाना खा लो और
सो जाओ,,,,मैं भी चलता हूँ नीचे और खाना ख़ाता हूँ,,,,
यहीं बैठ जाओ भाई हम साथ मिलकर खाना खाते है,,,,उसने बड़े प्यार से बोला,,,
नही पगली,,,मैं यहाँ नही बैठ सकता ,,मुझे नीचे जाना होगा,,तू समझ रही है ना मेरी बात,,,,मैं यहाँ
नही रुक सकता ज़्यादा देर,,,,क्यूकी मैं तुझे और ज़्यादा हर्ट नही करना चाहता ,,,मैने उसको इतना बोला और वो
मेरी बात का मतलब समझ गई,,,,
उसने हां मे सर हिला दिया और बता दिया कि वो मेरी बात समझ गई है,,,
फिर वो खाना खाने लगी और मैं वहाँ से बाहर आने लगा और आते हुए मैं उसके दरवाजे के पास खड़ा हो गया
और पीछे मूड के उस से बोला,,,,
खीर बहुत अच्छी बनी है सोनिया,,,तुम भी खा लेना ,,,,मैने ये बात हंस कर बोली तो उसके फेस पर भी हल्की
स्माइल आ गई,,,
फिर मैं नीचे आ गया और प्लेट मे डिन्नर लगाने लगा,,,लेकिन तभी मेरी नज़र पड़ी उस कटौरी पर जिसमे खीर
थी और सोनिया का एक आँसू गिर गया था,,,,,मैने खाना प्लेट मे लगाने से पहले खीर की कटौरी उठा ली और फिर
से एक स्पून खीर लेके मुँह मे डालके खाने लगा ,,,,अब वही खीर जो कुछ टाइम पहले मुझे नमकीन लगने
'लगी थी वो खीर फिर से मीठी हो गई थी इतनी ज़्यादा मीठी की मुझे लगने लगा जैसे मेरे मुँह मे शक्कर घुल
रही हो,,,,मैं समझ गया कि अगर सोनिया उदास हो तो मुझे कुछ भी अच्छा नही लगना और अब मैं सोनिया को खुश
करके आया था इसलिए मुझे खीर का स्वाद मीठा लगने लगा था,,,
सच कहते है लोग,,ज़ज़्बात सिर्फ़ इंसान का मिजाज़ ही नही ज़ुबान का स्वाद भी बदल देते है कभी कभी,,,,
मैने डिन्नर करके खीर की एक कटौरी भरके अपने साथ मोम डॅड के रूम मे ले गया और आराम से लेट कर खीर
का मज़ा लेने लगा,,,,खीर सच मे बहुत ही ज़्यादा स्वाद बनी थी,,,,चावल का एक एक दाना मुँह मे घुलता ही जा रहा
था,,,और ड्राइ फ्रूट्स तो पूछो मत कितने डाले थे सोनिया ने,,,,चावल के दाने कम और बादाम पिस्ता ज़्यादा मिल
रहे थे मुझे खीर मे,,,,
मैं बेड पर लेटा हुआ बड़े स्वाद से खीर का मज़ा ले रहा था और साथ मे अपने मोबाइल पर फेसबुक ऑन कर लिया था और
टाइम पास करने लगा था,,,तभी मुझे किसी के खांसने की आवाज़ आई तो मैने पीछे मूड कर देखा,,,
दरवाजे के पास सोनिया खड़ी हुई थी,,,,
तुम यहाँ क्या कर रही हो,,तुमको बोला था ना उपर रहने को,,,
भाई मैं तो डिन्नर वाले बर्तन रखने आई थी किचन मे,,,,
रख दिए ना,,,,अब जाओ और सो जाओ उपर जाके,,,,,
मैं तो सो जाउन्गा लेकिन तुम अभी तक क्यूँ नही सोए भाई,,,,,उसने मेरे से सवाल किया वो भी थोड़ा डरते हुए,,
मैं तो खीर खा रहा था ,,सच मे बहुत अच्छी बनी है खीर ,,पेट भर गया लेकिन दिल नही भर रहा खाने
से ,,,,दिल करता है बस ख़ाता जाऊ,,,,
तो खा लो ना किसने रोका है भाई,,,,आपके लिए तो बनाई थी मैने,,,
बहुत बहुत शुक्रिया मेरी छुटकी बहना मेरे लिए खीर बनाने का ,,,,अब जाओ उपर जाके सो जाओ टाइम बहुत हो गया
है,,,,
अभी नही सोना मुझे भाई,,,,कल एग्ज़ॅम है ना अभी तो एग्ज़ॅम की तैयारी करनी है,,,,,सोना तो बहुत देर बाद है मुझे
तभी उसने मेरे हाथ मे पकड़ा हुआ मोबाइल देख लिया,,,,,ये मोबाइल पर क्या कर रहे हो भाई,,,
कुछ नही बस खीर खाते हुए टाइम पास कर रहा था,,,,,
टाइम ही पास करना है तो एग्ज़ॅम की तैयारी मे टाइम पास करो ना ,,,मोबाइल मे क्या रखा है,,,वो थोड़े हल्के गुस्से
मे बोली थी,,,,मुझे पता है वो स्टडी के मामले मे कितनी सीरीयस रहती है हर टाइम,,,,
वैसे भाई तेरी तैयारी हो गई क्या एग्ज़ॅम की,,,उसने ये सवाल भी थोड़े गुस्से से किया था
उसने इतना पूछा तो मेरे से कोई लफ्ज़ नही निकला मुँह से मैं बस सर को झुका कर बैठ गया,,,
मैं पहले ही जानती थी भाई,,,तूने तैयारी नही की होगी,,,,सारा दिन पता नही कहाँ घूमता रहा और घर भी लेट
आया तू,,,,अब भी मोबाइल पर लगा हुआ है,,,,कुछ तो ध्यान दो भाई कल एग्ज़ॅम है तुम्हारा,,,
वो मैं वो ,,,,,मैं बस स्टडी करने ही वाला था खीर ख़तम करके,,,,
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