RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी भाभी चलती हुई हम लोगो के करीब आ गई ऑर मेरे करीब से गुजर कर सूरज के पास चली गई ऑर जाके सूरज की
गोद मे बैठ गई,,,,
जब भाभी मेरे पास से गुज़री तो भीगे भीगी बदन की खुश्बू से मैं ऑर भी ज़्यादा मस्त हो गया ,,,दिल कर रहा था
कि भाभी को हाथ पकड़ कर अपने करीब खेंच लूँ ऑर सर से पैर तक चूमना शुरू कर दूं,,,,,
क्या देख रहे हो सन्नी ,,,,,ये तुम्हारी ही है,,,,ऐसे घूर कर मत देखो इसको,,कहीं भागी नही जा रही,,,,
भाभी हँसने लगी ओर मैं भाभी को देख कर थोड़ा शरमा गया,,,,,अब हालत ऐसे हो गये थे कि भाभी खुल कर पेश
आने लगी थी जबकि मैं शरमाने लगा था,,,,,
क्या सोच रहे हो सन्नी,,,,
मैं चुप रहा ,,,,
जो सोच रहे वो वो कर भी सकते हो तुम सन्नी लेकिन पहले मुझे खुश करना होगा,,,सूरज अभी बोल ही रहा था कि भाभी
उठी ऑर मेरे पास आ गई ऑर मेरे पास आके सोफे पर लेट गई ओर अपनी टाँगे मेरी टाँगों के उपर रख ली,,,मैं भाबी की
टाँगों की तरफ देख रहा था तो भाभी ने अपने घुटनो को उपर उठा कर टाँगों को खोल दिया ,,मैं तो दंग ही रह गया
भाभी की चूत देख कर ,,,भाभी ने पेंटी नही पहनी हुई थी जिसका मुझे पहले से पता लग चुका था लेकिन अब चूत को
इतना करीब से देख कर मेरे मूह मे पानी आने लगा,,,
भाभी की चूत एक दम सॉफ थी ,,एक भी बाल नही था जैसे भाभी ने अभी अभी शेव की थी ऑर जब भाभी ने अपनी टाँगों
को थोडा ऑर खोला तो भाभी की चूत भी ज्याद खुल गई ऑर अंदर का गुलाबी रंग का हिस्सा देख कर मेरी जान ही अटक गई,,
देख लो जी भरके सन्नी भाई लेकिन टच मत करना अभी,,,,क्यूकी इसको टच करने के लिए पहले मुझे खुश करना ज़रूरी
है,,,,सूरज इतना बोलकर सोफे से उठा ऑर अपने कपड़े उतारने लगा,,,,इधर भाभी भी उठी ऑर मेरे कपड़े उतारने लगी,,,,
मैं ऑर सूरज 2 मिंट मे नंगे हो गये ,,,,ऑर हम लोगो के नंगे होने का बाद भाभी ने भी कुर्ता उतार दिया ऑर नंगी हो
गई,,,,
मेरा लंड जो मस्ती मे पहले ही ओकात मे आ चुका था भाभी ने उसको हाथ मे पकड़ा ऑर हल्के से सहला दिया,,मुझे
ऐसे लगा जैसे कोई सलाब मेरे लंड मे उठ रहा था ऑर अभी बस दीवारें तोड़ कर बहना शुरू हो जाएगा,,,,भाभी
के छोटे छोटे कोमल हाथ लगते ही लंड मे मस्त इतनी ज़्यादा भरने लगी की मुझे हल्का हल्का दर्द होने लगा,,,,
तभी भाभी ने अपने सर को थोड़ा नीचे किया ऑर मेरे लंड पर एक किस करदी,,,मुझे लगा कि भाभी मेरे लंड को मूह मे
लेने लगी है इसलिए मैने खुद को सोफे से हलक उपर उठा दिया ताकि मैं भी अपने लंड को भाभी के मूह मे घुसा
दूं,,,लेकिन भाभी ने तो सिर्फ़ एक किस की मेरे लंड की टोपी पर ऑर मूह उपर उठा लिया ऑर सूरज को पास आने का इशारा किया
सूरज भी जल्दी ही मेरे करीब आ गया,,,,मैं सोफे पर बैठा हुआ था ऑर भाभी भी मेरे साथ ही बैठी हुई थी लेकिन सूरज
आके ज़मीन पर घुटनो के बल बैठ गया ऑर एक ही पल मे उसने सर झुका कर मेरे लंड को मूह मे भर लिया ऑर पहली ही
बार मे लंड को गले से नीचे तक ले गया ऑर बाहर निकाल दिया ऑर मेरे लंड पर थूक दिया फिर हाथ से मेरे लंड को
एक दो बार सहलाया ऑर फिर से सर झुका कर लंड को मूह मे ले लिया,,,,मैं तो मस्ती मे पागल होने लगा था ,,,इतना मज़ा
आने लगा था कुछ ही देर मे कि मैं भूल ही गया कि मेरा लंड भाभी नही सूरज भाई चूस रहा है ऑर मुझे अब फ़र्क भी
नही पड़ने वाला था क्यूकी मुझे बहुत ज़्यादा मज़ा आ रहा था इतना मज़ा तो भाभी द्वारा भी नही आना था जितना मज़ा मुझे
सूरज को लंड चुस्वा कर आ रहा था,,
सूरज पूरी मस्ती मे मेरे लंड को मूह मे लेके चूस रहा था ऑर पूरा का पूरा गले से अंदर ले रहा था ,,इतना मज़े से तो
भाभी भी मेरा लंड नही चूस सकती थी ,,,मुझे सच मे इतना मज़ा आ रहा था कि क्या बोलू लेकिन ये मज़ा ज़्यादा देर तक
नही आया,,,,
सूरज ने जल्दी ही मेरे लंड को मूह से निकाल दिया ऑर अपने मूह से थोड़ा थूक अपने हाथ पर थूक कर अपनी गान्ड
पर लगा कर सामने के टेबल पर झुक गया ऑर गान्ड को मेरे सामने कर दिया लेकिन तभी मुझे याद आया कि मेरे बॅग मे
एक स्टर्प-ऑन है ,,मैने जल्दी से स्टर्प-ऑन निकाला ऑर भाभी के तरफ बढ़ा दिया ,,,भाभी कुछ नही समझी तो मैने भाभी को
जल्दी सोफे से खड़ा कर दिया ऑर भाभी को स्ट्रॅप-ऑन पहना दिया ,,,,मुझे थोड़ा टाइम लगा गया स्ट्रॅप-ऑन पहनने मे तो
सूरज पीछे मूड कर हम दोनो की तरफ देखने लगा तो मैने जल्दी सोफे से उठकर सूरज को ये बता दिया कि मैं आ रहा हूँ
ऑर जल्दी से सोफे से उठकर खड़ा भी हो गया,,सूरज ने पल भर क लिए पीछे मूड के देखा था लेकिन इतनी देर मे वो भाभी की
कमर पर बँधे स्ट्रॅप-ऑन को नही देख पाया,,,,,भाभी की कमर पर स्ट्रॅप-ऑन बाँध कर मैने भाभी को मूह से थूक
लेके उस नकली लंड पर लगाने को कहा तो भाभी ने ऐसा ही किया ,,फिर मैं भाभी को सूरज के पीछे ले गया ऑर अपने हाथ मे
थोड़ा थूक लेके सूरज की गान्ड पर लगा दिया ऑर फिर भाभी के नकली लंड को हाथ मे लेके सूरज की गान्ड मे घुसा
दिया ,,,भाभी एक लिए ये पहली बार था तो मैने खुद भाभी की कमर को आगे पीछे किया तो भाभी भी जल्दी ही समझ गई
ऑर अपने हाथ से सूरज की कमर को पकड़ कर सूरज की गान्ड मे नकली लंड पेलने लगी,,,,सूरज एक मूह से हल्की हल्की सिसकियाँ निकलने लगी,,
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आहह उउहह बड़ा ंमाज़्जा आ र्राहहा हहाीइ उऊहह माआ हहयइईई सूरज सिसकियाँ लेने लगा तभी मैं आगे
बढ़ कर सूरज एक सामने जाके खड़ा हो गया,,,सूरज हैरान होके मुझे देखने लगा उसको समझ नही आ रहा था कि मैं
सामने खड़ा हूँ तो उसकी गान्ड कॉन मार रहा है तभी उसने पीछे मूड कर देखा ऑर भाभी को ऐसे हिलते देख कुछ
समझा नही लेकिन मस्ती ऑर मज़े से वो फिर सिसकियाँ लेने लगा लेकिन मैने उसकी सिसकियाँ बंद कर दी ,,
मैं आगे बढ़ा ऑर टेबल के दूसरी तरफ खड़ा हो गया ऑर अपने लंड को सूरज के करीब कर दिया ,,सूरज ने भी एक ही पल मे मूह,
खोल दिया ऑर मेरे लंड को मूह मे भर लिया,,,,,मैं चाहता तो सूरज की गान्ड मार लेता लेकिन मेरा दिल सूरज के मूह को
चोदने को कर रहा था क्यूकी उसके लंड चूसने का अंदाज़ ही बहुत निराला था,,,,,मैने सूरज के सर को पकड़ा ऑर अपने लंड
को तेज़ी से सूरज के मूह मे पेलने लगा ,सूरज को कोई परेशानी नही हो रही थी वो तो अपने सर को मेरी कमर से भी ज़्यादा
तेज़ी से हिला कर मेरे पूरे लंड को मूह मे लेने मे लगा हुआ था,,,,,मैं आगे से सूरज के मूह को चोद रहा था ऑर भाभी
पीछे से सूरज की गान्ड मार रही थी,,,करीब 10 मिनिट तक मैं सूरज के मूह मे लंड पेलता रहा ऑर फिर मैं सूरज के
पीछे चला गया ऑर भाभी को सूरज के सामने भेज दिया ,,,सूरज भाभी की कमर पर लगे नकली लंड को देख कर खुश भी
था ऑर थोड़ा हैरान भी,,शायद उसने पहली बार स्ट्रॅप-ऑन देखा था ,,लेकिन हैरानी से ज़्यादा उसको मस्ती चढ़ि हुई थी
इसने कामिनी को आगे बढ़ कर लंड को उसके मूह के करीब करने का इशारा किया ऑर कामिनी ने भी आगे बढ़कर लंड
को सूरज के मूह मे घुसा दिया,,,ऑर मैने पीछे जाके अपने लंड को सूरज की गान्ड मे घुसा दिया,,,,,
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