RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
खैर हम लोगो ने खाना ख़तम किया ऑर खाना खाते ही मामा घर से बाहर चला गया,,,सिगरेट
पीने के लिए,,,,,,,,,माँ किचन मे बर्तन रखने लगी ऑर सोनिया भी उनकी हेल्प करने लगी लेकिन शोबा
दीदी खाना खाते ही उपर अपने रूम मे चली गई ऑर 2 मिनट बाद ही वापिस आ गई,,,,
तब तक माँ ऑर सोनिया सोफे पर आके बैठ गई थी जहाँ मैं पहले से बैठा हुआ टीवी देख रहा था,,,,
सन्नी उपर तेरा फोन बज रहा था,,,,,,,,,शोबा दीदी ने नीचे आते ही बोला,,,,,,,,,,
किसका फोन था दीदी,,,,,,,,मैने भी दीदी से पूछा,,,,,,,,,,,
करण का फोन था तुझे अपने घर बुला रहा था बोल रहा था कोई ज़रूरी काम है कॉलेज का,,,
शोबा ने मुझे फिर से सबकी नज़रो से बचके आँख मांर दी,,,लेकिन मैं अंजान कुछ समझा ही नही,,
लेकिन जब मैने सोनिया की तरफ देखा तो वो करण के नाम से आग बाबूला होने लग गई थी,,मैने उस
से नज़र बचाई ऑर अपने रूम मे चला गया पयज़ामा ऑर टी-शर्ट पहनने क्यूकी अभी इस टाइम मैं
निक्केर ऑर बनियान मे था,,,,करण के घर जाने के लिए तैयार हो रहा था तो सोचा क्यू ना एक बार करण
को फोन करके पूछ लूँ कि आख़िर मसला क्या है ,,फोन उठाकर कॉल हिस्ट्री मे जाके ही करण को
फोन करने लगा था क्यूकी अभी उसका फोन आया था सबसे उपर उसका नंबर ही होता लेकिन देख कर
हैरान हो गया कि उसकी तो कोई कॉल नही आई मुझे तो दीदी ने झूठ क्यू बोला,,,फिर याद आया कि दीदी ने
नीचे मुझे इशारा किया था डाइनिंग टेबल पर ,,लगता है कुछ लफडा है,,,,चलो दीदी से ही पूछ लेते
है,,,,,,,,,मैं तैयार होके नीचे चला गया,,,,,जहाँ सब लोग दूध पी रहे थे मेरे नीचे जाते ही
माँ ने एक ग्लास दूध मुझे भी दिया ,,,मैं दूध पीक माँ को बोला कि मैं करण के घर
जा रहा हूँ थोड़ा काम है,,,,,,,,,,,
वापिस कब आओगे बेटा,,,,,,माँ ने पूछा,,,,
पता नही माँ ,,,,,,,,,शायद अभी आ जाउ कुछ देर मे ऑर शायद कल सुबह को,,,,,,,,,,,
मैं घर से जाने ही लगा तभी शोबा दीदी ने पीछे से आवाज़ दी मुझे,,,,,,,,
रूको सन्नी,,,,,,तुम करण के घर जा रहे हो तो प्लीज़ मुझे पहले बुटीक पर ड्रॉप करदो,,बुआ
बाहर गई है ऑर कुछ ज़रूरी काम है बुटीक पर,,,,
मुझे पहले पता था ये भी साथ चलेगी,,,,,क्यूकी इसका मूड था आज चुदाई करने को,,,लेकिन ये घर
मे भी तो मेरे साथ चुदाई कर सकती है ,,फिर भला बुटीक जाने की क्या ज़रूरत,,,उपर बुआ का
ड्रॉयिंग रूम है इसका रूम भी है वहाँ मस्ती कर सकते है हम दोनो,,,,फिर सोचा कहीं इसने
बुटीक पर करण ऑर शिखा को ना बुलाया हो इसलिए खुद भी साथ चल रही है,,,,,,
मैने कुछ नही बोला ऑर घर से बाहर आ गया ,,,,बाइक स्टार्ट किया ऑर हम दोनो वहाँ से चल पड़े,,
घर से थोड़ी दूर जाके ,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या बात है दीदी ,,,झूठ क्यू बोला करण का तो कोई फोन नही आया
था मुझे,,,,,,,,,,,,,,
बुटीक पर चल सब बताती हूँ तेरे को,,,,,,,,,,,,,,,,,
अभी बता दो दीदी,अभी कॉन है सुनने वाला,,,,,,
तेरे लिए एक चूत का बंदोबस्त किया है मैने,,,,,,,,दीदी ने बोलते टाइम अपने हाथ को आगे करके मेरे
लंड को पॅंट के उपर से मसल दिया,,,,
मैं उछल पड़ा,,,,एक तो लंड को थोड़ा ज़ोर से मसला था दीदी ने उपर से चूत की बात सुनके दिल
खुश हो गया था,,,,,क्यूकी बंदोबस्त का मतलब शिखा नही था ,,,,किसी ऑर की चूत तैयार की थी दीदी
ने मेरे लिए,,,,,,,,,,,
कॉन है वो दीदी,,,,बताओ तो ज़रा,,,,,
है कोई,तू टेन्षन मत ले,,,,,,,,,,,ऑर हाँ वो मस्ती के लिए नही बल्कि किसी मजबूरी मे ये सब करने के लिए
तैयार हुई है,,,,,,,,उसको ज़्यादा तंग मत करना,,,,,,,
ठीक है नही करता तंग लेकिन बताओ तो सही कॉन है वो,,,,,,,,मैं एग्ज़ाइट्मेंट मे पूछ रहा था,,,,,
है कोई ,,,,,,,,,,,,,बुटीक चल सब पता लग जाएगा,,,,,,,,,,,
लेकिन दीदी बुटीक पर तो पूजा ऑर मनीषा भी होंगी तो कैसे होगा सब,,,,कुछ पंगा हो गया
तो,,,,,,,,,
वो लोग वहाँ नही है वो भी आज सुबह अपने घर चली गई है,,,,बुटीक पर कोई नही है,,,
मैं समझ गया कि डॅड ऑर बुआ के साथ गई है वो दोनो,,पहले डॅड उनके साथ मस्ती करेंगे ऑर
बाद मे बुआ के साथ गाओं जाके रेखा के साथ मस्ती करेंगे,,,,,
अच्छा तो क्या मेरे लिए चूत का बंदोबस्त करने की खातिर आप डॅड ऑर बुआ क साथ नही गई,,,,मैने
भी हसके बात की ताकि दीदी को थोड़ा कल्पा सकूँ,,,,
मैने क्या करना था डॅड ऑर बुआ के साथ जाके ,,,,वो लोग किसी काम से गये है,,,,
किस काम से गये है मैं सब जानता हूँ दीदी,,,,,,,,मैं अब बच्चा नही रहा,,,,सब समझता हूँ
वो लोग गाओं गये है रेखा क पास,,,,,,,,,,
मेरे इतना बोलने की देर थी कि शोबा के फेस का रंग उड़ गया,,,
तो रेखा कमिनि की ज़ुबान सच मे कुछ ज़्यादा ही चलती है,,,,बुआ ने ठीक कहा था,,,,वो किसी बात
को पेट मे दबा कर नही रख सकती,,,,सब उगल देती है,,,,,
अरे दीदी उसपे गुस्सा क्यू करती हो,,,,,,गुस्सा तो मुझे आप पर होना चाहिए जो आप सब कुछ छुपाती
रहती हो मेरे से लेकिीन मुझे फिर भी पता लग ही जाता है,,,,,
अच्छा तो मुझे भी तेरे पे गुस्सा होना चाहिए,,तू भी मेरे से बहुत कुछ छुपाता है,,,लेकिन मैं
भी तेरी बड़ी बेहन हूँ मुझे भी सब पता चल जाता है,,,,,
क्या पता चला मेरे बारे मे दीदी,,,,,,,,,,,
यही कि तू माँ की चूत का बंदोबस्त करने को बोलता है जबकि माँ की गान्ड का भी स्वाद चख
चुका है,,,,,,
अब हैरान होने की बारी मेरी थी,,,,,आपको कैसे पता चला दीदी,,,,
उससी कमिनि रेखा से जिसने तुझे सब कुछ बताया है,,,,
क्या बुआ ऑर दाद भी जानते है मेरे ऑर माँ के बारे मे दीदी,,,,,,,,,,
नही वो लोग तो माँ विशाल भाई ऑर मामा के बारे मे जानते है,लेकिन तेरे बारे मे नही,,,,अब पता नही
गाओं गये है तो रेखा उनको भी सब कुछ बता ना दे कहीं,,,,,
सच मे दीदी ,,,डॅड ऑर बुआ माँ भाई ऑर मामा के बारे मे जानते है,,,,,
हाँ सन्नी ,,,,मामा के बारे मे तो कब्से जानते थे डॅड लेकिन भाई ऑर माँ के बारे मे थोड़ा टाइम
पहले ही पता चला था उनको,इसलिए तो बुआ को बोलकर मेरी चूत तैयार करवाने लगे थे अपने लिए
दीदी आपको कितना टाइम हुआ डॅड ऑर बुआ के साथ मस्ती करते हुए,,,,,,
जबसे मैने बुटीक पर जाना शुरू किया,करीब 1 साल हो गया,,,,,,,,
उस से पहले आपका कोई बाय्फ्रेंड था क्या ,,,,
नही सन्नी,मेरा आज तक कोई बाय्फ्रेंड नही हुआ,,,,पहले स्टडी मे ध्यान देती रहती थी तो ऐसी बातों
की तरफ सोचा भी नही ऑर जब चुदाई के बारे मे पता चला तो बाय्फ्रेंड बनाने की ज़रूरत ही महसूस
नही हुई,,,,,,,
तो क्या आपकी सील भी डॅड ने खोली थी,,,,,,,,,,
हाँ सन्नी,,चूत की सील डॅड ने ऑर गान्ड की सील बुआ ने खोली थी नकली लंड से,,,,,
तेरी आज तक कोई गर्लफ्रेंड बनी क्या सन्नी,,,,,,,,
नही दीदी मुझे कभी अपनी वीडियोगेम से फ़ुर्सत ही नही मिली ऑर जब सेक्स गेम खेलनी शुरू की तो
घर मे ही एक से बढ़ कर एक चूत के साथ मस्ती करने का मोका मिलने लगा,,,,पहले माँ फिर बुआ
ऑर अब आप ,,,,,,,,गर्लफ्रेंड बनाने की ज़रूरत ही महसूस नही हुई,,,,अब तो घर की सारी औरते ही
मेरी गर्लफ्रेंड है,,,,,,आप बुआ ऑर माँ,,,,,,,,
अच्छा ऑर सोनिया का क्या,,,,,,,,,,उसको गर्लफ्रेंड बनाने को दिल नही करता क्या,,,,,दीदी ने हँसते हुए ये बात बोली
मैं समझ गया कि मेरा मज़ाक उड़ा रही है,,
दिल तो करता है दीदी लेकिन हिम्मत नही होती,,,,,अगर आप कुछ हेल्प कर सको तो बड़ी मेहरबानी होगी,,
ना बाबा ना,मुझे मरना नही है,,,,,ऑर वैसे भी जितनी चूत है तेरे पास इस टाइम काफ़ी है तेरे लिए,,,
फिर दीदी हँसने लगी,,,,
हम बातें करते हुए बुटीक पर चले गये,,,दीदी ने अपने बॅग से चाबी निकाली ऑर पीछे के गेट
को खोल कर हम अंदर चले गये,,,,
जैसे ही मैं बाइक अंदर करने लगा मैने देखा कि वहाँ एक अक्तिवा खड़ी थी,,,,वो शोबा दीदी की नही
थी क्यूकी उसका नंबर शोबा दीदी की अक्तिवा का नंबर नही था,,,,पूजा ऑर मनीषा के पास तो अक्तिवा नही
थी,,,,फिर ये किसकी है,,,,,,,मैने गौर से नंबर प्लेट की तरफ देखा तो नंबर कुछ जाना पहचाना लगा,,,
ये तो कविता की अक्तिवा थी,,,,,कहीं दीदी ने कविता को मेरे लिए तैयार तो नही कर लिया,,ये सोच कर ही मेरे लंड
ने सर उठाना शुरू कर दिया,,,,,,दिल मे खुशी भरने लगी,,
बाइक अंदर किया ऑर फिर हम लोग उपर चले गये,,,,उपर का दरवाजा भी लॉक था,,,दीदी ने लॉक खोला
ऑर हम अंदर गये दीदी जाते ही किचन के बाहर पड़े हुए सोफे पर बैठ गई,,,,,,,,
अरे आप यहाँ क्यू बैठ गई,,,,ऑर मेरी प्यारी चूत कहाँ है,,,,,
ज़रा आराम से बोलो,,,,वो अंदर है,दीदी ने एक रूम की तरफ इशारा करते हुए बोला,,,,,देखो सन्नी
मैने तेरे से पहले भी बोला है कि वो तेरे साथ मस्ती करने नही बल्कि किसी मजबूरी की वजह से
यहाँ आई है तो प्लीज़ उसके साथ कोई ज़ोर ज़बरदस्ती नही करना,,,,वो मना करे तो कुछ मत करना जब
तक की उसकी रज़ामंदी नही मिलती,,,ऑर ज़रा तमीज़ से पेश आना ,,,,
अच्छा बताओ तो सही वो है कॉन,,,,,,,,,,
अंदर जाके खुद देख लेना,,,,,
आप साथ नही आओगी क्या,,,,,मैने दीदी से पूछा,,,,
नही सन्नी,,,वो मेरे सामने कुछ नही करने वाली,थोड़ा शरमाती है,,,,,वो तो आने को भी तैयार नही
थी मैने बड़ी मुश्किल से तैयार किया था उसको ,,,,ऑर उसके घर वालो को कितने बहाने बनाए उसको यहाँ
लेके आने के लिए ये मैं ही जानती हूँ,,,,,,,,,अब जाओ ऑर मस्ती करो,,,,,,लेकिन ज़रा आराम से ऑर प्यार से,,,,
मैं कुछ समझ नही पा रहा था ,,,ऐसा कॉन है अंदर जो तैयार भी है मस्ती के लिए ऑर नही भी,,दीदी
साथ क्यूँ नही जा रही,,,,,अगर अपनी किसी सहेली को लेके आई है तो खुद भी साथ चले ऑर अपनी सहेली के
साथ मस्ती करने मे मेरा साथ दे,,,मैं अंदर जाने लगा तो दीदी भी उठी ऑर मेरे साथ वाले रूम
मे चली गई,,,,,ऑर इशारा करते हुए ये बता गई कि मैं यहीं हूँ तुम जाओ दूसरे रूम मे,,,,
दीदी ने अंदर जाके दरवाजा बंद कर लिया ऑर मैं साथ वाले रूम के दरवाजे के पास पहुँच गया,,
मैं दरवाजे को खोलने लगा,,थोड़ा डर भी लग रहा था ऑर थोड़ी मस्ती भी चढ़ने लगी थी,,,डर
ऑर एग्ज़ाइट्मेंट का मिला जुला असर हो रहा था मेरे दिल मे,,,,,मैने दरवाजे को खोला तो देखा कि एक
पतली सी लड़की रूम के अंदर खिड़की के पास खड़ी हुई थी जो खिड़की बुटीक के दूसरी तरफ की गली मे
खुलती थी जहाँ कोई नही होता था,,,,,फिर वो किसको देख रही थी वहाँ खड़ी होके,,,,,
उसके बाल बँधे हुए थे,,जुड़ा किया हुआ था बालों का उसने,,,,लाइट पिंक कलर का सूट पहना हुआ
था जो स्किन फिटिंग वाला लग रहा था,,,,पीछे पीठ पर एक लंबी ज़िप लगी हुई थी जो नेक से शुरू
होके पीठ के लास्ट मे गान्ड से थोड़ा उपर तक आके ख़तम हो गई थी,,,सर पर भी दुपट्टा लिया
हुआ था उसने,,,जो उसके सर के उपर से होते हुआ दोनो तरफ से उसकी पीठ पर आ रहा था,,,,रूम मे
एसी चल रहा था लेकिन फिर भी एक फॅन को स्लो स्पीड मे चलाया हुआ था,,जिसकी हवा से उसका दुपट्टा
हिलने लगा था,,,,उसको दरवाजा खुलने की आवाज़ सुन गई थी लेकिन वो मेरी तरफ पलटी नही थी लेकिन थोड़ा
घबरा ज़रूर गई थी,,,,क्यूकी उसके दोनो हाथ उसकी कमर की दोनो तरफ से नीचे लटके हुए थे ऑर वो
दोनो हाथों से अपने सूट को कभी हाथ से पकड़ लेति और कभी छोड़ देती,,ये निशानी होती है किसी
भी लड़की के डर की,,कन्फ्यूज़ होने की,,जब लड़की को कुछ समझ नही आता तो वो अक्सर ऐसे ही करती है,,या
उंगलियों मे अपना दुपट्टा घुमाती रहती है,,,,,,,,मैने अंदर जाके दरवाजा बंद किया जैसे ही मैने
दरवाजा बंद किया तो देखा कि उसके बदन को एक तेज झटका लगा,,,,वो कुछ ज़्यादा ही डर गई थी क्यूकी
एग्ज़ाइट्मेंट मे मैने दरवाजे को थोड़ा ज़ोर से बंद किया था ,,,,मैं दरवाजे से उस खिड़की की तरफ
बढ़ने लगा लेकिन कोई जल्दबाज़ी नही की मैने ,,,मैं बड़े आराम से उसकी तरफ बढ़ रहा था लेकिन मेरे
कदमो की आवाज़ से उसके डर बढ़ता जा रहा था जैसे जैसे उसको अपने पास आते कदमो की आवाज़ सुनती जा
रही थी वैसे वैसे उसका डर भी बदता जा रहा था,,,,उसके डर मे भी एक अजीब मस्ती थी जिस से दिल मे
खुशी की हलचल होने लगी थी,,,,,,,मैं उसके करीब पहुँच गया था ,,हम लोगो मे अब 6 इंच का
फासला था,,,उसके दिल की धड़कन बहुत तेज हो गई थी उसको पता लग गया था कि मैं उसके पीछे खड़ा
हूँ ऑर कुछ ज़्यादा ही करीब हूँ,मुझे उसके दिल की धड़कन सुनाई दे रही थी साथ ही उसकी डर के
मारे उखड़ती साँसे भी,,,,मेरी भी साँसे गर्म होने लगी थी ऑर मैं उसके ऑर भी ज़्यादा करीब चला
गया था,,,,अब मेरे हाथ उसकी पतली कमर की तरफ बढ़ने लगे ,,,,जैसे ही मेरे हाथ उसकी कमर पर
लगे वो एक दम से डर कर आगे की तरफ हो गई,,,लेकिन आगे खिड़की थी ऑर वो खिड़की के काँच के साथ लग्के
खड़ी हो गई थी,,,उसके हाथों ने उसके सूट को तेज़ी से पकड़ना ऑर छोड़ना शुरू कर दिया था मतलब
वो बहुत ज़्यादा डरी हुई थी,,,लेकिन मैं उसके डर से खुश होता हुआ आगे बढ़ने लगा ऑर फिर से उसकी
कमर को दोनो हाथों से पकड़ लिया वो आगे होना चाहती थी लेकिन आगे कोई जगह नही थी वो बस
वही खड़ी खड़ी झटके खाने लगी थी,,मैने उसको कमर से पकड़ा ऑर अपनी तरफ खींच लिया मेरे
करीब आते ही मेरे हाथ उसकी कमर से खिसकते हुए उसके पेट पर चले गये ऑर मैने दोनो हाथों से
उसको अपने से सटा लिया ,,,लेकिन जल्दी ही उसने मेरे हाथ को अपने हाथों से पकड़ा ऑर खुद को मेरे से
छुड़वा लिया,,,,,मैं उसको छोड़ना नही चाहता था लेकिन शोबा दीदी ने बोला था कि कोई ज़बरदस्ती
नही करनी इसके साथ,,,,इसलिए मैने उसको अपने हाथों से आज़ाद कर दिया लेकिन एक ही पल मे मैं फिर से
उसके करीब हो गया ऑर फिर से मेरे हाथ उसकी कमर के दोनो तरफ टिक गये थे,,,इस बार मैने उसको
अपने करीब नही किया बल्कि मैं खुद उसके करीब चला गया,,,उसने आगे होने की कोशिश की लेकिन
उसकी कोशिश बेकार गई आगे खिड़की थी,,,वो खिड़की के साथ सॅट कर खड़ी हो गई ऑर मैं पीछे से उसकी
पीठ के साथ सटके खड़ा हो गया,,,,मैने अपने हाथों से उसकी कमर को पकड़ कर हल्के से दबा
दिया तो उसकी आहह निकल गई मैने मोका देखते ही एक हाथ से उसके दुपट्टे को साइड किया ऑर उसके
सर से दुपट्टा उतार दिया उसने मुझे रोकने की कोशिश की लेकिन तब तक देर हो गई ऑर उसका दुपट्टा
उसके सर से नीचे हो गया ऑर एक तरफ लटक गया,,थोड़ा सा दुपट्टा उसके लेफ्ट शोल्डर पर था बाकी का
ज़मीन पर था,,मैने उसको भी वहाँ से अलग करके ज़मीन पर फैंक दिया,,,,फिर उसकी गर्दन
पर अपने लिप्स रखे ऑर हल्की किस करदी उसने झटका खाया लेकिन मैने एक के बाद एक 10-15 किस करदी
उसके गले ऑर राइट शोल्डर के पास ,,,,,,,,,उसके मुँह से दबी दबी अह्ह्ह्ह निकलती रही ,,जैसे ही उसके
गले से किस करते टाइम मेरे लिप्स एक चीज़ से लगे तो मेरी गान्ड फॅट गई,,,,ये तो एक मंगलसूत्र था
ओह्ह मययी गॉड ये तो कोई मॅरीड लड़की थी,,,मेरे उत्सुकता बढ़ने लगी ये देखने के लिए की ये कॉन है
तो मैने जल्दी से उसको दोनो शोल्डर से पकड़ा ऑर अपनी तरफ घुमा लिया,,,,,उसने घूमने मे थोड़ी
ज़िद्द की लेकिन मैने पूरे ज़ोर से उसको अपनी तरफ पलट लिया,,,,जैसे हो वो पलटी मेरे होश उड़ गये,,,
मैं एक दम से डर गया,,वो भी मुझे देख कर डर गई,,,,उसका रंग पीला होने लगा मानो उसने कोई
भूत देख लिया हो,,,वो बस रोने को ही थी ,,,,उसको डरी हुई देख कर मेरा भी दिल ज़ोर से धक धक करने
लगा,,,,वो शायद जानती नही थी कि उसके रूम मे मैं आया हूँ लेकिन शोबा दीदी ने तो बोला था कि ये खुद
तैयार हुई थी सेक्स के लिए,,,क्या शोबा दीदी ने इसको बताया था कि मैं आने वाला हूँ,,,,क्यूकी उसके चेहरे के
भाव देख कर तो नही लग रहा था कि उसने मुझे एक्सपेक्ट किया होगा इस टाइम इस रूम मे वो भी उसके
इतने करीब,,,,,,,,
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