RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
डॉक्टर--आज तो कमाल ही हो गया ,,,,किशन लाल जी की तबीयत मे तो बहुत फरक आ गया है,,,,,,
क्या मतलब डॉक्टर साहब,,,,,,,चाची जी ने पूछा,,,,,,,,,
डॉक्टर--मेरा मतलब है कि आज उनकी हालत मे बहुत सुधार है पहले के मुक़ाबले,,,लगता है किसी वजह
से वो बहुत खुश है,,,,,
तभी चाची ने मेरे ऑर सोनिया की तरफ़ उंगली करते हुए बोला,,,,,,,,डॉक्टर साहिब ये दोनो है उनकी
खुशी की वजह ,,,,,,
मैने ऑर सोनिया ने डॉक्टर को नमस्ते बोला ऑर उसने भी हमे रिप्लाइ किया,,,,,,,,
डॉक्टर--अच्छा तो ये शहरी लोगो ने हमारे चाचा जी को इतना खुश किया है कि उनकी हालत सुधरने लगी
है,,,,ये तो बहुत अच्छी बात है क्यूकी खुशी से एक आस जगी है उनके दिल मे फिर से जीने की आस
उनका फिर से दिल कर रहा है अपनी ज़िंदगी जीने को,,,,,
चाची---क्या मतलब डॉक्टर,,,,,,,,,
डॉक्टर--देखिए पुष्पा देवी जी किशन लाल वैसे तो बहुत बीमार है अभी लेकिन जैसे पहले वो जीने की
आस ही खो चुके थे ऑर ज़्यादा बीमार हो गये थे ,,लेकिन अब उनके दिल मे फिर से जीने की
आस पैदा हो गई है,,,जैसे इंसान को जीने के लिए सिर्फ़ साँस लेने की ज़रूरत नही बल्कि जीने का
कोई मकसद भी होना चाहिए जैसे परिवार मे हसना खेलना ,,,,बच्चों से प्यार करना,,मुझे
लगता है इन बच्चो के आने से उनको जीने की नयी उम्मीद मिली है शायद इसलिए उनकी हालत मे आज
बहुत सुधार हुआ है,,,अगर ऐसा ही रहा तो कुछ दिनो मे वेंटिलेटर मशीन की भी ज़रूरत
नही रहने वाली आपको,,बस वो ऐसे ही हँसते रहे ऑर खुश रहे,,हो सके तो अपने मेहमानो को
कुछ दिन तक यहीं रोक लीजिए,,,इतने मे केवल भी वहाँ आ गया ऑर डॉक्टर की बात सुनके बहुत
खुस हो गया,,,,,
लेकिन डॉक्टर साहिब बच्चे तो आज ही आए है कुछ देर पहले ऑर इतनी देर मे भी चाचा जी की तबीयत
मे सुधार आ गया क्या,,,,,चाची ने डॉक्टर से पूछा,,,,,,
डॉक्टर--जी पुष्पा देवी जी,,,मैने चेच अप किया है हालत पहेल से बेहतर है इनकी,,,आप खुद सोचो कि कुछ
ही देर पहले ये लोग आए है ऑर चाचा जी की तबीयत मे इतना सुधार हो गया है तो ज़रा सोचो कि अगर
ये लोग कुछ दिन यहीं रुक जाए तो चाचा जी की तबीयत ऑर भी ज़्यादा ठीक हो जाएगी,,,,इसलिए तो मैं आपको
बोल रहा हूँ इनको यहाँ रोकने के लिए,,,,,,
चाची---जी डॉक्टर हम इन बच्चो को जल्दी नही जाने देंगे यहाँ से,,इनकी ही मेहरबानी से ये
आज इतने खुश है,,,,,,,,,,तभी चाची ने उठकर मुझे ऑर सोनिया को फॉरहेड पर चूम लिया
क्यू बच्चो क्या बोलते हो अब जल्दी शहर जाने की बात तो नही करोगे ना,,,,,,,
मामा--चाची जी सन्नी को तो कोई प्राब्लम नही है जितनी मर्ज़ी छुट्टियाँ करवा लो कॉलेज से लेकिन इस
सोनिया का कुछ नही कह सकते इसको तो खुद बुखार हो तो भी कॉलेज चली जाती है,,,,
क्यूकी बेटी तू कुछ दिन रुकेगी ना अपने बूढ़े चाचा चाची के पास,,,,इतना बोलते ही चाची
ने सोनिया को बाहों मे भर लिया,,,,,,,,
सोनिया--क्यू नही चाची जी मैं ज़रूर रुकूंगी अगर मेरे रुकने से चाचा जी ठीक होते है तो जब तक
आपका दिल करे मैं रुकने को तैयार हूँ,,,,,,,,,,
तभी डॉक्टर ने सबसे अलविदा ली ऑर हम दोनो को कुछ दिन यहीं रहने की बात बोलके वहाँ से
चले गये,,,,,,,,,,,,,,
मैं तो बहुत खुश था गाँव आने से ,,,अब ज़्यादा नही तो कम से कम 10 दिन तो पक्का छुट्टी
होने वाली थी कॉलेज से,,,,,वैसे अगर चाहते तो मुझे तो एक महीना भी रोक लेते तो कोई टेन्षन
नही थी मुझे,,,,
रात को हम लोगो ने खाना खाया ऑर कुछ देर वही चाचा जी के पास बैठ कर बातें करने
लगे,,,,मैने भी एक बात नोट की थी कि सुबह चाचा जी को बार बार वेंट्लेटर से साँस लेनी
पड़ रही थी लेकिन अभी वो आराम से साँस ले रहे थे ऑर अभी आवाज़ भी थोड़ी उँची हो गई थी
डॉक्टर सच कह रहा था उनकी हालत मे सुधार हो रहा था,,,,,,फिर रात ज़्यादा हो गई ,,केवल
तो कबका जाके सो चुका था चाची ने हम सब लोगो को भी आराम करने को बोला ताकि अब चाचा
जी भी आराम कर सके,,,,,
मामा तो बाहर आँगन मे सो गया था जबकि माँ एक साइड वाले रूम मे चली गई ऑर चाची
चाचा के रूम मे ही रहने वाली थी,,,,मैं ऑर सोनिया भी अपने रूम की तरफ चल पड़े,,,,रूम
मे जाते ही मैने बाथरूम मे जाके शवर लिया ओर चेंज कारके एक पिल्लो ऑर एक चद्दर
उठाई ऑर रूम से बाहर आने लगा,,,,,,
सोनिया--कहाँ जा रहे हो भाई,,,,,,,
,मैं जाते जाते दरवाजे पर रुक गया सोनिया की आवाज़ सुनके,,,,,,लेकिन
मैं वापिस नही पलटा ऑर वैसे ही उसकी बात का जवाब देने लगा,,,,,
सन्नी--मैं बाहर सोने जा रहा हूँ,,,,,,,,मुझे नही लगता कि अब हम दोनो को एक रूम मे सोना
चाहिए,,,,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ सेचला गया,,,,,,,,,,,मैं रूम से निकल तो गया था लेकिन
अब सोना कहाँ था ये नही पता था मैं उपर वाले फ्लोर की तरफ चला गया जहाँ एक बड़ा
हॉल था जिसमे सोफा पड़ा हुआ था मैं उसी सोफे पर लेट गया,,,वहाँ कोई एसी नही था लेकिन गाँव
मे गर्मी शहर के मुक़ाबले बहुत कम थी फिर भी छत वाले फॅन के नीचे सोने मे मुझे
दिक्कत हो रही थी क्यूकी हॉल मे विंडो क्लोज़ थी मैने विंडो इसलिए ओपन नही की थी क्यूकी
गाँव मे मच्छर बहुत थे,,,गर्मी मे तो सो सकता था लेकिन मच्छरों मे तो बिल्कुल भी नही,,,
काफ़ी देर तक लेटा रहा लेकिन नींद नही आई,,,मोबाइल निकाला ऑर मोबाइल पर गेम खेलने लगा
टाइम देखा तो रात के 1 बजे थे,,,,
मैं गेम खेल रहा था तभी मुझे सीडियों की तरफ से एक साया मेरी तरफ आता नज़र आया ऑर
वो साया मेरे पास आ गया,,वो सोनिया थी,,,,,,,
सोनिया--भाई तुम उपर क्यूँ आ गये,,,,,,,उसने बड़ी उदासी से पूछा,,,,
सन्नी-कुछ नही बस ऐसे ही ,,,मेरा दिल नही किया नीचे सोने को,,,,,मैने बड़े रूखे ओर रूड अंदाज़
मे उसको जवाब दिया,,,,,,,,,,
सोनिया--भाई मुझे अकेले नींद नही आ रही,,,जैसे आपको भी नही आ रही ,,तभी तो मोबाइल पर गेम
खेल रहे हो,,,,,,,उसने फिर से उदासी से बोला,,,,,,,,
सन्नी--नींद बस आने ही वाली थी कि तुम आ गई,,,,अब जाओ नीचे मुझे सोने दो ,,मैने फिर से रूड
तरीके से बोला उसको,,,,,
सोनिया--भाई मुझे नींद नही आ रही बोला ना,,,अब उसका लहज़ा थोड़ा गर्म था,,,आपको पता है ना
मैं बचपन से आपके साथ सोती हूँ ,,,,,,,,,,अकेले सोना मुश्किल है मेरे लिए,,,
सन्नी--जानता हूँ लेकिन नीचे रूम मे एक ही बेड है जबकि अपने रूम मे 2 बेड है तुम्हारा ऑर मेरा
बेड अलग अलग था,,,मुझे एक बेड पर नही सोना तेरे साथ,,,,,,,,
तभी उसने नज़रे झुका ली,,,ऑर बड़े शांत अंदाज़ मे बोली,,,,,,,,हम लोग बेड अलग कर लेते है
भाई लेकिन प्ल्ज़्ज़ तुम नीचे चलो मुझे अच्छा नही लग रहा अकेले सोना ऑर तुम्हारा ऐसे यहाँ
बिना एसी के सोना,,,देखो कितनी गर्मी है यहाँ,,,उसने अपने माथे से पसीना पोछते हुए बोला,,
भाई चलो ना नीचे,,,,मुझे नींद नही आएगी अकेले,,,,,,,,,
सन्नी--जब कविता के घर जाती है तब भी तो नींद आती है ना तुझे तो अब भी जाके चुपचाप सो जाओ
मुझे तंग मत करो,,,,,,,,,,,
सोनिया--तब कविता होती है ना साथ मे भाई,,,,इसलिए नींद आ जाती है,,,,,,,
सन्नी--ठीक है तो मेरे को तंग ना कर जाके माँ को बुला ले नही तो चाची को मुझे नही जाना
नीचे ,,,मुझे यहीं सोना है,,,,तू समझती क्यूँ नही मेरी बात को,,,,,जा यहाँ से अब गुस्सा मत
दिला मुझे,,,,,,,,
तभी उसने मेरे हाथ से मेरा मोबाइल छीन लिया ऑर मेरी चद्दर भी खींच ली,,,,,,अब सही
तरीके से नीचे चलता है ब्लककी या 2 कान पे मार कर लेके चलूं,,,,,,उसने अपने हिट्लर वाले
अंदाज़ मे बोला तो मैं थोड़ा डर गया लेकिन मैने भी हिम्मत नही हारी ऑर उसको ये भी शो
नही किया कि मैं डर गया हूँ,,,,,,,,,,
सन्नी--मुझे नही जाना कहीं तुम जाओ यहाँ से,,,,,,,,,,,,,वो मेरी चद्दर खींच रही थी ऑर मैं
भी अपनी चद्दर को अपने हाथों से उसको खींचने से रोक रहा था तभी मेरा ज़ोर कुछ
ज़्यादा लग गया चद्दर पर ऑर वो मेरे उपर गिर गई,,,,उसका आधा जिस्म मेरे जिस्म के उपर था
जबकि जिस चद्दर की वजह से ये सब हुआ वो ज़मीन पर पड़ी थी,,,उसके गिरने से उसके छोटे-2
बूब्स मेरी छाती से दब गये ऑर एक ही पल मे मेरी हालत खराब होने लगी,,उसका फेस मेरे
शोल्डर के पास था जबकि मेरा फेस उसके शोल्डर के पास था,,,मेरी साँसे उसके कान के
पास गले के करीब टकरा रही थी ऑर उसकी साँसे भी मेरी गर्दन पर टकरा रही थी मैने कुछ
अजीब महसूस किया,,,उसकी हार्टबीट तेज हो गई थी जिसकी हलचल मुझे मेरी छाती पर महसूस
हो रही थी ऑर साथ मे उसकी साँसे भी कुछ गरम हो गई थी,,,,उसकी गर्म साँसे मेरे कान मे
उतर कर मेरे पूरे जिस्म मे दौड़ रही थी ऑर मुझे पागल कर रही थी,,,ये सब कुछ ही पल
मे हो गया था लेकिन कुछ पल मे ही मेरे दिल मे एक तूफान उठने लगा था,,तभी उसने अपने
हाथ मेरी चेस्ट पर रखे ऑर खुद को उपर उठाने की कोशिश की लेकिन वो उपर नही उठ पा रही
थी तभी मेरी गान्ड फॅट गई मैने महसूस किया कि मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे,,,ये कैसे
हुआ ,,,मेरे हाथ इसकी पीठ पर कैसे गये ,,अब तो मैं गया काम से ,,,ये नही छोड़ने वाली अब
मुझे मैं अपने हाथ उसकी पीठ से हटाना चाह रहा था लेकिन मेरे हाथों को कुछ ऑर ही
मंजूर था,,,वो उसकी पीठ से हटने की जगह उसकी पीठ के मखमली एहसास का लुफ्त लेना
चाहते थे ऑर एक ही पल मे मेरे हाथ उसकी पीठ पर प्यार से सहलाने लगे ऑर उसको मेरे उपर
से उठने के लिए रोकने लगे,,,इतनी देर मे मैने महसूस किया कि उसकी हार्ट बीट पहले से भी
ज़्यादा तेज हो गई थी ऑर उसकी साँसे भी पहले से ज्याद गर्म होने लगी थी लेकिन साथ ही उसकी
साँसे उखाड़ने भी लगी थी उसने फिर से अपने हाथों के हल्के ज़ोर को मेरी छाती पर लगा कर
उपर उठने की कोशिश की ऑर अब वो कामयाब भी हो गई थी,,,,अब उसका फेस मेरे फेस से करीब
6 इंच दूर था ,,,,वो मेरी आँखों मे देख रही थी ऑर मैं उसकी आँखों मे मेरी आँखों मे
तो वासना थी जबकि उसकी आँखों मे भी हल्की मदहोशी छाने लगी थी तभी मेरे दोनो
हाथों मे से एक हाथ जो उसकी पीठ को सहला रहे थे उनमे से एक हाथ उसके सर की तरफ़ जाने
लगा ऑर देखते ही देखते मेरे हाथ ने उसके बालों को सहलाना शुरू कर दिया ऑर इस से पहले
वो ऑर उपर उठती मेरे हाथ ने उसके सर को सहलाते हुए नीचे मेरे सर के करीब लाना शुरू
कर दिया वो हल्का ज़ोर तो लगा रही थी लेकिन मेरे ज़ोर के आगे उसका ज़ोर बेकार था तभी मैने
देखा कि उसकी आँखें बंद हो गई ऑर उसने ज़ोर लगाना भी बंद कर दिया था तब तक मेरे हाथ
ने उसके सर को सहलाते हुए मेरे करीब कर दिया था ऑर एक ही पल बाद मेरे जिस्म मे एक तेज
तूफान उठा जिस से मेरे पूरे बदन मे आग लग गई उसके सॉफ्ट लिप्स मेरे लिप्स के उपर थे ,,,
मुझे ऐसा लगा कि जैसे किसी ने मेरे लिप्स पर जलता हुआ कोयला रख दिया था लेकिन फ़र्क सिर्फ़
इतना था कि ये कोयला गुलाब की पंखुड़ी की तरफ पिंक ओर सॉफ्ट था मैने हाथ से उसके सर को
बड़े प्यार से सहलाते हुए उसके लोवर लिप्स को बड़े आराम से बिना कोई जल्दी किए अपने लिप्स मे भर
लिया तभी उसने मेरी चेस्ट को अपने हाथों की फिंगर्स से कस्के जकड लिया उसके बड़े बड़े
नाख़ून मेरी चेस्ट के मास मे धँसने लगे थे,,जैसे ही मैने उसके लोवर लिप्स को पूरा अपने
लिप्स मे भरके चूसना शुरू किया उसके हाथों की पकड़ भी मेरी चेस्ट पर कसने लगी ऑर उसकी
उंगलिया पूरे ज़ोर से अपने नाखूनो से नोच कर मेरी चेस्ट पर से माँस को अलग करने लगी
थी,,,मुझे बहुत दर्द ऑर जलन महसूस हो रही थी लेकिन ये जलन ऑर दर्द उस मस्ती के आगे
कुछ नही था जो मुझे उसके लिप्स को किस करने से मिल रही थी,,मैने उसके लोवर लिप्स को पूरा
मुँह मे भर लिया ऑर चूसने लगा ऑर तभी मेरे हाथ भी उसके सर ऑर पीठ पर सहलाने मे
लगे हुए थे,,,मस्ती मे आके उसने भी अपने मुँह को थोड़ा सा खोल दिया लेकिन ऑर कोई हरकत नही
की लेकिन मेरे लिए उसका इतनी हरकत करना ही काफ़ी था,,उसके लिप्स हल्के से खुले ही थे कि मैने
अपनी ज़ुबान को उसके मुँह मे घुसा दिया ऑर उसकी ज़ुबान को उसके मुँह के अंदर अपनी ज़ुबान से
टच करने लगा ओर फिर अपने दोनो लिप्स उसके लिप्स से जाकड़ दिए ऑर किस करके लगा लेकिन बड़े
प्यार ऑर सॉफ्ट्ली तरीके से उसके हाथ अब मेरी चेस्ट पर चलने लगे थे वो भी ज़ोर से नही बल्कि
बड़े प्यार भरे अंदाज़ से लेकिन ये प्यार भरा अंदाज़ एक ही पल मे ख़तम हो गया ,,,उसने
जल्दी से ज़ोर लगा कर खुद के लिप्स को मेरे लिप्स से आज़ाद कर लिया ऑर जल्दी से उठकर बैठ गई ऑर
मेरी तरफ देखने लगी,,,,मैं भी उसकी तरफ देख रहा था तभी उसने मेरी छाती पर कस कस
के थप्पड़ मारने शुरू कर दिए मुझे दर्द होने लगा था लेकिन दर्द का एहसास नही हो
रहा था ,,,जबकि वो थप्पड़ मार रही थी ऑर खुद दर्द से तड़प रही थी मुझे थप्पड़
मारते हुए उसकी आँखें नम होने लगी थी ,,,,थप्पड़ मारने से मुझे कोई दर्द नही हुआ लेकिन
उसकी आँखों मे आँसू देख मुझे बहुत हर्ट हुआ,,,,उसने करीब 15-20 थप्पड़ मारे मेरे
फिर उठकर अपनी आँखों से आँसू पोछते हुए तेज़ी से वहाँ से नीचे भाग गई ऑर मैं सोफे
पर लेटा-लेटा अब जो कुछ भी हुआ उसके बारे मे सोचने लगा,,,,,,,,ये क्या हो गया था एक ही पल
मे ,,,,मेरी इतनी हिम्मत कैसे हो गई कि मैं हिट्लर सोनिया के साथ ऐसा कर गया ,,ऑर उसको क्या हो
गया था जो इतने गर्म ऑर तेज मिज़ाज की लड़की एक ही पल मे मेरी बाहों मे पिघल गई थी,,,,क्या
उसको अच्छा लगा ये सब,,,या उसको अच्छा नही लगा इसलिए वो भाग गई,,,मुझे डर लगने लगा था
लेकिन अच्छा भी लग रहा था ,,,अजीब सी बेचैनी होने लगी थी,,,कुछ समझ मे नही आ रहा था
क्या ये ठीक हुआ जो मैने भी किया,,,,या ग़लत हुआ,,,लेकिन एक बात ने मुझे हर्ट कर दिया था
उसकी नम आँखों ने,,,उसके मासूम चेहरे पर आँसू अच्छे नही लगते थे,,,मुझे खुद
पर गुस्सा आने लगा ,,,,इसी गुस्से ऑर बेचैनी मे मैं पूरी रात जागता रहा,,,,,,,,,
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