RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
घर पहुँचा तो डिन्नर टाइम से लेट हो गया था,,,,सब डिन्नर कर चुके थे,,,,माँ ऑर मामा टीवी देख रहे
थे ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ--बेटा लेट क्यू हो गया,,चल आ ही गया है तो हाथ मूह धो ले मैं डिन्नर लगा देती हूँ,
मैं--नही माँ भूख नही है मैं करण के साथ बाहर से ख़ाके आया हूँ,,,,,,,,,
माँ--ऑर कुछ चाहिए तो बता दे,,,,
मामा--हाँ हाँ भानजे बता दे कुछ चाहिए तो ,,मामा ने एक शरारती स्माइल के साथ मेरी तरफ देखा ,,,,,,,,
,मैने कोई जवाब नही दिया ऑर चुप चाप से उपर चला गया,,,,,,,,,,,माँ बड़ी उदासी से मुझे देखती रही,माँ को तो
उदास होना ही था क्योंकि माँ को आज 2 लंड लेने को दिल कर रहा था ऑर मैने मना कर दिया था,,,,पता नही
क्यू मना किया मैने ये बात नही थी कि मेरा दिल नही कर रहा था दिल तो मेरा बहुत कर रहा था क्योंकि आज
डॅड बुआ ऑर शोभा की बातें सुनकर मुझे बहुत मस्ती चढ़ गई थी लेकिन मुझे कुछ अजीब भी लग रहा था
इसलिए मैने माँ ऑर मामा को अकेला छोड़ दिया ऑर उपर अपने रूम मे चला गया,,,,,,,रूम मे पहुँचा ऑर
सीधा बाथरूम मे गया ऑर शवर ऑन करके मूठ मार कर बाहर आ गया,,,,,बनियान ऑर निक्कर पहनकर बेड पर
लेट गया,,,,,पहले तो सोनिया लप्पी पर कुछ काम कर रही थी लेकिन मेरे बाथरूम से बाहर निकलते ही उसने
लाइट ऑफ करदी ऑर सोने लगी,,,,,,आज पहली बार उसने लाइट ऑफ की थी जबसे मैं उसके साथ रूम मे सो रहा था
आज पहली बार ऐसा हुआ था,,,,मैं थोड़ा कन्फ्यूज़ था उसने ऐसा क्यू किया,,,,खैर मैने भी अपनी तरफ की
लाइट ऑफ की ऑर सो गया,,,,,,,तभी फिर से सोनिया ने लाइट ऑन करदी,,,मैने पलट कर देखा तो उसका चेहरा भी
मेरी तरफ था,,वो मुझे ही देख रही थी हम दोनो के बीच मे 2-3 फीट का फासला था वो अपने बेड की लास्ट मे
मेरे करीब आके लेटी हुई थी ऑर मैं भी बेड के लास्ट मे था,,,,,,मैने अपने फेस को टर्न कर लिया ऑर दूसरी
तरफ देखने लगा,,,,,,,,मैं पेट के बल सो रहा था ऑर मेरा सर दूसरी तरफ था,,मैने सोनिया को एक बार देख
कर इग्नोर करके फेस टर्न कर लिया था ,,,,,एक दम से अचानक मुझे सोनिया के बेड से उठने की आवाज़ आई ऑर इस
से पहले मैं उसकी तरफ सर करके देखता मेरी पीठ पर ज़ोर से थप्पड़ ऑर घुस्से लगाने शुरू हो गये,,,,,,,,,
सोनिया--क्यू तडपा रहा है इतना मुझे ब्लककी,,,,,मार डालूंगी तेरे को आज,,,,,,कब्से बात करने की कोशिश कर रही हूँ
ऑर तू है कि बात ही नही करता,,,,,,,
,मैं जल्दी से टर्न करके पेट के बल से पीठ के बल लेट गया ऑर मेरी चेस्ट
उपर हो गई लेकिन सोनिया रुकी नही वो मेरी चेस्ट पर ही थोड़ा ज़ोर से थप्पड़ लगाती रही,,,,,,,,मैने उसकी तरफ
देखा तो वो रो रही थी उसके आँसू आँखों से बहते हुए मेरे पेट पर गिर रहे थे ऑर वो रोते हुए मुझसे गुस्सा
हो रही थी दोनो हाथों से मेरी चेस्ट पर थप्पड़ लगा रही थी,,,,,,,,
सोनिया--क्यू तडपा रहा है इतना मुझे थोड़ा तो तरस खा अपनी बेहन पर ,,,,,,,
मैने उसकी तरफ देखा तो मुझे बहुत अजीब लगा इतनी भोली भाली ऑर खूबसूरत
लड़की को रोते देखना मुझे अच्छा नही लगा,,,,,मैने जल्दी से अपने हाथ उसकी आँखों के पास रखे ऑर उसके
आँसू पोछने लगा,,,,,,लेकिन मैं कुछ बोला नही,,,,,,उसने अभी भी अपने हाथों से मेरी चेस्ट पर थप्पड़
मारना जारी रखा हुआ था,,,,तभी मैने अपने दोनो हाथों से उसके दोनो हाथों को पकड़ लिया ,,मेरे ऐसा
करते ही वो मेरे उपर गिरने लगी क्योंकि वो दोनो हाथों से मुझे मार रही थी लेकिन मैने उसके हाथ पकड़
लिए थे लेकिन मारने के ज़ोर से उसके हाथ तो रुक गये लेकिन वो खुद को नही रोक पाई ऑर मेरे उपर गिरने लगी तभी
मैने उसके हाथों को अपने हाथों मे पकड़े उसको सहारा दिया जिस से मेरे हाथ उसके हाथों को पकड़े उसके
शोल्डर से थोड़ा नीचे ऑर बूब्स से थोड़ा उपर जा टिके ऑर उसके अपने हाथ एल्बो से बेंड होके उसके बूब्स
के उपर थे ओर मेरे हाथ उसके हाथ के उपर थे ऑर हम दोनो के फेस मे करीब 6 इंच का फंसला था वो मेरी
आँखों मे देखने लगी ऑर मैं उसकी आँखों मे तभी उसकी आँखों से निकलता हुआ एक आँसू जो उसके गालों तक
पहुँच गया था वो वहाँ से सीधा मेरे लोवर लिप्स पर गिरा हम दोनो चुप चाप एक दूसरे को देख रहे थे
तभी मैने अपनी ज़ुबान को बाहर निकाला ऑर लोवर लिप्स पर गिरे उसके आँसू को चाट कर सॉफ कर दिया तभी
मैने महसूस किया कि उसकी हार्टबीट तेज हो गई थी जो मुझे उसके बूब्स पर रखे हुए अपने हाथ से सॉफ तौर
पर महसूस हो रही थी हम लोग करीब 1 मिनट ऐसे ही रहे फिर एक दम से वो उठी ऑर अपने बेड पर जाके
मेरी तरफ पीठ करके लेट गई,,,,,,,,,,,,,,
साला अब ये क्या हो गया था,,,,,,कुछ समझ नही आ रहा था,,अब करूँ भी तो क्या करू,,,,उसके पास जाने से डर लगता था,,,लेकिन 1 पल क लिए वो मेरे इतने करीब आके दूर चली गई थी ऐसा लग रहा था जैसे जिस्म से जान निकल कर दूर चली गई हो,,,,एक अजीब सी बेचैनी होने लगी थी,,,,लेकिन अब कर भी क्या सकता था कुछ देर ऐसे ही उसकी तरफ देखता रहा लेकिन उसने मेरी तरफ मूड़ के नही देखा ,,,मुझे कब नींद आई पता ही नही चला,,,,,,,,,,,
सुबह नाश्ता करके जब सोनिया घर से बाहर निकली तो उसके पीछे पीछे मैं भी घर से बाहर निकला वो सीधा
मेरी बाइक के पास रुकी थी,,,,,,,इतने मे माँ भी बाहर आ गई,,,,,,,,,,,,,,,,,,
माँ-सन्नी बेटा आज कविता नही आ रही है तो सोनिया को अपने साथ लेके जाना,,,,,,,
मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक स्टार्ट की तभी सोनिया मेरे पीछे बैठ गई ऑर मैने बिके कॉलेज की तरफ बढ़ा दी,,,आगे जाके बीच सड़क मे एक खड्डाे आया तो उसने मेरे शोल्डर पर अपना हाथ रख दिया,,मैने साइड मिरर से पीछे उसकी तरफ देखा तो उसके अपना चेहरा दूसरी तरफ कर दिया,,
तभी वो बोली,,,,,,,,,,,,,सन्नी मुझे कविता के घर ड्रॉप कर देना
मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक को सीधा कविता के घर के बाहर जाके खड़ा कर दिया,,,,मुझे कविता के घर के अंदर से कुछ शोर सुनाई दिया,,,,,,,,,,,,
सोनिया--सन्नी कविता के घर मे कुछ प्राब्लम है इसलिए वो आज मुझे लेने नही आई मैं ऑर वो कॉलेज नही जाने वाले तुम प्ल्ज़्ज़ माँ को कुछ मत बताना,,,,,,,,,,मैने कोई जवाब नही दिया ऑर कॉलेज की तरफ बढ़ गया......
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