Kamukta Story बिन बुलाया मेहमान
12-18-2018, 01:57 PM,
#16
RE: Kamukta Story बिन बुलाया मेहमान
बिन बुलाया मेहमान-6

गतान्क से आगे……………………

थोड़ी देर चाचा चुपचाप रहा. उसने कोई हरकत नही की. अचानक मुझे मेरी जाँघ पर उसका हाथ महसूस हुआ तो मैं सिहर उठी. मैं चिल्ला कर उसे हाथ हटाने को कहना चाहती थी पर मेरे बाजू में भी सीट पर एक लेडी बैठी थी अपने पति के साथ. मैने चाचा का हाथ पकड़ कर चुपचाप मेरी जाँघ से हटा दिया. मैं समझ गयी कि चाचा मुझे परेशान करने वाला है. मैं बिना कुछ कहे वहाँ से उठ कर बाहर आ गयी.

मैं जल्द से जल्द थियेटर से निकलना चाहती थी. मेरी नज़र टाय्लेट पर पड़ी तो मुझे प्रेशर महसूस हुआ और मैं टाय्लेट में घुस गयी. मैं खुद को रिलीव करके दरवाजा खोल कर बाहर निकली ही थी कि मेरे होश उड़ गये. मेरे सामने चाचा खड़ा था. मैं कुछ बोलने ही वाली थी कि उसने मेरे मूह पर हाथ रख दिया और मुझे टाय्लेट में खींच लिया वापिस और कुण्डी लगा दी. मैं बुरी तरह छटपटा रही थी. मुझे किसी के बोलने की आवाज़ आई तो मैं एक दम चुप हो गयी. आख़िर मेरी इज़्ज़त का सवाल था.

चाचा ने मेरे मूह से हाथ हटा लिया और मुझे चुप रहने का इशारा किया. मैं गुस्से से उसकी तरफ घूर रही थी. चाचा मुझे उपर से नीचे तक घूर रहा था. एक तरफ मुझे गुस्सा आ रहा था और एक तरफ मैं घबरा रही थी कि किसी ने मुझे चाचा के साथ टाय्लेट में देख लिया तो क्या होगा. मेरा दिमाग़ बुरी तरह घूम रहा था. चाचा मेरी तरफ देख कर मध्यम मध्यम मुस्कुरा रहा था. मुझसे सहा नही गया और मैने घुमा कर एक थप्पड़ जड़ दिया चाचा के मूह पर. चाचा बोखला गया और दोपहर की तरह उसने मेरा हाथ मरोड़ दिया और मुझे टाय्लेट के दरवाजे से सटा दिया. मेरी पीठ उसकी तरफ थी.

"ये कैसी आवाज़ थी." बाहर से आवाज़ आई.

"पता नही शायद कोई टाय्लेट में है. लगता है हम ही बोर नही हो रहे मूवी से. बड़ी बेकार मूवी है यार."

"हां सही कहा."

मैं बिल्कुल खामोश दीवार से सटी खड़ी थी. मेरे हाथ में बहुत दर्द हो रहा था. चाचा ने हाथ बड़ी बेरहमी से मरोड़ रखा था. फिर जैसा कि दोपहर को हुआ था. चाचा के हाथ मेरे नितंबो से खेलने लगे. मगर एक मिनिट बाद ही चाचा का हाथ उपर बढ़ता गया और उसने मेरे उभारो को मसलना शुरू कर दिया.

"तुम्हारे संतरे बहुत बड़े बड़े हैं निधि बेटा. कैसे इतने बड़े किए तुमने." चाचा ने मेरे कान में कहा.

मैं शरम से पानी पानी हो गयी. उसे ज़ोर से गाली देना चाहती थी पर अपनी इज़्ज़त के कारण मजबूर थी.

चाचा ने अचानक बहुत ज़ोर से मेरे उभारों को दबाया. मेरी चीन्ख निकलते निकलते बची. मेरे उभारो को मसलते हुए मेरे बहुत नज़दीक आ गया. मुझे मेरे नितंबो पर कुछ हार्ड सी चीज़ महसूस हुई तो मेरी साँस अटक गयी.

"तेरी गान्ड को छू रहा है मेरा लंड. बता कैसा लग रहा है." चाचा ने मेरे कान में कहा.

"तुम एक नंबर के कमिने हो."मैने धीरे से कहा.

अचानक चाचा का हाथ मेरे उभारों से नीचे की ओर बढ़ा. मैं समझ गयी कि उसका क्या इरादा है.

"खबरदार मेरे वहाँ हाथ लगाया तो."

"क्या कर लोगि. चिल्लाओगी. चिल्लाओ. हहेहहे." चाचा ने मेरी योनि पर हाथ रख दिया और हाथ रख कर मुझे पीछे को धक्का दिया. मेरे नितंब चाचा के लिंग के और ज़्यादा नज़दीक पहुँच गये. अब उसका लिंग बहुत ज़्यादा फील हो रहा था मुझे मेरे नितंबो पर. पहले गगन के लिंग के अलावा कोई दूसरा लिंग मेरे इतने नज़दीक था. मुझे बहुत ही अजीब सी बेचैनी हो रही थी.

चाचा ने कपड़े के उपर से ही मेरी योनि को सहलाना शुरू कर दिया. मैं चाह कर भी कुछ नही कर सकती थी. मेरा हाथ अभी भी बहुत ज़ोर से मरोड़ रखा था उसने और दर्द के कारण मैं खुद को असहाय महसूस कर रही थी.

चाचा मेरी योनि को बुरी तरह से रगड़ रहा था. कपड़े के उपर से ही उसने मेरी योनि की पंखुड़ियों को उँगुलियों के बीच जाकड़ लिया था और उन्हे बुरी तरह रगड़ रहा था. ना चाहते हुए भी मेरे शरीर में एक अजीब सी लहर दौड़ रही थी. कब मेरी योनि गीली हो गयी और कब उसने पानी छोड़ दिया मुझे पता भी नही चला.

अचानक चाचा हट गया और मेरे कान में बोला, "चलो घर चलते हैं. कब तक यहाँ टाय्लेट में खड़ी हुई अपनी चूत रगडवाती रहोगी. किसी ने देख लिया तो बदनामी होगी."

मैने बिना कुछ कहे चाचा को घूर कर देखा.

"पहले तुम जाओ. मैं बाद में आता हूँ."चाचा ने धीरे से कहा.

मैं दरवाजा खोल कर तुरंत बाहर आ गयी और बाहर आते ही थियेटर के एग्ज़िट की तरफ लपकी. मैने मेट्रो से जाने की बजाए ऑटो पकड़ा और सीधा घर आ गयी. चाचा से मुझे कोई लेना देना नही था कि वो अंजान शहर में कैसे घर तक आएगा.

"अच्छा हो कि कही मर जाए कमीना."मैने मन में बहुत गालिया दी चाचा को.

ऑटो में बैठते वक्त मुझे ख्याल भी नही आया था कि मैं एक नयी मुसीबत

में फँस सकती हूँ. ऑटो वाला हर स्टॉप पर पीछे मूड कर मुझे देखता था.

मुझसे रहा नही गया तो मैने पूछ ही लिया कि क्या बात है है. वो दाँत निकाल

कर हँसने लगा.

"आपने मुझे पहचाना नही क्या. मैं गंगू का भाई हूँ."
Reply


Messages In This Thread
RE: Kamukta Story बिन बुलाया मेहमान - by sexstories - 12-18-2018, 01:57 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,589,754 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 554,438 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,271,159 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 960,815 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,703,502 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,122,914 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,024,439 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,310,478 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,117,690 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,504 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)