RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
उसके मम्मों को बालों से ढक कर उसकी तस्वीरें बनाने के बाद मैंने शाज़िया से कहा कि अब ऐसा करो, यह पैन्टी उतार दो, और जो दूसरी पैन्टी है लंड वाली वह पहनें, ताकि आपके प्रेमी को भी पता हो कि आपके पास अपना पर्सनल लंड भी मौजूद है तो उसके लंड की मोहताज नहीं है। मैंने जानबूझ कर 3 बार शब्द लंड बोला। इस पर शाज़िया ने भी एक ठहाका लगाया और बोली में बिल्कुल शी मेल लगूँगी लंड वाली पैन्टी पहन कर। मैंने कहा कोई बात नहीं, एक साहसिक फोटो भी सही। शाज़िया ने कहा ठीक है लाओ वह पैन्टी ला दो। मैंने शाज़िया को वो पैन्टी दे दी तो शाज़िया ने वह पैन्टी लंड से पकड़ी और अंदर चली गई। कुछ ही देर के बाद शाज़िया वही पैन्टी पहने बाहर निकली तो उसकी हंसी नहीं रुक रही थी, वह बार-बार अपने हाथ से लंड पर एक थप्पड़ मारती और हंसने लग जाती। और आश्चर्यजनक रूप से उसने अब तक अपना ब्रा भी नहीं पहना था और उसके बाल भी पूरी तरह से उसके मम्मों को नहीं कवर रहे थे, शाज़िया के निपल्स बहुत स्पष्ट नजर आ रहे थे।
मैं ने पूछा शाज़िया से कि क्या हुआ शाज़िया जी, लगता है आप को ये लंड बहुत पसंद आ गया है। शाज़िया हंसती हुई बोली, नहीं मुझे बस हंसी आ रही है, ऊपर मम्मे और नीचे लंड ... ऐसा तो बस फिल्मों में ही देखा था, आज मैं ही शी मेल बन गई हूं। मैंने कहा आपने शी ईमेल वाली फिल्में देखी हैं। तो शाज़िया ने कहा हां देखी हुई हैं। मैंने कहा यह तो शी मेल अपने लंड से पुरुषों को भी चोद देती हैं। शाज़िया फिर से हंसने लगी और कहा वही देखकर तो हंसी आती है .. । । । । । मैंने कहा फिर तो शाज़िया जी में आपका लंड चूसना चाहते हैं। इस पर शाज़िया ने अपनी गाण्ड बाहर निकाली और पैन्टी में लगे लंड को हाथ से पकड़ कर मेरी ओर करके सेक्सी आवाजें निकालते हुए बोली, हां जानू आ जाओ ना प्लीज़, मेरा लंड मुंह में लेकर चूसो .... आह ह ह ह .... .ज़ोर से चूसो मेरा लंड ... । । । । यह कह कर शाज़िया फिर से हंसने लगी।
अब और देर करने का कोई फायदा नहीं था वैसे ही समय 3 से ऊपर का हो चुका था और 4 बजे मुझे फिर से दुकान खोलनी है। मैं तुरंत आगे बढ़ा और शाज़िया के सामने जा कर घुटनों के बल बैठ गया और अपने दोनों हाथों से शाज़िया की भरी हुई मुलायम बालों से मुक्त जांघों को पकड़ लिया और उसकी पैन्टी पर लगा लंड अपने मुँह में लेकर उसको चूसने लगा। शाज़िया ने मेरा सिर पकड़ लिया और मेरे सिर को लंड पर जोर से मारने लगी जैसे फिल्मों में पुरुष लड़की का सिर पकड़ कर अपने लंड पर मारते हैं।
साथ ही साथ शाज़िया हंसती भी जा रही थी। मैंने थोड़ी देर शाज़िया के लंड को चूसा और इसी दौरान अपने हाथ उसकी गाण्ड पर भी ले गया और उसकी गाण्ड को हौले हौले दबाने लगा। मगर शाज़िया ने इस बात का बुरा नहीं माना .... फिर मैंने शाज़िया के लंड को मुंह से निकाला और उससे पूछा शाज़िया जी आपने कभी किसी का लंड चूसा है ... शाज़िया फिर हंसने लगी और फिर बोली, हां मगर थोड़ा-थोड़ा, वैसे नहीं जैसे फिल्मों में वे थूक फेंक फेंक कर चूसती हैं। अब मैं खड़ा हुआ और शाज़िया के बाल साइड से हटा कर उसके बूब्स को धीरे से पकड़ कर उन पर हाथ फेरने लगा। शाज़िया की साँसें अब धीरे धीरे तेज होने लगीं और उसकी हंसी गायब हो रही थी। मैंने फिर शाज़िया से कहा शाज़िया जी आपके मम्मे तो बहुत प्यारे हैं, और इनका आकार बहुत मस्त है।
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