RE: Desi Sex Kahani पहली नज़र की प्यास
कुणाल ने भी अपने बचे खुचे कपड़े निकाल फेंके और वो भी आदमजात में आ गया...
उसका लंड भी 8 इंच लंबा और करीब 4 इंच मोटाई लिए हुए था...
एक चूत में जाने के लिए पर्फेक्ट साइज था उसका...
और उसके लंड को देखते ही कामिनी ने उसे बेड पर धक्का दिया और खुद उसकी टाँगो के बीच बैठकर उसे चूसने लगी...
ऐसा लग रहा था जैसे बरसो की प्यासी चुड़ैल को मटन कबाब का टुकड़ा मिल गया है...
उपर से नीचे तक वो उसे अपनी लार से गीला करती हुई चूस रही थी और मुँह में लेकर ज़ोर-2 से आइस्क्रीम की तरह चूस भी रही थी.
लंड के साथ-2 वो उसकी गोटियो को भी मुँह मे लेकर उनका स्वाद ले रही थी....
कुणाल को तो जैसे कुछ होश ही नही था...
वो अपनी आँखे बंद करके उस लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा...
और जल्द ही उसके लंड को अच्छी तरह से चूसने के बाद वो मछली की तरह फिसलती हुई उपर आई और उसके होंठो को एक बार फिर से मुँह में लेकर चूसने लगी..
कुणाल के दोनो हाथ उसके शरीर पर उपर से नीचे तक फिसल रहे थे...
एकदम रेशम का एहसास हो रहा था उसे , इतना चिकना कोई कैसे हो सकता है भला.
और फिर कुणाल ने उसके कुल्हो को पकड़ कर उपर की तरफ खींचना शुरू कर दिया...
और तब तक खींचता रहा जब तक उसकी चूत कुणाल के चेहरे के उपर आकर नही रुक गयी...
कामिनी की चूत में से निकल रही भीनी खुश्बू का एहसास उसे किसी और ही दुनिया में ले गया...
ऐसा लग रहा था जैसे हज़ारों - लाखों गुलाब के फूलों को पीसकर उसकी चूत की दीवारों के पीछे चुनवा दिया गया है...
अब तो उसे उस दीवार के पीछे छिपी उस खुश्बू की तह तक जाना ही था...
इसलिए उसने ढपाक करके उसकी चूत को अपने चेहरे पर पटका और उसे ज़ोर-2 से चूसने लगा..
''आआआआआआआआआआआआआअहह.....ओह.... मे.....गोद........... उम्म्म्ममममममममममममममममम ..........आई लाइक इट.......''
उसकी चूत की परतें इतनी कसावट लिए हुए थी जैसे आज से पहले उन्हे किसी ने छुआ भी ना हो...
कुणाल ने बड़ी मुश्किल से अपनी जीभ को उस कसी हुई चूत के अंदर डाला...
और उसे ऐसा एहसास हुआ जैसे उसने गन्ने की मशीन में अपनी जीभ डाल दी है...
वो अपनी चूत के मसल्स से उसकी जीभ को ऐसे मसल रही थी जैसे उसका रस निकाल कर अपने अंदर ले जाना चाहती हो...
और उसे अच्छी तरह से गीला करने के बाद कुणाल ने उसे फिर से नीचे धकेलना शुरू कर दिया...
और जब कुणाल के लंड का सुपाड़ा उसकी चूत से टकराया तो उसने अपनी हिरनी जैसी आँखो को उसकी आँखो में डालते हुए धीरे से कहा : "प्लीज़ धीरे करना...इट्स माय फर्स्ट टाइम..''
ये सुनते ही कुणाल को एक बहुत जोरदार झटका लगा...
कुणाल ने तो उसका पहनावा देखकर..
उसकी अभी तक की गयी हरकतें देखकर एक धारणा सी बना ली थी की ये एक चालू किस्म की लड़की है...
जो शायद उसके जैसे लड़को को फंसाकर इस तरह के मज़े लूटा करती है...
ऐसा उसने अपने दोस्त जय से ही सुना था..
और आज ये सब जब उसके साथ हो रहा था तो उसे यही लग रहा था की आज उसकी किस्मत खुल गयी है...
इसी बहाने वो भी अपनी पहली चुदाई कर सकेगा..
पर कामिनी की इस एक बात ने तो पूरा खेल ही बदल कर रख दिया था..पर ये वक़्त इन सब बातों को पूछने का नहीं था इसलिए उसने भी उसकी आँखो में देखते हुए कहा : "एंड बिलीव मी..आई एम् ऑल्सो वर्जिन ....मेरा भी ये पहली बार है...''
कुणाल की बात सुनकर उसे भी उतना ही अचंभा हुआ जितना कुणाल को हुआ था...
और इसी तरह एक दूसरे की आँखो में देखते हुए, कुणाल ने अपना लंड उसकी चूत पर लगाकर उसे नीचे की तरफ धकेला..
और उसे पहले झटके में ही विश्वास हो गया की वो सही कह रही थी...
कुणाल का लंड उसकी चूत में फंसकर ही रह गया...
उपर से उसकी चीख ने उसे रुके रहने पर मजबूर कर दिया...
''आआआआआआआआआआआआअहह..........मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गाइिईईईईईईई....''
कुणाल का मन हुआ की वो उसे छोड़ दे, पर कामिनी ने खुद हिम्मत करके अपना शरीर नीचे धकेला और अगले 2-3 झटकों में कुणाल का मेरठिया लंड उसकी चूत के अंदर तक घुस चुका था..
कुणाल की लाइफ का सबसे हसीन पल था...
और शायद कामिनी की भी..
दोनो के चेहरे पर एक अजीब सी खुशी देखी जा सकती थी...
कामिनी ने नीचे झुककर उसे चूम लिया...
स्मूच लिया और फिर अपनी कमर हिलाते हुए ज़ोर-2 से कुणाल के लंड से चुदवाने लगी...
और उसके बाद तो कुणाल भी नही रुका...कभी उसे नीचे लिटाकर तो कभी घोड़ी बनाकर उसने भी उसके रसमलाई जैसे चूतड़ों को पकड़कर नीचे से ऐसे-2 झटके मारे की बेचारी के पूरे शरीर के पुर्ज़े हिल गये...
और अंत में आकर जब वो झड़ने के करीब पहुँचा तो कामिनी ने चिल्लाते हुए कहा : "प्लीज़ कम इनसाइड मी ....आई वॉंट टू फील इट...माय फर्स्ट टाइम....इनसाइड मी .....''
और कुणाल के लिए भी ये पल एक यादगार बनकर रह गया जब उसके लंड ने ढेर सारा रस कामिनी की कुँवारी चूत में निकाला....
ऐसा रेशमी एहसास तो उसे आज तक नही मिला था..
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