Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी ने
12-01-2018, 12:21 AM,
#26
RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �...
दोनों ने हां में मुंडी हिलाई... हम ने एक एक करके भाभी के चूत से चैरी निकाल निकाल के खाई... जब हमारा पेट भर गया तब नौकरो को बुलाया और उसने भी चाट चाट के भाभी को साफ़ करके केक खाई... भाभी चटाई के दरमियान सिर्फ कहरती रही...

फिर भाभी उठी.. केविन ने बाद में दोनो नौकरो को इशारा किया... और वो भाभी को ले कर अंदर रूम में चले गए... दस मिनिट के बाद हमे बुलाया गया... मास्टर बैडरूम में आने के लिए... बैडरूम में भाभी हमे निचे इसतरह मिली



फर्श पर बंधी हुई...

केविन: आ.....ह वा....उ सोचा था उससे बेहतरीन नज़ारा है... तुजे आज रौंद के रहेंगे सब... आज क्या क्या होने वाला है समजा देता हूँ...

अब हमारे सामने पुरे दिन का हिसाब खुलने वाला था....

केविन: अभी आज भाभी हमारी स्लेव है, सबसे पहले तो समीर आज इनको रगड़े का अकेला ही क्योकि उनका बर्थडे है... बाद में बाकी काम निपटाएंगे... जा समीर शुरू होजा... हम बाहर जा रहे है... तु तेरा बर्थडे अकेले मना...

दूसरे तिन लोग मुह लटका के बाहर निकल रहे थे के केविन ने उसे कहा की

केविन: भाइओ कोई दुःख मत रखो सीने में... हमे और भी तैयार होना है... तो चलो आओ बताता ही क्या क्या करना है?

सब बाहर चले गए... रूम में मैं और भाभी थे जो फर्श पर पड़ी थी...

भाभी: मेरे पास आओ?
मैं: भाभी कुछ गलत नहीं हो रहा है न?
भाभी: ये हमने मिलके डिसाइड किया था... तो तू मन में ऐसा वैसा कुछ मत रख...
मैं: भाभी एक बात बोलुं?
भाभी: हा बोल?
मैं: भाभी आई लव यु...
भाभी: आई लव यू टू समीर... तू तो मेरा पहला प्यार है...
मैं: तो भाभी आज एक हवस की नज़र से नहीं में आपको एक पत्नी की नज़र से अपना बनाना चाहता हूँ... ये आक्रमक नहीं पर बिलकुल इन्टेन्स लव करना चाहता हूँ... तेरे बदन को मैं एक राजा की तरह भोगना चाहता हूँ... प्लीज़?
भाभी: चल ठीक है... तू तो ठंडा पड़ गया... मुझे लग रहा था के इस हाल में तू मुझे कुछ अलग ही इस्तेमाल करेगा...
मैं: वो तो कई बुरे ख्याल है ही मन में पर पहले इक मस्त इन्टेन्स सेक्स हो जाये? आपको तो पता होगा और क्या क्या प्लान होने वाला है, और कितनी देर तक हम इस कमरे में है?
भाभी: देख आज न.... आ....ह ऐसे हाथ ना घुमा बदन में कुछ होता है... सुन पहले... अभी बजे है कितने?
मैं: १२ बजे है..
भाभी: तो हम लोग डेढ़ बजे तक यही एक ही रूम मैं है... तू दो बार तो चोदेगा न मुझे...
मैं: हा जरूर...
भाभी: हां तो उसके बाद हम खाना खायेगे... खाना खाने के बाद तकरीबन २ बजे मेरे निप्पल में छेद करवाने के लिए बुलवाया है...
मैं: तुजे दर्द नहीं होगा?
भाभी: थोडा होगा... पर तेरे लिए कुछ भी... सुनना... ढाई बजे मुझे उनको फीस देनी है...
मैं: उनसे चुद के?
भाभी: हा... और फिर ३ बजे मेरा गैंगबैंग करोगे आप सब लोग मिलके... से लेकर शाम को ६ बजे तिन घण्टे में सिर्फ आपकी ही रहूंगी... और उसके बाद... केविन ने कुछ क्लाइंट आयेगे... तो उनके साथ भी सोना पड़ेगा... तो मान लो दोनों के एक एक घंटे बाद ८ बजे हम लोग खाना खाएंगे... और फिर दोनों नौकरो को फ़ीस देकर...
मैं: तू उनको भी चूत देगी?
भाभी: कितना ख्याल रखते है अपना.... उतना यो हक है न उनका? और फिर हम लोग घर के लिए निकलेंगे... ठीक?
मैं: निप्पल के छेद के बारे में भैया को क्या कहूँगी?
भाभी: मैं उनको ३-४ दिन से मना रही हूँ... तो आज मैं आप सब लोग पिक्चर देखने गए हो और मैं नहीं गई हु कह कर उनसे वापस जिद करके करवा लुंगी...
मैं: तू बहोत चालु चीज़ है... मैं तुजे छोड़ता हूँ.. पलंग पर चलते है...

मैंने भाभी को धीरे धीरे छोड़ा और फिर उनको फर्श से उठाया और मैंने गोदी में उठाया.... और धीरे धीरे पलंग पर उसे पटक दिया तो भाभी ने हस के मुझे यूँ देखा...



और फिर मुझे उकसाये गई... भाभी ने उठकर मुझे अपनी और खीचा मेरे शर्ट से... हलके हल्के मेरे शर्ट के बटन खोलने लगी... और धीरे से भाभी ने मेरा शर्ट निकाल दिया... भाभी ने मुझे अपने ऊपर ला कर अपने पैर चौड़े कर दिये तो मैं उन के बिच अपनी गांड खीसा कर अच्छे से चढ़ गया... भाभी पूरी नंगी और और मैं आधा... हम दोनों ने तकरीबन १० मिनिट तक इन्टेन्स किस किया और फोरप्ले करते रहे... उस टाइम तक भाभी ने मेरा पेंट और मेरा निक्कर भी हटा दिया... मैं भाभी के पुरे बदन को एक पति की तरह हक़ जता रहा था... इतनी बार की हवस के बाद ये पहला प्यार वाला सेक्स था... भाभी ने भी वासना का शिकार न होते हुए मुझे बहुत ही सिडक्टव ब्लो जॉब दी...



ब्लॉ जॉब ख़तम होते ही, भाभी मेरे ऊपर आ गई... हम एक दूसरे को उतना इन्टेन्स लगे हुए थे के बिच में कोई हवा का आना जाना मुमकिन नहीं था... मेरे लिए भाभी अपने मन को मार कर खूब अच्छे से मुझे सपोर्ट कर रही थी... तो मैंने उनके मन को खुश करने के लिए... अचानक करवट बदले भाभी को निचे लेकर उसके चूत को लिक करने लगा... कुछ ऐसा किया जो भाभी को खुश कर गया... मैंने भाभी के दाने को अपने दातो से खीच कर थोडा काट लिया... अब ये आलम था के नाही मुझसे रहा जा रहा था नाही भाभी से... भाभी ने मेरे मुह को खीच कर मुझे लण्ड से पेल ने के लिए आमंत्रित किया...

मैं इतनी इंटेंसिटी से भाभी पर पड़ा के भाभी के मम्मे को थामते हुए मैंने अपने आपको भाभी को लेंड किया... भाभी का मम्मा थोडा खीच गया... भाभी ने जोर से आउच किया... ये एक अचानक भाभी के लिए सुखद अनुभव था... अब मैं भाभी के ऊपर प्रोपर था और मेरे मुह से भाभी के मुह में और उनकी मेरे मुह तक हांफने की गरम साँसे इतनी तेज़ महसूस रही थी की हम एकदम गरम कर रही थी... भाभी और मैंने एक दीर्घ चुम्बन चालू किया... जो धीमे धीमे मेरे लण्ड को भाभी के चूत को चीरता धीरे धीरे एक दो धक्को में घुसाता चला गया... भाभी के हाथ को मैंने पकड़ के रखा था.. भाभी और मेरे होठ एकदूसरे के अंदर जाने को बेताब थे और मेरा लंड अब चूत को चीरे अंदर तक घुस गया... भाभी और मैंने एकसाथ किस तोड़कर आह के साथ एकदूसरे को और करीब खीचने लगे... भाभी ने पूरा साथ देकर अपनी गांड को थोड़ा थोड़ा ऊँचा करके मुझे बराबर साथ दे रही थी... इसी पोज़िशन में हम बिना किस तोड़े... बिना हाथ को छोड़े करीब १५ मिनिट तक सेक्स करते रहे... और अचानक भाभी ने किस तोड़कर थोडा अग्रसेन होते हुए... जोर जोर से चिल्ला ने लगी और फिर ढेर हो गई... पर मेरा खलास होना अभी बाकी था... मैं ये हिस्सा अभी और देर तक चलाना चाहता था... मेरे हाथ भाभी को छोड़ दिए तो हाथ मैंने भाभी की कमर पर हाथ चलाना चालु रखा... मुह मेरा भाभी के मम्मो पर किस करता... निप्पल को हल्का हल्का खीच रहा था... जीभ घुमा रहा था... और धीमे धीमे मेरे हाथ भाभी के कुल्हो तक लेकर उसे खुद ऊँचा करने लगा... क्योकि भाभी खलास होते ही उनके धक्के कम हो गए थे... मैं लण्ड को अंदर बाहर करता ही रहा... लण्ड से पेलना चालू रखा तो भाभी वापस मेरे साथ देने दो मिनिट में तैयार हो गई... वो फिर मुझे साथ देने लगी... आज भाभी सही में मेरा बिस्तर गरम कर रही थी... क्योकि पूरा बदन भाभी का गरम गरम था... भाभी को पसीना आया था... तो हमारा बिस्तर गरम हो चूका था..

मैं और भाभी जैसे आपको बताया के हम एक दूसरे को भोगने में लगे थे... मैं इंटेंसिटी में भाभी को कई जगह काट चुका था... और वो भी... हम एकदूसरे को समझ ही नहीं पा रहे थे... पर हां हम दोनों ने ये तय किए अनुसार एकदम रिलेक्स सेक्स करना चाहा था... वो हो रहा था... भाभी फिर से अकड़ ने वाली थी के मैं रुक गया.. क्योकि बहोत धीरे धीरे हो गया था... मेरा लण्ड भी कभी भी भाभी के चूत को मेरे वीर्य से भरने वाला था... आदमी उत्तेजना में कुछ भी कर सकते है... ये पता तब ही लगता है जब आप जड़ने पर आने वाले हो... मैं जैसे रुका भाभी का ध्यान डाइवर्ट हुआ...
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RE: Antarvasna kahani हर ख्वाहिश पूरी की भाभी �... - by sexstories - 12-01-2018, 12:21 AM

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