RE: non veg story एक औरत की दास्तान
एक औरत की दास्तान--13
गतान्क से आगे...........................
"आए. उठो और चलो हमारे साथ. अदालत की सुनवाई का टाइम हो गया है." एक लेडी कॉन्स्टेबल ने आकर दरवाज़ा खोला तो स्नेहा अपनी सोच से बाहर आई. उसने एक नज़र इधर उधर डाली और फिर कॉन्स्टेबल को देख कर खड़ी हो गयी..
"आओ मेरे पीछे पीछे." कॉन्स्टेबल ने इशारा किया तो स्नेहा उसके पीछे चल दी.
उसके आस पास करीब 5 पोलीस वाले थे जिनमें दो लेडी कॉन्स्टेबल थी. उसे पोलीस स्टेशन से बाहर लाया गया और वहीं खड़ी एक पोलीस वॅन मे बैठा दिया गया और फिर वॅन चल पड़ी.
करीब आधे घंटे के सफ़र के बाद वो लोग कोर्ट के सामने खड़े थे.. कोर्ट के सामने लोगों की भारी भीड़ थी जिसे कंट्रोल करने मे पोलीस को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी. सब लोग ये जानने के लिए उतावले थे कि आख़िर कोर्ट क्या फ़ैसला करती है.
उसे वॅन से उतारकर कोर्टरूम मे ले जाया गया और वहीं एक कटघरे मे खड़ा कर दिया गया.
वो पूरा रूम लोगों की भीड़ के कारण पूरा भरा हुआ था. सब आपस मे यही बातें कर रहे थे कि आख़िर कोर्ट का फ़ैसला क्या होगा.
लोगों ने जहाँ तक सुना था उसके अनुसार कोर्ट को स्नेहा को बेकसूर मान कर रिहा कर देना चाहिए था.. मगर क़ानून की नज़रों मे एक खूनी तो खूनी ही है और स्नेहा ने वीर सिंग का खून किया था इसलिए उसे आज यहाँ खड़ा होना पड़ा था..
तभी जड्ज के अंदर आने की अनाउन्स्मेंट हुई और ये सुनकर सभी लोग खड़े हो गये.. कुछ देर बाद ही जड्ज भी अंदर आ गया..
वो एक 50 साल के करीब का नाटा सा आदमी था या यूँ कह लें कि बुद्धा था.. वो आते ही अपनी कुर्सी पर बैठ गया और सभी लोगों को बैठने का इशारा किया..
"अदालत की कारवाई शुरू की जाए.." उसने बुलंद आवाज़ मे एलान किया जिसे सुनकर दोनो पक्षों के वकील अपनी अपनी काली कोर्ट सीधी करने लगे..
"माइ लॉर्ड.." विपक्षी वकील ने खड़े होते हुए कहा..
"माइ लॉर्ड.. जैसा कि यहाँ खड़े सभी लोग जानते हैं कि कटघड़े मे खड़ी ये मासूम सूरत वाली लड़की देखने मे जितनी मासूम है उतनी है नही.. इसकी मासूम सूरत के पीछे एक खूनी छिपा हुआ है.." ये बोलकर वो कुछ देर रुका और फिर बोलना जारी रखा..
"जैसा कि सब जानते हैं.. इस लड़की ने अपने पति राज सिंघानिया का खून किया है और ऐसा करते हुए वहाँ खड़े नौकरोने ने देखा था..जो इस खून के चस्मदीद गवाह हैं..इसलिए मेरी अदालत से दरख़्वास्त है कि मुलज़िमा को कड़ी से कड़ी सज़ा दी जाए.. थ्ट्स ऑल."
ये बोलकर वो वकील वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गया..
"मेरे काबिल दोस्त ने बहुत कुछ बोल तो दिया माइ लॉर्ड.." स्नेहा के वकील ने खड़े होते हुए कहा..
"मगर ये नही बताया कि स्नेहा ने उसे क्यूँ मारा.. सच्चाई तो ये है माइ लॉर्ड की वो आदमी राज था ही नही बल्कि उसकी शकल मे छिपा वीर सिंघानिया था.." ये बात सुनकर पूरे कोर्ट रूम मे शोर होने लगा.. सब यही पूछ रहे थे एक दूसरे से की आख़िर ये हो क्या रहा है..
"ऑर्डर ऑर्डर" जड्ज ने सबको शांत करने के लिए बगल मे रखा हथोदा बजा दिया..
"इसका कोई सबूत है आपके पास कि वो राज नही था..?" जड्ज ने पूछा तो उस वकील के पास कोई जवाब नही था..
"विदाउट एविडेन्स, यू कॅन'ट डू एनितिंग मिस्टर. लॉयर" जड्ज ने मुस्कुराते हुए कहा..
"क्या मुलज़िमा को अपना गुनाह कबूल है..?" जड्ज ने अब अपना सर स्नेहा की तरह करते हुए कहा..
जिसके जवाब मे स्नेहा ने अपनी गर्दन हिलाकर हां का इशारा किया..
"एक मिनिट स्नेहा.. " सबकी नज़र उस आवाज़ की तरफ घूम गयी.. ये और कोई नही बल्कि रवि था और उसके पीछे पीछे रिया भी थी..
"जड्ज साहब मैं कुछ बोलने की इज़ाज़त चाहता हूँ.." रवि ने आगे आते हुए कहा जिसपर जड्ज ने सहमति दे दी..
"थॅंक्स माइ लॉर्ड" कटघड़े मे आते ही रवि ने जड्ज का धन्यवाद किया जिसे जड्ज ने गर्दन हिलाकर स्वीकार कर लिया..
"माइ लॉर्ड स्नेहा बिल्कुल बेकसूर है.. और इसके सारे सबूत मेरे पास हैं.." ये बोलकर रवि ने अपनी जेब से एक पेन ड्राइव निकाल ली..
"माइ लॉर्ड.. ये है वो सबूत है जो स्नेहा को बिल्कुल बेगुनाह साबित कर देगा.." जड्ज ने इशारा किया तो नीचे मे बैठे आदमी ने वो पेन ड्राइव रवि के हाथों से ले लिया..
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