RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
हवेली आकर मैं धम्म से सोफे पर गिर गया और अपने मूड को ठीक करने की कोशिश करने लगा पुष्पा मेरे लिए पानी लेकर आई मैने अपना गला तर किया और फिर उसको सारी बात बताई तो वो बोली अच्छा किया जो सज़ा दी मैं तो कहती हूँ कि उस कमीने को जान से मार देना चाहिए था मैने कहा बहुत थक गया हू एक कड़क चाइ पीला दो तो पुष्पा अपने होटो पर जीभ फिराते हुए बोली बस चाइ या कुछ और भी
तो मैने कहा क्या बात है आज बड़ी अच्छी वाली बाते कर रही हो तो वो बोली कुछ नही बस आपका मूड ठीक कर रही थी आप मायूष अच्छे नही लगते हो और फिर मैं तो सेविका हू आपकी मैने कहा चल जा अभी और चाइ ले आ जा वो जाने के लिए मूडी तो मेरी नज़र उसकी गान्ड पर ठहर गयी ना जाने क्यो वो और मोटी मोटी सी लग रही थी पर हाय हमारी हालत ऐसी कि बस नज़रो से ही काम चला लेना था
तो इसी तरह लगभग एक महीना गुजर गया , सेहत मे काफ़ी हद तक सुधार हो गया था ज़ख़्म भर गये थे पर उनके निशान रह गये थे कई दिनो से लंड भी शांत पड़ा था तो उसकी खुजली भी कुछ बढ़ गयी थी पर अब पुष्पा रात को हवेली मे नही रुकती थी और नंदू था तो चंदा को भी नही चोद सकता था तो अब क्या करूँ मैने लक्ष्मी को फोन किया कि मुझे बड़ी याद आ रही है तुम्हारी
तो उसने बताया कि वो कुछ दिनो के लिए अपने बेटे से मिलने जा रही है , तो आकर वो पक्का मिलेगी तो उधर भी बस निराशा ही हासिल हुई तो मैने सोचा कि चल फिर आज शाम को उस बगीचे की तरफ डेरा डाला जाए तो क्या पता उस रूप दीवानी से फिर मुलाकात हो जाए तो मैने आज सिंपल से पैंट शर्ट पहने और फिर उधर का रास्ता पकड़ लिया काफ़ी दिनो बाद उधर जा रहा था तो रास्ता भूल गया
पर फिर आख़िर पहुच ही गया बगीचा वैसा ही था बिल्कुल खिला खिला सा तो मेरी निगाहें उस अजनबी चेहरे को ढूँढ ने लगी पर शायद आज वो उधर नही थी मैने काफ़ी इंतज़ार किया पर वो नही आई शायद रोज ना आती हो तो फिर वापिस हवेली आ गया एक वो बोझिल दिन भी निकल गया अगले दिन सुबह सुबह ही गोरी आ गयी मैने कहा आज इधर का रास्ता कैसे भूल गयी
तो वो बोली माँ है नही घर पर तो आ गयी मैने कहा अच्छा किया मैं भी बोर हो रहा था मैने गोरी को खीच कर अपनी गोद मे बिठा लिया और उसकी गर्दन पर अपनी ज़ुबान फिराने लगा तो गोरी कसमसाते हुवे बोली देव मत छेड़ो ना फिर मुझे खुद पर काबू करना मुश्किल हो जाता है मैं अपने दाँत उसकी सुरहिदार गर्दन पर गढ़ाते हुवे बोला तो फिर आज हो जाना बेकाबू किसने रोका है
मैं अपने हाथ उपर ले गया और सूट के उपर से ही उसके पुष्ट उभारों को दबाने लगा तो गोरी शरमाते हुए बोली देव मत छेड़ो मुझे मान भी जाओ ना तो मैने कहा गोरी बस कुछ देर खेलने दे ना अच्छा लग रहा है तो वो शरमाते हुए बोली पर मुझे तुम्हारा वो नीचे चुभ रहा है तो मैने गोरी को बेड पर लिटा दिया और उसके उपर चढ़ गया
और उसको अपनी बाहों मे दबोच लिया गोरी के काँपते होठ मुझे अपनी ओर बुला रहे थे तो मैने अपने प्यासे लबो पर जीभ फेरी और गोरी के सुर्ख होटो से अपने होटो को मिला लिया मैं तो कई दिनो से प्यासा था आज मैं जी भर कर गोरी के शहद से भरे होटो को पीना चाहता था तो मैं काफ़ी देर तक उनको चाट ता ही रहा फिर गोरी ने अपना मूह अलग किया
और हान्फते हुवे बोली उफफफफफफफफ्फ़ सांस तो लेने दो ज़रा मैने उसके सूट को समीज़ समेत उतार कर साइड मे रख दिया तो गोरी का उपरी हिस्सा पूरी तरह नंगा हो गया मैने तुरंत उसकी एक चूची को अपने मूह मे भर लिया और दूसरी को हाथ से भीचने लगा तो गोरी मस्ती के सागर मे गोते खाने लगी उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और उस से खेलने लगी
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