RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
मामा बोले देव ये कुछ भेंट है तुम्हारे लिए मैने कहा अरे इसकी क्या ज़रूरत थी तो वो बोले अब बहन के घर आए है तो खाली हाथ कैसे आ सकता था तभी पुष्पा नाश्ता लेकर आ गयी तो मैने उन्हे नाश्ता करने को कहा सच बताऊ तो पहली नज़र मे बड़े ही सज्जन से लगे मुझे तो फिर नाश्ते के बाद फिर से बातों का सिलसिला शुरू हो गया वो बोले
सूचना तो कई दिन पहले ही मिल गयी थी कि तुम विलायत से वापिस आ गये हो पर फ़ुर्सत ही ना मिली कुछ कामो मे इतना उलझे पड़े थे कि बस चाहकर भी तुमसे मिलने आ ही ना सके पर आज तुम्हारी मामी का भी मन था तो हम खुद को रोक ना सके बिल्कुल तुम्हारे पिता से ही लगते हो तुम मैने पूछा धनंजय कैसा है तो वो बोले ठीक है अब हालत मे सुधार है पर 2-3 महीने तो हस्पताल मे लग ही जाएँगे
मैने कहा माफी चाहता हू उसकी हालत का ज़िम्मेदार मैं ही पर क्या करू हालात ही कुछ ऐसे हो गये थे , तो वो बोले जो हुआ सो हुआ उस दिन हमें अर्जेंट बाहर जाना पड़ा वरना ऐसा कुछ होता ही नही मामा जी बोले देव हमे पता चला था कि पहले भी तुम पर हमला हुआ था हम ने अपनी तरफ से भी खोज करवाई थी पर कुछ हाथ ना लगा मैने कहा जाने दीजिए वो बात अब पुरानी हो गयी
और वैसे भी छोटी मोटी बाते तो चलती ही रहती है तो वो बोले बेटा अब तुम्हे पुरानी बातों का तो सब पता चल ही गया होगा तो मैं बस इतना ही कहना चाहूँगा कि अतीत के बारे मे हम जितना सोचेंगे वो उतना ही हमें दुख देगा और फिर तुम या हम कोई भी चाहकर अतीत को नही बदल सकता है ना झुटला सकता है बस उसे भूलने की कोशिश ही कर सकते है
और फिर तुम तो हमारी बहन की एक्लोति निशानी हो तो अगर तुम्हारी इजाज़त हो तो कभी कभी आ जाया करेंगे तुमसे बात करने को तो हमारा पाप भी कुछ कम हो जाएगा बल्कि हम तो ये भी कहेंगे कि हमारा घर भी तो तुम्हारा ही है जब भी दिल करे आ जाना सदा इंतज़ार रहे गा तुम्हारा मैं मुस्कुरा दिया मैने बाहर से एक आदमी को बुलवाया
और कहा कि पुष्पा से जाकर कहो कि महमानों के लिए उच्च स्तर के पकवान और लज़ीज़ भोजन तैयार किया जाए तो वो लोग मना करने लगे तो मैने कहा आज पहली बार हवेली मे मेरे रहते मेहमान आए है आपको भोजन तो करके ही जाना पड़ेगा तो फिर वो मेरा आग्रह टाल ना सके तो इसी तरह उन लोगो से बाते करते हुवे ना जाने का सांझ ढाल गयी पता ही नही चला
जाते जाते मामा ने मुझसे वादा लिया कि जल्दी ही मैं भी नाहरगढ़ आऊ तो मैने भी हाँ कह ही दी वापिस आकर मैं लेट सा गया काफ़ी देर सोफे पर बैठने के कारण कुछ दर्द सा होने लगा था पुष्पा बोली हुकुम जो मिठाइया वो लोग लाए थे उनको बाहर फिकवा दूं क्या मैने कहा किसलिए तो वो कहने लगी क्या पता जहर मिला दिया हो उन लोगो का आप बिल्कुल भरोसा ना करे
मैने कहा अरे पगली ऐसा कुछ नही होता तू इतनी फिकर ना किया कर वो बोली मालिक अगर आप की इजाज़त हो तो थोड़ी देर ढिल्लू के बापू से मिल आऊ कई दिन हो गये है मैने कहा चली जाना पूछने की बात क्या है इसमे जब भी तेरा दिल करे चली जाया कर तो वो मुस्कुराती हुई चली गयी मुझे भी भूक तो थी नही तो मैं भी फिर बस सो गया
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