RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
थोड़ी देर बाद उसने कहा कि खाना ठंडा हो रहा है आप खा लो और नीचे चल गयी फिर मैं भी उसके पीछे पीछे नीचे आ गया फिर मैने खामोशी से खाना खाया पर पुष्पा कुछ बात नही कर रही थी तो मैने पूछा नाराज़ हो क्या वो बोली आपसे नाराज़ होकर कहा जाउन्गी मैने कहा फिर बात क्यो नही कर रही वो बोली कर तो रही हू मैने कहा देखो तुम इस बात की टेन्षन ना लो अगर तुम्हारे दिल मे हाँ हो तो हाँ कह दो और ना तो ना कह देना सिंपल सी बात है
कोई एक घंटे बाद उसने अपना सारा काम समेट दिया और बोली मैं जाती हू शाम को आउन्गि मैने कहा मोसम वैसे ही खराब है तो तुम कल ही आना वो बोली पर खाना मैने कहा जो बचा है वो ही खा लूँगा तुम उसकी चिंता ना करो और कल मैं तुम्हारा इंतज़ार करूँगा और तुम्हारे जवाब का भी मैने गेंद उसके पाले मे डाल दी थी
पुष्पा बोली पर मैं आजाउन्गी ना गरम खाना बनाने को मैने कहा कोई बात नही और वैसे भी शाम को मुझे कही जाना है इस लिए बोला फिर वो चली गयी और मैं रह गया वही पर अपने अकेले पन के साथ शाम होते होते बरसात भी थम चली थी मैने सोचा कि थोडा घूम भी आउन्गा और नंदू से पूछ आता हू कि वो आ क्यो नही रहा तो मैं पैदल ही चल पड़ा उसके घर की ओर
पैदल था और फिर कच्चा रास्ता भी बारिश से खराब हो गया था तो जब मैं नंदू के घर पहुचा तो अंधेरा हो गया था मैने किवाड़ खड़काया तो चंदा ने किवाड़ खोला और मुझे देख कर एक शरारती मुस्कान बिखेरते हुवे बोली अरे हुकुम आप यहाँ इस वक़्त मैने कहा हाँ वो मैं इस तरफ कुछ काम से आया था और पिछले कुछ दिनो से नंदू भी हवेली पर नही आ रहा तो बस पूछने आ गया
और फिर मैं अंदर घुस गया मैने कहा नंदू कहाँ है तो वो बोली कि जी वो तो अपनी बहन के ससुराल गया है कुछ काम से और थोड़े दिन मे आएगा आप हम को माफ़ करदो आप को सूचना बिना दिए ही चला गया मैने कहा कोई बात नही पर वो नही है तो थोड़ी दिक्कत हो रही है तो वो बोली हुकुम कल से उसकी जगह मैं आ जाउन्गी मैने कहा कल से क्यो तुम अभी चलो मेरे साथ हवेली
वो बोली पर मैं इस टाइम कैसे चल सकती हू मैने कहा क्यो नही आ सकती और फिर जो काम खेत मे अधूरा रह गया था वो भी तो पूरा करना है ये कहते ही मैने उसको अपने आगोश मे भर लिया और उसकी छातियो को दबाने लगा तो वो बोली आ ऐसा ना कीजिए मैने कहा चल ना हवेली आज मज़े करेंगे मैं बोला तू मुझे खुश कर मैं तुझे खुश रखूँगा
वो बोली पर मैं कैसे आउ मैने कहा मैं अभी जाता हू तू थोड़ी देर बाद आ जाना कुछ सोच कर उसने कहा जी ठीक है आप चलिए मैं आती हू तो मैं वापिस हवेली आ गया फटा फट से अपना डिन्नर निपटाया और चंदा का इंतज़ार करने लगा कि तभी लक्ष्मी का फोन आया मैने कहा रात को फोन किया क्या बात है वो बोली कुछ नही बस ऐसे ही कर लिया
वो बोली खाना खाया तुमने मैने कहा हाँ बस अभी बर्तन रखे है वो बोली कल मैं मुनीम जी को लेकर डॉक्टर के यहाँ जा रही हू तो आते आते देर हो जाएगी तो मैने गोरी से कह दिया है कि वो स्कूल से आते ही हवेली चली जाए तो थोड़ा देख लेना मैने कहा ठीक है और जो भी बात हो मुझे फोन करके बताना फिर कुछ और बातों के बाद फोन कट हो गया और मैं चंदा की राह देखने लगा
कोई घंटे भर बाद आख़िर चंदा आ ही गयी मैने कहा बड़ी देर लगाई आते आते तो वो बोली क्या करूँ हुकुम बस देर हो ही गयी मुझसे अब रुका नही जा रहा था तो मैने चंदा की बाँह पकड़ी और उसे लाकर बेड पर पटक दिया और उस पर चढ़ गया वो बोली आराम से मालिक अब तो मैं आपकी ही हूँ मैने उसकी साड़ी को खोलना शुरू किया और ब्लाउज भी उतार कर फेक दिया अब वो पूरी नंगी मेरे सामने खड़ी थी उसका था था करता हुआ भरा हुवा जिस्म मेरे बदन मे गर्मी पैदा कर रहा था
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