RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
मैने कहा चलो कोई बात नही फिर मैने कहा नंदू तेरे लिए कुछ है और उसका पॅकेट उसको दे दिया और ढीलू का उसको मैने कहा ढिल्लू मम्मी से कहना कि कल 9 बजे तक आ जाए फिर मैने नंदू को कुछ रुपये दिए और कहा कि माँ को दे देना वो लोग खुश होते हुवे चले गये पता नही क्यो मुझे अच्छा लगा मैने गेट बंद किया और खाना खाकर सो गया अगले दिन मैने लक्ष्मी को फोन किया और कहा कि कुछ लोग खेत पर आएँगे थोड़ा सा देख लेना मैं दोपहर बाद तक आउन्गा उधर ,
वो बोली ठीक है मैं संभाल लूँगी नंदू सफाई के काम मे लगा था मैने उसको कहा कि नंदू मैं लकड़ी काटने पीछे की तरफ जा रहा हू ढिल्लू की मम्मी आए तो उसको उधर ही भेज देना वो बोला जो हुकुम मैने कुल्हाड़ी ली और पीछे की तरफ आ गया और लकड़ी काटने लगा लकड़ी की तो रोज ही ज़रूरत पड़ती रहती थी तो मैं काटने लगा काफ़ी देर तक मैं उसी काम मे बिज़ी रहा फिर मैने देखा कि ढिल्लू की मम्मी मेरी तरफ ही चली आ रही है
तो मैं पेड़ के नीचे बैठ गया और अपना पसीना पोंछने लगा वो बोली आप मालिक होकर भी ऐसे काम करते है मैने कहा मैं कोई मालिक वालिक नही हू बस आपकी तरह ही एक सामान्य इंसान हू और फिर अपना काम करने मे कैसी शरम मैने लकड़ी और कुल्हाड़ी वही पर छोड़ी और उस से कहा आओ मैं तुम्हे रसोई दिखाता हू पर रसोई की सफाई करवाना मैं भूल गया था
तो मैने नंदू को कहा कि पहले तू रसोई को चमका ताकि आज मेरे घर चूल्हा जल सके फिर मैं उस औरत को अपने कमरे मे ले आया और बैठने को कहा वो बोली मालिक मैं कैसे आपके सामने मैने कहा फिर वोही बात अगर आप ऐसा करेंगी तो मुझे बुरा लगेगा तो वो कुर्सी पर बैठ गयी मैने कहा तुम्हारा नाम क्या है तो वो बोली जी मेरा नाम पुष्पा है मैने कहा बड़ा ही सुंदर नाम है तो वो शर्मा पड़ी
मैने कहा देखो तुम्हे दो टाइम का खाना बनाना होगा बर्तन माँजने होंगे और कोई मेहमान आए तो बुलाने पर आना होगा वो बोली जी ठीक है मैने कहा अब ये भी बता दो कि तनख़्वाह कितनी लोगि तो वो बोली मालिक इतना दे देना कि गुज़ारा हो जाए मैने कहा तुम बताओ तुम कितनी लोगि फिर इसने कहा कि जी 2000 दे देना मैने कहा मैं तुमको 4000 हज़ार दूँगा पर शर्त ये है कि खाना कल की तरह ही अच्छा होना चाहिए
मैने अलमारी से पैसे निकाले और उसको दे दिए मैने कहा ये तुम्हारी तनख़्वाह अड्वान्स मे ही दे रहा हू वो बोली मालिक आपका शुक्रिया और कल जो आपने ढिल्लू को कपड़े दिए कितने महन्गे थे आप उसके पैसे काट लो मैने कहा तुम यहाँ काम करने आ रही हो तो मेरे घर की सदस्य ही हुई फिर ऐसी बात ना करना देख लो अगर रसोई ठीक हो गया हो तो एक चाइ ही पिला दो
तो वो बाहर की ओर चली गयी और मैं उसकी साड़ी से बाहर आने को बेताब गान्ड को निहारने लगा लंड मे सुरसूराहट होने लगी मैने सोचा देर सवेर इसको भी पटाना पड़ेगा थोड़ी देर बाद मैं रसोई की तरफ गया तो देखा कि वे दोनो रसोई की सफाई कर रहे है मैने कहा पुष्पा तुम क्यो कर रही हो नंदू कर लेगा तो वो बोली अब ये भी तो मेरे घर का ही काम हुआ ना मैने कहा ठीक है मैं खेतो की तरफ जा रहा हू तुम खाना बना कर रख जाना और किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो नंदू है ही यहाँ .
कोई आधे घंटे बाद मैं खेतो पर था लक्ष्मी भी वही पर थी और किसी साहूकार से लग रहे आदमी से बात कर रही थी फिर उसने मेरा परिचय उस सेठ से करवाया तो पता चला कि वो कई साल से हमारी फसल खरीद ता आ रहा था पर इस बात कटाई मे हो रही देरी से चिंतित था मैने कहा सेठ जी आप चिंता ना करे अनाज तय तारीख पर आपकी मिल मे पहुच जाएगा तो फिर वो बोला कि ठाकुर शहाब ये आधा पैसा है आधा मैं बाद मे दे दूँगा मैने कहा जो भी हिसाब है मैने सेठ से कहा आप लक्ष्मी जी से कर ले मैं ज़रा आता हू
जिस ओर कटाई चल रही थी उस ओर जाकर मैने भी औजार लिया और फसल काटने लगा वैसे मुझे आती नही थी कटाइ पर कोशिस तो कर ही सकता था चंदा मेरे पास आई और बोली मालिक आप ये क्या कर रहे है आपके हाथो मे छाले हो जाएँगे मैने कहा मैं भी इस खेत का एक मजदूर ही हू तो मैं उनसे बाते करता हुआ कटाई करने लगा चंदा ने अपना पल्लू कमर पर बाँधा हुवा था तो उसका ब्लाउज उसकी चूचियो का भार नही उठा पा रहा था
उसकी चूचिया तो लक्ष्मी की से भी काफ़ी बड़ी थी 40 की उमर मे चंदा एक बेहद ही जबर दस्त माल थी मेरा ध्यान अब कटाई पर नही था बस उसके बोबो पर ही था चंदा भी मेरी नज़रो को भाँप गयी थी परंतु उसने अपनी चूचियो को छुपाने की ज़रा भी कोशिश नही की बल्कि बार बार मुझे अपनी हिलती चुचियाँ दिखाने लगी मेरी पॅंट मे उभार बन गया था
जिस तरफ हम लोग कटाई कर रहे थे उस तरफ बस हम दोनो ही थे उसे पता तो था ही कि मैं उसके चुचे देख लार टपका रहा हू तो उसने ये कहते हुवे कि आज गर्मी कुछ ज़्यादा है अपने ब्लाउज के उपर वाले बटन को खोल दिया तो मुझे उसकी घाटी और भी अच्छे से दिखने लगी मेरा हाल बुरा होने लगा आख़िर मैने पॅंट के उपर से अपने लंड को मसल ही दिया
फिर चंदा ने कुछ ऐसा किया कि मैं समझ गया कि एक और चूत का जुगाड़ हो ही गया वो बोली मालिक खड़े खड़े कटाई से मेरी तो कमर ही दुखने लगी है मैं बैठ कर कटाई करती हू उसने अपने साड़ी को घुटनो तक चढ़ा लिया और फिर बैठ गयी तो मेरी नज़र उसकी मोटी मोटी टाँगो पर पड़ी थी तो पूरा जबर माल थी वो फिर मुझे तड़पाने को उसने अपनी टाँगे थोड़ा सा खोल दी तो मुझे उसकी फूली हुवी चूत दिखने लगी मेरा तो गला ही सूख गया
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