Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
11-02-2018, 11:28 AM,
#11
RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
मैने कहा पर आप लोग भी तो मेरे परिवार का ही एक हिस्सा है आपलोग हमेशा से ही मेरे घरवालो के साथ थे तो मेरा साथ भी दीजिए तो लक्ष्मी बोली हम तो मरते दम तक आपके साथ है पर अब को अपनी विरासत संभालनी होगी वैसे भी सारी उमर हो गयी ये सुनते सुनते की मुनीम जी हवेली का सब कुछ खा गये मैने कहा दुनिया कुछ भी कहे मैं नही मानता मैं बस इतना जानता हू कि इस गाँव मे अगर कोई मेरा बचा है तो बस आप लोग ही हो

लक्ष्मी थोड़ा सा मुस्कुरा दी मुझे दुख भी था कि मेरा पूरा परिवार कैसे तबाह हो गया पर थोड़ी तसल्ली भी थी कि ये लोग मेरे पास है वो बरसते हुवे मेह को देखकर बोली कि कई सालो बाद इतनी घनघोर बारिश आई है गाँव मे आज तो रुकनी मुश्किल है मैने कहा रयचंद जी कब तक आएँगे वो बोली कि उन्हे थोड़ा टाइम और लग जाएगा कुछ कागज़ी कार्यवाही करनी है और फिर हवेली की मरम्मत और भी कई छोटे-मोटे काम है ख़तम होते ही आ जाएँगे

मैने कहा ठीक है लक्ष्मी बोली अब आप घर चलें यहाँ कब तक यू बैठे रहेंगे मैने कहा नही मैं यही रहूँगा आप मेरा सामान घर से मंगवा दीजिए और जब तक बिजली नही लग जाती रात को रोशनी का इंतज़ाम भी करवा दीजिए लक्ष्मी मुझे अकेले नही रहने देना चाहती थी पर मेरी ज़िद के आगे उसकी एक ना चली तो उसने कहा कि बारिश रुकते ही आपके लिए नया बिस्तर और ज़रूरत की कुछ चीज़ी भिजवा दूँगी पर अभी मैं जाती हू घर पे भी कई काम पड़े है और ये तेज बारिश

फिर उन्होने गोरी से कहा कि तुम देव के साथ ही रहना मैं सांझ तक वापिस आउन्गि तुम साथ रहोगी तो मुझे इनकी फिकर नही होगी इतना कहकर लक्ष्मी कार मे बैठी और चली गयी रह गये मैं और गोरी आग ठंडी होने लगी थी तो गोरी ने कुछ लकड़िया और डाल दी बारिश मे आग के पास बैठना एक अलग सा अहसास दे रहा था गोरी बोली तुम लंडन से यहाँ कैसे आए तो मैने कहा प्लेन से वो बोली अच्छा , वो बोली तुम्हारा सहर कैसा होता है मैने कहा जैसे तुम्हारे है वो बोली मैं क्या जानू मैं तो कभी सहर गयी ही नही मैने कहा क्यो वो बोली मुझे कॉन ले जाए

तो मैने कहा मैं कभी जाउन्गा तो तुमको ले चलूँगा साथ वो बोली हम तो बस दिल खुश करने को जब कभी मेला लगता है तो उसी मे घूम आते है दिल खुश हो जाता है मैने कहा ये मेला क्या होता है तो वो बोली अरे तुम्हे मेले का नही पता मैने कहा सच मे नही पता तो उसने मुझे बताया तो मैने कहा कि अबकी बार जब मेला लगेगा तो मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा

कुछ देर और बाते करने के बाद मैने कहा आओ गोरी कुछ कमरो को खोल कर देखते है तो वो बोली हाँ चलो तो हम लोग उपर की मंज़िल पर चले गये कुछ कमरो का ताला हम ने तोड़ डाला और देखने लगे इतना तो पक्का था कि अपने टाइम मे ये खंडहर बड़ा ही खूबसूरत था हर कमरा बड़े ही करीने से सज़ा हुवा था बस फरक इतना था कि वो सजावट वक़्त के थपेड़ो मे कही खो गयी थी मैने कहा गोरी खुशकिस्मत होंगे वो लोग जो यहाँ रहते होंगे वो बोली हाँ काश मैं भी ऐसे ही घर मे रहती

मैने कहा ये भी तो तुम्हारा ही घर है ना जब तुम्हारा दिल करे तुम आ जाना यहाँ पर काफ़ी धूल जमी हुवी थी तो हम लोग उसको सॉफ करने लगे तभी गोरी को उपर की स्लॅब पर कुछ दिखा तो वो बोली उपर कुछ है मैने कहा हाँ कुछ संदूक जैसा लग रहा है पर इसको उतारे कैसे उपर चढ़ा तो नही जाएगा मैं कुछ ढूँढ ही रहा था कि मुझे गॅलरी मे एक पुराना स्टूल दिख गया जो अब बस नाम-मात्र का ही बचा हुवा था

गोरी बोली तुम इसको कसकर पकड़ लेना मैं उपर चढ़ जाती हू मैने कहा स्टूल कही टूट ना जाए तो वो बोली अगर मैं गिरु तो तुम मुझे थाम लेना तो हम ने उसको सेट किया और गोरी उपर चढ़ ने की कोशिश करने लगी पर वो चढ़ नही पा रही थी वो बोली तुम इसको कसकर पकड़ लो मैं संदूक को खीचती हू और तुमको पकड़ा दूँगी तुम उसको नीचे रख देना मैने कहा ठीक है पर आराम से करना कही चोट ना लग जाए तुमको संदूक थोड़ा भारी था जैसे ही गोरी ने संदूक को स्लॅब से खीचा स्टूल उन दोनो का भार नही से पाया और टूट गया गोरी झटके से मेरे उपर आ पड़ी और मुझे लिए लिए ही फरश पर आ गिरी

अचानक से हुवी इस घटना से मैं संभाल नही पाया पर शूकर था कि संदूक दूसरी ओर गिरा वरना हमारे सर भी फुट सकते थे कुछ पल तो समझ ही नही आया कि क्या हुआ गोरी मुझ पर लदी हुवी थी मेरे हाथ उसके मांसल कुल्हो पर आ गये थे उसकी सुडोल छातिया मेरे सीने मे धँसी जा रही थी मेरे लिए ये अलग सा ही अहसास था वैसे गिरने से मुझे पीठ और पैर मे थोड़ी चोट लगी थी पर वो दर्द ना जाने कहाँ गायब सा हो गया था

मैने देखा गोरी अपने चेहरे को मेरी बाहों मे छुपाए मेरे उपर पड़ी थी ना चाहते हुवे भी मैने अपने हाथो से उसके दोनो कुल्हो को दबा दिया गोरी की गरम साँसे मेरे चेहरे पर पड़ रही थी मुझे पता नही कैसा रोमांच सा चढ़ने लगा गोरी ने अपनी आँखे बंद की हुवी थी एक पल मे ही मेरे सारे हार्मोंस आक्टिव हो गये थे मैने धीरे से उसके कान मे कहा गोरी , पर वो कुछ ना बोली शायद उसके लिए भी ये एक नया नया सा अहसास था

आख़िर वो भी तो जवानी मे कदम रख चुकी थी मैं उसकी पीठ सहलाने लगा तो उसने अपना मूह मेरे सीने मे छुपा लिया मैने फिर से कहा गोरी उठ जाओ पर वो टाइम पता नही हमे क्या हो गया था मैने उसे लिए लिए ही पलटी खाई और अब मैं उसके उपर वो मेरे नीचे हो गयी उसके लरजते हुवे गुलाबी होंठो की मादकता मुझे बड़ी ही सुंदर लगी और उपर से निचले होठ पर एक छोटा सा काला तिल मैं तो कुर्बान ही हो गया जैसे मुझ पर खुमारी छाने लगी

बड़ा ही नाज़ुक सा लम्हा था वो मैं अपनी भावनाओ को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा था पर मेरा दिल मेरे काबू से बाहर हो गया था गोरी की मासूमियत से मेरा अंग-अंग जैसे एक नये रंग मे रंग गया था मैं अपने होशो-हवश खोते जा रहा था और फिर मैं थोड़ा सा गोरी के उपर झुका और उसके कोमल होंठो को अपने लबो से जोड़ लिया उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ कैसा ये अहसास था जो मेरी रूह तक मे उतर गया था
ये मेरा पहला चुंबन था किसी लड़की के साथ गोरी ने अपना मूह थोड़ा सा खोल दिया तो मैने उसके निचले होठ को अपने मूह मे भर लिया और उसको चूमने लगा मेरा लॅंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और गोरी की योनि वाली जगह पर रगड़ खा रहा था एक अजीब सी परिस्थिति बन गयी थी मेरे लिए तो जैसे समय रुक सा ही गया था बड़ा ही अलग सा एहसास था ये पर ये सब ज़्यादा देर नही चला गोरी ने मुझे धक्का दिया और अपने से दूर कर दिया

मैं बगल मे लुढ़क गया और अपनी तेज रफ़्तार से भागती हुवी सांसो को कंट्रोल करने लगा गोरी उठ कर बैठ गयी और उसकी उपर नीचे होती चूचिया भी उसकी बदहवासी का विवरण दे रही थी बाहर घनघोर बरसात हो रही थी पर अंदर कमरे मे सन्नाटा पसर गया था कुछ देर हम दोनो खामोश ही रहे जो भी कुछ पॅलो पहले जो कुछ हुवा था उसने हम दोनो को एक अलग अहसास करवा दिया था

गोरी उठी और कमरे से बाहर जाने लगी पर दरवाजे पर जाकर ठिठक गयी और उसने नज़र भर कर मेरी ओर देखा ना जाने वो कैसी कशिश थी उसकी नज़रो मे उस पल मैं तो जैसे फ़ना ही होने लगा था मैं दो कदम आगे बढ़ा और गोरी को खीचते हुवे उसे पास की दीवार से सटा दिया और एक बार फिर से अपने लबो को उसके लाबो से जोड़ दिया गोरी ने भी अपनी बाहें मेरी पीठ पर कस दी और मैं उसके शरबती होंठो से जाम पीने लगा
Reply


Messages In This Thread
RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी - by sexstories - 11-02-2018, 11:28 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,615,990 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 557,364 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,282,823 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 969,438 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,718,461 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,135,098 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,046,408 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,383,921 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,139,273 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 295,912 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)