RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
सदा पैसे लेकर निकल पड़ा. पायल दूर से ये सब देख रही थी. जब तक सदा आगे नही चला गया तब तक मैं वही खड़ा रहा और जो ही वो चला गया मैं बाइक के पास गया और बाइक स्टार्ट करके पायल को बैठने का इशारा किया. पायल बाइक पर बैठते हुए बोली;
पायल: वाह!! खातिरदारी होने वाली हैं लगता हैं आज.
मे: ह्म्म्म्म...
मैने 'हाँ' मे सिर हिलाया और हम घर की ओर निकल पड़े. असल बात तो ये थी कि मैं नही चाहता था कि वॉचमन मुझे किसी लड़की को घर मे लाते हुए देख ले,इसलिए मैने उसे बाहर सामान लाने भेज दिया. मैने बाइक पार्क करदी, हेल्मेट लिया और पार्किंग से घर की एंट्री तक हम दोनो चलने लगे. पायल बड़ी खुश लग रही थी जैसे डिज़्नी वर्ल्ड आ गयी हो. वैसे देखा जाए तो पायल हमेशा ही खुश रहती थी, एक स्वीट सी स्माइल तो हमेशा रहती थी उसके चेहरे पर. मैने घर का दरवाजा खोला और;
मे: वेलकम मिस पायल.
पायल घर मे घुसते हुए चारो तरफ देखने लगी उसकी बड़ी बड़ी आखो से. गोल घूमते घूमते सारे घर का मुआयना कर रही थी वो.
पायल: ओह्ह्ह... फाइनली मेरे मरने से पहले मैने श्री सम्राट की गुफा देख ली. तो ये हैं तेरा घर...
उसने मुझे छेड़ते हुए कहा.
मे: हाँ. यही हैं मेरा ग़रीब-खाना.
इतना कह कर मैं लिविंग रूम मे के सोफे पर बैठने ही वाला था कि;
पायल: अर्रे?? घर का टूर तो करा. ईडियट!
मैं बैठने से पहले ही खड़ा हो गया. मैने पायल को एक लुक देते हुए कहा;
मे: पधारिये मेडम!
पायल हँसते हुए आगे चल पड़ी. मैं उसे घर का टूर कराने लगा.
मे: लिविंग रूम तो तू देख ही चुके हैं. यहा साइड मे डाइनिंग रूम हैं. (थोड़ा आयेज जाकर) दिस ईज़ किचन. वहाँ राइट मे मम्मी पापा का बेडरूम हैं. ( बाद मे हम सीढ़ियो के पास आ गये और उपर चढ़ने लगे.पॅसेजवे मे खड़े होकर) ये हैं मेरा रूम, वहाँ पीछे हमारा बाथरूम.
पायल: हमारा?
मे: हाँ.. मैं और मेरी बेहन.
पायल: ओह्ह हाँ.. आइ गेस आकांक्षा नाम हैं ना उसका?
मे: ह्म्म्म्म...
मैं पीछे हाथ बाँध कर खड़ा था और पायल हर एक चीज़ को डीटेल मे देख रही थी, घूम रही थी. घूमते घूमते वो आकांक्षा के दरवाजे के पास गयी और ऐसे ही कॅष्यूयली उसने डोर नॉब को घुमाने का ट्राइ किया..
मे: लॉक होगा.. रहने दे.
और उतने मे ही आकांक्षा की रूम का डोर खुल गया. मैं तो चौंक ही गया कि खुला कैसे रख दिया इसने डोर.
पायल:ओह्ह..सॉरी!
पायल ने डोर बंद करते हुए कहा. और मेरे रूम की तरफ इशारा करते हुए बोली;
पायल: आंड दिस मस्ट बी दा ग्रेट सम्राट'स किंग्डम. राइट?
मैने एक स्माइल देते हुए उसे 'हा' कहा.
मे: सो? टूर ओवर नाउ. चलो.
पायल: अर्रे? ऐसे कैसे? तूने तेरी रूम तो दिखाई ही नही.
मैं ऑनेस्ट्ली दिखाना भी नही चाहता था उसे मेरी रूम. आइ मीन इट्स आ गाइ रूम.
मे: मेरी रूम देख कर क्या करेगी तू?
पायल: देखनी हैं मुझे. दिखा चुप चाप!
उसने मुझे डाट ते हुए कहा. मैने हार मान कर मेरी रूम का डोर अनलॉक किया और हम मेरी रूम मे घुस गये. मैने लाइट्स ऑन की;
पायल: लाइट्स डिम हैं क्या?
मे: नही.. मुझे कम लाइट ही पसंद हैं. वहाँ टेबल पर स्टडी लॅंप हैं. मुझे बोहोत रोशनी नही पसंद.
पायल: अच्छाअ!!?
पायल मेरे रूम मे घूमने लगी. आस पास देखने लगी. मेरी रूम मे दीवारो पर कुछ पंटिंग्स लगी थी. पायल एक पैंटिंग के सामने जाकर खड़ी हो गयी. एक शाम का नज़ारा था उस पैंटिंग मे.
पायल:वाउ!! बड़ी सुंदर हैं ये तो. कहाँ से खरीदा तूने ये?
मे: कही से नही. मैने बनाई हैं.
पायल चौक्ते हुए पीछे मूडी और;
पायल: शट अप! तूने बनाई हैं ये??
मे: इतना क्यू सर्प्राइज़ हो रही? क्यू? मैं आर्टिस्ट नही हो सकता..
पायल: हाँ. हो तो सकता हैं.. बहुत ही सुंदर पैंटिंग हैं ये.. बाकी सब भी तूने ही बनाई हैं ?
पायल ने पेंटिंग्स की ओर मुड़ते हुए कहा.
मे: ह्म्म्म्म!
पायल: बाप रे! मुझे तो पता ही नही था कि मेरा दोस्त इतना बड़ा कलाकार हैं..
पायल ने मेरे पास आते हुए कहा.
मे: दोस्त या बाय्फ्रेंड?
मैने पायल को टॉंट मारते हुए कहा. वो समझ गयी.
पायल: हाँ हाँ याद हैं. टॉंट मारने की ज़रूरत नही.
मैं कुछ कहूँ उससे पहले ही डोर-बेल बज गयी.
मे: सदा होगा. रुक तू. मैं देख कर आता हू.
इतना कह कर मैं नीचे चला गया और दरवाजा ओपन किया. सदा ने फिर सलाम करते हुए मेरे हाथ मे बिल और समान से भरी कॅरी बॅग दे दी और कुछ बचे हुए पैसे. मैने समान लेते हुए उससे कहा;
मे: छुट्टे रख लो!
वो एक बार फिर सलाम करके चला गया. मैं डोर बंद किया और जो ही पीछे मुड़ा;
'ओह्ह्ह...फक!!!'
मेरी धड़कन ही रुक गयी हो मानो. पीछे मुड़ते ही पायल खड़ी थी. उसे अचानक देख कर मैं घबरा गया. मगर मेरी फट गयी ये देख कर पायल ज़ोर ज़ोर से हँसने लगी,पेट पकड़ कर..
मे: क्या हँस रही? चुप बैठ.. कहा था ना वहीं रुक..
हसी के मारे पायल कुछ नही कह पा रही थी. मैं आगे बढ़ गया.
पायल: अर्रे ओये!! सॉरी बाबा.. आइ आम सॉरी...
मे: हसना बंद कर पहले
उतना कह कर मैं किचन मे चला गया. मेरे पीछे पीछे पायल भी आ रही थी. मैं कोल्ड-ड्रिंक निकाले, 2 ग्लासस मे 4 आइस-क्यूब्स डाले, कोल्ड-ड्रिंक के ग्लास भरे और चिप्स एक बोल मे डाले और पायल से कहा;
मे: चलो!! लिविंग रूम मे जाके बैठ ते हैं.
पायल ने हां मे मुन्डी हिलाते हुए चिप्स का बोल लिया और हम लिविंग रूम मे आ गये.
पायल: कब तक आएगे तेरे घर वाले?
मे: नेक्स्ट मंडे तक आ जाने चाहिए.
पायल: ऐश हैं तेरी तो! अकेला लड़का, घर मे कोई नही.
मे: हाँ.. वो सब तो हैं. मगर तू जिस वजह से मुझे छेड़ रही हैं ना, वो वजह नही हैं. सो, शट अप!!
पायल: मैं कहाँ छेड़ रही हूँ तुझे? और कौनसी वजह? ज़रा मुझे भी तो पता चले.
पायल ने आखे मटकाते हुए कहा. मैं कन्फ्यूज़ हो गया था. पायल और मैं अच्छे दोस्त थे, मगर हम कभी इतने ओपन्ली नही बात करते थे हर टॉपिक के बारे मे. स्पेशली रिलेटेड टू अडल्ट टॉपिक्स!
मे: जाने दे, जाने दे!
पायल: अर्रे?? अब बता ना फट्टू.
मे: ओये?? फट्टू किसको बोली? चुप कर!
पायल: हाँ तो बता कि क्या कहना चाहता था तू??
मेरी भी हट गयी. मैने सोचा जब इसको सुनना ही हैं तो मैं क्यू टेन्षन लूँ? मैने भी कह दिया;
मे: लड़की! लड़की नही हैं.
पायल: हाँ तो मैं क्या बंदर दिखती हूँ क्या तुझे?
पायल ने मेरे आर्म पर पंच करते हुए कहा.
मे: हाँ! तू लड़की ही हैं. मगर तेरी बात कुछ और हैं.
पायल: क्या मतलब??
मे: च!!! जाने दे अब. पहले बता की ये 'बाय्फ्रेंड' का सीन क्या हैं?
पायल: हाँ हाँ बाबा! बताना ही पड़ेगा लगता है अब.
मैने उपर-नीचे अपनी मुन्डी हिलाते हुए पायल को एक लुक दिया.
पायल: ओके!! जैसा कि मैने तुझे बताया कि रोहिणी और मैं जूनियर कॉलेज मे साथ थे.
मे: हाँ.. तो??
पायल: वेल!! वो पूरा सच नही था...
पायल ने ज़रा हिचकिचाते हुए कहा.
मे: मतलब? तूने झूठ बोला मुझसे??
पायल: नही नही.. मैने कोई झूठ नही कहा. रोहिणी और मैं सिर्फ़ जूनियर कॉलेज मे ही नही बल्कि 6थ स्ट्ड से एक ही स्कूल मे थे. डिविषन्स डिफ़्फरेंट थी मगर हम एक दूसरी को अच्छे से जानते थे.
मे: हाँ. तो??
पायल: तू चुप चाप सुनेगा या दूं एक रख के??
पायल ने मुझे थप्पड़ मारने का इशारा करते हुए कहा.
मे: ओके..सॉरी! प्ल्ज़ कंटिन्यू
पायल: तूने कभी ये बात नोटीस की हैं क्या कि तुम सब अपने अपने स्कूल फ्रेंड्स से मिलते हो मगर मैं कभी नही मिलती किसी से भी?
मैने पायल की बात पर थोड़ा गौर किया और तब मैने नोटीस किया कि आज तक ना पायल ने हमे कभी ये कहा कि वो उसके किसी दोस्त को मिलने जा रही हैं और ना कभी कोई उससे मिलने आया.. मानो किसी दूसरे शहर से आई हो पायल और किसी को नही जानती, सिवाय मेरे और कुछ कॉलेज फरन्डस के.
मे: ह्म्म्म.. नाउ दट यू मेन्षंड इट. अब मुझे भी वो बात ज़रा अजीब लग रही हैं. क्यू नही मिलती तू?
मैने ये सवाल पूछते ही पायल ज़रा सी सहम गयी. उसने उसके हाथ मे का ग्लास टेबल पर रखा, दोनो पैर उपर कर लिए और सोफे पर पालती मार के बैठ गयी और मेरी ओर एक गहरी नज़र से देखे हुए बोली;
पायल: मैं अभी जो तुझसे कहने जा रही हूँ सम्राट, वो कॉलेज मे कोई भी नही जानता. और मैं तुझ पर विश्वास करती हूँ इसलिए आज तुझे बताने जा रही हूँ.
लिविंग रूम मे की हवा गरम हो रही थी, दबाव महसूस कर रहा था मैं और पायल की आखो मे सॉफ दिख रहा था कि कुछ तो बोहोत बड़ा राज़ वो अंदर छुपाके बैठी हैं. कुछ ऐसा जो उसे बोहोत दर्द देता हैं. मौके की नज़ाकत को समझते हुए मैने भी अपना ग्लास टेबल पर रखा और सोफे की एड्ज पर बैठ ते हुए मैने पायल का हाथ अपने हाथ मे लिया और उसकी आखो मे देखते हुए एक स्माइल के साथ कहा;
मे: यू कॅन ऑल्वेज़ ट्रस्ट मी पायल!
पायल ने एक गहरी सास ली, मानो कोई पत्थर दिल से हटा रही हो और बोली;
पायल: मैं जब 8थ मे थी, तब.......
मैने पायल के हाथ पर पकड़ और मज़बूत कर दी, जैसे उसे कह रहा हूँ कि;
'आइ आम हियर फॉर यू!'
पायल: तब....तब मेरा रेप हुआ था सम्राट!
पायल के वो शब्द मेरे कान मे जैसे काटो की तरह चुभे.. मुझे उसकी बात सुन कर इतना शॉक लगा कि मैं सोफा पर से उठ खड़ा हुआ. अंजाने मे ही मेरे मूह से निकल पड़ा;
'रेप??!!'
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