RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सटा सॅट धक्को से नजमा चीखने लगती है और उसकी ये आवाज़ शबनम के कानो तक पहुँच जाती है वो बेड से उठ के खड़ी हो जाती है और नजमा के रूम की तरफ बढ़ने लगती है जब वो कान लगा के नजमा के रूम की आवाज़ें सुनने लगती है तो उसे अंदर के हालत का पता चल जाता है उसके दिमाग़ में यकायक एक ख़याल आता है और वो आबिद के रूम में चली जाती है.
आबिद;बेड पे लेटा हुआ था उसे शायद अभी अभी नींद लगी थी शबनम के उसे हिलाने से वो हड़बड़ा कर उठ जाता है और सामने शबनम को देख डर सा जाता है.
आबिद;क्या क्या हुआ भाभी सब ठीक तो है ना
शबनम;नही पता नही क्या हो रहा है तू चल मेरे साथ अम्मी के रूम से अजीब सी आवाज़ें आ रही है चल तू
वो आबिद का हाथ पकड़ के नजमा के रूम के पास ले आती है और दोनो दरवाज़े से कान लगा के अंदर की आवाज़ें सुनने लगते है.
अंदर नजमा उलटी होचुकी थी और सॅम अपना लंड उसकी चूत पे लगा के अंदर झटका मारने को था
वो थोड़ा सा थूक लंड पे लगा के उसे नजमा की चूत में घुसा देता है अहह
नजमा;चीख पड़ती है अहह सॅम बेटा अहह आराम से चोदो ना तुम्हारा लंड बहुत गहराई तक चला जाता है पीछे से अहह ऊइईई माआ ज़ालिमम्म्मममम कहीं के अहह
सॅम;चुप कर साली अभी तो तेरी गान्ड भी लेना बाकी है चिल्ला मत अहह गपा गॅप वो अंदर बाहर किए जा रहा था और नजमा हर धक्के के साथ और ज़ोर से चीख रही थी इस बात से अंजान कि रूम के बाहर आबिद और महक उनकी सारी बातें सुन रहे है.
आबिद;को पसीना आने लगता है
शबनम;पीछे से उसे कस लेती है अंदर की आवाज़ें सुनके उसकी चूत भी पनिया गयी थी लंड लेने की ख्वाहिश दिल में घर करचुकी थी वो अपने दोनो हाथों से आबिद के लंड को पकड़ने की कोशिश करती है
आबिद;को कुछ समझ नही आ रहा था कि क्या करे वो चुप चाप खड़ा था शबनम नीचे बैठ जाती है और आबिद की नाइट पॅंट अंडरवेअर के साथ नीचे खींच लेती है.
एक छोटा मुरझाया हुआ लंड उसकी आँखों के सामने आजाता है पर चूत की आग इतनी ज़्यादा थी कि वो खुद को रोक नही पाती और उसे अपने मुँह में लेके चूसने लगती है इस उम्मीद के साथ कि थोड़ा तो बड़ा होगा कुछ तो अंदर जाएगा.
अंदर नजमा ;की चूत पानी छोड़ रही थी और गान्ड तैयार होरही थी सॅम का सिर्फ़ एक बार पानी निकला था पर आज उसके इरादे कुछ ठीक नही लग रहे थे
नजमा;अपनी गान्ड को हिलाने लगती है
देख क्या रहे हो घोड़ी नही चढ़ोगे
सॅम;की आँखों के सामने नजमा की चमकती हुए गान्ड थी और दिल में उसे लेने की चाहत वो नजमा की कमर को अपने हाथों में पकड़ के तोड़ा उपर उठता है और धीरे से लंड को गान्ड के सुराख पे टिका देता है
उसका टिकना था कि नजमा का पूरा जिस्म काँप जाता है नजमा को हमेशा से पीछे से लेने का दिल करता था पर ना कभी उसके शोहर ने उसे वहाँ कभी छुआ था और ना कभी मारा था वो एक घायल शेरनी थी जिसे ताकतवर शेर की बहुत कमी महसूस होती थी और जब से सॅम उसकी ज़िंदगी में वो शेर बनके आया था उसे एक नई ज़िंदगे जीने का मौका मिला था.
गान्ड के सुराख पे सॅम के लंड का दबाव बढ़ते जा रहा था पर अभी तक वो अंदर नही घुसा था
नजमा;और थोड़ी टाँगें खोलती है
अहह लेले ना सॅम क्यूँ तड़पता है मार ना अपनी नजमा की गान्ड कस के मार ना अहह मार मेरी गान्ड को अहह
सॅम;ईईई ले मेरी नजमा अहह अहह
वो चीरता हुआ गान्ड में घुसता चला गया
नजमा;अहह मार रे मेरी गान्ड में तेरा लंड बहुत अच्छा लगता है मुझे अहह हर रात मेरी गान्ड मारे गा ना बेटा अहह
सॅम;हाँ नजमा रोज तेरी लूँगा आगे से भी और पीछे से भी अहह बहुत टाइट है साली अहह देख ना कैसे अटक अटक के जा रहा है अहह
नजमा;उनह उःन्ह्ंहंहंहंहंहंहंह्न रोज मारने से वो भी खुल जाएगी मेरी चूत की तरह अहह बस तू रोज लिया कर अहह ऐसे ही अहह अंदर तक हाईईईईईईईईई रीईई ज़ालिम लॉडा अहह मेरी गान्ड अहह
सम;अहह नजमा तेरी चूत और गान्ड दोनो एक जैसी है दोनो पूरा लंड अंदर तक खींचती है अहह
नजमा;हन्ंननननननणणन् जिस चूत से बाहर निकला था उसी में खींचूगी ना अहह तू पेलता रे अंदर तक अहह मेरा पानी निकलने वाला है रीईईई अहह अहहसामीर अहह
समीर;रुका नही वो नजमा की गान्ड लगातार 15मिनट तक मारता रहा और फिर दोनो एक साथ झड गये.
बाहर;आबिद भी शबनम के मुँह में झटके मारने लगता है और उसके लंड से थोड़ा सा पानी शबनम के मुँह में गिरने लगता है 5मिनट बाद जब आबिद को होश आता है तो वो बुरी तरह डर के मारे वहाँ से भाग के अपने रूम में घुस जाता है और अंदर से रूम लॉक कर देता है.
शबनम;गान्डू कहीं का.
सुबह 8एम;
नजमा;नहा कर जब बाथरूम से निकली तो उसका सामना आबिद से होता है
नजमा को ये नही पता था कि आबिद ने रात को वो सब सुना जो उसे नही सुनना चाहिए था
कुछ अजीब सी नज़रों से आबिद नजमा को देख रहा था
नजमा;क्या हुआ बेटा तुम परेशान लग रहे हो
आबिद;कल आप और भाई क्या कर रहे थे
नजमा;के होश फाख्ता हो जाते है चेहरा पीला पड़ जाता है दिल की धड़कने ऐसी थी कि किसी भी वक़्त वो बंद पड़ सकती थी
वो दिल में सोचने लगती है ये क्या हो गया आबिद को सब पता चल गया
उसका हलक सुख ने लगता है ज़ुबान से कोई अल्फ़ाज़ अदा करने की उसकी हिम्मत नही थी.
आबिद;उसे और कुछ नही कहता और वहाँ से अपने रूम में चला जाता है
नजमा;ये बात सॅम को जाके बताती है
सॅम;जब ये खबर सुनता है तो वो थोड़ा सीरीयस हो जाता है पर कुछ देर बाद खुद को संभाल लेता है और नजमा से कहता है कि शबनम को ऑफीस भेज दो और महक को किसी काम से बाज़ार भिजवादो
नजमा;सॅम की बात सुनके हैरत में पड़ जाती है कि आख़िर सॅम करने क्या वाला है वो सॅम से कोई सवाल नही करती क्यूँ कि उसके दिल में पहले से उथल पुथल शुरू थी.
वो शबनम से कहती है कि आज वो ऑफीस नही आएगी वो अकेले चली जाए
शबनम;दिल में सोचती है हाँ रात भर जागो गे तो आराम करना ही पड़ेगा
शबनम;के ऑफीस जाने के बाद नजमा महक को भी कुछ काम सौंप के उसे मार्केट
भेज देती है.
अब घर में सिर्फ़ वो तीनो ही रहगए थे
नजमा;का दिल जोरों से धड़क रहा था वो सॅम के पास बैठी थी
अब क्या होगा सॅम मुझसे आबिद से नज़रें मिलाई नही जाएँगी
सॅम;नजमा के होंठ चूम लेता है और बड़े प्यार से उसे समझाता है कि वो जैसे कहे बस वैसे करना ना कोई सवाल और ना कोई जवाब.
नजमा;हाँ में सर हिला देती है और दोनो आबिद के रूम में चले जाते है
आबिद;बेड पे उल्टा लेटा हुआ था जब वो दोनो को इस वक़्त अपने रूम में देख के हैरान हो जाता है
सॅम;आबिद के पास जाके बैठा जाता है
क्या कहा तूने अम्मी से
आबिद;चुप था
और नजमा बे जान सी उसके पास खड़ी थी.
सॅम;अब्बे बोल ना क्या कहा तूने
आबिद;कहने का क्या है तुम एक नंबर के हरामी इंसान हो भाई तुमने अपनी अम्मी के साथ कितना कमिणता काम किया है तुम जानते भी हो चले जाओ मेरे रूम से
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