RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;;गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प निचला होंठ उसने बुरी तरह काट लिया था जिससे महक के होंठ से खून निकलने लगा था वो रुआंसी हो गयी थी
महक;ये तूने क्या हरकत की सॅम छोड़ मुझे और महक सॅम के पेट में मुक्का जड़ते हुए वहाँ से भाग जाती है.
सॅम;अपने होंठों पे लगा महक का खून सॉफ करते हुए
मेरी जान तूने शेर के मुँह को खून चखा दिया है अब तुझे मुझसे कोई नही बचा सकता.
नजमा;;महक को वॉश बेसिन में अपना चेहरा सॉफ करते हुए देखती है
नजमा;क्या हुआ बेटा तेरे मुँह से खून कैसे निकल रहा है
महक;;वो अम्मी जी वो में ववो पता नही होंठ फटने से शायद खून निकल रहा होगा
नजमा;दिखा मुझे.
महक;जल्दी से अपना चेहरा छुपाते हुए वहाँ से भाग जाती है..
नजमा;;ऑफीस के लिए निकलने ही वाली थी कि उसे फीरोजा का फोन आता है.
नजमा;हेल्लो फीरोजा कैसी हो सब ठीक तो है ना
फीरोजा;बाजी वो अब्बू की तबीयत ठीक नही है आप यहाँ आ सकती हो क्या अभी
नजमा;पर हुआ क्या अब्बू को कुछ बताओ तो
फीरोजा;बस आप यहाँ आ जाओ
नजमा;ठीक है में बस अभी निकल रही हूँ
और फोन डिसकनेक्ट हो जाता है
नजमा;काफ़ी परेशान होचुकी थी वो कुछ सोचते हुए सॅम और महक को आवाज़ देती है
सॅम;क्या हुआ अम्मी सब ठीक तो है ना
महक;भी नजमा का परेशान चेहरा देख पूछ बैठी
नजमा;वो बेटा तुम्हारी खाला का फोन आया था अभी अब्बू की तबीयत शायद कुछ ठीक नही है मुझे अभी जाना होगा.
सॅम तुम ऐसा करो ऑफीस चले जाओ और वहाँ का काम देख के जल्दी घर आ जाना मैं शायद कल ही आ पाउन्गी
सॅम;आमी में भी आपके साथ चलता हूँ
नजमा;जानती थी ये वहाँ जाने को क्यूँ उछल रहा है
नाना तो रह जाएँगे ये और फीरोजा एक कमरे में शुरू होज़ाएँगे
नजमा;नही तुम यहीं रूको ऑफीस का काम भी देखना है और महक बेटा तुम घर के बाहर नही जाओंगी समझी
महक;जी अम्मी
नजमा;जल्दी जल्दी कुछ समान लेके अपनी कार में बैठ के निकल जाती है
सॅम;नजमा के जाने के बाद महक की तरफ देखते हुए
अर्रे मोटी ये तेरे होंठ को क्या हुआ
सॅम;के काटने से महक का नचला होंठ थोड़ा सूज गया था
महक;;तिलमिलाते हुए तेरा सर हुआ है कम्बख़त मारे अब तो अम्मी भी नही है अब तुझे मुझसे कौन बचाएगा
और महक सॅम पे टूट पड़ती है
वो सॅम को सोफे पे गिरा के उसके उपर चढ़ जाती है और इधर उधर जहाँ जगह मिले वहाँ घूँसे मारने लगती है
सॅम;हंसता चला जाता है उसे तो जैसे गुद गुदी सी हो रही थी
सॅम;अचानक ही महक की दोनो कलाईयों को पकड़ के उसे अपने नीचे करलेता है और उसके उपर चढ़ जाता है
सॅम;महक तू ये कैसे भूल गयी कि छुरी तरबूज़ पे गिरे या तरबूज़ छुरी पे कटता हमेशा तरबूज़ ही है..
महक;;सॅम का इरादा भाँप चुकी थी वो बस किसी भी तरह वहाँ से निकलना चाहती थी क्योंकि वो इन दिनो में एक बात तो जान चुकी थी कि जब सॅम उसे प्यार से चूमता है तो वो खुद अपने आप में नही रहती और वो चाह कर भी सॅम को रोक नही पाएगी
छोड़ मुझे कमिनाते वरना में चिल्लाउन्गी
सॅम;;चिल्ला जितनी ज़ोर से चिल्लाना चाहती है चिल्ला
महक;बच्ऊऊऊऊऊऊऊऊ मुझे इस कमिनाते से बच्ऊऊऊऊ
वो सच में चिल्लाने लगती है
सॅम;फ़ौरन अपने होंठों से उसकी चीख अपने अंदर समा लेता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प
सॅम;का किसिंग का अंदाज़ हाईईईईईईईईईईईई उसके होंठ किसी साकी की शराब की तरह थे एक बार जो किसी के होंठों को चूम लें तो बस उसे अपना आदि बना लें
ये उसका दीवाना पन था या मोहब्बत का सुरूर..महक सॅम के नीचे ना कोई हरकत कर रही थी और ना कोई विरोध.
वो तो जैसे सॅम के होंठों का सारा रस पीते जा रही थी
महक;की आँखे बंद थी और ज़ुबान सॅम के मुँह में ऐसा लग रहा था मानो जैसे कोई बरसों का प्यासा दो घूंठ पानी की तलाश में कुछ ढूँढ रहा हो
दोनो बस एक दूसरे की ज़ुबान चूस्ते जा रहे थे
तकरीबन.10मिनट बाद बाहर बाइक के हॉर्न की वजह से वो दोनो एक दूसरे से अलग हुए पर मोहब्बत का प्याला वो दोनो पी चुके थे
महक;की आँखे लाल होचुकी थी उस में वो तड़प सॉफ देखी जासकती थी जो एक माशुका की आँखों में होती है अपने माशूक को पा लेने की
सॅम;सोफे पे से उठ के महक को अपने सीने से लगा लेता है
सॅम;एक और
महक;उनह हूँ छोड़ मुझे जाने दे ना
सॅम;बस छोटी सी
महक;अहह छोड़ ना बाबा क्या कर रहा है होश में तो है ना तू
सॅम;गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
दोनो फिर से एक दूसरे में खो जाते हैं
शायद महक होश में नही आना चाहती थी इसीलिए वो सॅम को और कस के अपने से चिपका के चूम रही थी
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