RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
असल बात तो ये थी कि कल रात जबसे ज़ेबा ने सॅम से शबनम को चुदते देखी थी उसकी चूत मचलने लगे थी उसने अपनी बेटी को भी राज़ी कर लिया था कि वो भी सॅम से चुदवाना चाहती है अपने अकेले पन का बहाना बनाके वो शबनम को ब्लॅक मेल करने में कामयाब हो गयी थी और उसका नतीजा ये था दोनो सॅम के लंड पे टूट पड़ी थी
सम;अहह आराम से शबनम अहह खाला जान ऊूुुुुुुउउ मेरे लंड में दर्द हो रहा है
और सच में जैसे जैसे सॅम का लंड आकड़ रहा था उसके टेस्ट्स पे भी दबाव बढ़ रहा था उपर से ज़ेबा ने उसपे रब्बर बॅंड बाँध रखी थी जिससे सॅम को दर्द होने लगा था
ज़ेबा;बस कुछ देर बेटा गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प
शबनम;निकल दोना रब्बर सॅम को दर्द हो रहा है ना
ज़ेबा;जैसे ही रब्बर निकलती है सॅम की तेज़ पानी की धार सीधा शबनम के हल्क में जाके गिरने लगती है
सॅम;अहह साली मार देगी क्या हाआआआअ ऊूुुुुुुुउउ
ज़ेबा;शबनम पीजा सारा पानी एक कतरा भी नीचे गिरा ना तो तुझे सॅम से चुदने नही दूँगी आज रात में
शबनम;गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प एक एक कतरा चाटती चली जाती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प
जब शबनम सारा पानी चाट चुकी थी तो ज़ेबा उसे इशारे से सॅम के सर के पास जाने को कहती है और खुद सॅम के लंड को चूसने लगती है
सॅम;के पास जैसे ही शबनम आके बैठी है
ज़ेबा;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प सॅम बेटा चाट ले अपनी भाभी की चूत गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
शबनम;अपने दोनो पैर खोलके सॅम के मुँह पे अपनी चिकनी चूत लगा देती है अहह अम्मी गगगगगगग
सॅम;भी यही चाहता था वो शबनम की चूत को बड़े प्यार से चाटने लगता है गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
दिलकश मंज़र था माँ लंड चूसने मे बिज़ी थी और बेटी चूत चूसाने में
तीनो अपनी अपनी दुनिया में गुम थे
ज़ेबा;की जबर्दास्त चुसाइ से सॅम का लंड पल भर में फिर से खड़ा होने लगा था वहीं शबनम की चूत से रिस रिस के पानी सॅम के मुँह में गिरने लगता है
गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आअहह पूरे रूम में बस यही सब गूँज रहा था
सॅम;का लंड खड़ा हो चुका था और बस उसे तलाश थी अपनी पहली चूत की
वो ज़ेबा को खींचता है
खाला जान ज़रा इधर तो आओ जी
ज़ेबा;अहह हाँ मेरे बच्चे
सॅम;ज़ेबा की टाँगें फैला के उसपे चढ़ जाता है और अपने लंड को ज़ेबा की चूत पे घिसने लगता है अहह
ज़ेबा;अहह बेटा डाल दे ना हााअ अंदर उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
सॅम;पहले बोल चोद मुझे बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
ज़ेबा;हाँ सॅम चोद ना बेटा मुझे चोद ना अपनी खाला को हााआअ चोद डाल मुझे मेरे बेटी के सामने अहह वो दीवानी होचुकी थी और जल्द से जल्द सॅम के लंड को अपनी चूत की गहराइयो में समाना चाहती थी
सॅम;शबनम को देखता है जो अपनी चूत के दाने को मसल्ते हुए ये सब देख रही थी
सॅम;;भाभी ज़रा अपनी अम्मी के मुँह पे चूत तो लगाओ वरना ये चिल्ला चिल्ला के सब को उठा देगी
शबनम;वैसा ही करते है और अपनी अम्मी के मुँह पे चूत टिका देती है पहले उसे थोड़ी शरम महसूस हुई पर किसी गुमनाम शायर ने खूब कहा है दस्तेर पे और बिस्तर पे कभी शरमाना नही चाहिए.
जैसे ही शबनम की चूत ज़ेबा के होंठो से टकराई सॅम का लंड ज़ेबा की चूत में घुसता चला गया अहह खाला हाआआआआअ
ज़ेबा;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह नहियीईईईईईईई स्शस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स अहह मेरिइइ घून्न्ञनणणन् घगघह उसकी चूत में तेज जलन होने लगती है क्योंकि महीनो से बंद पड़े गोदाम की आज सॉफ सफाई हो रही थी
सॅम;;भाभी ज़रा दबा के अहह साली बहुत चिल्लाती है
ज़ेबा;अहह कमिनाते लोहे का सरिया अंदर डालेगा तो चिल्लाउन्गी नही तो क्या खुशी मनाउन्गी हााआ मेरी चूत का अहह क्या हाल कर रहा है रे ज़ालिमम्म्ममममममममम
पर आज ज़ालिम का राज था और वो अपने ज़ुल्म से माँ बेटी को फ़ना करदेना चाहता था
एक तरफ शबनम अपनी चूत ज़ेबा के मुँह पे घिसते जा रही थी और नीचे सॅम ज़ेबा के दोनो पैरों को फैलाए दना दन अपना लंड अंदर घुसाता चला जा रहा था अहहहहहहः
सॅम;;अहह बहुत नरम है खाला आपकी चूत अहह कसम से बहुत मज़ा आ रहा है हााआआ
ज़ेबा;हाँ बेटा ऐसे ही अहह ओईईए माँ गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
ज़ेबा;को समझ नही आ रहा था कि बेटी की चूत चूसे या सॅम के धक्कों को बर्दास्त करे पर उसका अंग अंग सिहर उठा था
शबनम;अहह अम्मी और ज़ोर से अहहहहहहहः शबनम चीखते हुए अपना पानी ज़ेबा के मुँह पे छोड़ने लगती है
भला एक बेटी अपनी माँ की चुदाई देख और उसी माँ से चूत के चुसाइ करके कैसे जल्दी नही झडेगि अहह
ज़ेबा;का मुँह शबनम के चिप चिपे पानी से पूरे तरह भीग चुका था पर सॅम उसे नही उठने दे रहा था और ना कुछ बोलने दे रहा था
सॅम;और शबनम दोनो मिलके ज़ेबा के मुँह पे लगा पानी चाटने लग जाते है
ज़ेबा;अहह ओइईई मुस्सल लंड है रीईईई सॅम बेटा हााआअ मेरा ये हाल हो रहा है पता नही मेरी बेटी कैसे लेती होगी अहहहहहहहहः
सम;गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प ज़ेबा के उपर पूरा लेट के गलपप्प्प्प्प्प बस खाला आपकी बेटी भी आपके जैसी है हााआअ सटा सॅट लंड ज़ेबा की चूत में चला जा रहा था और शबनम अपनी अम्मी के मुँह पे गिरा अपनी चूत का पानी चाटते जा रही थी
ये चुदाई अगले 10मिनट और इसी तरह चले और फिर सॅम के साथ साथ ज़ेबा भी झड्ने लगती है हाआआआआअ ऊइईईई
शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी अब उसे कुछ दमदार चाहिए था अपनी अम्मी के सामने जो उसके थकान दूर कर्दे.
शबनम;अपनी चूत को घिस घिस के थकान महसूस कर रही थी
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सॅम;जैसे ही उठ के रूम से अटॅच्ड बाथरूम में घुसता है उसके पीछे पीछी शबनम भी चली जाती है
सम;भाभी मुझे पेशाब करने तो दो
शबनम;करोना ना मेने कब रोका है मुझे भी ज़ोर की लगी है सोची साथ में कर्लेती हूँ
सॅम;अपने लंड को हाथ में पकड़ के मूतने की कोशिश करता है पर उसे पेशाब नही होता और उसे ज़ोर से दर्द महसूस होता है अहह वो करहाने लगता है
शायद सीमेन गाढ़ा होने से उसके पेशाब की नली में अटक गया था जिससे पेशाब बाहर नही निकल रहा था और इस वजह से सॅम को जलन और दर्द दोनो हो रहे थे
शबनम;घबरा जाती है क्या हुआ सॅम तुम ठीक तो होना
सॅम;अहह भाभी दर्द हो रहा है और पेशाब भी नही आ रहा
शबनम;नीचे बैठ के उसके लंड को इधर उधर हिलाके देखती है और फिर थोड़ा मसल्ती है पर कोई असर नही होता बल्कि सॅम का दर्द और बढ़ जाता है
सम;अहह प्लीज़ भाभी कुछ करोना मुझ से ये दर्द बर्दास्त नही होता
शबनम;बाहर रूम में बैठी ज़ेबा को आवाज़ देके बुला लेती है और उसे बताती है कि माजरा क्या है
ज़ेबा;जान गयी थी कि सॅम को पेशाब क्यूँ नही हो रहा है
वो नीची बैठ जाती है और मुँह में थोड़ा सा पानी लेके सॅम का लंड अपने मुँह में घुसा लेती है और ज़ोर से फूक मारती है जिससे पानी सॅम की पेशाब की नली में चला जाता है औरवो रुकावट हट जाती है
जैसे ही वो रुकावट हटती है तेज पेशाब की धार सीधा ज़ेबा के मुँह में गिरने लगती है स्शह श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
ज़ेबा;;और मुँह खोल देती है और सॅम का पेशाब पीती चली जाती है
पास में बैठी शबनम ये सब देख रही थी
ज़ेबा;शबनम का सर पकड़ कर सॅम का लंड उसके मुँह में डालने लगती है जैसे ही शबनम हिचकते हुए मुँह खोलती है ज़ेबा शबनम की चूत में दो फिंगर्स घुसा देती है जिससे शबनम अहह की चीख के साथ अपना मुँह खोल देती है और सॅम का मूसल उसके मुँह में भी पेशाब करने लगता है दोनो माँ बेटी सॅम के पेशाब से तर बतर होचुकी थी मुँह से गिरता हुआ वो पानी उनकी ब्रेस्ट के साथ साथ चूत भी भिगा रहा था
सॅम;अहह चैन की सांस लेता है और सामने बैठी दोनो औरतों को देखने लगता है जो किसी रंडी की तरह मुँह खोल के बैठी थीं
सॅम;का लंड उन्दोनो के आँखों के सामने लटक रहा था
शबनम;की चूत वो चाहती थी पर उसके लिए उसे मेहनत करनी थी सॅम के लंड को फिर से टाइट करने की वो जल्दी से अपने मुँह में सॅम का लंड घुसा कर तेज़ी से चाटने लगती है और साथ में सॅम के टेस्ट्स भी मसलती है गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प उनह
ज़ेबा;खड़ी होके सॅम के मुँह से मुँह चिपका लेती है ज़ेबा के मुँह से आती पेशाब की वो मदहोश करने वाली खुसबू सॅम को और पागल बना रही थी ज़ेबा अपनी ज़ुबान सॅम को चूसा रही थी और सॅम भी बड़े प्यार से ज़ेबा का पूरा मुँह और ज़ुबान चाट रहा था गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
नीचे से बेटी उपर से माँ दोनो चीज़ें सॅम के लंड को फ़ौरन खड़ा कर देती है
सॅम ;शबनम को दीवार से उल्टा करके खड़ा कर देता है और ज़ेबा नीचे बैठ जाती है
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