RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
नजमा;तुझे कंट्रोल करना पड़ेगा सॅम वरना तू वो यहाँ ऑफीस में सॅम को डाँट भी नही सकती थी बस बेचारी घूर के रह जाती है और पैर पटकते हुए वहाँ से बाहर निकल जाती है
तभी सॅम सोचने लगता है यार ये आइडिया मस्त है
अगर अम्मी के दिल का हाल जानना है तो क्यूँ ना उन्हीं जेल्स फील करवाया जाए अगर वो भी मुझसे मोहब्बत करती है तो वो पॉज़िटिव रिएक्ट करेंगी
ओूऊऊऊव सुपर्ब वो खुद को ही दाद देता हुआ ऑफीस की फाइल्स में खो जाता है
रात 8पी एम;
रात के खाने के बाद महक और नजमा हॉल में बैठी ऑफीस के कुछ काम देख रही थी और ज़ेबा अपने बेटी के रूम में रात की तैयारी कर रही थी
महक;अपने बेड पे लेटी कुछ पढ़ रही थी तभी सॅम धडाम से उसके पास लेट जाता है
सॅम;क्या पढ़ रही है मोटी
महक;है एक लव स्टोरी क्यूँ
सॅम;महक के पेशानी को हाथ लगाते हुए तेरी तबीयत तो खराब नही है ना
महक;बिल्कुल नही क्यूँ मैं ऐसे बुक नही पढ़ सकती क्या
सॅम;हाँ पढ़ सकती है पर ये तेरी पर्सनॅलिटी को सूट नही करती ना तुझे पता है कौन सी बुक सूट करती है
मर्डर मिस्टरी होर्रेर क्राइम ऐसी बुक
महक;को बुरा सा लग जाता है और वो हुन्न्ञणन् कहते हुए दूसरी तरफ मुँह करके बुक पढ़ने लगती है
महक;पेट के बल लेटी हुई थी उसने जीन्स और टॉप पहना हुआ था जीन्स की वजह से उसकी कमर के बीच की दरार सॉफ दिखाई दे रही थी
सॅम;अपना हाथ उसकी उभरी हुई कमर पे रख देता है
महक;ऊऊऊऊऊ बदमाश हाथ हटा क्या हो गया है तुझे
शरम नही आती
सॅम;शरम कैसी मैं तो तुझे बिना कपड़ों के भी देख चुका हूँ
महक;चौंकते हुए कब्ब्ब
सॅम;अम्मी के पेट में क्यूँ तुझे याद नही हम दोनो अम्मी के पेट में छुपान छुपाई खेला करते थे
महक;खिल खिला के हँसने लगती है
तू बिल्कुल उल्ला का पट्ठा है चल जा मेरे कमरे से वरना अम्मी को आवाज़ दूँगी
सॅम;ओके बाबा नो मस्ती अच्छा एक बात बता तू ये जीन्स शर्ट्स क्यूँ पहनती है शलवार कुर्ता क्यूँ नही
महक;सीरीयस हो गयी थी तुझे इससे क्या मेरे मर्ज़ी
सम;बोल ना महक
महक;फिर कभी तू जा अभी मुझे कुछ काम है
सॅम;ओके ऐज युवर विश
वैसे तू शलवार कमीज़ में बहुत खूबसूरत लगे गी गॅरेंटेड
रात 1एएम;
सॅम ;जब शबनम के रूम में पहुँचा तो उसे पहला शौक लगा
दोनो माँ बेटी जाग रही थी और नाइटी में बैठी बातें कर रही थी
जब उनकी नज़र सॅम पे पड़ी तो शबनम के साथ साथ ज़ेबा भी थोड़ा सा शर्मा गयी
शबनम;फ़ौरन उठ के रूम का डोर बंद कर देती है
ज़ेबा;आओ सॅम यहाँ बैठो मेरे पास
पहले सॅम को थोड़ी झिझक सी महसूस हुई फिर उसने खुद को संभाल लिया और ज़ेबा के पास जाके बैठ गया
ज़ेबा;ने हल्की गुलाबी नाइटी पहनी हुए थी और शायद अंदर कुछ नही था
जब शबनम सॅम के पीछे से आके उसके गले में बाहें डालती है तो सॅम समझ जाता है कि आज कुछ स्पेशल होने वाला है
शबनम;क्या हुआ सॅम बड़े चुप चुप से हो
सॅम;शबनम को अपनी गोद में गिराते हुए नही मेरी भाभी जान बस सोच रहा हूँ आज मौसम बड़ा बेईमान है आज मौसम
शबनम;क्या इरादा है देवर जी
सॅम;बड़ा ही नेक इरादा है बस आपकी अम्मी हाँ कर्दे
सॅम ज़ेबा को ही देख के ये सब कह रहा था
ज़ेबा;अचानक अपनी नाइटी गर्दन से निकाल के फेंक देती है
जब मेरे बेटी तुम्हारी हो गयी है बेटा तो माँ क्यूँ नही
शबनम;अपनी अम्मी की इतनी हिम्मत पे दाद दिए बिना ना रहसकी और जवाब में उसने अपनी नाइटी के साथ साथ सॅम की पॅंट की ज़िप भी खोल दे
और धक्का देके दोनो माँ बेटी ने सॅम को बेड पे लेटा दिया
सॅम;मुस्कुराता हुआ लगता है आज तुम दोनो माँ बेटी मिलके मेरा बलात्कार करने वाले हो
ज़ेबा;हाँ रात भर
शबनम';जो सॅम की पॅंट उतार चुकी थी
वो ज़ेबा का हाथ पकड़ के सॅम के अंडरवेर में डाल देती है
ज़ेबा;अहह कितना बड़ा और मोटा है शबनम बेटी इसका
उसे रहा नही जाता और ज़ेबा एक झटके में सॅम की अंडरवेर खींच लेती है
और कोब्रा अपना फॅन फैलाता हुआ दोनो माँ बेटी को डसने को सर उठा लेता है
ज़ेबा;चुदाई में पीएचडी करचुकी थी उसे पता था मर्द को बिना थकाये कैसे रात भर मज़े ले सकते है
शबनम;अपनी ज़ुबान सॅम के लंड पे फेरती है
ज़ेबा;रुक जा बेटा ऐसे करेगी तो पानी छोड़ देगा सॅम और हम प्यासी ही मर जाएँगी
ज़ेबा;एक रब्बर बॅंड उठाके सॅम के टेस्ट्स पे बाँध देती है
सॅम;को थोड़ा दर्द होता है पर वो जोश में सब बर्दास्त का जाता है
ज़ेबा;आजा बेटी दोनो मिलके माल खाते है
शबनम;हाँ अम्मी
और दोनो माँ बेटी सॅम को अपने मुँह में लेके चूसने लगते है गलपप्प्प्प गलपप्प्प्प्प अहह उऊन्ह ऊईई गलपप्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
ज़ेबा;बीच बीच में शबनम की चूत भी मसल्ने लगती है जिससे शबनम उछल जाती थी
शबनम;अहह ऊइईई अम्मी उनह
गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
दोनो माँ बेटी ऐसे बिहेव कर रही थी जैसे लेज़्बीयन हो और कोई पेशावर कोठी की रांड़ हों
|