RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
दोनो एक दूसरे को देखते हैं और सॅम अपना सर शबनम की छाती पे रख के साँसें धीमी करने लगता है
सॅम;का सर शबनम की ब्रेस्ट पे था और शबनम सॅम के बालों में उंगलियाँ डाले अपने ख़यालों में गुम थी
उसे अपने अधूरे ख्वाब पूरे होते नज़र आ रहे थे एक औरत और छाती भी क्या है एक अच्छा घर हो एक प्यार करने वाला शोहर हो और प्यारे प्यारे बच्चे हों जो ख्वाब शबनम के चकना चूर हो गये थे उन्होने आज फिर से सर उठाया है और सॅम से पूछ लेती है
सॅम हमने जो किया वो ग़लत तो नही है ना
सॅम;बिल्कुल नही भाभी जब दो प्यार करने वाले अपनी मर्ज़ी से एक दूसरे के साथ सोते हैं तो वो ग़लत नही बल्कि सिर्फ़ और सिर्फ़ प्यार होता है जो मैं आपसे और आप मुझसे करती हो
शबनम;हन्ंनणणन् तुम सही कह रहे हो और ये तुम मुझे आप आप कहना छोड़ दो आज से में तुम्हारी शबनम हूँ मुझे नाम से बुलाओ समझे
सॅम;उसकी एक ब्रेस्ट को काटते हुए शबनमाआआआआआआ श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
शबनम;अहह चीख भी नही सकती थी बस कसमसा के रह जाती है
तुम ना बड़े वो हो
सॅम;क्या
शबनम;अच्छे वाले
सॅम;ओह्ह्ह्ह गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
वो बुरी तरह शबनम की ब्रेस्ट को चूसने लगता है जिससे शबनम की साँसें तेज हो जाती है और वो सॅम के नीचे आना चाहती है पर सॅम उसकी ब्रेस्ट को चूस्ता हुआ उसकी चूत को सहलाए जा रहा था शबनम बुरी तरह कांप जाती है उसकी गुलाबी निपल अकड़ के खड़े हो जाते है
सॅम;जान चुका था कि शबनम अब बर्दास्त नही करसकती पर वो तो आज शबनम को बेशरम बनाने के पीछे पड़ा था
एक इंडियन औरत कभी अपने मुँह से ये नही कहती कि सुनो आज मेरा बड़ा दिल कर रहा है मुझे कस के चोदो ना बस वो तो अपने जिस्म को शोहर के जिस्म पे रगड़ के या किस करके बताती है ये वो क्या चाहती है वही इस वक़्त शबनम कर रही थी पर सॅम था कि जानते हुए भी अंजान बन रहा था
शबनम;के सबर का प्याला झलक जाता है और वो सॅम को नीचे लेके उसके उपर चढ़ जाती है और देखते ही देखते पेशानी से लेके लंड तक उसे किस करती चली जाती है जब वो वहाँ पहुँची तो उससे रहा नही गया मुँह में लेने को गंदा कहने वाली शबनम बिना सोचे समझे एक झटके में सॅम का खड़ा लंड अपने मुँह में भर के लोली पोप की तरह चूसने लगती है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
सॅम;के लंड की चुसाइ इतनी जानदार तरीके से होरही थी कि वो बर्दस्त नही कर पाता और शबनम को घुमा के अपने नीचे करलेता है और उसके दोनो पैर खोल देता है और एक ज़ोर दार तरीके से अपना लंड शबनम की चूत में घुसा देता है एक ज़ोर दार चीख जो शबनम के मुँह से निकल सकती थी पर सॅम के सही वक़्त पे उसके मुँह बंद करदेने से रुक गयी
शबनम;अपने नये लंड से काफ़ी खुश थी सॅम का चोदने का अंदाज़ ही निराला था वो पूरा बाहर निकाल के जड़ तक पेल देता था और हर बार शबनम बेड में धँसती चली जाती थी
सॅम;अपनी कमर को थोड़ा घुमा घुमा के चोदता था जिससे शबनम को ऐसे लगता था जैसे कोई रोलर उसकी चूत में घूम रहा हो
दोनो हार मानने को तैयार नही थे और पसीने में लटपथ होने के बाद भी वो अपनी रास लीला ख़तम नही कर पा रहे थे ये जिस्म की भूक भी अजीब होती है जब लगती है तो मिटने का नाम ही नही लेती
सुबह 4 बजे तक ये सिलसिला शुरू रहा आख़िर शबनम को कहना पड़ा कि सॅम अब तुम जाओ मेरी कमर दुख रही है मैं कहीं भागी थोड़ा जा रही हूँ कल कर लेना
एक पॅशनेट किस्सिंग के बाद सॅम शबनम के रूम से निकल के अपने रूम में जाके ऐसे ही नंगा सो जाता है
सुबह9बजे;;जब सॅम की आँख खुली तो चाइ का कप उसकी टेबल पे रखा हुआ था
सॅम;को लगा शायद भाभी रख के गयी होंगी वो चाइ पीक उसे वापस टेबल पे रखता है तभी रूम में नजमा आती है
नजमा;का चेहरा कुछ कह रहा था पर होंठ खामोश थे वो एक नज़र सॅम पे डालके कप लेजाने लगती है तभी सॅम उसका हाथ पकड़ लेता है और नजमा को बेड पे बैठा देता है
सॅम;क्या हुआ अम्मी आप परेशान लग रहीं है
नजमा;नही तो कुछ भी नही तू फ्रेश होज़ा
सॅम;अम्मी दे दोना
नजमा;क्या हैरत से
सॅम;उसके ब्रेस्ट पे उंगली रखते हुए ईईई
नजमा;सॅम को आँखे निकाल के देखती है जैसे अब ज़ोर की रख देगी सॅम को
सम;भी बेशरमों का बाप था
|