RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सॅम;शबनम को उपर से नीचे तक देखने लगता है
शबनम;के ब्रेस्ट सफेद दूध जैसे थे और निपल का कलर एकदम गुलाबी जब सॅम ने उसे अपने हाथ में लिया तो उसे ऐसा फील हुआ जैसे मखमल को छू रहा हो
शबनम का पेट एकदम पतला किसी मॉडेल की तरह था और जाँघ एकदम भरी हुई उसकी सबसे कीमती जगह पे एक भी बाल नही था जब सॅम शबनम की चूत के पास पहुँचा तो वो जैसे उसका दीवाना हो गया गुलाब की दो पंखुड़ियाँ एक दूसरे से बातें कर रही थी और हल्का भूरा क्लाइटॉरिस उसपे चार चाँद लगा रहा था
सॅम;के होंठ शबनम की चिकनी चूत पे झुकते चले जाते है और वो आइस्क्रीम की तरह उसे चाटता चला जाता है गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प
शबनम;उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सॅम नही वहाँ गंदा है हाआआआअ ऊऊऊऊऊओ नही ना उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह मत करो ना सॅम हााआआ वो बोल कुछ रही थी और कर कुछ और रही थी उसके हाथ सॅम के सर को और चूत पे झुका रहे थे
शबनम;का ये पहला अनुभव था जब उसके उस हिस्से को किसी ने ऐसे चूमा था
सॅम;गलपप्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प नही भाभी आज नही रोको मुझे गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प
तकरीबन 10मिनट की ज़ोरदार चुसाइ के बाद शबनम थोड़ी हलकान होचुकी थी उसने एक बार अपना पानी सॅम को पिला दिया था अब उसकी बारी थी सॅम का पानी पीने की
सॅम;शबनम के होंठों को चूमने लगता है और उसे उसी का पानी टेस्ट करवाता है
भाभी मुँह में लोना
शबनम;नही सॅम मुझे गंदा लगता है मैं नही लूँगी
सॅम;प्यार में कुछ गंदा नही होता
शबनम;उनह सॅम नही अहह
वो इनकार कर रही थी पर इकरार करवाना सॅम को खूब आता था वो शबनम का हाथ अपने मुस्सल पे लगा देता है
शबनम;हााआआ वो कांप जाती है इतना मोटा और इतना लंबा मैं कैसे लूँगी ये सवाल उसके दिमाग़ में सबसे पहले आया पर उसने सॅम को बोली नही
सॅम;शबनम;की परेशानी समझ गया वो उसकी आँखों में देख के कहता है लेना तो पड़ेगा ही भाभी
शबनम;नही क्या मैं क्या कह रहे हो सॅम तुम
सॅम;शबनम को घुमा के 69 में लेलेता है और उसकी चूत की दुबारा चुसाइ शुरू करदेता है जिससे शबनम मचल जाती है और उसका मुँह खुलता चला जाता है और फिर अचानक सॅम को अपना लंड नरम गीली चीज़ के आजू बाजू आता जाता महसूस होने लगता है ये शबनम की ज़ुबान थी जो सॅम के लंड को चाट रही थी और फिर गटकते चली जाती है अंदर तक गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प्प
दोनो देवर भाभी एक दूसर को ऐसे प्यार कर रहे थे जैसे कल कयामत आने वाली है
जब सॅम से बर्दस्त नही होता वो शबनम को अपने नीचे लेलेता है और उसके उपर चढ़ जाता है
उसका रोड एकदम पत्थर की तरह हो चुका था और शबनम की चूत किसी शीशे की तरह चमक रही थी वो एक दूसरे की आँखों में देख के इजाज़त लेते है और जब शबनम हाँ में कहते हुए आँखे बंद कर्लेति है तो सॅम अपने लंड पे ज़ोर लगाता चला जाता है और वो शबनम की चूत को चीरता हुआ अंदर और अंदर तक घुसता चला जाता है
शबनम;के मुँह से घुटि घुटि आवाज़ निकल रही थी क्यूंकी सॅम ने अपने होंठ उसके लिप्स पे जमा रखे थे और वो दौर शुरू होचुका था जिसका शबनम को इंतजार था
तेज तेज झटकों के साथ सॅम पेलता चला जा रहा था और शबनम उसे मज़बूती से पकड़ के अपने अंदर तक लेते जा रही थी
वो दोनो हाँफने लगे थे पर थके नही थे और दोनो थकना भी नही चाहते थे बस वो तो एक दूसरे के जिस्म में डुबजाना चाहते थे
सॅम;सटा सॅट अपनी तलवार शबनम की ढाल पे मारता चला जाता है और शबनम अपने बचाव में अपनी कमर उछालती चली जाती है हााआआ अहह अहह
पूरे रूम में उनकी पॅच पॅच की आवाज़ें गूँज रही थी और ठंडी हवाएँ उनके जिस्म पे आते पसीने को सुखाते चले जा रही थी
सॅम;शबनम को तकरीबन 25 मिनट तक एक ही पोज़िशन में चोदता चला जाता है और फिर एक ज़ोरदार झटके के साथ शबनम पे ढेर हो जाता है उसका पानी शबनम की चूत को भरने लगता है और कुछ पानी बाहर निकल के उसकी गान्ड के सुराख को भी गीला करता हुआ बेड शीट पे गिरने लगता है
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