RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
शबनम;अपने मुँह पे हाथ रखे अम्म्म्ममममममिईीईईईईईईईई कहते हुए वहाँ से भाग जाती है
और सॅम नंगा खड़ा अपनी किस्मत पे खुश होने लगता है वाह बेटा सॅम आज तो तूने दो दो को अपना लंड दिखा दिया शाबाश वो दिल ही दिल मे सोच सोच के मुस्कुराने लगता है और कपड़े पहन्के अपने रूम से बाहर आजाता है रूम के बाहर उसकी टक्कर महक से होती है
महक;ऊऊचह अर्रे गेंडी देख के नही चल सकता क्या ऊऊचह
सॅम;मोटी भैंस पूरा रास्ता घेर के चलेगी तो टक्कर तो होगी ही चल हट सामने से
महक;जल भुन सी गयी थी वो सॅम को पेट मे मुक्का जड़ देती है
सॅम;तेरी तो पलट के महक के बाल पकड़ के उसे ऐसे घुमाता है जिससे वो गिरते गिरते बचती है और किसी फिल्मी सीन की तरह सॅम की मज़बूत बाहें उसे थाम लेती है
दो पल उनकी नज़रें मिलती है और फिर महक संभल जाती है अबे घूर क्या रहा है
सॅम;ह्म्म्म्म मममम तू कभी नही सुधर सकती भैंस
महक;देख सॅम मुझे भैंस मत कहना वरना
सॅम;वरना क्या धमकी देती है और वो महक की तरफ उसे मारने बढ़ता है पर तबतक महक भागते हुए अपने रूम के दरवाज़े के पास पहुँच जाती है
महक;;वरना मैं तुझी कद्दू कहूँगी
कद्दू सम के बचपन की एक चिड थी उसे उसके फ्रेंड और खास तौर पे महक कद्दू कहके चिड़ाते थी क्योंकि वो बकपन मे बहुत मोटा था
सॅम;रुक भैंस
सॅम;महक के पीछे जाने की बजाय किचिन की तरफ बढ़ जाता है आज वो बहुत खुश था उसका दिल सभी से मिलके उन्हे गले लगाने का कर रहा था
सॅम;किचिन मे पहुँचता है जहाँ शबनम अकेली कुछ काम कर रही थी
शबनम;जब उसे ऐसे खुदसे मुस्कुराता देखती है तो उसे ज़ोर से हँसी आजाती है
जिससे सॅम तोड़ा शर्मा सा जाता है दोनो एक दूसरे को कुछ पल के लिए देखते है और शबनम को फिर से हँसी आजाती है
उसे रह रह के सॅम का वो नंगा होना याद आता है
इस बार सॅम थोड़ा सीरीयस चेहरा बना कर शबनम की तरफ बढ़ता है जिसे देख शबनम थोड़ा पीछे को हटती है उसे लगता है पता नही सॅम उसे पकड़ेगा या कुछ कहेगा वो सहम सी जाती है
सॅम;उसके पास आके अपना हाथ उसे छूते हुए शबनम की साइड मे रखे ग्लास को उठा लेता है और शबनम की तरफ देख के वॉटर फिल्टर से पानी निकाल के पीने लगता है वो शबनम की आँखों मे देख रहा था और शबनम अपनी नज़रें इधर उधर घुमा रही थी वो जल्दी से वहाँ से खिसक जाना चाहती थी पर सामने सॅम के खड़ा होने से वो जा भी नही सकती थी
तभी नजमा की आवाज़ से सॅम थोड़ा हाथ जाता है और शबनम बिजली की तेज़ी से वहाँ से निकल जाती है
हैरत की बात तो ये थी कि इस पूरे वक़्त ना सॅम कुछ बोला था और ना शबनम बस उनके दिलों के तेज़ धड़कनें और आँखों के इशारे सारी बातें एक दूसरे को बता रहे थे.
कुछ देर बाद सॅम और नजमा ऑफीस के लिए निकल जाते है उनके साथ शबनम भी थी जो बॅक सीट पे बैठी थी
नजमा;खामोश थी और शबनम भी तभी सॅम उन्हे ऐसे चुप चाप सा देख कहता है
सॅम;अर्रे भाई कोई मर गया है क्या जो इतना सन्नाटा है
नजमा और शबनम दोनो को हँसी आजाती है और फिर ऐसे ही फॉर्मल सी बातों के साथ वो ऑफीस पहुँच जाते है
ऑफीस मे सोफ़िया ;सॅम का इंतजार कर रही थी
क्योंकि सॅम ने उसे कल कुछ फाइल्स लाने के लिया कहा था वही वो सॅम को बताना चाहती थी
सॅम;एक एमबीए स्टूडेंट था जो अपनी पढ़ाई और नये नये क्रियेटिव आइडियास की वजह से अपने कॉलेज मे काफ़ी मशहूर था वही ब्रेन वो यहाँ अपने अब्बू के बिज़्नेस को आगे पहुँचाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था कल ऑफीस के पहले दिन ही उसने कई बातें नोटीस किया था और कुछ चीज़ें उसे अच्छे लगी थी और कुछ मे उसे सुधार चाहिए थे
वो अपने बिज़्नेस को एक नयी उँचाई तक पहुँचना चाहता था और ये बात नजमा और शबनम भी अच्छे से जानते थे
सोफ़िया;आज कमाल की लग रही थी एक लाइट ब्लू कलर की शलवार कमीज़ मे उसकी चुची काफ़ी उभर के आई थी फिटिंग के कपड़े उसपे काफ़ी जचते थे
इसी लिए तो सॅम ने उसे जब वो फाइल्स लिए तो वो भी सोफ़िया की तारीफ किए बिना ना रह पाया
सॅम;के मुँह से अपनी तारीफ सुनके सोफ़िया काफ़ी खुश हो जाती है और अपन ख्वाबों के महलों मे घूमते वो उसके कॅबिन से बहात निकलती है और सीधा नजमा से टकरा जाती है
नजमा;ऊऊचह
सोफ़िया;;ओह्ह्ह्ह ओह्ह आइ एम सो सॉरी मॅम आइ एम एक्सटेरेमली सॉरी
नजमा;उसे आँखे निकाल के देखते हुए देख के चला करो सोफ़िया
सोफ़िया;सर झुकाए वहाँ से निकलने मे ही अपनी भलाई समझती है
नजमा;सॅम के कॅबिन मे पहुँच के
सॅम हमारे एक क्लाइंट है मिस्टर.उबैद जाफ़री वो हमे काफ़ी रॉ मेट्रीयल सप्लाइ करते है तुम्हारे अब्बू उन्हे भाई मानते थे
उनकी तबीयत खराब चल रही है कुछ महीनो से डॉक्टर कहतें है उन्हे ब्रेन ट्यूमर है
मैं चाहती हूँ तुम उनसे मिल आओ उन्हे भी अच्छा लगेगा और हमारे बिज़्नेस के लिए भी ठीक होगा
सॅम;जी जैसा आप कहे आप मुझे उनका अड्रेस देदीजये मैं चला जाउन्गा
नजमा;अड्रेस शबनम के पास देदिया है मैने तुम दोनो चले जाना
सॅम;ओके अम्मी और सॅम नजमा को आँख मार देता है
नजमा;उसे घुरके देखते हुए वहाँ से चली जाती है
सॅम;और शबनम ;मिस्टर जाफ़री से मिलने निकल जाते है दोनो कार मे बिल्कुल खामोश थे
कार सॅम ड्राइव कर रहा था
सॅम;भाभी आइ एम सॉरी
शबनम;किस लिए सॉरी कह रहे हो
सॅम;वो आज
शबनम;इट्स ओके सॅम वो अंजाने मे हुआ तुम्हारी कोई ग़लती नही है
सम;भाभी एक बात कहूँ
शबनम;हाँ बोलो
सॅम;आप मुझसे ऐसे डरी डरी सी क्यूँ रहती है
शबनम;थोड़ा झीजकते हुए नही तो सॅम ऐसी कोई बात नही है तुम्हे ऐसे क्यूँ लगता है
सॅम;बस भाभी लगता है आप आबिद से खुलके हंस के बात करती है पर मुझसे थोड़ी दूर सी रहती है मुझे ऐसा फील होता है जैसे मैने आपको हर्ट किया है कभी
शबनम;नही बाबा ऐसे कोई बात नही है असल मे तुम यहाँ थे नही ना कई सालों से इसीलिए थोड़ा मुश्किल होता है एक दूसरे को समझना मैं नही चाहती मेरी कोई बात तुम्हे हर्ट करजाये
सॅम;ऊहह तो ये बात है
मैं भी ना कुछ भी सोचता रहता हूँ
अच्छा भाभी क्या मैं आपसे कोई बात शेयर करू तो वो आप हम दोनो तक रख सकती हो
शबनम;बिल्कुल सॅम तुम मुझपे पूरा भरोसा करसकते हो
सॅम;ओके भाभी मुझे ना एक लड़की बहुत पसंद है
वो मुझे बहुत अच्छी लगती है शाएद मैं भी उसे अच्छा लगता होउँगा ऐसा मुझे लगता है पर उसके दिल की बात मुझे अब तक पता नही चली है
मैं आपसे ये पूछना चाहता हूँ कि मैं उसे कैसे हासिल करूँ
शबनम;थोड़ी देर चुप रही
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