RE: Maa ki Chudai माँ का दुलारा
टैक्सी मे बैठकर मा ने शशिकला को फ़ोन लगाया "बेटी, हम आ रहे है,
आधे घंटे मे पहुँच जाएँगे" शशिकला ने कुछ पूछा. मा बोली "हाँ
हाँ, अनिल भी है, बहुत खुश है, अपनी दीदी से मिलने के लिए बेताब है" मा
फिर कुछ देर सुनती रही, फिर शरमा कर हंस दी "चल बदमाश, आकर खबर
लेती हू तेरी. क्या कहा? फिर से बोल, सुना नही ठीक से."
शशिकला बहुत देर उसे कुछ बताती रही. मा बीच बीच मे मेरी ओर देखकर
हंस पड़ती. अब उसकी नज़रों मे भी शैतानी भर गयी थी. "अच्छा, तू कहती
है तो यही करेंगे, बेचारों की हालत खराब हो जाएगी पर, इन्हें इतना
तरसाना ठीक नही है" शशिकला ने फिर कुछ कहा और मा ने हार मान ली
"मेरी बच्ची, तू कहती है वही होगा. तू मानेगी थोड़े!" कहकर मा ने फ़ोन
बंद कर दिया. मैने पूछा तो मुसकाराकार बोली "पता चल जाएगा तुझे, बड़ी
बदमाश लड़की है, क्या क्या सोचती रहती है!"
हम उनके फ्लैट पर पहुँचे. मैं देखता रह गया. क्या आलीशान बिल्डिंग थी.
दरवाजा एक नौकर ने खोला. अंदर शशिकला और अशोकजी बैठे थे. उठकर
उन्होने हमारा स्वागत किया. मैं शशिकला को देखता रह गया. क्या रूप था
उसका. आज वह भी साड़ी पहने थी, बिलकुल मा जैसी, दोनों एक सी पोशाक मे
थी. मा की साड़ी काली थी और शशिकला की गहरी गुलाबी. शशिकला की गोरी
चिकनी बाहे, पारदर्शक पल्लू मे से दिखता ब्लॉज़, उसके लो कट मे से
उभर आए उसके स्तनों के बीच की खाई, उसमे फँसी एक सोने की चेन, गोरे
चिकने पेट की नाभि और उसके वे खूबसूरत पाँव, एक नाज़ुक कली है हील की
सॅंडल मे लिपटे हुए. देखकर मुझे नशा सा चढ़ने लगा.
अशोक माथुर लगते नही थे कि सैंतीस साल के होंगे, याने मुझसे उन्नीस बीस
बरस बड़े. बस तीस के आसपास के लगते थे. गोरा छरहरा मजबूत बदन और
चेहरे पर एक आत्म विश्वास. उन्होने हँसके मुझसे हाथ मिलाया, फिर मा को
देखने लगे. उनकी नज़र मे वो प्यास थी कि मैं समझ गया कि मा के उस
लुभावने रूप को देखकर उनकी क्या हालत हो रही होगी. मुझे विश्वास हो
गया कि मेरी तरह ही वे भी उमर मे बड़ी मिच्योर औरतों के भक्त है.
शशिकला बोली "दीदी, पहले डिनर कर लेते है, फिर नौकर को छुट्टी दे देते है,
हम फिर आराम से बातें करेंगे"
डिनर मे बस इधर उधर की बातें होते रही. मुझे शशिकला के पास बैठाया
था और मा माथुर साहब के पास बैठी थी. वाइन बहुत अच्छी थी, मुझे भी
उन्होने पिलाई. डिनर ख़तम होते होते मुझपर हल्का सा नशा छा गया.
"रामू, तुम अब जाओ, कल मत आना" कहकर शशिकला ने उसे छुट्टी दे दी. फिर हमे
बोली "मेरे बेडरूम मे चलते है, मैने एक बहुत अच्छे मूवी खरीदी है, वह
देखेंगे."
शशिकला के बेडरूम का पलंग मैं देखता रह गया, करीब सात फीट चौड़ा
और आठ फीट लंबा था. दो जोड़े आराम से उसमे सो सकते थे. टीवी के अलावा
वहाँ सोफे और कुर्सियाँ भी थी.
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