RE: Nangi Sex Kahani अमेरिका रिटर्न बंदा
तभी पंकज ने भाभी को पूछा. " भाभी, क्या मैं आप'को नाम से पुकार सकता हूँ?' भाभी ने भी कहा, " हां, तू मुझे नाम से पुकार सकता है और मैं तुझे रेस्पेक्ट दे के पुकारूँगी." ( यानी एक औरत अपने पति को पुकारती है वैसे) फिर पंकज ने जब भाभी के चूचियाँ दाबी और उसकी बुर में उंगली डाली तब भाभी बोली. . "एजी, आब्ब्ब्ब्बबब बस भी किजीए, , आप मुझे आइसे मत तरसाऊ, अब्ब डालल्ल्ल्ल्ल भी दो और्र्र्ररर कितना तरसाओ गे, क्या बुर्र्र्र्र्ररर का पॅनीयियी ऐसे ही नीईकालोगे." पंकज उठा. भाभी के दोनों पैर अप'ने कंधे पर लिए और उसे पेट के बल सोने को कहा. उस'ने लंड निकाला, भाभी की चूत पर लगाया और ज़ोर से भाभी के अंदर ठेला. " ऊ आम्म्मी, आ, एम्म माइ अओ. आप का बहुत बड़ा हाई. , अओउू" पंकज के धक्के और बढ़ने लगे और भाभी और चिलाती रही अहह , अहह. अहह अम्मी. ऊओ तकलीफ़ हूओ रहीए है.लेकिन, अच्छा लग रहा है आम, ईएसससा". वह भाभी भी नीचे से कमर हिला कर साथ दे रही थी. पंकज और धक्के मार ने लगा, तभी भाभी ने कहा. "पंकज तुम छोटी का दिल ज़रूर जीत लोगे. तुम्हारा हथियार बहुत बड़ा है. पंकज ज़ोर के धक्के दे रहा था और बोला." और, क्या भैया ऐसा नहीं करते. ?" तभी भाभी बोली, "आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तेरे भैया यहाँ हर'दम तो रह'ते नहीं, पंकज धक्के दे रहा था और फिर एक आखरी जबर'दस्त झटका दिया और पानी भाभी में गिर गया. भाभी बोली "आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह. आब्ब्ब्बब, ठीक लग रहा हाीइ. आज से हर रात आप मेरे पति और मैं आप की नीता. सालों बाद आज मुझे तृप्ति मिली है" और वे दोनों एक दूसेरे से चिपक कर सो गये. करीब 1 घंटे बाद भाभी की नींद खुली, पंकज सोया था. तभी एक हाथ पंकज को चड्डी में जाता महसूस हुआ और पंकज की हल्की सी आँखे खुली. तभी देखा तो भाभी का हाथ पंकज की चड्डी में था. पंकज उठा तो भाभी से कहा. "नीता चल, पलंग पर पसर जा" भाभी पलंग पर पसर गई. पंकज भाभी को पलंग के कोने में ले गया. पंकज ने नीता के हाथ दीवार पर टिकाए और पलंग पर घुटने पर बैठने को भी बोला. अब भाभी का मूँ'ह दीवार की तरफ और भाभी की गान्ड पंकज की तरफ थी. पंकज भी भाभी के पीछ्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह घुट'ने पर बैठ गया. भाभी बोली.
" आप, क्या सोच रहे हो जी?"
पंकज भाभी के गान्ड पर हाथ घुमा रहा था. उसे सहला रहा था और बोला. " नीता, मैं जब से यहाँ आया हूँ तब से र्तेरी गान्ड का दीवाना हो गया हूँ. पह'ले मैं तेरी गान्ड मारूगा, उस'के बाद ही कुच्छ और सोचूँगा.",
भाभी ने कहा
" हांजी मुझे मालूम है, लेकिन थोड़ा धीरे से . नहीं तो आप की बड़ी तलवार से गान्ड फट जाएगी"
यह सुन कर पंकज ने भाभी के पिछे के छेद में अंगुल डाली, लंड निकाला और भाभी के गान्ड के होल पर रख कर झटका दिया लेकिन वह नहीं जा रहा था.
भाभी ने कहा. "अजी , आप तेल लगाओ और फिर करो" पंकज नीचे के रूम में गया और तेल ले के आया. तेल पह'ले लंड में लगाया और भाभी की गान्ड में भी डाला. इतना डाला के भाभी की गान्ड पूरी तेल से भर गई.
पंकज बोला. " नीता, मेरी जान अब तैयार हो जा. हाय रानी तेरी गान्ड क्या मस्त है?"
भाभी बोली. " प्लीज़ थोड़ा धीरे धीरे कर'ना, डर लग रहा है. " तभी पंकज'ने ज़ोर से लंड का धक्का गान्ड में दिया. भाभी चिल्लई,
"ऊऊ आए फत्त्त्त गाययययययया आह्ह्ह्ह, आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकाल एयेए. " पंकज नहीं माना और ज़ोर से धक्के देने लगा लेकिन पहले ही धक्के से लंड भाभी की गान्ड में आधा घुस गया. भाभी चिल्लाई. "आह्ह्ह्ह्ह्ह. ईए तेरे लंड का अगला हिस्सा बड्डा ही मोटा हाई, , साले मॅदर चोद निकाल नहीं तो फट जाएगीइइ"
तब पंकज बोला, , " नीता अभी क्या बोला तूने?"
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