RE: Nangi Sex Kahani अमेरिका रिटर्न बंदा
"थोड़ा उधर हो कर बैठो या वहाँ चेर पर जा कर बैठो, " मून-मूनाते हुए नीता ने कहा. "अब हर बात नहीं मानूँगा भाभी वैसे भी आप ने कुच्छ दिखाने का कहा था अपनी. " अपनी आँखे नीता की चूत की तरफ फोकस करते हुए कहा, हाय रे मैने ककब कहा बेशरम, मारूंगी एक हाथ" नीता एक दम बोखला सी गयी."बेशरम थोड़ी सी भी लज्जा नहीं आती इस तरह से बात करते हुए" गुस्सा दिखाते हुए वो एक बार फिर सूट केस पर झुक गयी ओर पंकज उसे सिर से पैर तक खा जाने वाली निगाहों से घूर्ने लगा ओर इन निगाहो की तपिश नीता अपने पूरे जिश्म पर महसूस कर रही थी और बोख'लाहट मे जो कपड़े निकाल चुकी थी; उन्हे फिर सूट केस मे ठूँसने लगी ओर जब अहसास हुवा तो झुँ'झला सी गयी. "क्या है पंकज, काम क्यों नहीं करने दे रहे" गुस्सा दिखाते हुए नीता ने सीधे हो कर कहा, "कुच्छ दिखा दें. चला जाऊँगा, " यह कहते हुए पंकज ने जीभ निकाल दी. "बेशरम, ठहरो तुम एक मिनिट, अभी बताती हूँ तुम्हें" यह कहते हुए नीता उसे झूट मूट मारने के लिए झुकी ओर पंकज जैसे इसी मोक़े की तलाश मे था. एक झटका ही देना था ओर नीता चारों खाने उसकी छाती पर चित थी. पंकज का एक हाथ फॉरन नीता के चुतडो पर गया ओर दूसरा हाथ ब्लाउस के खुल्ले हिस्से पर, "ककक्किया कर रहे हो, छोड़ो, लोफेर कहीं के. " एक दम से कस'मसाते हुए नीता ने बा-मुश्किल कहा, ओर पंकज की गिरफ़्त से आज़ाद होने के लिए मचलने लगी. किसी चिकनी मछलि की तरह. भाभी को हाथों से निकलते देख कर पंकज ने बाँहों मे लिए लिए ही एक करवट ली ओर अब नीता पंकज के नीचे आचुकी थी और कस'मसाहट मे उस'में पहले जैसी ज़िद-ओ-जहद बाकी ना रही. "कुच्छ नहीं करूँगा मेरी गरमा गरम भाभी, सिर्फ़ प्यार करूँगा ओर आपकी यह रसीली सी चूत देखूँगा. " साऱी के ऊपर से ही चूत को अपने लौडे से रगर्ते हुए कहा. लौडे की चुभन नीता ने भी फॉरन महसूस कर ली ओर उस पर पंकज की सॉफ इशारा कर'ती बाते, जिस'से नीता एक दम लाल सी हो गयी. हट जाओ हां देवर जी, अब चीखूँगी ना तो देवर जी इतने जूते पड़ेंगे ना , सारी चू. . . " ओर एक दम से अपनी जीभ दाँतों तले दाब ली, पंकज भी समझ चुका था के यह 'चू' सिर्फ़ चू नहीं था बलके चूत की तरफ इशारा किया जा रहा था. "चीखैंगी तो आप बिल्कुल भाभी, अमेरिका मे काफ़ी लौन्डियो की ली है ओर जिसे भी चोदा वो चीखती ज़रूर थी. , " यह कह'ते ही पंकज झुका ओर नीता के दहक'ते लबों पर अपने होन्ठ रख दिए ओर मज़ा ही आगया, सीधे दोनो हाथ अपनी भाभी के जोबन पर थे ओर होन्ठ अपनी प्यास बुझा रहे थे. नीता के अंदर एक तूफान सा बरपा हो रहा था. पंकज के हाथ ओर होन्ठ दोनो अपना कमाल दिखा रहे थे. "वंडरफुल!! आह भाभी क्या रसीले होन्ठ हैं आप के. दिल चाहता है यह जम पीता ही रहूं" एक हाथ से उनकी चूची को दबाते हुए कहा. "जी तो दिखाएँ अब अपनी प्यारी प्यारी चूत." गालों को चूमते हुए पंकज ने कहा. "बेशरम ना हो तो." शरम से लाल होते हुए नीता सिर्फ़ यही कह पाई. "मैं कल ही तुम्हारे भैया से कककहती हूँ के तुम्हारे लिए कोई लड़की देखे, बब्बेशरररम. आहह, " मम्मो पर पंकज के हाथों का दबाव कुच्छ ज़्यादा बढ़ गया तो सिसकारियों को नीता रोक ना पाई.
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