RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
विकी-नही रीत ऐसा नही है पहले मैं जैसा भी था मगर अब विकी बदल चुका है.
रीत-विकी कभी नही बदल सकता आख़िर तुमने उस्दिन अपना असली रंग दिखा ही दिया.
विकी-रीत तुम समझती क्यूँ नही उस्दिन मैं बहुत परेशान था. मैं तो प्रीति और अमित वाली घटना को भूलना चाहता था मगर तुम फिर से मुझे उन्ही बातों में घसीट रही थी इसलिए मुझे गुस्सा आ गया. प्लीज़ मुझे माफ़ करदो.
रीत-विकी तुमने मुझे थप्पड़ मारा उसका मुझे गुस्सा नही. लेकिन जिस बदतमीज़ी से तुमने मुझसे बात की वो मुझे बुरा लगा.
विकी-रीत मुझे माफ़ करदो प्लीज़ मैं तुमसे मिलकर सारे गिले-शिकवे दूर करना चाहता हूँ. प्लीज़ मुझसे मिलोगि ना.
रीत-ओके. जहाँ पे हमारा रीलेशन ख़तम हुआ था वहीं पे दुबारा शुरू करेंगे. कल सुबह 10 वजे उसी पार्क में आ जाना.
विकी-ओके रीत थॅंक्स न्ड आइ लव यू.
रीत-लव यू 2.
रीत से बात करने के बाद अब विकी के दिल को सकून आ गया था. अब उसे कल का इंतज़ार था.
दूसरे दिन रीत और विकी उसी पार्क में बैठे थे.
विकी ने रीत के हाथ पकड़े और कहा.
विकी-रीत प्लीज़ मुझे माफ़ करदो.
रीत-बस बस छोड़ो अब ये बातें मैने तुम्हे माफ़ किया.
विकी-ओके तो अपनी आँखें बंद करो.
रीत ने आँखें बंद की तो विकी उठ कर उसके पीछे चला गया और एक गोल्ड की चैन रीत के गले में डाल दी. रीत ने आँखें खोल कर देखा तो वो हैरान हो गई और बोली.
रीत-विकी ये क्या है.
विकी-एक छोटा सा गिफ्ट है जानू.
रीत-इसे तुम छोटा बता रहे हो और इतने पैसे कहा से आए तुम्हारे पास.
विकी-अरे यार पापा ने मेरे अकाउंट में रखे थे कुछ पैसे.
रीत गुस्से से बोली.
रीत-क्या. तुमने वो पैसे खर्च कर दिए सिर्फ़ मेरे लिए. विकी तुम समझते क्यूँ नही हो मुझे किसी गिफ्ट की ज़रूरत नही है मुझे जो चाहिए था वो मिल चुका है. जो पैसे तुमने मेरा गिफ्ट लाने के लिए खरच किए उनकी ज़रूरत तुम्हारे परिवार को है. मुझे तो सिर्फ़ विकी चाहिए और कुछ नही.
रीत की बात सुनकर विकी की आँखों में आँसू आ गये और उसने रीत को बाहों में भर लिया और बोला.
विकी-रीत मुझे माफ़ करदो मैने तुम्हारे बारे में बहुत ग़लत सोचा.
रीत उस से अलग हुई और उसकी आँखों में आँसू देखकर मुस्कुराती हुई बोली.
रीत-अरे वाह मेरे हिट्लर की आँखों में आँसू.
विकी-नही रीत आज के बाद मैं हिट्लर नही सिर्फ़ तुम्हारा हीरो हूँ. सिर्फ़ तुम्हारा. तुम्हारे प्यार ने मुझे बदल दिया है रीत. अब कोई मुझे हिट्लर नही कहेगा.
रीत खुशी से झूम उठी और उसने विकी के गले में बाहें डालते हुए उसके होंठों से अपने होंठ सटा दिया. दुनिया से बेख़बर दोनो प्रेमी एक दूसरे को चूमने लगे.
तभी विकी को अपने कंधे पे किसी का हाथ महसूस हुआ और एक आवाज़ आई.
'वाह तो आशिक़ मियाँ यहाँ पे अपनी महबूबा के साथ इश्क़ लड़ा रहे हैं'
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