RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
रीत और विकी बिल्कुल नग्न अवस्था में पड़े थे और वो एक दूसरे से चिपके हुए थे और उनके होंठ आपस में उलझे हुए थे. ना तो रीत को मान विकी के होंठो को छोड़ने का हो रहा था और ना ही विकी रीत के होंठ आज़ाद करना चाहता था. वो दोनो 10मिनट तक एकदुसरे को प्यार से चूमते रहे. फिर रीत ने अपने होंठ अलग किए और विकी की आँखों में देखने लगी और बोली.
रीत-विकी सच सच बताओ तुमने आज कोई नशा किया था क्या.
विकी-अरे ऐसे क्यूँ पूछ रही हो जानेमन.
रीत-तुमने मेरा बुरा हाल कर दिया था विकी यहाँ तक कि मुझे बेहोश कर दिया था और तुम्हारी ये लाल आँखें बता रही हैं कि तुमने कोई नशा किया था.
विकी-अरे छोड़ो ना ये सब बातें तुम ये बताओ कि मेरी डार्लिंग को मज़ा आया या नही.
रीत शरमाते हुए.
रीत-ह्म्म्म्मम बहुत मज़ा आया. और तुम्हे पता है विकी आज मैं एक बात से बहुत खुश हूँ.
विकी-कौन सी.
रीत-विकी मैं इस बात से खुश हूँ कि जिसे मैने अपना ये शरीर पहली दफ़ा सौंपा वो कोई और नही बल्कि वो है जिसे मैं अपनी जान से भी ज़्यादा चाहती हूँ.
विकी को कुछ अज़ीब सा लगा. वो बिना कुछ बोले रीत की आँखों में देखने लगा और उन्ही में खो गया. भले ही अभी तक विकी के दिल में रीत के लिए कोई प्यार व्यार नही था मगर फिर भी पता नही क्यूँ आज उसे रीत बहुत प्यारी लग रही थी और उसने रीत को कस कर भींच रखा था. वो दोनो काफ़ी देर तक ऐसे ही पड़े रहे.
फिर रीत ने विकी की छाती में मुक्का मारते हुए कहा.
रीत-विकी चलो अब घर भी जाना है मुझे.
विकी को भी लगा कि अब टाइम काफ़ी हो गया है और उन्हे चलना चाहिए. रीत उठी और बाथरूम की तरफ जाने लगी. उसे थोड़ी चलने में मुश्क़िल हो रही थी और वो टाँगों को थोड़ा चौड़ा कर के चल रही थी. विकी रीत को ऐसे चलते देख मुस्कुराने लगा और उसे अपने दोस्त की कही हुई बात याद आ गई कि 'ऐसी चुदाई करना कि रीत की चाल बदल जाए' फिर उसने चादर पे देखा तो उसपे खून के निशान थे जो कि रीत की चूत के फटने पे निकला था. विकी ने वो चादर उठाई और उसे धोने के लिए डाल दिया और दिपु को फोन कर दिया कि चादर को अपने मम्मी से बचा कर धो देना.
रीत बाथरूम से बाहर निकली तो उसने अपने सारे कपड़े पहन लिए थे.
विकी ने जब उसे देखा तो उसका मन फिर से उसे चोदने को होने लगा मगर अब ये मुमकिन नही था क्यूंकी उन्हे जल्दी जाना था. उसने आगे बढ़कर रीत को एकबार और जबरदस्त किस किया और फिर खुद कपड़े पहन लिए और वो घर की तरफ निकल पड़े.
उधर आज प्रीति को अमित से पता चल चुका था कि उसके भाई का किसी रीत नाम की लड़की के साथ चक्कर है. उसने रीत के कॅरक्टर के बारे में कॉलेज में पता किया तो उसे ये जान कर बहुत खुशी हुई कि रीत बहुत ही अच्छी और समझदार लड़की है. अब उसे कुछ उम्मीद दिखने लगी थी की शायद रीत विकी को बदल दे. मगर ये सब अभी वक़्त की मुट्ठी में क़ैद था. आने वाले वक़्त में क्या होगा इसके बारे में कुछ कहा नही जा सकता था. लेकिन एक उम्मीद ज़रुस बँध गई थी जो कि कुछ अच्छा होने का संकेत दे रही थी.
कोमल जिम्मी से कई दफ़ा चुदवा चुकी थी और अब जिम्मी ने उसे अपने पालतू कुत्तों के सामने डालने का फ़ैसला कर लिया था. और इसी सिलसिले में उसने कोमल को कल अपने फार्म हाउस पे बुलाया था और अपने दोनो दोस्तो को भी वहाँ पे आने को बोला था. और उन तीनो ने मिलकर कल कोमल का गंगबांग का प्लान किया था.
वैसे कोमल को इस से कोई प्रेशानि नही थी कि उसे कॉन कॉन चोद रहा है वो तो बस चुदाई की शौकीन थी. उसे चुदाई का चरका स्कूल में ही लग चुका था जब उसी की क्लास के एक लड़के ने पहले उसे प्यार में डाला और फिर खूब चोदा था और फिर अपने 3 दोस्तो से भी चुदवाया था. एकसाथ इतने लंडों से चुदने के कारण उसकी भूख कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी. कई दफ़ा तो वो स्कूल में लड़को के साथ पकड़ी भी जा चुकी थी.
लेकिन अब कल जो उसके साथ होने वाला था उसका उसे अंदाज़ा तक नही था.
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