RE: Hindi Chudai Kahani हिटलर को प्यार हो गया
विकी कलाज में अपने दोस्त दिपु और बॉब्बी के साथ बैठा रीत की बातें कर रहा था. उसे आज रीत का बेसब्री से इंतेज़ार था. क्योंकि आज उसने सोच रखा था कि आज तो वो रीत की सील हर हाल में तोड़कर रहेगा.
उसने आज सुबह ही ड्रग्स ले ली थी. क्योंकि उसने सुन रखा था कि नशा करने से आदमी का लंड जल्दी जल्दी नही झड़ता और इसी लिए उसने सुबह ही अपने एक दोस्त से ड्रग्स ले ली थी आज वो रीत को बुरी तरह से चोदना चाहता था.
उधर रीत भी आज खूब तैयार होकर आई थी. उसने लाल रंग का छुरीदार सलवार कमीज़ पहना था जिसमे वो किसी दुल्हन से कम नही लग रही थी. उसके कपड़े उसके जिस्म पे पूरे टाइट थे और उसके जिस्म के साथ चिपके हुए थे.
जिसके कारण उसके मम्मे और चुतड़ों की शेप हर एक को मस्त कर रही थी. उसने अपनी स्कॉटी कलाज की पार्किंग में खड़ी की और कॅंटीन की तरफ चल पड़ी क्योंकि उसे पता था कि विकी अपने दोस्तो के साथ अक्सर वही पे होता था. दिपु ने जब रीत को अपनी तरफ आते देखा तो उसने विकी को कोहनी मारते हुए कहा.
दिपु-देख साले आज लौंडिया पूरी दुल्हन बन कर आई है.
बॉब्बी-हां यार विकी आज तो सुहागरात मना डाल.
विकी-तुम फिकर मत करो आज चाहे जितने भी नखरे दिखाए आज तो इसकी सील तोड़ कर रहूँगा.
दिपु-ये पकड़ हमारे फ्लॅट की चाबी. हमने वहाँ पे कॅमरा वगेरा लगा दिया है और हां शाम 5 वजे से पहले पहले काम निपटा लेना. फिर 6 पे मम्मी पापा आ जाते हैं.
विकी-ओके ओके मैं निपटा लूँगा. ओके मैं चलता हूँ.
विकी रीत की तरफ चल देता है.
विकी-जानेमन आज क्या मार डालने का इरादा है इतनी मस्त बनकर आई हो.
रीत-चुप करो तुम्हे बस यही सूझता रहता है.
विकी-ओके तो चलो चलते हैं.
रीत-पर जाना कहाँ है ये तो बताओ.
विकी-अरे कहीं तो जाएँगे ही. चलो अब.
वो और रीत बाइक की तरफ चल देते हैं.
जैसे ही वो बाइक पर बैठ कर निकलने लगते हैं तो जिम्मी अपनी बाइक लेकर वहाँ पहुँच जाता है. और रीत को विकी की बाइक पे बैठी देखकर सीटी बजाता है और बोलता है.
जिम्मी-बड़ी मस्त बन कर आई है आज तो बुलबुल.
विकी बाइक से उतरने लगता है तो रीत उसे रोक देती है और चलने के लिए बोलती है.
विकी को भी किसी लफडे से ज़्यादा रीत की चुदाई में इंटेरेस्ट होता है और वो चल देता है.
विकी बाइक को सीधा दिपु के फ्लॅट की तरफ ले जाता है और वहाँ पहुँचकर बाइक रोक देता है. रीत बाइक के रुकते ही पूछती है.
रीत-ये कहाँ पे ले आए मुझे विकी.
विकी-अरे तुम अंदर तो चलो.
वो दोनो घर के अंदर की तरफ चल देते है. अंदर जाकर विकी घर को अंदर से लॉक कर देता है. उसे ऐसा करते देख रीत सब कुछ समझ जाती है. वैसे उसे सब मालूम ही होता है कि विकी उसे क्यूँ घूमने लेजाना चाहता था. इसलिए वो सोचती है कि विकी ही उसका पहला प्यार है और वो उसे ना नही करेगी कुछ भी करने के लिए. मगर फिर भी यहाँ तक हो सकेगा वो उसे रोकेगी. वो विकी को कहती है.
रीत-ये क्या कर रहे हो विकी.
विकी आगे बढ़ता है और रीत को बाहों में भर लेता है उसके दोनो हाथ रीत की कमर पे होते हैं और वो उसकी आँखों में देखता हुआ कहता है.
विकी-रीत आज मैं तुम्हे जी भरके प्यार करना चाहता हूँ बोलो क्या तुम करने दोगि.
रीत का दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगता है.
रीत-विकी प्लीज़ ऐसी बातें मत करो.
विकी उसकी गर्दन को चूमने लगता है और अपने हाथ उसकी कमर पे फिराने लगता है. रीत की चूत में करेंट दौड़ने लगता है.
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